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Friday, September 13, 2024

12वीं पास युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी, पुलिस कांस्टेाबल के पदों पर होगी 40000 नई भर्तियां

लखनऊ: यूपी पुलिस में अगले छह महीने में 40000 और भर्तियां निकलने जा रही हैं. अगर आप बारहवीं पास हैं तो इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दीजिए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि अगले छह महीने में यूपी पुलिस में 40000 से अधिक भर्तियां होंगी. जल्‍दी ही इसकी भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी. ऐसे में अगर आपको यूपी पुलिस की नौकरी चाहिए, तो तैयार हो जाइए. आपको बता दें कि यूपी पुलिस में अभी 60000 से अधिक कांस्‍टेबल के पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए लिखित परीक्षा हो चुकी है. अब इस परीक्षा में पास होने वाले अभ्‍यर्थियों को फिजिकल टेस्‍ट के लिए बुलाया जाएगा. इन भर्तियों के लिए लगभग 50 लाख से अधिक अभ्‍यर्थियों ने आवेदन किए थे, हालांकि इसमें से 6 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी. इसमें भी खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के अलावा अन्‍य राज्‍यों से भी यूपी पुलिस कांस्‍टेबल भर्ती के लिए आवेदन आए थे.


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ऐसे युवाओं के लिए खुशखबरी
अब यूपी पुलिस कांस्‍टेबल भर्ती की प्रक्रिया चल ही रही है कि इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 40 हजार और भर्तियों की घोषणा कर दी, जो ऐसे युवाओं के लिए खुशखबरी है, जो किसी कारणवश इस भर्ती परीक्षा में नही शामिल हो पाए या इस परीक्षा में न सेलेक्‍ट हो पाएं, तो उन्‍हें अगले छह महीने में दोबारा मौका मिल जाएगा. 


मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने लोक भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर कहा कि ऐसा शायद पहली बार हुआ कि इतने बड़े पैमाने पर किसी नागरिक पुलिस बल की परीक्षा विश्व में कहीं एक साथ बिना किसी समस्या के संपन्न हुई है. उन्‍होंने कहा कि अगले छह महीनों में यूपी पुलिस में 40,000 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्‍ययनाथ ने इस दौरान सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम-2024 (Prevention of Unfair Means in Public Examination Act-2024) की भी सराहना की. उन्‍होंने कहा कि इसके सही क्रियान्‍वयन के कारण नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकी है.

कौन कर सकता है अप्‍लाई
युपी पुलिस कांस्‍टेबल के पदों पर अप्‍लाई करने के लिए अभ्‍यर्थी का 12वीं पास होना जरूरी है इसके अलावा उम्‍मीदवार का उम्र 18 से 25 साल के बीच होनी चाहिए. आरक्षित वर्ग के उम्‍मदवारों को आयुसीमा में छूट दी जाती है. इसके अलावा एक खास बात यह भी है कि यूपी पुलिस कांस्‍टेबल की भर्तियों के लिए किसी भी राज्‍य के युवाओं आवेदन कर सकते हैं. इन पदों पर आवेदन के लिए उम्‍मीदवार का यूपी का निवासी होना जरूरी नहीं है.

 

Tuesday, September 10, 2024

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा की आंसर शीट की तारीख घोषित, इन छह तारीखों में देख सकेंगे परिणाम

लखनऊ: यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती- 2023 की 23, 24, 25 अगस्त और 30, 31 अगस्त, 2024 को लिखित परीक्षा संपन्न किए गए. जिसके सभी 10 पालियों के प्रश्न पत्रों व उत्तर कुंजी प्रदर्शित की जाएंगी. बोर्ड की वेबसाइट  https://uppbpb.gov.in पर इसको  प्रदर्शित किया जाएगा. दिनांक 11 सितंबर 2024 से लेकर 19 सितंबर 2024 तक दी गई सारणी के मुताबिक आपत्ति प्रेषित की जा सकेंगी.


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अभ्यर्थियों को किसी भी सवाल या किसी भी सवाल के जवाब के विकल्प या उत्तर कुंजी के बारे में कोई विसंगति के बारे में पता चले तो वो अपनी आपत्ति सुसंगत अभिलेख / सूचना के साथ ही ऑनलाइन माध्यम से दर्ज करा सकेंगे. अभ्यर्थियों को आपत्ति दर्ज कराने के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर दिए लिंक पर जाना होगा और अपना रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ ही अपना जन्म तिथि व प्रश्न पुस्तिका क्रमांक की मदद से लॉगिन करना होगा जिसमें हर एक अभ्यर्थी केवल अपने प्रश्न पत्र / उत्तर कुंजी को देख पाएंगे.

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उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की दिनांक 23, 24, 25 अगस्त तथा 30, 31 अगस्त, 2024 को संपन्न लिखित परीक्षा के सभी 10 पालियों के प्रश्न पत्रों तथा उत्तर कुंजी बोर्ड की वेबसाइट https://t.co/lrJEHcUBaA पर प्रदर्शित की

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मूड़ादेव आंगनबाड़ी केंद्र पर स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा का हुआ आयोजन, 5 वर्ष के सूर्या और 4 वर्षीय श्रीति बनी सबसे स्वस्थ बालक – बालिका

