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Tuesday, June 03, 2025

मां की गोद से मासूम को छीनकर खा गया भेड़िया

बहराइच: 8 महीने बाद फिर से भेड़िए की एंट्री हो गई है। यहां भेड़िया 2 साल के मासूम को मां की गोद से छीनकर खा गया। सोमवार रात 12 बजे मां बच्चे को गोद में लेकर घर में चारपाई पर सो रही थी, तभी भेड़िया अंदर घुस गया।


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बच्चे की गर्दन जबड़ों में दबाकर भागने लगा। बच्चे की चीख सुनकर मां जाग गई। देखा तो भेड़िया बेटे को लेकर भाग रहा था। वह शोर मचाते हुए उसके पीछे दौड़ने लगीं, लेकिन भेड़िया भाग निकला। इसके बाद परिजन और ग्रामीण रातभर खेतों और जंगलों में बच्चे को खोजते रहे। सुबह 5 बजे गांव से दो किमी दूर गन्ने के खेत में बच्चे का शव मिला। उसके दोनों हाथ और एक पैर भेड़िया खा चुका था। लाश देखते ही मां बेहोश हो गई। घरवालों ने पानी के छींटे मारकर उन्हें होश में लाया। ग्रामीणों ने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। पूरा मामला महसी तहसील के गढ़ीपुरवा गांव का है।

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मां ने भेड़िए का पीछा किया, लेकिन अंधेरे की वजह से भाग गया

बच्चे आयुष की मां खुशबू की शादी फखरपुर थाना क्षेत्र के कोठवल कला गांव में हुई है। वह 15 दिन पहले बेटे के साथ मायके गढ़ीपुरवा आई थीं। गर्मी के कारण खुशबू घर के बरामदे में बेटे को गोद में लेकर चारपाई पर लेटी थीं। इसी बीच रात 12 बजे भेड़िया दबे पांव घर में घुस आया और खुशबू की गोद से बच्चे को खींच लिया। जैसे ही उसने बच्चे की गर्दन को जबड़ों में दबाया, मासूम चीख पड़ा। चीखने की आवाज सुनकर खुशबू की आंख खुल गई। देखा तो भेड़िया बेटे को लेकर भाग रहा था। उन्होंने चिल्लाते हुए उसका पीछा किया, लेकिन अंधेरा ज्यादा होने की वजह से भेड़िया खेतों की ओर भाग गया। तब तक घर के बाकी लोग भी बाहर आ गए।

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Saturday, May 24, 2025

लखनऊ CBI कार्यालय में हमला: ASI वीरेंद्र सिंह पर धनुष-बाण से वार, आरोपी हिरासत में

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कार्यालय में आज सुबह एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब गार्ड ड्यूटी पर तैनात एएसआई वीरेंद्र सिंह पर एक व्यक्ति ने धनुष-बाण से हमला कर दिया। घटना करीब 11:15 बजे की है।



सूचना मिलते ही थाना हजरतगंज पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल घायल एएसआई को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।


पुलिस ने इस मामले में तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस द्वारा अन्य आवश्यक कानूनी कार्यवाहियां भी तेजी से की जा रही हैं।


यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है, खासतौर पर ऐसे समय में जब हाई-सिक्योरिटी जोन में इस तरह का हमला होना चिंता का विषय है।

Thursday, May 22, 2025

डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभी से शुरू कर दें तैयारी - मुख्यमंत्री

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-19 के नवीनतम उपवेरिएंट JN.1 से संबंधित वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए प्रदेश में कोविड-19 की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण को लेकर चिंता जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।


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मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर कोई नई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। फिर भी थाईलैंड, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में JN.1 उपवेरिएंट के चलते संक्रमितों की संख्या में हुई वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में भी सतत निगरानी आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और स्वास्थ्य इकाइयां अलर्ट मोड में रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की पिछली लहरों के दौरान जिला अस्पतालों में बनाए गए 10-10 बेड के आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन प्लांट जैसी अधोसंरचनाओं को स्थायी रूप से क्रियाशील रखा जाए। इन सुविधाओं की नियमित टेस्टिंग और आवश्यकतानुसार रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली से जुड़े अन्य कार्यों में भी प्रशिक्षित कर प्रभावी रूप से उपयोग में लाया जाए, क्योंकि कोविड-19 के दौरान इनकी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है।

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मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों की रोकथाम के संबंध में भी संबंधित विभागों को अलर्ट करते हुए कहा कि डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे मौसमी रोगों से निपटने के लिए अभी से तैयारियां प्रारंभ कर दी जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन को समन्वित ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंत में स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार कोविड समेत सभी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार एवं प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा राज्य का स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह सजग और सक्षम है।

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Friday, May 16, 2025

श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक : मुख्यमंत्री

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में श्रम एवं सेवायोजन विभाग के कार्यों की समीक्षा की तथा सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक हैं, न कि प्रतिस्पर्धी। प्रदेश की औद्योगिक प्रगति तभी सम्भव है, जब श्रम कानूनों को प्रो-इण्डस्ट्री और प्रो-श्रमिक दोनों दृष्टियों से संतुलित बनाया जाए। श्रम कानूनों का सरलीकरण इस प्रकार किया जाए, जिससे उद्योगों को सुविधा मिले साथ ही, यह भी सुनिश्चित हो कि श्रमिकों के शोषण या उनके साथ अमानवीय व्यवहार की कोई सम्भावना न रहे।

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘हर हाथ को काम’ देने के लिए हमें उद्योगों को सशक्त करना होगा। उद्योगों का विस्तार अधिकाधिक रोजगार सृजन का माध्यम है। उद्योग बन्द कर किसी को रोजगार नहीं दिया जा सकता। दुर्घटना की स्थिति में श्रमिकों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उन्हें सम्मानजनक मानदेय और बीमा सुरक्षा कवच देना अनिवार्य है। श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करते हुए राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा श्रमिक-हितैषी और उद्योग समर्थ राज्य बनकर उभरे।

