Latest News

Showing posts with label Breaking News. Show all posts
Showing posts with label Breaking News. Show all posts

Thursday, May 22, 2025

एक लाख का इनामिया बदमाश ज्ञानचंद्र पासी मुठभेड़ में ढेर; गोंडा, बहराइच और बाराबंकी में था मोस्ट वांटेड

बाराबंकी: बुधवार को यूपी के बाराबंकी में एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान गोंडा जिले के रहने वाले शातिर अपराधी ज्ञानचंद्र पासी को मार गिराया. ज्ञान चंद पासी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था. इसके ऊपर विभिन्न धाराओं में गोंडा, बहराइच और बाराबंकी जिले में विभिन्न धाराओं के 70 मुकदमे दर्ज हैं.


यह भी पढ़ें: कोचिंग से लौट रही लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के बाद उसकी नृशंस हत्या करने के दोषी को मौत की सजा

गोंडा जिले के नए पुरवा मौजा राजापुर निवासी ज्ञानचन्द्र पासी बहुत ही शातिर था. वह गोंडा जिले के थाना उमरी बेगमगंज में इसी साल हुई एक हत्या के मामले में वांछित चल रहा था. बुधवार को रामनगर थाना क्षेत्र के चौकाघाट के नजदीक एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में ज्ञानचन्द्र पासी बुरी तरह जख्मी हो गया.

यह भी पढ़ें: डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभी से शुरू कर दें तैयारी - मुख्यमंत्री

उसे जिला अस्पताल लाया गया. वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एसटीएफ को उसके कब्जे से एक अवैध पिस्टल 32 बोर, एक राइफल, 315 बोर और एक 12 बोर की बंदूक एवं भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुई. इसी वर्ष 24/25 अप्रैल की रात एक घर मे डकैती के दौरान उसने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसी मामले में यह फरार चल रहा था और पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था.

यह भी पढ़ें: यूपी पुलिस में तैनात पति-पत्नी को एक ही जिले में मिलेगी पोस्टिंग, डीजीपी ने जारी किया आदेश

रामनगर थानाध्यक्ष अनिल पांडे ने बताया कि एसटीएफ और बदमाश ज्ञानचन्द्र पासी के बीच रामनगर थाने के लहडरा मोड़ लोहटी जई के जंगल के पास मुठभेड़ हुई. इसमें बदमाश बुरी तरह घायल हो गया. उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया. वहां उसकी मौत हो गई।

यह भी पढ़ें: गोंडा में एनकाउंटर; 1 लाख का इनामी सोनू पासी मुठभेड़ में मारा गया, हत्या-डकैती समेत 53 मुकदमे थे दर्ज




कोचिंग से लौट रही लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के बाद उसकी नृशंस हत्या करने के दोषी को मौत की सजा

फतेहपुरः एक दिल दहला देने वाले मामले में जिला कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. 19 साल की युवती से दुष्कर्म के बाद उसकी नृशंस हत्या के मामले में मुख्य आरोपी अजय उर्फ शीलू दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. जबकि उसके दो सहयोगियों को सात-सात साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है. वारदात के करीब 3 साल बाद जज अशोक कुमार ने फैसला सुनाया है.


यह भी पढ़ें: डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभी से शुरू कर दें तैयारी - मुख्यमंत्री

जंगल में मिला था शवः पीड़ित पक्ष के वकील महेंद्र सिंह के मुताबिक, 30 मई 2022 टीईटी छात्रा कोचिंग से लौट रही थी. इसी दौरान 2 युवकों ने उसका किडनैप कर लिया. फिर खैराबाद के जंगल में ले जाकर उसके साथ दरिंदगी की. विरोध करने पर पहले उसे बेरहमी से पीटा और फिर गला दबाकर हत्या कर दी और भाग गए. छात्रा का शव जहानाबाद थाना क्षेत्र के खैराबाद गांव के जंगल से बरामद हुआ था.

यह भी पढ़ें: यूपी पुलिस में तैनात पति-पत्नी को एक ही जिले में मिलेगी पोस्टिंग, डीजीपी ने जारी किया आदेश

युवती के शरीर में मिले थे 24 जगह गंभीर चोटः पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में युवती के शरीर पर 24 गंभीर चोटों के निशान पाए गए थे. छात्रा कानपुर नगर की रहने वाली थी और जहानाबाद में कोचिंग पढ़ने आती थी. अजय उर्फ शीलू ने अपने दोस्त कानपुर के बौहारा निवासी छोटू उर्फ अवनीश सोनकर के साथ मिलकर उसका रेप कर हत्या की थी. घटनास्थल के पास युवती का बैग मिला था. जिसमें कॉपी-किताबें थीं. वहीं, उसकी साइकिल पुलिस को घटनास्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर मिली थी.