वाराणसी: पोषण माह के अंतर्गत काशी विद्यापीठ ब्लॉक के मूड़ादेव ग्राम सभा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र पर स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा का आयोजन किया गया। यह स्पर्धा वृद्धि निगरानी अभियान व जागरूकता सत्र के तहत आयोजित की गई। स्पर्धा में छह वर्ष तक के 25 से अधिक बच्चों ने प्रतिभाग किया, जिसमें दो बच्चों के सबसे सेहतमंद पाये जाने पर उन्हें सबसे स्वस्थ बालक बालिका चिन्हित किया गया।


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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा देवी और सहायिका ने समस्त बच्चों की लंबाई, ऊंचाई व वजन लिया। ऐसे बच्चे जिनका वजन उनकी लंबाई व आयु के अनुसार सामान्य था। एमसीपी कार्ड भी देखा गया। जिनके माता पिता ने अपने बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए सभी नियमों का पूर्णतया पालन किया, जैसे बच्चों को सही समय पर पूरे टीके लगवाना, साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना, पोषाहार को नियमित समय पर लेना। आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चों को सही समय से प्रतिदिन भेजना। ऐसे दो बच्चों क्रमशः पाँच वर्ष के सूर्या और चार वर्ष की श्रीति को स्वस्थ बालक -बालिका स्पर्धा में प्रोत्साहन कर नवाजा गया।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि स्पर्धा का उद्देश्य 0 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के पोषण स्तर में सुधार लाना, बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित मुद्दों के साथ बड़े पैमाने पर समुदाय का भावनात्मक जुड़ाव पैदा करना है। उन्होंने समस्त बच्चों के अभिभावकों को पोषण स्वास्थ्य व शिक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। छह माह तक सिर्फ स्तनपान और दो वर्ष तक स्तनपान के साथ उपरी आहार खिलाने के महत्व एवं उनकी आवश्यकता के बारे में जानकारी दी गई। उम्र के अनुसार समय पर सभी टीके लगवाने के बारे में जानकारी दी। बच्चे को आयु के अनुसार पहले मसला हुआ खिचड़ी, दलिया आदि को खिलाएं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा हो उसके आहार को बढ़ाएं और एक छोटी चम्मच घी भी डालें। साथ में साफ सफाई, स्वच्छता और हाथ धोने के बारे में जानकारी दी।  

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सूर्या की माता रेनू ने कहा कि वह आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता के द्वारा बताई गई बातों को पूरी तरह से अपनाती हैं। समय पर सभी टीके भी लगवाए। साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान देते हैं। श्रीति की माता ममता ने बताया कि वह अपनी बच्ची का पूरा ध्यान रखती हैं। उन्हें अन्नप्राशन और गोदभराई दिवस पर बेहतर पोषण, छह माह तक सिर्फ स्तनपान, टीकाकरण के साथ साथ स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिलती रहती है।

इस तरह मिलते हैं अंक - इन मानकों में मासिक वृद्धि निगरानी के लिए पांच अंक, व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए 10 अंक, पोषण श्रेणी के लिए 10 अंक, आहार की स्थिति के संबंध में 10 अंक, टीकाकरण के लिए 10 अंक, डिवार्मिंग (पेट के कीड़े निकालने) के लिए पांच अंक निर्धारित किए गए हैं। कुल 50 अंक के आधार पर स्वस्थ बालक बालिका चयनित किए जाते हैं।

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Wednesday, September 4, 2024

एसएसपीजी हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में हुई पहली प्लेटलेट एफेरेसिस

वाराणसी: जनपद में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। मंगलवार को कबीर चौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में पहली प्लेटलेट एफेरिसिस की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। अब प्लेटलेट की कमी वाले मरीजों की मांग को पूरा किया जा सकेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि रोगियों के हितों को देखते हुए विधायक नीलकंठ तिवारी एवं विधान परिषद सदस्य अशोक धवन की विधायक निधि एवं जिला प्रशासन के सहयोग से एक प्लेटलेट एफेरिसिस मशीन खरीदी गई तथा एक अन्य मशीन शासन के स्तर से भी प्राप्त हुई है। दोनों मशीनों के प्राप्त होने पर लाइसेंसिंग प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात चिकित्सालय के ब्लड बैंक में पहली बार प्लेटलेट एफेरिसिस की प्रक्रिया संपन्न की गई है।


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चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ एसपी सिंह ने बताया कि उक्त प्रक्रिया शुरू हो जाने से डेंगू के सीजन में प्लेटलेट की कमी वाले मरीजों को काफी सुविधा हो जाएगी और उन्हें सिंगल डोनर प्लेटलेट के लिए यहां वहां भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सरैंया निवासी खैरुन्निसा को प्लेटलेट की कमी के कारण सिंगल डोनर प्लेटलेट की जरूरत थी जिसको देखते हुए राकेश कुमार सेठ नमक रक्तदाता ने प्लेटलेट एफेरिसिस की प्रक्रिया के द्वारा एक पैक प्लेटलेट्स दान दिया, जो मरीज को चढ़ाया जाएगा।

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इस पूरी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर मुकुंद श्रीवास्तव (ब्लड बैंक इंचार्ज) जितेंद्र, नागेंद्र, अफसाना बेगम, सविता नंदन, नंदकिशोर विकास, अमित मिश्रा, डॉक्टर संजीव सिंह इत्यादि अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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Thursday, August 8, 2024

योगी सरकार की मुहिम, यूपी में पिछड़ा वर्ग के छात्र फ्री में कर सकेंगे O Level और CCC कोर्स, ऐसे करें आवेदन

लखनऊ: यूपी में पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवाओं के लिए अच्‍छी खबर है. योगी सरकार पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवाओं को ओ लेवल (O Level) और सीसीसी (CCC) का कोर्स कराएगी. इसके जरिए प्रदेश के प‍िछड़ा वर्ग के कमजोर युवाओं को तकनीकी शिक्षा देकर रोजगार से जोड़ा जा सकेगा. प्रदेश की योगी सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. 