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बाल श्रमिकों को आजीविका के साथ-साथ मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और स्पॉन्सर्ड स्कीम्स से जोड़ते हुए उनके पुनर्वासन की दिशा में तीव्र गति से कार्य किया जाए। यह न केवल सामाजिक दायित्व है, बल्कि भावी पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देने का दायित्व भी है। देश में अटल आवासीय विद्यालय मॉडल के रूप में उभरे हैं। निरन्तर मॉनीटरिंग के माध्यम से इन आवासीय विद्यालयों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि श्रमिक अड्डों को मॉडल के रूप में विकसित करते हुए इनमें डोरमेट्री, शौचालय, पेयजल, कैंटीन और ट्रेनिंग आदि सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए। कैंटीन में श्रमिकों के लिए 5-10 रुपये में चाय, नाश्ता और भोजन आदि की सुविधा सुनिश्चित की जाए। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर न्यूनतम मानदेय की गारंटी व्यवस्था लागू की जाए। यह असंगठित कार्यबल को संगठित श्रम शक्ति में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल होगी।

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विदेश में रोजगार हेतु जाने वाले निर्माण श्रमिकों को न केवल तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाए, बल्कि गन्तव्य देश की भाषा का भी प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए, यह उनकी कार्यक्षमता और सुरक्षा दोनों के लिए आवश्यक है। आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर निजी अस्पतालों को कर्मचारी राज्य बीमा (ई0एस0आई0) आदि योजनाओं से जोड़ा जाए, इससे संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

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बैठक में मुख्यमंत्री योगी को अवगत कराया गया कि आजादी के बाद से 2016 तक प्रदेश में 13,809 कारखाने पंजीकृत थे, जबकि पिछले 09 वर्षों में 13,644 नए कारखानों का पंजीकरण हुआ है। यह 99 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। भारत सरकार के बी0आर0ए0पी0 रिकमेन्डेशन के क्रियान्वयन में श्रम विभाग को अचीवर स्टेट का दर्जा प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री जी ने इन उपलब्धियों की सराहना करते हुए इन्हें अभूतपूर्व बताया।

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Wednesday, May 14, 2025

देश विरोधी पोस्ट पर यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद, 25 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश: पुलिस ने अफवाह फैलाने और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद करवा दिया है। डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देश पर साइबर क्राइम सेल ने यह सख्त कार्रवाई की है। इस अभियान के तहत अब तक 25 व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया गया है।


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हालांकि, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव के नाम से चल रहे फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को हाल ही में सोशल मीडिया पर उठाते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला था।

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किन-किन अकाउंट्स पर हुई कार्रवाई?

यूपी पुलिस के मुताबिक, जिन सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद किया गया है, उनमें शामिल हैं:

  • Instagram: लव_यू_जिंदगी_002, सादिक999डी, कृष यादव, कुरैशी शाब, अली.बाबा_295, रहीश अहमद, मोहम्मद जैद
  • Facebook: रोजन अली, साजिद अली, परविन्दा, बदायूं सांसद के नाम से फेक आईडी, गुड्डू बेग, जमात अली, सरताज मलिक, मोहम्मद रियाज, विकी खान, सज्जाद मो., अफसार अली, शादाब खान, साजिद खान, हबीबुल्ला अंसारी
  • YouTube: आमिर खान 2693
  • अन्य: राइटर अभी_47, यूपी_83_एपीएस, अनीश खान, शानू खान, जीशान कुरैशी, छोटा इमरान खान, पुष्पेन्द्र चौधरी, आदि।

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डीजीपी की चेतावनी: "भ्रामक पोस्ट से बचें

डीजीपी प्रशांत कुमार ने आम जनता से अपील की है कि वे बिना पुष्टि के कोई भी भ्रामक या संवेदनशील जानकारी सोशल मीडिया पर साझा न करें। ऐसी पोस्ट न केवल अफवाह फैलाती हैं, बल्कि देश की सुरक्षा और सेना की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करती हैं। डीजीपी ने यह भी बताया कि किसी भी वायरल वीडियो, खबर या सूचना की सत्यता की पुष्टि यूपी पुलिस के फैक्ट चेक अकाउंट @UPPViralCheck से की जा सकती है।

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सरकार की सख्ती और सोशल मीडिया पर नजर

वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए यूपी पुलिस लगातार सोशल मीडिया निगरानी बढ़ा रही है। डीजीपी ने यह स्पष्ट किया है कि देश विरोधी तत्वों, अफवाह फैलाने वालों और फर्जी आईडी चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

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Monday, May 12, 2025

दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' लखनऊ में बनेगी

 लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ रविवार को रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने जा रही है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की प्रोडक्शन यूनिट का शुभारंभ होने जा रहा है.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डिजिटल माध्यम से दिल्ली से इस समारोह में शामिल होंगे और मुख्यमंत्री के साथ मिलकर इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे. यह कदम उत्तर प्रदेश और भारत की डिफेंस आत्मनिर्भरता को मजबूत करने और भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालातों में सामरिक शक्ति को नई धार देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।




टाइटेनियम एंड सुपर एलायस मैटेरियल्स प्लांट का उद्घाटन 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री टाइटेनियम एंड सुपर एलॉयस मैटेरियल्स प्लांट (स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी उद्घाटन करेंगे. यह प्लांट एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सामग्रियों का उत्पादन करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा. इसके साथ ही, ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी परियोजना का भी लोकार्पण होगा, जो मिसाइलों के परीक्षण और एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


योगी सरकार की आत्मनिर्भरता की पहल 
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में की थी. इस कॉरिडोर के छह नोड्स—लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी, और चित्रकूट हैं. यहां रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक निवेश हो रहा है. लखनऊ नोड पर ब्रह्मोस यूनिट के साथ-साथ डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) का भी शिलान्यास किया जाएगा, जो रक्षा उत्पादों के परीक्षण और सर्टिफिकेशन में सहायता करेगा. उद्घाटन समारोह में ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एयरो एलॉय टेक्नोलॉजी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा. डीआरडीओ के सचिव डॉ. समीर वी कामत स्वागत संबोधन देंगे, जबकि पीटीसी इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सचिन अग्रवाल कंपनी के योगदान पर प्रकाश डालेंगे. 