यह भी पढ़ें: गोंडा में एनकाउंटर; 1 लाख का इनामी सोनू पासी मुठभेड़ में मारा गया, हत्या-डकैती समेत 53 मुकदमे थे दर्ज

छात्रा के ही गांव का मुख्य दोषी अजयः अजय, छात्रा के ही गांव का रहने वाला था. वह उसे पहले से जानता था. छात्रा का गांव फतेहपुर जिले से सटा हुआ है. अजय ने जहां वारदात की, वह जगह छात्रा के घर से 1 किलोमीटर दूर है. रेप और हत्या के बाद अजय, जहानाबाद थाना क्षेत्र के द्वारिकापुर गांव में अपने रिश्तेदार के घर पहुंचा था. वहां माया देवी पत्नी चंद्रशेखर ने उसके खून से सने कपड़े और अन्य सबूत नष्ट करने में मदद की.

यह भी पढ़ें: एवरेस्ट फतह कर गीता समोटा ने रचा इतिहास, CISF की पहली महिला अधिकारी बनीं 'सागरमाथा' विजेता

दो दोषियों को 7-7 साल की सजाः मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट एडीजे एफटीसी-1 की अदालत में हुई. सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर जज अशोक कुमार ने अपना फैसला सुनाया. मुख्य दोषी अजय को फांसी के साथ 81000 रुपये की सजा दी गई. वहीं, अवनीश और माया देवी को 7-7 साल की सजा के साथ 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जज अशोक कुमार ने सजा सुनाते हुए कहा कि ऐसे अपराध के लिए सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. जिससे समाज में मैसेज जाए कि इस तरह की घटना में फांसी से कम कुछ नहीं है.

यह भी पढ़ें: पुणे में वरिष्ठ खगोलशास्त्री जयंत नार्लीकर का निधन, विज्ञान जगत में शोक की लहर

3 साल में पीड़ित परिवार मिला न्यायः छात्रा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी की हत्या के मामले में आज बुधवार को को कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई. इस फैसले से वह बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा इस फैसले से उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिली है. घटना के बाद से वह लगातार हर तारीख पर कोर्ट में हाजिर होते रहे, ताकि बेटी को इंसाफ मिल सके. कोर्ट के इस फैसले से पूरा परिवार संतुष्ट है. पीड़ित पक्ष के वकील महेंद्र सिंह ने कहा कि न्यायालय के फैसले से परिजन सन्तुष्ट हैं।

यह भी पढ़ें: एवरेस्ट फतह कर गीता समोटा ने रचा इतिहास, CISF की पहली महिला अधिकारी बनीं 'सागरमाथा' विजेता

डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभी से शुरू कर दें तैयारी - मुख्यमंत्री

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-19 के नवीनतम उपवेरिएंट JN.1 से संबंधित वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए प्रदेश में कोविड-19 की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण को लेकर चिंता जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।


यह भी पढ़ें: यूपी पुलिस में तैनात पति-पत्नी को एक ही जिले में मिलेगी पोस्टिंग, डीजीपी ने जारी किया आदेश

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर कोई नई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। फिर भी थाईलैंड, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में JN.1 उपवेरिएंट के चलते संक्रमितों की संख्या में हुई वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में भी सतत निगरानी आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और स्वास्थ्य इकाइयां अलर्ट मोड में रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

यह भी पढ़ें: गोंडा में एनकाउंटर; 1 लाख का इनामी सोनू पासी मुठभेड़ में मारा गया, हत्या-डकैती समेत 53 मुकदमे थे दर्ज

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की पिछली लहरों के दौरान जिला अस्पतालों में बनाए गए 10-10 बेड के आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन प्लांट जैसी अधोसंरचनाओं को स्थायी रूप से क्रियाशील रखा जाए। इन सुविधाओं की नियमित टेस्टिंग और आवश्यकतानुसार रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली से जुड़े अन्य कार्यों में भी प्रशिक्षित कर प्रभावी रूप से उपयोग में लाया जाए, क्योंकि कोविड-19 के दौरान इनकी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है।

यह भी पढ़ें: एवरेस्ट फतह कर गीता समोटा ने रचा इतिहास, CISF की पहली महिला अधिकारी बनीं 'सागरमाथा' विजेता

मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों की रोकथाम के संबंध में भी संबंधित विभागों को अलर्ट करते हुए कहा कि डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे मौसमी रोगों से निपटने के लिए अभी से तैयारियां प्रारंभ कर दी जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन को समन्वित ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंत में स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार कोविड समेत सभी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार एवं प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा राज्य का स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह सजग और सक्षम है।

यह भी पढ़ें: पुणे में वरिष्ठ खगोलशास्त्री जयंत नार्लीकर का निधन, विज्ञान जगत में शोक की लहर

यूपी पुलिस में तैनात पति-पत्नी को एक ही जिले में मिलेगी पोस्टिंग, डीजीपी ने जारी किया आदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में कार्यरत पति-पत्नी अब एक ही जिले में साथ में सेवा दे सकेंगे. पुलिस महानिदेशक (DGP) की ओर से जारी आदेश के अनुसार, ऐसे पुलिसकर्मी जो पति-पत्नी हैं और वर्तमान में अलग-अलग जिलों में तैनात हैं, उन्हें अब एक ही जिले में तैनाती दी जाएगी. यह व्यवस्था अनुकंपा और निजी खर्च के आधार पर लागू की गई है.