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योगी सरकार की मुहिम 
योगी सरकार का उदृदेश्‍य है कि पिछड़ा वर्ग के कमजोर युवाओं को तकनीकी शिक्षा मुहैया कराया जा सकेगा, इसके लिए अब प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के कमजोर छात्रों को ओ लेवल और सीसीसी कोर्स का प्रशिक्षण देकर रोजगार मुहैया कराया जाएगा. हालांकि, इसके लिए अभ्‍यर्थियों को 12वीं की परीक्षा पास होना अनिवार्य होना चाहिए. साथ ही उनके माता-पिता की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम होनी चाहिए. ये कोर्स राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नीलिट) से मान्यता प्राप्त संस्थानों से कराया जाएगा. 

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कब तक कर सकेंगे आवेदन
उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि जो भी छात्र इच्‍छुक हैं, वह पिछड़ा वर्ग कल्‍याण विभाग की वेबसाइट पर जाकर 12 अगस्‍त तक ऑनलाइन आवेदन कर दें. ऑनलाइन आवेदन के समय अपने शैक्षिक और अन्‍य दस्‍तावेज जरूर अपलोड करें. हार्ड कॉपी संबंधित जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जमा करनी होगी. 

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आत्‍मनिर्भर का अवसर मिलेगा 
इसके बाद ओ लेवल और सीसीसी कोर्स का संचालन 27 अगस्त से शुरू कर दिया जाएगा. पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशक डॉ. वंदना वर्मा ने बताया कि सरकार की इस पहल से प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के युवक-युवतियों को तकनीकी शिक्षा में निपुण बनने और आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा.

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Wednesday, August 7, 2024

युवा पीढ़ी की बनती व बिगड़ती सूरत व सीरत- डॉ राहुल सिंह

किसी भी देश व समाज को बनाने या बिगाडऩे में उस देश की युवा पीढ़ी की मुख्य भूमिका होती है। युवा पीढ़ी में न केवल जोश व उत्साह होता है बल्कि उनमें नए विचारों की सृजनात्मक व परिर्वतन लाने वाली दक्षता भी होती है। वे कुछ करना चाहते हैं तथा यदि युवा अपने मन में कुछ करने की ठान लें तो उनके लिए कुछ भी असम्भव नहीं है। हमारे देश की कुल आबादी का लगभग 65 प्रतिशत युवा है जो 35 वर्ष की आयु से कम है। 

                                                     डॉ राहुल सिंहनिर्देशकराज ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन वाराणसी

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हमारे मेहनती और प्रतिभाशाली युवाओं को यदि सही दिशा दी जाए तो यह भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी बना सकते हैं। भारत की युवाशक्ति उद्यमशील व उत्साही है तथा हर क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। युवा वर्ग तो कल की आशा होती है तथा उनसे बहुत-सी उम्मीदें होती हैं। आज अगर कोई कमी है तो वह उनको सही समय पर मार्गदर्शन देने की है जिसके लिए उनके माता-पिता, गुरुजनों व पूर्ण समाज की जिम्मेदारी सर्वोपरि है। जिस तरह से स्वामी विवेकानंद ने हमेशा देश के युवाओं को आगे बढऩे की प्रेरणा दी, उसी तरह हर बुद्धिजीवी नागरिक का कत्र्तव्य है कि वे अपने उच्च चरित्र के व्यक्तिगत उदाहरण से युवाओं के लिए एक रोल मॉडल का काम करें। 

आज के डिजिटल युग में युवा वर्ग एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभा सकता है मगर वह कहीं भटकता हुआ जरूर नजर आता है जब वह सोशल मीडिया का गलत  प्रयोग कर नकारात्मक सोच को जन्म देने लगता है। डिजिटल मीडिया के माध्यम से वे न जाने कौन-कौन से अपराध कर बैठता है तथा अपनी सारी ऊर्जा को पानी की तरह बहा कर अपना जीवन नष्ट कर बैठता है। इंटरनैट पर न जाने वे क्या-क्या देखते हैं तथा अपना व्यवहार मजनुंओं की तरह करने लग पड़ते हैं। 

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आज यह भी देखा जा रहा है कि युवा वर्ग विदेशों में जाना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि वहां उनको नौकरी आसानी से मिल जाती है मगर उन्होंने शायद यह कभी नहीं सोचा कि उनके मां-बाप जिन्होंने उन्हें जन्म दिया, उन्हें देखने के लिए पीछे से कोई नहीं है। दूसरे देश, भारतीय युवाओं को इसलिए अधिक वेतन देते हैं क्योंकि उनको पता है कि भारतीय युवा मेहनती होते हैं तथा सस्ते में ही मिल जाते हैं। ऐसे युवाओं का अपने देश के विकास के लिए कोई विशेष योगदान नहीं होता तथा वे विदेशी बन कर ही रह जाते हैं। दिशाहीन युवक कई गलत आदतों का शिकार हो जाते हैं तथा वे अक्सर अपने पथ से भटक जाते हैं। युवाओं की सूरत व सीरत, दशा व दिशा बदलने के लिए कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जिनका विवरण इस प्रकार से है।