भारत की सामरिक ताकत का नया प्रतीक ब्रह्मोस
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर स्थापित यह ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है. इसके लिए योगी सरकार ने 80 हेक्टेयर जमीन निःशुल्क उपलब्ध कराई थी, जिसका निर्माण मात्र साढ़े तीन वर्षों में पूरा हुआ. ब्रह्मोस मिसाइल, जो भारत और रूस के संयुक्त उद्यम का परिणाम है, दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है. यह मिसाइल जमीन, हवा, और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है और ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के राडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है।

यूपी-नेपाल बॉर्डर के जिलों में अवैध मदरसों-मस्जिदों के खिलाफ एक्शन, अब तक 205 अतिक्रमण हटाए गए

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नेपाल सीमा से सटे जिलों में अवैध कब्जों और बिना मान्यता संचालित धार्मिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई जारी रही है. यूपी के पीलीभीत, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज में प्रशासन द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है.

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अब तक महाराजगंज में 28 अवैध मदरसे मिले हैं, जबकि श्रावस्ती में सर्वाधिक 102 अवैध मदरसे मिले हैं. इन सभी पर प्रशासन की कार्रवाई हो चुकी है. इसी तरह पीलीभीत में 1 धार्मिक स्थल, बहराइच में 13 अवैध मदरसों में से 5 को सील कर दिया और 8 को हटाया गया।

श्रावस्ती में सर्वाधिक कार्रवाई

श्रावस्ती के जिलाधिकारी के अनुसार जिले में शुक्रवार तक कुल 102 अवैध मदरसे चिह्नित किए गए हैं, इनमें से सभी 102 को सील कर दिया गयाा है. वहीं 1 धार्मिक स्थल को नोटिस दी गई है. इसी प्रकार सार्वजनिक भूमि पर बने 5 मजारों में से 4 पर कार्रवाई की गई है, जबकि एक का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. इसी प्रकार सार्वजनिक भूमि पर मौजूद दो ईदगाह को भी हटा दिया गया है।

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महाराजगंज में अब तक 28 मदरसों पर कार्रवाई

महाराजगंज जिलाधिकारी के अनुसार जिले में शुक्रवार तक कुल 28 अवैध मदरसों पर कार्रवाई की गई है. वहीं, एक अवैध धार्मिक स्थल को भी हटाया गया है. इसके साथ ही सार्वजनिक भूमि पर बने 5 मजारों को भी हटाने का कार्य किया है. इसके अलवा सार्वजनिक भूमि पर बने एक ईदगाह को भी चिह्नित किया गया है. वहीं, प्रशासन की कार्रवाई को देखते हुए फरेंदा तहसील क्षेत्र में परती पर बने अवैध धार्मिक स्थल के आंशिक भाग को कब्जेदार द्वारा स्वयं सहमति के आधार पर हटा लिया गया है।

बहराइच में अब तक 13 अवैध मदरसे मिले

बहराइच के जिलाधिकारी के अनुसार जिले में शुक्रवार तक कुल 24 अतिक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. इनमें सार्वजनिक भूमि पर मौजूद 13 अवैध मदरसों में से 13 को नोटिस देते हुए 5 को सील किया गया. 8 मदरसों को हटा दिया गया है. इसी प्रकार कुल आठ अवैध धार्मिक स्थलों में से सभी 8 को नोटिस देते हुए 2 को हटाने की कार्रवाई की गई है. कुल 2 मजारों में से सभी को नोटिस देते हुए 1 को हटा दिया गया है. ऐसे ही एक ईदगाह को नोटिस दी गई है. पीलीभीत जिलाधिकारी के अनुसार जिले में अब तक कुल 1 अतिक्रमण सामने आया है, जिसे नोटिस दी गई है।

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बलरामपुर में 22 मदरसे सील

बलरामपुर के जिलाधिकारी के अनुसार जिले में शुक्रवार तक कुल 28 अवैध मदरसों में से सभी 28 के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की गई है. इनमें सभी को नोटिस देते हुए 22 को सील किया गया और 5 को हटा दिया गया है. बचे हुए एक पर आगे कार्रवाई की जाएगी. इसी प्रकार सार्वजनिक भूमि पर बने 10 अवैध मजारों में से 8 को हटा दिया गया, जबकि 2 को नोटिस देते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है. वहीं, 1 अवैध ईदगाह को भी हटा दिया गया है।

सिद्धार्थनगर में 9 मदरसों का हटा अतिक्रमण

सिद्धार्थनगर जिलाधिकारी के अनुसार नेपाल बॉर्डर से 10 किमी तक सीमा में सार्वजनिक भूमि पर अब तक कुल 22 अतिक्रमण पाए गए हैं. इनमें 4 धर्मस्थल, जबकि 18 मदरसे हैं. 9 मदरसों का अतिक्रमण हटा दिया गया है. वहीं, 5 मदरसों को सील किया गया है।