यह भी पढ़ें: गोंडा में एनकाउंटर; 1 लाख का इनामी सोनू पासी मुठभेड़ में मारा गया, हत्या-डकैती समेत 53 मुकदमे थे दर्ज

इन्हें मिलेगा लाभ

इस आदेश के तहत सिपाही, सब-इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को लाभ मिलेगा. आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर पति-पत्नी दोनों उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत हैं और अलग-अलग स्थानों पर ड्यूटी कर रहे हैं, तो उनके अनुरोध पर उन्हें एक ही जिले में समायोजित किया जाएगा, ताकि वे पारिवारिक जीवन संतुलित रूप से जी सकें.

यह भी पढ़ें: एवरेस्ट फतह कर गीता समोटा ने रचा इतिहास, CISF की पहली महिला अधिकारी बनीं 'सागरमाथा' विजेता

लंबे समय से थी मांग

पुलिस मुख्यालय से जारी पत्र में कहा गया है कि कई दंपति पुलिसकर्मियों ने लंबे समय से एक ही जिले में पोस्टिंग की मांग की थी, जिसे अब मंजूरी दी गई है. यह फैसला विभागीय कार्यक्षमता बनाए रखते हुए पुलिसकर्मियों के मानसिक तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है. डीजीपी कार्यालय ने सभी जोनों और रेंज स्तर के अधिकारियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं.

यह भी पढ़ें: पुणे में वरिष्ठ खगोलशास्त्री जयंत नार्लीकर का निधन, विज्ञान जगत में शोक की लहर

Wednesday, May 21, 2025

गोंडा में एनकाउंटर; 1 लाख का इनामी सोनू पासी मुठभेड़ में मारा गया, हत्या-डकैती समेत 53 मुकदमे थे दर्ज

गोंडा:  यूपी के गोंडा जिले में पुलिस ने लंबे समय से फरार शातिर अपराधी सोनू पासी उर्फ भूरे को मुठभेड़ में मार गिराया. उसके ऊपर 1 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. पुलिस को उसके पास से बिना नंबर प्लेट की बाइक, एक अवैध 32 बोर पिस्टल, एक तमंचा, 315 बोर और कुछ कारतूस भी मिले हैं. उमरीबेगमगंज थाना, खोड़ारे पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम को बड़ी कामयाबी मिली है।


यह भी पढ़ें: एवरेस्ट फतह कर गीता समोटा ने रचा इतिहास, CISF की पहली महिला अधिकारी बनीं 'सागरमाथा' विजेता

19 मई की रात पुलिस को सूचना मिली कि बदमाश सोनू पासी बाइक से सलोनी मोहम्मदपुर बंधा की तरफ आ रहा है. पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन सोनू ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया और इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई. मुठभेड़ में एक गोली थाना प्रभारी के बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी, जिससे वह बाल-बाल बच गए।

यह भी पढ़ें: पुणे में वरिष्ठ खगोलशास्त्री जयंत नार्लीकर का निधन, विज्ञान जगत में शोक की लहर

वहीं, पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि 24/25 अप्रैल की रात चोरी के दौरान बदमाश युवक के घर में घुसे थे. जगने पर युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में शामिल सोनू पासी की पुलिस तलाश कर रही थी. बता दें कि उमरीबेगमगंज क्षेत्र के पूरे तिलक धन्नीपुरवा डिक्सिर गांव में चोरी के प्रयास के दौरान बदमाशों ने एक ग्रामीण को गोली मार दी थी. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर घटना के अनावरण के लिए पुलिस की 3 टीमें गठित की गई थीं. 8/9 मई की रात तीन बदमाशों को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया गया, जबकि सोनू पासी तब से फरार था।

यह भी पढ़ें: राज्य विधुत जूनियर इंजीनियर संगठन क्षेत्रीय स्तर पर संघर्ष समिति के साथ एक मंच पर बिजली के निजीकरण का करेगा विरोध

 सोनू पासी उर्फ भूरे का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा है. उस पर हत्या, डकैती, गैंगस्टर, एनडीपीएस, आर्म्स एक्ट समेत कुल 53 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं. जनपद गोंडा के अलावा बहराइच व बस्ती जिले में भी सक्रिय रहा है. उसके खिलाफ गोंडा पुलिस पहले ही गैंगस्टर की कार्रवाई कर चुकी थी। अपराधियों पर सख्ती के लिए चलाए जा रहे अभियान में पुलिस की यह बड़ी सफलता मानी जा रही है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल के निर्देश और अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी के पर्यवेक्षण में हुई इस कार्रवाई की सराहना की गई। अवैध सामानों की बरामदगी में एक एचएफ डीलक्स मोटरसाइकिल (बिना नंबर प्लेट), एक 32 बोर पिस्टल मय खोखा कारतूस, एक तमंचा 315 बोर मय खोखा कारतूस पुलिस के द्वारा बरामद किया गया।