युवाओं को श्री कृष्ण जी की इन तीन बातों पर ध्यान देना चाहिए 

  • बड़ों को प्रणाम व उनका आशीर्वाद प्राप्त करना (ख.) अहंकार व अहं का त्याग (ग) व जीवन में कड़ा परिश्रम करना। उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि एक कठोर पत्थर हथौड़े की अंतिम चोट से ही टूटता है तथा उन्हें निरंतर परिश्रम करते रहना चाहिए। थामस एडीसन ने बिजली के बल्ब का आविष्कार 700 बार प्रयास करने के बाद ही किया था तथा इन्हें उसी तरह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयासरत रहना चाहिए। 
  • बुरी संगत को त्याग कर अच्छी संगत का साथ देना चाहिए। याद रखें कि यदि लोहे को खुली हवा में बाहर रख दिया जाए तो उसे जंग लग जाता है मगर उसी लोहे को यदि आग से गुजारा जाए तो वह एक बहुमूल्य स्टील का रूप धारण कर लेता है। उन्हें अपना एक लक्ष्य बनाना चाहिए तथा बिना लक्ष्य के उनकी मेहनत उसी तरह बेकार जाएगी जैसा कि पानी की तलाश में एक ही जगह गहरा कुआं न खोद कर जगह-जगह खाइयां खोदने से कुछ भी प्राप्त नहीं होता। 
  • अपनी आत्मा का विशलेषण व आत्मबोध करें तथा अपने अस्तित्व व क्षमता की पहचान करें।  
  • समय को व्यर्थ न गंवाएं तथा समय प्रबंधन की कला को सीखें। समय किसी का इंतजार नहीं करता तथा आगे निकलता ही चला जाता है तथा ध्यान रखें कि एक बार बहते हुए नदी के पानी को दोबारा छुआ नहीं जा सकता।  
  • अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें क्योंकि जिंदगी में बहुत-सी असफलताओं का आपको सामना करना पड़ेगा। 
  • जीवन में चार बड़े सुख होते हैं जिनमें पत्नी, परिवार, मित्र, धन-दौलत व स्वास्थ्य का सुख मुख्य तौर पर पाए जाते हैं। अच्छी सेहत का होना सबसे बड़ा सुख माना गया है तथा अपने आप को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखें क्योंकि यदि सेहत नहीं है तो बाकी सुखों का भोग आप नहीं कर पाओगे। 
  • सादगी और विन्रमता बनाए रखें तथा जमीन से नाता न तोड़ें नहीं तो उड़ती पतंग की तरह आपकी डोर कभी भी कट सकती है। यदि आप फल चाहते हैं तो कांटों का सामना करना ही पड़ेगा। जो लोग सफर की शुरूआत करते हैं केवल वे ही अपनी मंजिल को पार कर पाते हैं। हार के बाद जीत उसी तरह होती है जैसा कि अंधेरे के बाद उजाला होता है। 
  • अपने माता- पिता व गुरुजनों का आदर-सत्कार करें। हमारे मां-बाप तो वह बहार है जिस पर एक बार फिजा आ जाए तो दोबारा बहार नहीं आती। याद रखें कि माता-पिता के चले जाने के बाद तो दुनिया अंधेरी लगती है।

यह ऐसे पक्षी हैं जो उड़ जाने के बाद वापस नहीं आते। सहारा देने वाले जब खुद सहारा ढूंढ रहे हों तथा इसी तरह बोलना सिखाने वाले जब खुद खामोश हो जाते हैं तो आवाज और अलफाज बेमायने हो जाते हैं। इसलिए हमेशा अपने माता-पिता के कर्ज को चुकाने को कभी न भूलें।

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क्या केवल कोचिंग सैंटर ही जिम्मेदार हैं?- डॉ राहुल सिंह

देश की राजधानी दिल्ली में कोचिंग सैंटर में हुए हादसे ने सभी को हिला दिया है। जिसे देखो वह कोचिंग सैंटर के संचालकों पर ऊंगली उठा रहा है। जबकि ऐसे हादसों में केवल उनकी गलती नहीं होती। यह बात जग-जाहिर है कि हर एक कोचिंग सैंटर के साथ एक संगठित क्षेत्र जुड़ा होता है। फिर वह चाहे वहां पढऩे वाले विद्यार्थियों के रहने के लिए होस्टल व्यवस्था हो, भोजन व्यवस्था वाले हों, किताब की दुकानें हों या अन्य संबंधित व्यवस्था प्रदान करने वाले हों। परंतु जब भी कभी कोई हादसा होता है तो केवल कोचिंग सैंटर को ही कटघरे में क्यों लाया जाता है? क्या कोचिंग सैंटर चलाने की अनुमति प्रदान करने वाली एजैंसियां इसकी जिम्मेदार नहीं हैं? 

डॉ राहुल सिंहनिर्देशकराज ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन वाराणसी

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दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुए राओ’का आई.ए.एस. स्टडी सैंटर के हादसे के बाद से ही देश भर में कोचिंग सैंटर चलाने वाली कई नामी संस्थाएं सवालों के घेरे में आ गई हैं। इन पर आरोप है कि ये नियम और कानून के अनुसार अपने कोचिंग सैंटर नहीं चलाते। एक-एक कक्षा में क्षमता से ज्यादा विद्यार्थी भर्ती कर लेते हैं। दिल्ली जैसे महानगर में देश के कोने-कोने से आए हुए विद्याॢथयों को छोटे-छोटे पिंजरों में रहने को मजबूर होना पड़ता है। दिल्ली के रिहायशी इलाकों की तंग गलियों में भी क्षमता से अधिक लोग दिखाई देते हैं। ऐसे में कोचिंग सैंटर और उनसे जुड़े अन्य उद्योग, जैसे कि ‘पेइंग गैस्ट’, होस्टल, किताब घर, छोटे-छोटे ढाबे आदि नियम और कानून की परवाह किए बिना अधिक से अधिक विद्याॢथयों की सेवा में लग जाते हैं। 