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Saturday, May 03, 2025

मुख्यमंत्री योगी ने विकास प्राधिकरणों को दिया भवन मानचित्रों के लंबित प्रकरणों का एकमुश्त निस्तारण करने का आदेश

  • विकास प्राधिकरणों में भवन मानचित्रों के लंबित प्रकरणों का एकमुश्त निस्तारण सुनिश्चित किया जाए: मुख्यमंत्री.
  • सभी नगरों के जीआईएस आधारित मास्टर प्लान मई माह के अंत तक अनुमोदित कराए जाएं: मुख्यमंत्री.
  • कानपुर, आगरा और लखनऊ मेट्रो परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाए: मुख्यमंत्री.
  • लखनऊ विकास प्राधिकरण का सीमा विस्तार आवश्यक, जेपीएनआईएसी का शीघ्र हस्तांतरण हो: मुख्यमंत्री.
  • दो साल में तैयार होगा लखनऊ का विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर.
  • मुख्यमंत्री का निर्देश, यूपी-एससीआर परियोजना की डीपीआर प्रक्रिया में अब कोई विलंब न हो.
  • शहरी नियोजन संबंधी सभी नीतियों को समन्वित रूप से लागू करने की कार्ययोजना तैयार की जाए: मुख्यमंत्री.
  • झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा,कानपुर, मथुरा, मुरादाबाद, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, मेरठ और लखनऊ में शीघ्र आएंगी नई आवासीय परियोजनाएं.
  • मुख्यमंत्री शहरी विस्तार योजना के अंतर्गत परियोजनाओं को चरणबद्ध रूप से जून-दिसंबर 2025 तक प्रारंभ किया जाए.
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास प्राधिकरणों में लंबित भवन मानचित्रों के प्रकरणों की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है, जिस भी प्राधिकरण में मानचित्र से जुड़े मामलों में बार-बार आपत्तियां लगाया जाना अनुचित हैं, इसे सरल रूप देते हुए एक ही बार में निस्तारित किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा है कि ऐसे जो भी प्रकरण लंबित हैं, एक समय सीमा तय करते हुए उनका निस्तारण कर दिया जाए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि नगरों में जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान अब तक अप्रूव नहीं हुआ है, उसे वर्तमान माह की समाप्ति से पहले अनुमोदित करा लिया जाए।



मुख्यमंत्री ने शनिवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में विभागीय कार्ययोजना का आकलन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी नियोजन, आवासीय सुरक्षा, अधोसंरचना विकास एवं डिजिटल प्रबंधन जैसे सभी घटकों को एकीकृत दृष्टिकोण से लागू करना आवश्यक है। मेट्रो परियोजनाओं की प्रगति की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कानपुर मेट्रो के मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक 6.7 किमी. लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन का निर्माण पूर्ण हो गया है। कॉरीडोर 1 और 2 का कार्य इस वर्ष के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर को भी दिसम्बर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है, जबकि द्वितीय कॉरिडोर का कार्य 2026 तक निर्धारित किया गया है। इसी क्रम में लखनऊ मेट्रो परियोजना के अंतर्गत चारबाग से बसंतकुंज तक (11.165 किमी) प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार की आवश्कता जताई, साथ ही जेपीएनआईएसी को यथाशीघ्र लखनऊ विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित करने के भी निर्देश दिए।


बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के प्रारूप पर 16 अप्रैल से 30 मई, 2025 तक जनसामान्य से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। प्राप्त सुझावों के आधार पर इस उपविधि को अंतिम रूप में दिया जाएगा। लखनऊ में इंटरनेशनल एक्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर परियोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ₹900 करोड़ की लागत से 32.50 एकड़ भूमि पर केंद्र विकसित होने वाले इस विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर को अधिकतम 02 वर्ष में पूरा करा लिया जाए। यह कन्वेंशन सेंटर नए लखनऊ की पहचान बनेगी। यूपी-एससीआर की अद्यतन स्थिति पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी जिलों को समाहित करती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 27,826 वर्ग किमी है। इसके डीपीआर की प्रक्रिया में अब विलंब न हो। 


बैठक में आगामी तीन माह की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई। इसमें उत्तर प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम-2025, लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 और भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 जैसे महत्वपूर्ण पॉलिसी को लागू करने की प्रक्रिया शामिल है। इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति के अंतर्गत क्रियाशील परियोजनाओं को पूर्ण कराए जाने हेतु संशोधित गाइडलाइन भी शीघ्र ही जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री शहरी विस्तार/नए शहर प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत अनुमोदित परियोजनाओं को जून 2025 से दिसंबर 2025 तक चरणबद्ध रूप से लॉन्च किया जाएगा। झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा (ककुआ), कानपुर (न्यू कानपुर सिटी योजना), मथुरा (ट्रांसपोर्ट नगर), मुरादाबाद (डिडौसी), बुलंदशहर, गाज़ियाबाद, मेरठ और लखनऊ इसमें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जीआईएस आधारित महायोजना संरचना के अंतर्गत प्रदेश के 59 नगरों की महायोजनाएं तैयार की जा रही हैं, जिनमें से 42 को अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। शेष चार महायोजनाएं (झांसी, मैनपुरी, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ एवं बहराइच) के अनुमोदन की प्रक्रिया इसी माह में पूरी की जाए। मुख्यमंत्री ने निजी निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता देने, प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष आवासीय योजनाएं संचालित करने और ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणीकरण, सोलर रूफटॉप सिस्टम, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग एवं अपशिष्ट प्रबंधन को अनिवार्य शहरी मानक के रूप में लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने यूपी आवास एप और रेरा पोर्टल को और अधिक सुगम एवं पारदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

दहेज़ में नहीं मिली कार तो बिन दुल्हन लौटी बारात

सुल्तानपुर: दहेज़ लोभियों के हठ ने एक और सुहागन की उम्मीदों का गला घोंट दिया. दहेज़ में साढ़े पांच लाख नकद लेने के बाद भी कार नहीं मिली तों दूल्हा बारात लेकर वापस चला गया. मामला धम्मौर थाने के सरैयां गांव का है. वधु पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने वर पक्ष के कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.