यह भी पढ़ें: दुनिया के सबसे बड़े बुलडोजर अभियान का दूसरा चरण अहमदबाद में शुरू

एवरेस्ट फतह कर गीता समोटा ने रचा इतिहास, CISF की पहली महिला अधिकारी बनीं 'सागरमाथा' विजेता

जयपुर: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की महिला उपनिरीक्षक गीता समोटा ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,849 मीटर) पर सफल चढ़ाई कर इतिहास रच दिया है. वे यह उपलब्धि हासिल करने वाली CISF की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं. यह चढ़ाई उन्होंने सोमवार, 19 मई की सुबह पूरी की, जब वे 'दुनिया की छत' पर खड़ी थीं. यह क्षण केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि पूरे भारत और विशेष रूप से CISF बल के लिए गौरव का प्रतीक बन गया।


यह भी पढ़ें: पुणे में वरिष्ठ खगोलशास्त्री जयंत नार्लीकर का निधन, विज्ञान जगत में शोक की लहर

राजस्थान के सीकर जिले के चक गांव से ताल्लुक रखने वाली गीता समोटा चार बहनों वाले एक साधारण परिवार से आती हैं. पारंपरिक ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी गीता ने स्कूली और कॉलेज शिक्षा स्थानीय संस्थानों से प्राप्त की. वह बचपन से ही खेलों में रूचि रखने वाली गीता एक होनहार हॉकी खिलाड़ी थीं, लेकिन एक गंभीर चोट ने उनका खेल करियर बीच में रोक दिया. उसी मोड़ ने उन्हें एक नई राह पर ले जाने का रास्ता खोला, जो उन्हें सीआईएसएफ और फिर पर्वतारोहण की ऊंचाइयों तक ले गया. साल 2011 में CISF में शामिल होने के बाद गीता ने देखा कि बल में पर्वतारोहण की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ था. इस चुनौती को उन्होंने एक अवसर के रूप में लिया. साल 2015 में उन्हें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के औली स्थित संस्थान में पर्वतारोहण की बेसिक ट्रेनिंग के लिए चुना गया, जहां वे अपने बैच की एकमात्र महिला थीं. इसके बाद 2017 में उन्होंने उन्नत पर्वतारोहण प्रशिक्षण पूरा किया और यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली CISF कर्मी बनीं।


गीता समोटा की पर्वतारोहण यात्राएं यहीं नहीं रुकीं. साल 2019 में उन्होंने उत्तराखंड की माउंट सतोपंथ (7,075 मीटर) और नेपाल की माउंट लोबुचे (6,119 मीटर) पर चढ़ाई की और CISF की पहली महिला पर्वतारोही बनीं, जिसने यह उपलब्धि हासिल की. साल 2021 में एवरेस्ट के लिए CISF का एक अभियान रद्द हो गया, लेकिन गीता ने हार नहीं मानी और 'सेवन समिट्स' की चुनौती को अपना अगला लक्ष्य बना लिया।


गीता ने ऑस्ट्रेलिया की माउंट कोसियस्जको, रूस की माउंट एल्ब्रस, तंजानिया की माउंट किलिमंजारो और अर्जेंटीना की माउंट एकॉनकागुआ पर सफल चढ़ाई कर मात्र छह महीने और 27 दिनों में चार महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियों को फतह किया. यह उन्हें भारत की सबसे तेज 'सेवन समिट्स' पर्वतारोही महिलाओं में शामिल करता है. इसके अलावा लद्दाख में तीन दिन में पांच चोटियां फतह कर उन्होंने एक और अनूठा गीता समोटा को दिल्ली महिला आयोग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय सहित कई संस्थानों से सम्मानित किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें: पुंछ में 18 दहशतगर्दों और मददगारों के घर-ठिकानों पर छापा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त

गीता कहती हैं कि "पहाड़ सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं, वे स्त्री और पुरुष के आधार पर भेदभाव नहीं करते. केवल वही लोग इन ऊंचाइयों को छू सकते हैं, जिनके भीतर एक खास 'एक्स-फैक्टर' होता है. उनकी यह सोच आने वाली पीढ़ियों के लिए न केवल प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि लैंगिक समानता और आत्मबल का संदेश भी देती है. सीआईएसएफ ने भी उनके प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाई है. युवा लड़कियों के लिए उनका संदेश स्पष्ट और सशक्त है "बड़े सपने देखो, मेहनत करो और कभी हार मत मानो". उनकी यह सोच एक प्रेरणा है, जो असंभव को संभव में बदलने की शक्ति देती है. उनकी ऐतिहासिक सफलता से प्रेरित होकर सीआईएसएफ अब वर्ष 2026 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए एक पूर्णतः समर्पित सीआईएसएफ पर्वतारोहण दल भेजने की योजना बना रहा है. सीआईएसएफ के महानिदेशक सहित बल के सभी अधिकारियों ने महिला उपनिरीक्षक गीता समोटा को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी है.