यहां सवाल उठता है कि क्या ये सब रातों-रात हो जाता है? क्या स्थानीय पुलिस, नगर निगम आदि सोते रहते हैं? क्या इन सभी को कोई टोकता नहीं है? सबसे पहले बात करें पुलिस की। एक पुलिस अधिकारी से बात करने पर पता चला कि जैसे ही कोई अपने रिहायशी मकान में या नगर निगम द्वारा मान्यता प्राप्त दुकान में कुछ भी छेड़छाड़ करता है, तो पुलिस की जिम्मेदारी केवल नगर निगम को इत्तेलाह देने की होती है। इस इत्तेलाह की जानकारी पुलिस को अपने रोजनामचे में भी करनी चाहिए।

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पुलिस के अनुसार यदि इत्तेलाह देने के बावजूद नगर निगम अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते तो पुलिस उसी हिसाब से रोजनामचे में एंट्री कर देती है। जब तक कि किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या न हो पुलिस अपनी सीमित जिम्मेदारी निभाती है। परंतु क्या ऐसा वास्तव में जमीनी स्तर पर होता है? अब बात करें नगर निगम की। क्या पुलिस द्वारा इत्तेलाह किए जाने पर निगम के अधिकारी ‘उचित कानूनी कार्रवाई’ करते हैं या देश भर के नगर निगमों में व्याप्त भ्रष्टाचार के मकड़ जाल का हिस्सा बन वे भी अनदेखी कर देते हैं। यदि कभी कार्रवाई करनी भी पड़े तो केवल औपचारिकता निभा कर छोटा-मोटा हथौड़ा चला देते हैं। परंतु वास्तविकता कुछ और ही है। करीब 30 वर्षों से एक निजी कोचिंग सैंटर चलाने वाले मेरे एक मित्र ने मुझे जो बताया वह हतप्रभ करने वाली जानकारी है।

उनके अनुसार जब भी और जहां भी एक कोचिंग सैंटर खुलता है वहां एक पूरा तंत्र सक्रिय हो जाता है। इस तंत्र का हिस्सा हर वह व्यक्ति होता है जो कोचिंग सैंटर के चलने के हर पहलू का ध्यान रखता है।भारत जैसे देश में जहां किसी भी क्षेत्र में अगर कोई कामयाब हो जाता है तो उस दिशा में भेड़-चाल शुरू हो जाती है। हमारे देश में विभिन्न एजैंसियों के अधिकारियों पर लापरवाही करने पर कड़ी सजा का प्रावधान क्यों नहीं है, जिससे सबक लेकर अन्य अधिकारी ऐसी गलती न करें? इस हादसे की यदि एक निष्पक्ष जांच हो तो सभी तथ्य सामने आ जाएंगे। यदि ऐसा होता है तो बरसों से चले आ रहे इस भ्रष्ट तंत्र का हिस्सा बने अधिकारी और नेताओं का भी भंडाफोड़ हो सकता है।

गौरतलब है कि देश की शिक्षा व्यवस्था में ऐसी क्या कमी है कि विद्यार्थियों को एक्स्ट्रा कोचिंग लेनी पड़ती है? स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम को ऐसा क्यों नहीं बनाया जाता कि जिस भी विद्यार्थी को सिविल सेवाओं या अन्य किसी विशेष सेवा में जाना हो तो उसे उसी के कॉलेज में वह शिक्षा मिले? यदि एक्स्ट्रा  कोचिंग जरूरी हो तो भी तमाम कोचिंग सैंटर को मौजूदा स्कूल और कॉलेजों में ही क्यों न चलाया जाए? यदि ऐसा किया जाए तो कोचिंग सैंटर चलाने वालों को भी एक व्यवस्थित जगह मिल जाएगी और विद्याॢथयों को भी एक खुले वातावरण में पढऩे का मौका मिलेगा।

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मौजूदा कोचिंग सैंटर में जहां प्रति कक्षा लगभग 500 विद्यार्थी बैठते हैं उस पर भी रोक लगेगी। अच्छे व काबिल शिक्षकों को भी रोजगार मिलेगा। यदि अतिरिक्त शिक्षक भर्ती न किए जा सकें तो आजकल के सूचना प्रौद्योगिकी के युग में एक नियंत्रित ढंग से उसी बिल्डिंग में वीडियो कांफ्रैसिंग के माध्यम से विभिन्न कक्षाओं को एक साथ चलाया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो स्कूल/कॉलेज की छुट्टी होने पर दूसरी शिफ्ट में कोचिंग सैंटर चलाए जा सकते हैं। इससे स्कूल/कॉलेजों को किराए के रूप में अतिरिक्त आय भी मिलेगी और कोचिंग सैंटर वालों को सस्ते दर पर जमा-जमाया कोङ्क्षचग सैंटर भी मिल जाएगा।

यदि ऐसे हादसों को रोकना है तो देश में नियम बनाने की जरूरत है जहां नियमों के तहत ही कोचिंग सैंटर चल पाएं मन माने तरीके से नहीं। जिस तरह एक बड़ा अस्पताल, होटल या मॉल खुलता है तो उसे तमाम विभागों से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। उसी तरह यदि सरकार चाहे तो कोचिंग सैंटर के इस तंत्र को नियंत्रित कर सकती है। ऐसे में यदि कोचिंग सैंटर और संबंधित एजैंसियां पारदर्शिता से अपना कर्तव्य निभाएं तो ऐसे हादसों पर काफी हद तक रोक लग सकेगी।