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सरैयां गांव निवासी अरविंद कुमार मिश्रा ने अपनी बेटी साक्षी मिश्रा(सोनम) की शादी मटेरा घनियापुर अमेठी निवासी सचिन मिश्रा पुत्र प्रेम कुमार से की थी. सचिन मिश्रा गौरीगंज स्थित एक विद्यालय में लिपिक के पद पर कार्यरत है. अरविन्द मिश्रा ने 5 लाख नगद वह 51 हजार रुपये बरीक्षा के रूप में नगद दिया था. 

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तय कार्यक्रम के अनुसार 30 अप्रैल की शाम करीब 7 बजे बारात सरैया गांव पहुंची. बारातियों की खूब आव भगत की गई. द्वार पूजा के बाद डाल पूजा की रस्म अदायगी के वक्त लड़की के लिए वर पक्ष द्वारा कोई गहना वगैरह नहीं लाने पर घर वालों ने पूछताछ की तो दूल्हे के परिवार जन भड़क गए. मांग करने लगे कि जब तक उन्हें चार पहिया गाड़ी वह लड़की का पूरा गहना वधू पक्ष की तरफ से नहीं दिया जाता विवाह नहीं होगा. 

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अरविन्द ने बताया की बातचीत हो ही रही थी की दूल्हे के एक रिश्तेदार मनोज मिश्र ने कहा की बन्दूक लाओ और सभी को गोली मार दो. इससे घराती डर गये. इसके बाद बाराती सभी बिना शादी किये ही लौट गए. अगले दिन मामले की लिखित जानकारी थाने पर दी गयी. वहां पहुंची लड़के की मा मीरा देवी भी धमकी देने लगी. थाना प्रभारी अंजू मिश्रा ने बताया की सचिन, मीरा, मनोज, अभय व सचिन के मामा समेत कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जाँच की जा रही है।

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Wednesday, April 30, 2025

बाबा साहब की तस्वीर काटकर अखिलेश की तस्वीर लगाने पर सियासी भूचाल!

लखनऊ: सपा के पोस्टर विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल ला दिया है। इस पर BJP ने कहा कि यह एक अक्षम्य अपराध है और अखिलेश यादव लोगों से मांगे माफी। इसको लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी तेवर दिखाए...




लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की आधी तस्वीर काटकर, उसी हिस्से में अखिलेश यादव की तस्वीर लगाने पर बीजेपी ने जमकर हमला बोला है।


डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा
"यह बाबा साहब का अपमान है, सपा की दूषित मानसिकता उजागर हुई है।" उन्होंने चेताया कि "देश की जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी।"


मंत्री असीम अरुण बोले
"होर्डिंग में खुद को बाबा साहब के बराबर दिखाना सपा की दूषित मानसिकता और अनुयायियों की आस्था पर कुठारा घात है।"


मायावती ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा
"आतंकी हमले और बाबा साहब के नाम पर राजनीति नहीं, एकता की ज़रूरत है।" उन्होंने सपा-कांग्रेस को चेताया कि "BSP सड़कों पर भी उतर सकती है।"

Monday, April 21, 2025

अखिलेश पर भड़कीं बसपा प्रमुख, बोलीं- माफ करना असंभव, इनकी नीयत में खोट

लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा। रविवार सुबह X पर किए पोस्ट में उन्होंने कहा- सपा ने बसपा के साथ विश्वासघात किया। इनको माफ करना असंभव है। इन्होंने मुझ पर जानलेवा हमला किया। प्रमोशन में आरक्षण का बिल संसद में फाड़ा। बसपा ने जिन मेडिकल कॉलेज, पार्कों का नाम महापुरुषों के नाम पर रखा था उसे बदल दिया। सपा ने ऐसे कई जातिवादी कृत्य किए हैं।



मायावती ने कहा- कांग्रेस व भाजपा की तरह सपा की भी नीयत और नीति में खोट है। यह कभी भी दलितों की सच्ची हितैषी नहीं हो सकती। लेकिन दलित वोट के खातिर छलावा करती रहेगी। सपा संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाजिक सद्भाव बिगाड़ने में लगी है। लोग इनसे सावधान जरूर रहें।

Friday, April 11, 2025

मायावती की भतीजी को ससुरालवालों ने पीटा

गाजियाबाद: बसपा प्रमुख मायावती की भतीजी एलिस ने अपने पति, सास समेत 9 लोगों पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया है। कोर्ट के आदेश पर हापुड़ कोतवाली में पति, सास, ससुर, जेठ, जेठानी, ननद और मौसा पर FIR हुई है।


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पीड़ित की सास हापुड़ नगर पालिका की चेयरमैन हैं। उन्होंने बसपा से ही चुनाव लड़ा था।पीड़ित महिला ने बताया कि ससुराल वाले धमकी देते हैं कि तुम्हारी बुआ बसपा की कर्ता-धर्ता हैं, उनके पास बहुत पैसा है। फ्लैट और 50 लाख रुपए का इंतजाम करो। 

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मना करने पर गाली-गलौज की। बुरी तरह पीटा। जान से मारने की धमकी दी। कहा कि अगर किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा। किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगी। पूर्व सीएम की भतीजी ने यह भी कहा कि उसका पति नामर्द है। इस बात की जानकारी ससुराल के सभी लोगों को है। वैवाहिक जीवन बर्बाद हो गया है।