यह भी पढ़ें: जिलाधिकारी व अपर पुलिस कमिश्नर ने जिला कारागार का किया औचक निरीक्षण

गौरतलब है कि गीता समोटा की सफलता से प्रेरित होकर CISF अब 2026 में एक पूर्ण रूप से समर्पित पर्वतारोहण दल को एवरेस्ट भेजने की योजना बना रहा है. यह अभियान न केवल संगठन की नई दिशा को रेखांकित करेगा, बल्कि यह दिखाएगा कि महिला अधिकारी किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हैं। CISF के महानिदेशक और बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने गीता को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है और इसे पूरे बल के लिए गौरव का क्षण बताया है।

यह भी पढ़ें: राजस्थान में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए आवेदन तिथि बढ़ी, अब 25 मई तक फॉर्म भरने का मौका

पुणे में वरिष्ठ खगोलशास्त्री जयंत नार्लीकर का निधन, विज्ञान जगत में शोक की लहर

पुणे: प्रख्यात खगोलशास्त्री और विज्ञान लेखक प्रोफेसर जयंत विष्णु नार्लीकर का आज पुणे स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वे 86 वर्ष के थे. उनके निधन से पूरे वैज्ञानिक समुदाय और साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. प्रोफेसर नार्लीकर न केवल एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक थे, बल्कि एक लोकप्रिय विज्ञान लेखक और शिक्षाविद भी थे। 2021 में नासिक में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष रहे नार्लीकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से भारत लौटने के बाद उन्होंने पुणे में प्रतिष्ठित 'आयुका' (आर्यभट्टक प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान संस्थान) की स्थापना की, जो खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है।



जयंत नार्लीकर का जन्म एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था. उनके पिता, रैंगलर विष्णु वासुदेव नार्लीकर, एक प्रसिद्ध गणितज्ञ थे और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के गणित विभाग के प्रमुख थे. उनकी मां, सुमति विष्णु नार्लीकर, संस्कृत की विदुषी थीं. नार्लीकर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी में प्राप्त की और बाद में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की. अपने पिता की तरह, उन्होंने प्रतिष्ठित रैंगलर की उपाधि भी हासिल की और खगोल विज्ञान में टायसन पदक जीता.


उन्होंने मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के खगोल विज्ञान विभाग के प्रमुख और पुणे में 'आयुका' के निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। नार्लीकर ने विज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने मराठी में कई विज्ञान कथाएं लिखीं, जिन्होंने बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा की. उनकी पुस्तकें न केवल मनोरंजक थीं, बल्कि विज्ञान की जटिल अवधारणाओं को सरल भाषा में समझाने में भी सफल रहीं।


खगोलशास्त्री लीना आयुस्का ने डॉ. जयंत नार्लीकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों और इस क्षेत्र में करियर बनाने वालों के लिए एक आदर्श थे. उन्होंने कहा, "डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही और खगोल विज्ञान में करियर बनाने वालों के लिए एक आदर्श थे. हमने उनके बारे में दो पीढ़ियों से सुना है. हमने उनकी किताबें पढ़ी हैं. डॉ. नार्लीकर भारत की पहली पीढ़ी के खगोलशास्त्री थे. उन्होंने एक लेखक के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. वह पुणे विद्यापति के कुलपति थे. 


एक शिक्षाविद् और लेखक के रूप में उनका मेरे बेटे पर बहुत अच्छा प्रभाव था. मैं उनसे बिना अपॉइंटमेंट लिए आयुका में मिल सकता था. हम एलियंस और अन्य विज्ञान विषयों पर चर्चा करते थे. उन्होंने मुझे प्रेरित किया. मैं एक खगोलशास्त्री बन गया. उनका स्वभाव बहुत शांत था, चेहरा हमेशा मुस्कुराता रहता था. वे एक संतुष्ट व्यक्ति थे."
सम्मान और पुरस्कार: पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित जयंत नार्लीकर का निधन भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनके वैज्ञानिक योगदान, शिक्षा के प्रति समर्पण और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा। प्रोफेसर नार्लीकर अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती रहेगी. उनका निधन भारतीय विज्ञान जगत के लिए एक गहरा आघात है, जिसकी भरपाई करना मुश्किल होगा।

Tuesday, May 20, 2025

दुनिया के सबसे बड़े बुलडोजर अभियान का दूसरा चरण अहमदबाद में शुरू

अहमदाबाद: दुनिया के सबसे बड़े बुलडोजर अभियान का दूसरा चरण अहमदाबाद में शुरू हो चुका है। इस अभियान में अवैध रूप से बसे बांग्लादेशियों की बस्ती को किया जाएगा ध्वस्त। इस अभियान में 60 से अधिक जेसीबी और 40 क्रेन लगाये गये है। साथ ही 3,000 से पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद हैं। इसमें करीब 2.5 लाख वर्ग मीटर से अधिक अमीन पर बसे घुसपेठियो के क्षेत्र को समतल किया जा रहा है।



इससे पहले 29 और 30 अप्रैल को इस अभियान का पहला चरण शुरू हुआ था। इस दौरान लगभग 3 हजार अवैध मकानों को गिराया गया था। 


इन 3000 घरों में ज्यादातर अवैध बांग्लादेशी नागरिक रह रहे थे. अब दूसरे चरण में लगभग ढाई हजार घरों को गिराने का टारगेट है।


संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) शरद सिंघल ने कहा, 'आज से दूसरा चरण प्रारंभ हुआ है। मौके पर मौजूद सभी वरिष्ठ अधिकारीयों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जनता भी हमें सहयोग देगी।

पुंछ में 18 दहशतगर्दों और मददगारों के घर-ठिकानों पर छापा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त

जम्मू-कश्मीर: पुलिस व सेना ने पुंछ जिले में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए रविवार को बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। पुलिस की कई टीमों ने सेना व एसओजी की मदद से जिले में 18 आतंकी आकाओं व आतंकी मददगारों के घरों पर छापे मारे। इस कार्रवाई में कई घरों की तलाशी लेने के दाैरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।


यह भी पढ़ें: जिलाधिकारी व अपर पुलिस कमिश्नर ने जिला कारागार का किया औचक निरीक्षण

पुलिस के अनुसार, ये स्थानीय आतंकी हैंडलर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बैठकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। जिले में नियंत्रण रेखा से सटी मंडी तहसील के सावजियां सेक्टर व छंबर किनारी क्षेत्र में एएसपी मोहन शर्मा की अगुवाई में पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और सेना ने तलाशी अभियान चलाया। क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के उस पार बैठे स्थानीय आतंकियों और मददगारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके घरों व ठिकानों को खंगाला गया।

यह भी पढ़ें: राजस्थान में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए आवेदन तिथि बढ़ी, अब 25 मई तक फॉर्म भरने का मौका

हालांकि, इस ऑपरेशन के दौरान किसी को गिरफ्तार करने की सूचना नहीं है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई सरकार की आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ शुरू की गई जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। हालांकि, जिन आतंकवादियों और आतंकी मददगारों के घरों को खंगाला गया है, उनके सुरक्षा एजेंसियों ने नाम उजागर नहीं किए हैं।

Monday, May 19, 2025

भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम 18 मई के बाद भी जारी रहेगा: सेना

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को ताजा संघर्ष विराम समाप्त होने की खबरों के बीच भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि संघर्ष विराम समझौता आज के बाद भी जारी रहेगा. सेना ने एक बयान में कहा कि संघर्ष विराम की कोई 'समाप्ति तिथि' नहीं है. ये दर्शाता है कि हाल ही में सशस्त्र संघर्ष के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच संघर्ष विराम जारी रहेगा।


यह भी पढ़ें: लूट का खुलासा करने में असफल मिर्जामुराद एसओ लाइनहाजिर

भारतीय सेना ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच रविवार को कोई वार्ता निर्धारित नहीं है. सेना की ओर से ये साफ किया गया कि 12 मई को डीजीएमओ की बातचीत में लिए गए फैसलों के अनुसार संघर्ष विराम को लेकर कोई डेट फिक्स नहीं किया गया था. यह स्पष्टीकरण कुछ मीडिया हाउस द्वारा यह रिपोर्ट दिए जाने के बाद आया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम 18 मई को समाप्त हो रहा है. इससे पहले 12 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने महत्वपूर्ण वार्ता की थी और इस प्रतिबद्धता को जारी रखने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई थी कि दोनों पक्ष एक भी गोली नहीं चलाएंगे. साथ ही कोई आक्रामक कार्रवाई शुरू नहीं करेंगे।

यह भी पढ़ें: वाराणसी में फर्जी सिम और म्यूल बैंक खाते बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़

दोनों पक्षों की बातचीत में इस विषय पर भी सहमति हुई कि दोनों पक्ष सीमाओं और फॉरवर्ड एरिया में सैनिकों की संख्या को कम करने को लेकर तत्काल विचार करेंगे. भारत-पाक के बीच डीजीएमओ स्तर की वार्ता 12 मई को दोपहर में होने वाली थी हालांकि बाद में इसे शाम के लिए निर्धारित की गई। पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को किए गए कॉल के बाद दोनों देशों के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर शनिवार को सहमति बनी. 

यह भी पढ़ें: सलमान-सैफ से जुड़े कांकाणी हिरण शिकार मामले की सभी अपीलों पर एक साथ होगी सुनवाई

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने रविवार (11 मई) को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पाकिस्तानी समकक्ष ने शनिवार को बातचीत के दौरान प्रस्ताव दिया था कि 'हम शत्रुता समाप्त कर दें। भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी स्थलों पर हमला किया।

यह भी पढ़ें: कुम्हारों के लिए सुनहरा अवसर, निःशुल्क विद्युत चालित चाक के लिए 31 मई तक करें ऑनलाइन आवेदन...