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Monday, August 5, 2024

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में रिटेन टेस्ट के साथ फिजिकल की कर लें तैयारी, जानें हाइट-चेस्ट के साथ कितनी रनिंग जरूरी

लखनऊ: यूपी पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा इसी महीने होनी है. लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद ही चयनित अभ्‍यर्थी फिजिकल टेस्‍ट दे सकेंगे. ऐसे में फिजिकल टेस्‍ट को लेकर भी अभी से तैयारी शुरू कर दे. तो आइये जानते हैं यूपी पुलिस भर्ती में अभ्‍यर्थियों को फिजिकल टेस्‍ट के लिए क्‍या तैयारी करनी पड़ेगी. बता दें कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा 23, 24 और 25 अगस्‍त के साथ ही 30 और 31 अगस्त को आयोजित की जाएगी. पांच दिनों तक चलने वाली यह परीक्षा दो पालियों में कराई जाएगी. हर पाली में पांच लाख अभ्‍यर्थी परीक्षा में बैठेंगे.


फिजिकल टेस्‍ट को लेकर दूर करें कंफ्यूजन
अभ्‍यथियों को फिजिकल टेस्‍ट की तैयारी कराने वाले जानकारों का कहना है कि लिखित परीक्षा में चयनित अभ्‍यर्थियों का पहले शारीरिक परीक्षण किया जाएगा. इसमें ओबीसी एवं एससी वर्ग के अभ्यर्थिय़ों की लंबाई कम से कम 168 सेमी होनी चाहिए. वहीं, एसटी वर्ग के पुरुषों के लिए न्यूनतम लंबाई160 सेमी होनी चाहिए. पुरुषों के सीने की चौड़ाई कम से कम 79 सेमी और फुलाकर 84 सेमी होनी चाहिए. एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों के सीने की चौड़ाई 77 सेमी और फुलाने पर 82 सेमी निर्धारित है. वहीं सामान्य, ओबीसी और एससी वर्ग की महिलाओं की लंबाई कम से कम 152 सेमी होनी चाहिए, जबकि एसटी वर्ग के महिलाओं की न्यूनतम लंबाई147 सेमी होनी चाहिए.

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शारीरिक परीक्षण के बाद होगी दौड़ 

वहीं, शारीरिक परीक्षण में पास हुए अभ्‍यर्थियों को ही आगे की प्रक्रिया में भाग लेने दिया जाएगा. ऐसे में सबसे पहले अभ्‍यर्थियों की दौड़ कराई जाएगी. इसमें पुरुष अभ्यर्थियों को 25 मिनट में 4.8 किमी और महिला अभ्यर्थियों को 14 मिनट में 2.4 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होगी. बता दें कि यूपी पुलिस भर्ती ल‍िखित परीक्षा का आयोजन ऑफलाइन मोड में होगा. परीक्षा में बहुविकल्‍पीय प्रश्‍न पूछे जाएंगे. लिखित परीक्षा 300 अंकों की होगी. इसमें सामान्य ज्ञान, सामान्य हिंदी, संख्यात्मक व मानसिक योग्यता, मानसिक अभिरुचि, बुद्धिलब्धि, तार्किक क्षमता के कुल 150 प्रश्न पूछे जाएंगे. प्रत्येक सही उत्तर पर 2 अंक मिलेंगे. वहीं इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होगी यानी की गलत उत्तर पर नंबर भी कटेंगे.  

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Wednesday, July 31, 2024

यूपी के 9 हजार मदरसे हो जाएंगे बंद! सीएम योगी पर टिका आखिरी फैसला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 8449 मदरसों को यूपी के मुख्य सचिव की ओर से जारी किए गए नोटिस को लेकर लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आपत्ति जताई है. बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्ददी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है.  बोर्ड का आरोप है कि जिला प्रशासन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के एडमिशन बेसिक शिक्षा के स्कूलों में कराने के लिए मदरसों को आदेश दे रहा है. बोर्ड के पदाधिकारियों ने सीएम योगी से इस आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है.


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उत्तर प्रदेश के 8449 मदरसों को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से जारी किए गए नोटिस को लेकर लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आपत्ति जताई है. बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्ददी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है.  बोर्ड का आरोप है कि जिला प्रशासन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के एडमिशन बेसिक शिक्षा के स्कूलों में कराने के लिए मदरसों को आदेश दे रहा है. बोर्ड के पदाधिकारियों ने सीएम योगी से इस आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है.

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ये प्रमुख मदरसे भी शामिल
उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव ने नोटिस जारी कर 8449 गैर स्वीकृत मदरसों की मैपिंग और सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है. जिसमें वहां पढ़ाई कर रहे बच्चों को निकालकर  बेसिक शिक्षा के स्कूलों में एडमिशन कराने के लिए कहा गया है. प्रशासन ने जिन मदरसों की लिस्ट जारी की है उनमें दारुल उलूम देवबंद, दारुल उलूम नवतुल उलमा लखनऊ, जामिया सलाफिया बनारस, मदरसा अल इस्लाह, जामिया अशरफिया मुबारकपुर जैसे कई प्रमुख मदरसे शामिल हैं. 