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Thursday, April 10, 2025

कुकर्म की खबर न छपे, इसलिए पुजारी ने दैनिक जागरण के पत्रकार को मरवाया

लखनऊ: यूपी के जिला सीतापुर में 8 मार्च को हुई पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया। मंदिर के अंदर पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर को एक बच्चे का कुकर्म करते हुए पत्रकार ने देख लिया था। 



पत्रकार ने ये खबर छापने की बात कही। पुजारी ने अपनी प्रतिष्ठा बचाए रखने के लिए मर्डर की प्लानिंग बनाई। उसने शूटरों को 4 लाख रुपए देकर पत्रकार की हत्या करा दी। इस केस में शिवानंद बाबा, निर्मल सिंह और असलम गाजी गिरफ्तार हैं। दोनों शूटर फरार हैं।

संविदा कर्मी भी वार्षिक वेतन वृद्धि एवं पदोन्नति के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भेजा मुख्य सचिव को ज्ञापन

लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में संयुक्त परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन रूबरू होते हुए संविदा कर्मियों से सबंधित मुख्य मांगों को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के एजेंड में शामिल किया तथा उन मांगों पर प्रदेश के मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव कार्मिक एवं शासन के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिवों को उनके ईमेल आईडी पर ज्ञापन भेजा है। जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में लगभग 2500 ऐसे संविदा कर्मचारी, शिक्षक कार्य कर रहे है जिनकी नियुक्ति विज्ञापित पदों के सापेक्ष नियमानुसार चयन समिति गठित करके की गई है। 



ऐसे संविदा कर्मियों को उनके पद के न्यूनतम ग्रेड वेतन के सापेक्ष सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में संशोधित मैट्रिक्स का लाभ मिल रहा है। सरकार उनको समय-समय पर सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते का भी भुगतान कर रही है। सभी संविदा कर्मी अपने पद के अनुरूप अपने दायित्व का पूर्ण निर्वहन नियमित कर्मचारियों की भांति ही कर रहे हैं।संविदा कर्मियों को राज्य कोषागार के माध्यम से वेतन भी दिया ज जा रहा है। ऐसे सभी संविदा कर्मी , जो विज्ञापित पदों के सापेक्ष चयन समिति के माध्यम से चयनित होकर आए हैं ,उन्हें राज्य कर्मचारियों के समान ही वेतन एवं महंगाई भत्ते का भुगतान तो किया जा रहा है, परंतु उनको राज्य कर्मियों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं से वंचित रखा गया है। 


15 - 20 वर्षों तक कार्य कर चुके संविदाकर्मियों को कोई वेतन वृद्धि नहीं दी जा रही है, उनके लिए कोई पदोन्नति का कोई अवसर भी नहीं है, एसीपी का लाभ भी नहीं मिल रहा है, यहां तक की महिलाकर्मियों को प्रसूति अवकाश का लाभ तो मिलता है, लेकिन चाइल्ड केयर लीव नहीं दी जा रही है, जबकि राज्य कर्मियों की भांति ही सातवें वेतन आयोग का लाभ पाने वाले सभी संविदा कर्मी राज्य कर्मियों को मिलने वाली सभी सुविधाओं के हकदार है। मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कर्यालय, सचिवालय के वित्त विभाग, अन्य प्रशासनिक विभागों में सैकड़ो संविदा कर्मी कार्य कर रहैं हैं ,जिनसे शासन के गोपनीय कार्य भी लिए जा रहे हैं।समाज कल्याण एवं जन जाति विकास विभाग में कार्यरत संविदा शिक्षकों के कधों पर आश्रम पद्धति विद्यालयों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी है। आश्रम पद्धति विद्यालयों के संविदा शिक्षक न्यूनतम वेतन में नियमित शिक्षकों से अधिक कार्य कर रहे हैं। संविदा शिक्षकों से बोर्ड परीक्षा एवं चुनाव ड्यूटी जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी लिए जा रहे है। 


आयुष विभाग में कार्यरत चिकित्सक, एमबीबीएस चिकित्सकों की भांति ही मरीजों का उपचार कर रहे है एवं वेतन भी पा रहे हैं। यथार्थ यह है कि संविदा कर्मी नियमित कर्मियों के बराबर उनके कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं।सही अर्थों में सरकार के सभी महत्वपूर्ण कामों में संविदा कर्मी ही लगाए गए हैं, फिर भी मनमाने ढंग से उनको राज्य कर्मियों की कुछ सुविधा देना तथा कुछ सुविधा न देना अन्याय है। जे एन तिवारी ने ऐसे संविदा कर्मियों को, जिनकी नियुक्ति विज्ञापित पदों के सापेक्ष चयन समिति के माध्यम से हुई है तथा जिनको सातवें वेतन आयोग के क्रम में संशोधित वेतन मैट्रिक्स का लाभ मिल रहा है, उन संविदा कर्मियों को वार्षिक वेतन वृद्धि के अवसर, एसीपी व्यवस्था, चिकित्सा अवकाश एवं बोनस तथा महिला कर्मियों के लिए चाइल्ड केयर लीव दिए जाने के लिए ज्ञापन भेजा है। 


संविदा कर्मियों की इन महत्वपूर्ण मांगों को संयुक्त परिषद ने अपने एजेंडे में भी शामिल किया है, जिस पर अगली कार्यकारिणी की बैठक में विचार कर आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा। आज की ऑन लाइन बैठक में संयुक्त परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष निरंजन कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण जी दुबे, महामंत्री अरुणा शुक्ला, उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ चौरसिया, रिंकू राय, ब्रिज भूषण मिश्रा , रामेश्वर पांडे, राज बहादुर, प्रीति पांडे, वीरेंद्र वीर यादव, सहदेव सचान, इंद्रजीत सिंह, आरके यादव, आदित्य नारायण झा, डीके त्रिपाठी, वी डी मिश्रा, तेज बहादुर शर्मा, डीके उपाध्याय,अम्बरीष त्यागी, जसवंत सिंह सहित दर्जनों पदाधिकारी सम्मिलित हुए.