Sunday, May 18, 2025

वाराणसी में 45 डिग्री पर पहुंचा पारा, चलीं गर्म हवाएं, जानिये कब होगी बारिश

वाराणसी: काशी में गर्मी का प्रचंड प्रकोप देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को शहर का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। ऐसे में यह अब तक का साल का सबसे गर्म दिन साबित हुआ। 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलीं गर्म हवाओं ने भी झुलसाया। आगामी 20 से 22 मई के बीच मौसम बदल सकता है। गरज-चमक के साथ बारिश के आसार हैं। इससे तपिश से कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि बारिश के बाद उमस बेहाल करेगी। 



दिन में तीखी धूप के चलते पारा चढ़ता गया। वहीं रात में भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिली। तापमान 28 डिग्री तक पहुंच गया। इससे लोग गर्मी और उमस से परेशान दिखे। वैसे काशीवासियों को गर्मी से जल्द राहत मिल सकती है। 19 मई तक मौसम साफ रहने के आसार हैं। 20 मई से मौसम में बदलाव आ सकता है। 20 से 22 मई के बीच गरज-चमक के साथ जोरदार बारिश के आसार हैं। इससे तापमान में गिरावट आएगी। 


मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि गर्म पछुआ हवाओं ने तेजी से तापमान बढ़ाया, लेकिन अब पुरवा हवा चलने के संकेत हैं। 18 मई के बाद लू का असर कम हो जाएगा। वहीं नमीयुक्त पुरवा हवाएं बारिश करा सकता हैं।

लूट का खुलासा करने में असफल मिर्जामुराद एसओ लाइनहाजिर

वाराणसी: पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने लूट की घटना का खुलासा करने में असफल रहे मिर्जामुराद एसओ सुधीर कुमार त्रिपाठी को लाइनहाजिर कर दिया। उनके स्थान पर डायल 112 प्रभारी प्रमोद पांडेय को निर्जामुराद थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है। रिपोर्ट कार्ड के आधार पर वाराणसी कमिश्नरेट में 6 एसआई स्टार परफार्मर साबित हुए हैं। पुलिस कमिश्नर ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। 33 फीसदी से कम अंक हासिल करने वाले 145 उपनिरीक्षक पुलिस लाइन से अचैक किया जाएगा। वहां उनकी एक माह की ट्रेनिंग और काउंसिलिंग होगी। 


यह भी पढ़ें: वाराणसी में फर्जी सिम और म्यूल बैंक खाते बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़

कमिश्नरेट पुलिस की ओर से मासिक कार्यों के आधार पर दरोगाओं का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया गया था। इसमें तीन पुरुष और तीन महिला उपनिरीक्षक 75 फीसदी से अधिक अंक हासिल कर स्टार परफार्मर बन गए। उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा, ताकि भविष्य में और बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाएं। मंडुवाडीह थाना में तैनात उपनिरीक्षक राजदर्पण तिवारी, अमरजीत कुमार और रोहनिया थाने के विकास कुमार मौर्य, चेतगंज थाने में तैनात महिला एसआई मीनू सिंह, कोतवाली थाने की निहारिका साहू और रामनगर की अंशु पांडेय स्टार परफार्मर बनी हैं। 

यह भी पढ़ें: सलमान-सैफ से जुड़े कांकाणी हिरण शिकार मामले की सभी अपीलों पर एक साथ होगी सुनवाई

मासिक कार्यों की समीक्षा में कमिश्नरेट में तैनात 145 एसआई ने न्यूनतम मानक 33 फीसदी से भी कम अंक हासिल किया है। उन्हें पुलिस लाइन अटैच किया जाएगा। वहां एक माह तक दरोगाओं की ट्रेनिंग कराई जाएगी। हर दिन 10-10 उपनिरीक्षकों की पुलिस आयुक्त के समक्ष उपस्थिति कराकर काउंसिलिंग कराई जाएगी। पुलिस आयुक्त ने मातहतों को निर्देशित किया कि जनता की शिकायतों का प्राथमिता और गुणवत्ता के आधार पर निस्तारण किया जाएगा। गोतस्करों और उनके संपर्क सूत्रों पर कड़ी कार्रवाई करें। हुक्काबार व स्पा सेंटर में हो रहे अनैतिक कार्यों पर कार्रवाई की जाए। 

उन्होंने कहा कि जुआ, सट्टा और ऑनलाइन सट्टा कराने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए। सड़कों पर स्टंट करने वालों व गाड़ियों में काली फिल्म लगाकर चलने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करें। लूट, चेन स्नेचिंग और आपराधिक घटनाओं पर क्विक एक्शन लिया जाए। रात्रि गश्त बढ़ाई जाए, ताकि चोरी व अन्य घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण, पुरस्कार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी और प्रभावी फुट पेट्रोलिंग के निर्देश दिए। 

यह भी पढ़ें: पूर्वांचल की सबसे बड़ी एक्साइड कस्टमर सुविधा केंद्र का हुकुलगंज में हुआ शुभारंभ

 रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की निगरानी

पुलिस आयुक्त ने शहर में सड़कों किनारे झुग्गी-झोपड़ी लगाकर निवास करने वालों के सत्यापन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अवैध रूप से शहर में रह रहे रोहिंग्या, बांग्लादेशियों की पहचान और कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाकर इस तरह के लोगों का सत्यापन कराएं।

यह भी पढ़ें: श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक : मुख्यमंत्री

Saturday, May 17, 2025

वाराणसी में फर्जी सिम और म्यूल बैंक खाते बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़