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Sunday, July 21, 2024

परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को देना होगा संपत्ति का ब्योरा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को 31 जुलाई तक हर हाल में अपनी चल-अचल सम्पत्तियों का ब्योरा मानव सम्पदा पोर्टल पर दर्ज कराना होगा। स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने इस बारे में एक आदेश जारी किया है। इसके तहत 31 जुलाई तक अपनी चल अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।


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महानिदेशालय ने संपत्ति घोषित नहीं करने वाले शिक्षकों के नाम चेतावनी भी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि तय तारीख के भीतर पोर्टल पर चल-अचल सम्पत्तियों का विवरण प्रस्तुत नहीं किया जाना प्रतिकूल तथ्य के रूप में लिया जाएगा और शासन से लेकर विभागाध्यक्ष या कार्यालय अध्यक्ष स्तर पर आयोजित होनी वाली विभिन्न चयन समितियों की बैठकों में इस को संज्ञान में लेकर ऐसे शिक्षकों की सत्यनिष्ठा को प्रमाणित न मानते उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि बीते वर्ष 31 दिसंबर तक सभी शिक्षकों को पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्योरा दर्ज किए जाने के शासन और विभागीय निदेशालय की ओर से निर्देश दिए गए थे।

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Monday, July 15, 2024

कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने महादेव पीजी कॉलेज में छात्र-छात्राओं को किया टैबलेट का वितरण

वाराणसी: चिरईगांव विकास खण्बड के बरियासनपुर स्थित महादेव पीजी कॉलेज में सोमवार को प्रदेश सरकार के डीजी शक्ति योजना के तहत यूजी, पीजी अंतिम वर्ष के सैकड़ो छात्र-छात्राओं को कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने मोबाइल व टैबलेट का वितरण किया। 


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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार तकनीकी रूप से युवाओं को सक्षम बनाने के लिए हर पल काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक वर्ग के लिए अनेक विकास योजनाएं चला रही हैं। इसका फायदा सीधे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े आम लोगों को भी मिलने लगा है। 

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इस अवसर पर कॉलेज के प्रबंधक अजय सिंह ने कहा कि ग्रामीण इलाके में हमारा कॉलेज जरूर है लेकिन यहां सुविधा शहरों के बड़े कॉलेज से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां से कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी  निकले हैं जो शान से यूपी का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच बहुत व्यापक है। पिछली बार हजारों छात्रों को टैबलेट व मोबाइल बांटा गया था। इस बार भी हजारों छात्र-छात्राओं को पहली बार मोबाइल मिलने जा रहा है। 

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इस दौरान पहली बार टेबलेट, मोबाइल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के चेहरे पर खुशी की झलक दिख रही थी। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दयाशंकर सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर गौरव मिश्रा ने किया। इस अवसर पर कॉलेज की प्रथम महिला सीमा सिंह , भाजपा के जिला उपाध्यक्ष संजय सिंह, डॉ. संजय मिश्रा, डॉ. लोकनाथ पांडेय , डॉ. संजय मिश्रा , डॉ. मारुति नंदन मिश्रा, डॉक्टर संतोष मौर्य, धर्मेंद्र राजभर, डॉ. विजय कुमार, डॉ. वैभव मिश्रा, डॉ.किरन सिंह, अवनीश सिंह , विकास सिंह, दिनेश मौर्य, आर डी यादव, राजेश कुमार  आदि मौजुद रहे।

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Friday, July 12, 2024

बरियासनपुर इण्टर कालेज में बच्चोँ का पठन पाठन रोक हुआ चन्दौली सांसद का स्वागत

वाराणसी: विकासच खण्ड चिरईगांव के बरियासनपुर इण्टर कालेज के प्रांगण में बुधवार को चन्दौली सांसद वीरेन्द्र सिंह का स्वागत किया गया। स्वागत समारोह में सांसद वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि क्षेत्र के रुके विकास कार्यों को पूर्ण कराना ही हमारी जिम्मेदारी है।


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उन्होंने कहा कि आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आप सभी के मिले सहयोग का हम हमेशा सम्मान करता रहूंगा। क्षेत्र के चतुर्दिक विकास के लिए हम सदैव तत्पर रहूंगा। कार्यक्रम में जिलापंचायत सदस्य रामधारी यादव, डा० अशोक सिंह, नरेन्द्र सिंह सहित कई ग्रामप्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य आदि उपस्थित थे।


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पठन पाठन के समय हुआ स्वागत समारोह

बरियासनपुर इण्टर कालेज में चन्दौली सांसद बीरेन्द्र सिंह का स्वागत समारोह कार्यक्रम पठन पाठन के समय ही पूर्वान्ह ग्यारह बजे से अपरान्ह डेढ़ बजे तक किया गया।कार्यक्रम में सर्वाधिक विद्यालय के छात्र- छात्राएं ही उपस्थित रही।

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इस बाबत जब जिला विद्यालय निरीक्षक अवध किशोर से दिशानिर्देश के बारे में पूछा गया तो कहे कार्यक्रम होने की सूचना हमें नहीं है।  उल्लेखनीय है कि बरियासनपुर इण्टर कालेज अशासकीय वित्तीय सहायता प्राप्त है। ऐसे में क्या इस प्रकार बच्चो के भविष्य के साथ यह खिलवाड़ सही है? 

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Tuesday, June 25, 2024

SSC ने निकाली 17727 पदों पर बंपर भर्ती, सचिवालय से लेकर मंत्रालय तक मोटी सैलरी वाली नौकरी का मौका

SSC भर्ती: कर्मचारी चयन आयोग ने CGL 2024 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सोमवार से ही आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इच्‍छुक अभ्‍यर्थी एक महीने तक आवेदन कर सकेंगे. आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन से जुड़ी सारी जानकारी अपलोड कर दी गई है. 