Tuesday, April 08, 2025

सीएम योगी को 10 अप्रैल को जान से मारने की धमकी, रजिस्ट्री भेजकर एसपी को दी खुली चुनौती

शाहजहांपुर: एक चौका देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस अधीक्षक को रजिस्ट्री डाक से एक पत्र मिला है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  को जान से मारने की धमकी दी गई है, साथ ही पुलिस अधीक्षक को भी चैलेंज किया है कि अगर वह उन्हें बचा सकते हैं तो बचा लें। चुनौती देने वाले ने यह भी लिखा कि उन लोगों ने आईएसआई से ट्रेनिंग भी ले रखी है। पत्र पढ़ने के बाद पुलिस विभाग चौकन्ना हो गया। जन शिकायत प्रकोष्ठ के प्रभारी की तहरीर पर सदर बाजार में दो युवकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया।


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जनशिकायत प्रकोष्ठ के प्रभारी दिनेश कुमार ने रविवार को थाना सदर बाजार में शिकायत दर्ज कर बताया कि चार अप्रैल को रजिस्ट्री डाक से पुलिस अधीक्षक को संबोधित एक पत्र मिला, जिसमें जलालाबाद के गुनारा गांव निवासी आबिद हसन और नफीस ने मुख़्तार अंसारी और अतीक अहमद को अपना रिश्तेदार बताते हुए लिखा कि पुलिस ने दोनों को एनकाउंटर में मरवाकर उनके लड़कों को जेल भेज दिया। हम चुनौती देते हैं कि अप्रैल की 10 तारीख को सीएम योगी आदित्यनाथ को जान से मारेंगे। 

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रोक सकते हो तो रोक लो। पहले से ही चैलेंज कर रहे। अपने सीएम योगी को बचा सकते हो तो बचा लो। 10 अप्रैल इनकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा, जो हमको चाहिए पाकिस्तान से सब कुछ आ चुका है। हमने आईएसआई से ट्रेनिंग ले रखी है। सदर बाजार थाना प्रभारी अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि दोनों युवकों पर मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया। पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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Monday, April 07, 2025

कैदी का दावा, पूर्व जेल अधीक्षक को 15 लाख दे कर छूटा

वाराणसी: जेल से फर्जी रिहाई पर छुटे कैदी सुनील कुमार का एक न्यूज़ चैनल को दिया गया बयान सामने आया है, जिसमें उसने दावा किया है कि वह पूर्व जेल अधीक्षक उमेश सिंह को 15 लाख रुपए कैश देकर जेल से छूटा था।



 इस बातचीत के सामने आने के बाद आजाद अधिकार सेना के अमिताभ ठाकुर ने तत्काल इस मामले की गहन जांच करते हुए जेल अधीक्षक को गिरफ्तार किए जाने की मांग की है. एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में सुनील कुमार ने कहा कि उसे जेल अधीक्षक उमेश सिंह ने अपने ऑफिस में बुलवाया, जहां जज से सेटिंग करा कर जमानत कराए जाने के नाम पर 20 लाख रुपए की मांग की. बाद में 15 लाख रुपए कैश पर सहमति बनी।


उमेश सिंह ने अपने व्हाट्सएप नंबर से सुनील कुमार की बात उसके बड़े भाई विनीत कुमार से कराई, जिन्होंने 15 लाख रुपए कैश उपलब्ध कराया, जिसके बाद सुनील कुमार को छोड़ा गया। सुनील कुमार के अनुसार उमेश सिंह ने यह नहीं बताया था कि उसे फर्जी रिहाई आदेश पर छोड़ा जा रहा है बल्कि उसे जज से सेटिंग के नाम पर जमानत होने की बात कही गई थी।


अमिताभ ठाकुर ने सुनील कुमार के इस बयान को अत्यंत गंभीर बताते हुए यूपी के डीजीपी को तत्काल इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करा कर सही पाए जाने पर जेल अधीक्षक को अविलंब गिरफ्तार किए जाने की मांग की है।

Saturday, April 05, 2025

लखनऊ लूटकांड का एक लाख के इनामी बदमाश अनुज मौर्य ने जौनपुर में किया सरेंडर

लखनऊ: राजधानी के विकासनगर इलाके में बुलियन कारोबारी के मुनीम से ₹6.45 लाख की लूट करने वाले एक लाख के इनामी बदमाश अनुज मौर्य ने जौनपुर की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है


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कैसे चढ़ा STF के रडार पर?

आपको बता दें कि 28 मार्च को हुई लूट की घटना के बाद यूपी एसटीएफ ने इस केस को गंभीरता से लेते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन अनुज मौर्य और सतीश सिंह फरार थे। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। अनुज मौर्य को STF लगातार ट्रैक कर रही थी।

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पुराने केस में खुद को जेल भेजा

STF की सख्ती और दबाव के चलते अनुज मौर्य ने जौनपुर में पुराने हत्या के केस में अपनी ज़मानत रद्द करवाई और सीधे जेल चला गया, जिससे STF की गिरफ्त से बच सके। यह कदम उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए रणनीति के तौर पर उठाया है। इस मामले में शामिल सतीश सिंह ने भी 2 दिन पहले जौनपुर में आत्मसमर्पण कर दिया था। STF इन दोनों इनामी बदमाशों की गहनता से तलाश कर रही थी, लेकिन दोनों ने कानून की गिरफ्त में आने से पहले कोर्ट का रास्ता चुना।

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अब आगे क्या?