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इतने पदों पर निकली भर्ती 
SSC CGL 2024 का इंतजार छात्रों को लंबे समय से था. सोमवार को आयोग ने ग्रुप बी और ग्रुप सी के खाली पड़े कुल 17,727 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया. इसके बाद इच्‍छुक अभ्‍यर्थी आधिकारिक वेबसाइट ssc.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. ऐसे में छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है. 

कब तक कर सकेंगे आवेदन 
SSC CGL 2024 के लिए अभ्‍यथी 24 जून से 24 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. इसके बाद 25 जुलाई रात 11 बजे से पहले अभ्‍यर्थी फीस जमा कर सकेंगे. इसके बाद 10 अगस्‍त से 11 अगस्‍त के बीच आवेदन में गलतियां सही कर सकेंगे. इसलिए आवेदन करते समय सावधानीपूर्वक सभी जानकारी दें. 

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कब होगी परीक्षा
SSC CGL 2024 के लिए टियर 1 की परीक्षा का आयोजन सितंबर-अक्‍टूबर 2024 में की जाएगी. इसके बाद टियर 2 की परीक्षा दिसंबर 2024 तक आयोजित की जाएगी. आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम 27/32 वर्ष होनी चाहिए. इसमें आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को छूट दी जाएगी. 

ऐसे करें आवेदन 
Combined Graduate Level CGL 2024 Various Post पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. आवेदन करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं. इसके बाद ऑनलाइन आवेदन बटन पर क्लिक करें. संयुक्‍त स्‍नातक स्‍तरीय परीक्षा (CGL 2024) लिंक पर जाएं. फ‍िर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म को भरें. इसके बाद आवश्‍यक दस्‍तावेज अपलोड करें. शुल्‍क का भुगतान करने के बाद आवेदन जमा कर दें. 

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Monday, June 24, 2024

नीट यूजी पेपर लीक की मिल गई वो डायरी, जिसमें है पूरा कच्चा-चिट्ठा! चिंटू ने सबकी खोल दी पोल

पटनाः NEET UG पेपर लीक में लगातार गिरफ्तारियां होती जा रही हैं और इसके साथ ही कई बड़े खुलासे भी हो रहे हैं. इसी कड़ी में झारखंड के देवघर से चिंटू को गिरफ्तार कर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओयू) ने पूछताछ की, जिसमें कई बड़ी जानकारियां सामने आई हैं. इस दौरान EOU को एक डायरी भी मिली है. चिंटू ने पूछताछ के दौरान EOU को बताया कि हल किया हुआ प्रश्न पत्र उसे रॉकी ने Whatsapp पर भेजा था. आरोपी रॉकी रांची में रहकर रेस्टोरेंट चलाता था, उसकी तलाश में कई स्थानों पर EOU ने छापेमारी की है. आरोपी चिंटू इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की भांजी का पति है. चिंटू ने ही संजीव के गैंग को प्रश्न पत्र दिया था.


डायरी से खुलेगा राज?
EOU ने देवीपुर थाना क्षेत्र में झुन्नू सिंह के घर से चिंटू समेत अन्य पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. झुन्नू के घर की तलाशी के दौरान EOU को एक डायरी मिली है. इस डायरी में चिंटू समेत अन्य लोगों का हिसाब-किताब लिखा हुआ है. इस डायरी में अभ्यर्थियों के नाम, परीक्षा के नाम और कितनी राशि में सेटिंग कराई गई ये सभी बातें लिखी हुई हैं. डायरी में मिली जानकारी के आधार पर भी जांच एजेंसी कई तथ्यों को खंगालने में जुटी हुई है. डायरी में नीट पेपर लीक के प्रश्न पत्र का उत्तर देकर सेटिंग कराने का रेट 30 लाख से 55 लाख तक लिखा है.


चिंटू ने बताई पूरी कहानी
चिंटू ने बताया कि पटना के खेमनी चक स्थित लर्ड एंड प्ले स्कूल में करीब 35 छात्रों को प्रश्न पत्र और उत्तर रटवाने के लिए यहीं वाई-फाई प्रिंटर की मदद से 10 से 12 कॉपी का प्रिंट मारा था. रॉकी के माध्यम से सबसे पहले बायोलॉजी का प्रश्न-पत्र एवं उत्तर आया था. इसके बाद फिजिक्स और अंत में केमेस्ट्री का आया था. इस मामले का मुख्य मास्टर माइंड अतुल वत्स और अंशुल सिंह समेत अन्य के सीधे संपर्क में रॉकी ही है. उसकी ही जिम्मेदारी चिंटू के माध्यम से बिहार में प्रश्न पत्र सप्लाई कराने की थी.


चिंटू से हो रही है पूछताछ
हैंडराइटिंग काफी खराब होने और जैसे-तैसे लिखे होने के कारण पूरी तरह से समझ पाने में EOU को काफी समस्या हुई. अब EOU डायरी से मिली जानकारी के आधार पर भी चिंटू समेत अन्य से पूछताछ चल रही है. झुन्नू की इस मामले में कितनी संलिप्तता है, इसकी जांच अभी होना बाकी है. आपको बता दें कि मामला सामने आने के बाद करीब 30 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें प्रश्न पत्र लीक कराने वाले, आंसर मुहैया कराने वाले, अभ्यर्थियों को लाने वाले, मकान दिलाने वाले सभी लोग शामिल हैं.