STF अब जेल में ही पूछताछ की तैयारी कर रही है। पुलिस अब यह भी पता लगा रही है कि लूटी गई रकम कहां है और इसके पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं। जल्द ही अनुज मौर्य और सतीश सिंह को प्रोडक्शन वारंट पर लखनऊ लाया जा सकता है

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Tuesday, March 25, 2025

ओपी राजभर के बेटे का ऐलान संभल में नहीं लगने देंगे गाजी मियां का मेला

वाराणसी: संभल में सैयद सालार मसूद गाजी के मेले को लेकर सियासत तेज हो गई है। संभल सीओ द्वारा रोक के बाद अब कैबिनेट मिनिस्टर ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा- चाहे कुछ हो जाए संभल में गाजी मियां का मेला नहीं लगने देंगे। जिन लोगों का देश में कोई योगदान नहीं उनका महिमामंडन क्यों ?


वहीं उन्होंने आगे कहा कि सुहेलदेव राजभर पार्टी 10 जून को पूरे प्रदेश में सुहेलदेव राजभर के नाम पर मेला लगाया जाएगा। सबसे बड़ा मेला बहराइच में होगा। एपीजे अब्दुल कलाम के नाम लगाइए मेला कैबिनेट मिनिस्टर ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर रविवार को वाराणसी में थे। अरविंद राजभर ने यहां सुहेलदेव पार्टी के यूथ विंग के सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा- संभल में किसी भी हाल में हम गाजी मियां का मेला नहीं लगने देंगे। आप को मेला लगाना है; सर सैयद अहमद खां, अशफाक उल्लाह खां, एपीजे अब्दुल कलाम, वीर अब्दुल हमीद के नाम पर मेला लगाइये। हम भी साथ देंगे। लेकिन वो लोग जिनका देश के लिए कोई योगदान नहीं है। उनका मेला क्यों? हम ऐसा नहीं होने देंगे।

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10 जून को लगेगा पूरे प्रदेश में मेला

अरविंद राजभर ने वाराणसी से एलान किया कि आने वाली 10 जून को पूरे प्रदेश में चक्रवर्ती सम्राट सुहेलदेव राजभर के नाम पर मेले का आयोजन किया जाएगा। इसमें सबसे बड़ा मेला बहराइच में लगाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री और अन्य लोगों से चर्चा हो चुकी है। इसमें बहराइच में बड़ा प्रोग्राम किया जाएगा। जिसमें सीएम के आने की भी गुंजाइश है।

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युवाओं से कहा सोशल मीडिया पर क्रांति लाएं

वहीं उन्होंने इसके पहले यूथ सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा- सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 17 विंग हैं। उसी में से आप यूथ विंग में हैं। आप का काम है सुहेलदेव पार्टी के कामों और महाराजा सुहेलदेव के विचारों को लोगों तक पहुंचाए। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लीजिये। लोगों को भारतीय संविधान और सुहेलदेव राजभर का इतिहास घर-घर जाकर बताएं।


मायावती ने चला बड़ा दांव, ओबीसी को जोड़ेगी, भाईचारा कमेटी का ऐलान

लखनऊ: कभी उत्तर प्रदेश की सियासत की मजबूत धुरी रही बहुजन समाज पार्टी आज हाशिये की नोक पर है। यूपी की सत्ता से बसपा 13 साल से दूर है। सियासी आधार भी चुनाव दर चुनाव खिसकता जा रहा है। 



यही कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के खोये जनाधार को फिर से हासिल करने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही हैं।


इसी क्रम में मायावती दलितों के साथ पिछड़ों को जोड़कर नए समीकरण तैयार करने में लगी हैं। मंगलवार को राजधानी लखनऊ में मायावती ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की विशेष बैठक बुलायी थी। मायावती ने भाईचारा कमेटी का ऐलान किया है।


आपको बता दें कि यूपी में साल 2027 में विधानसभा चुनाव होगा। विधानसभा चुनाव होने लगभग दो साल का समय बचा है।ऐसे में अब मायावती ने बड़ा दांव चला है। मायावती अब दलितों के साथ ओबीसी को भी पार्टी से जोड़ेंगी।

Monday, March 24, 2025

अब सीधे कर सकते हैं CM योगी आदित्यनाथ से शिकायत, नोट करें ये नंबर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नागरिक अब अपनी शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा सकते हैं। राज्य सरकार ने नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर और अन्य संपर्क माध्यम उपलब्ध कराए हैं।


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शिकायत दर्ज कराने के लिए सीएम हेल्पलाइन नंबर 1076 पर कॉल करके यूपी के नागरिक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिस पर सरकार तत्काल कार्रवाई करेगी। इसके आलावा अगर आप सीधे मुख्यमंत्री योगी से शिकायत करना चाहते है तो सीएम योगी के डायरेक्ट नंबर 9454404444 पर कॉल करके या मैसेज भेजकर शिकायत या सुझाव सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाए जा सकते हैं।


अगर आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना चाहते है तो आप मुख्यमंत्री योगी की आधिकारिक वेबसाइट yogiadityanath.in पर भी शिकायत दर्ज करवा सकते है इसके आलावा आप 'सीएम योगी आदित्यनाथ संपर्क' ऐप के जरिए भी शिकायत कर सकते।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि शिकायत दर्ज होने के तीन से चार दिनों के भीतर कार्रवाई की जाए। अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अब यूपी के नागरिकों के लिए अपनी समस्याओं को सीधे सरकार तक पहुंचाना और उनका समाधान पाना पहले से ज्यादा आसान हो गया है।