वाराणसी: साइबर अपराध की दुनिया में एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा वाराणसी पुलिस की तत्परता से सामने आया है। फर्जी सिम और म्यूल बैंक खाते बनवाकर उन्हें दिल्ली, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों में साइबर अपराधियों को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। साइबर सेल व थाना लालपुर-पाण्डेयपुर की संयुक्त टीम ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर वाराणसी को एक बड़ी साइबर त्रासदी से बचा लिया।


यह भी पढ़ें: सलमान-सैफ से जुड़े कांकाणी हिरण शिकार मामले की सभी अपीलों पर एक साथ होगी सुनवाई

एक आधार नंबर से सामने आया फर्जीवाड़ा
पूरा मामला उस समय उजागर हुआ जब स्थानीय निवासी मेहताब खान ने केंद्र सरकार की वेबसाइट (https://tafcop.sancharsaathi.gov.in) पर अपना आधार नंबर डालकर यह जानने की कोशिश की कि उनके नाम पर कितनी सिम कार्ड चल रही हैं। इस प्रक्रिया में उन्हें पता चला कि उनकी जानकारी के बिना उनके नाम पर एक अतिरिक्त सिम भी सक्रिय है। इससे पुलिस को जांच की दिशा मिली और मुकदमा पंजीकृत कर त्वरित कार्रवाई शुरू हुई।

फर्जीवाड़े की परतें खुलीं – केवाईसी का दुर्पयोग, पहचान की चोरी
जांच में सामने आया कि अभियुक्त सिम लेने वाले भोले-भाले लोगों, कम पढ़े-लिखे या झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों की डबल केवाईसी कर उनके नाम पर फर्जी सिम जारी करते थे। यही नहीं, उनके आधार और पैन कार्ड की कॉपी लेकर उनके नाम पर बैंक खाते भी खुलवाए जाते थे। इन सिम कार्ड और खातों को बाद में "साइबर अपराधियों के पास पैक करके" अन्य राज्यों में भेजा जाता था।

गिरफ्तार किये गए अभयुक्अतों में सूर्यकांत विश्वकर्मा उम्र 25 वर्ष जो इस फर्जीवाडे का मास्टरमाइंड एजेंट है, विकाश मौर्य उम्र 30 साल जो बैंकिंग चैनल से जुड़ा व्यक्ति है और मोहम्मद अरमान उम्र 23 साल पीओएस एजेंट, सिम बिक्री से जुड़ा हुआ है. इनके ऊपर पुलिस ने बीएनएस 2023 की धारा 111/318(2), आईटी एक्ट की धारा 66सी व 76 तहत कार्यवाही कि गयी है. 


इस सफलता में साइबर सेल और थाना लालपुर-पाण्डेयपुर की संयुक्त टीम का योगदान उल्लेखनीय रहा। टीम का नेतृत्व प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार तिवारी और निरीक्षक राजीव कुमार सिंह ने किया। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने पूरी टीम को बधाई दी है और आगे भी ऐसे साइबर अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही पुलिस प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे समय-समय पर अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जांच करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत स्थानीय थाने या साइबर सेल को सूचना दें।

सलमान-सैफ से जुड़े कांकाणी हिरण शिकार मामले की सभी अपीलों पर एक साथ होगी सुनवाई

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की बेंच में बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार मामले में सैफ अली खान, नीलम, तब्बू व सोनाली बेंद्रे को बरी करने के खिलाफ सरकार की ओर से पेश लीव टू अपील पर सुनवाई हुई. सरकार की ओर से कहा गया कि इसी मामले में सलमान खान से जुड़ी अपील भी हाईकोर्ट में ट्रांसफर हो चुकी हैं। ऐसे में सभी को एक साथ जोड़कर ही सुनवाई की जाए. कोर्ट ने प्रार्थना को स्वीकार करते हुए आगामी 28 जुलाई को सभी अपीलों पर एक साथ सुनवाई के आदेश दिए हैं. दरअसल, यह पूरा मामला सलमान खान व अन्य से जुड़ा हुआ है।


यह भी पढ़ें: कुम्हारों के लिए सुनहरा अवसर, निःशुल्क विद्युत चालित चाक के लिए 31 मई तक करें ऑनलाइन आवेदन...

बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार का मामला वर्ष 1998 में लूणी थाने में दर्ज किया गया. मामला 1 व 2 अक्टूबर 1998 को मध्य रात्रि में शिकार के आरोप में अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, सोनाली बेंद्रे, तब्बू व दुष्यंत सिंह के खिलाफ था. जिसमें सलमान खान के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9/51सलमान खान को छोड़कर सभी सह आरोपी सैफअली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे व दुष्यन्त को 5 अप्रैल 2018 को बरी कर दिया गया था। सलमान खान को 5 अप्रैल 2018 को 5 साल की सजा के आदेश दिए गए थे. सजा के खिलाफ सलमान की ओर से जिला एवं सेशन न्यायालय जोधपुर जिला अदालत में अपील पेश करते हुए जमानत पर रिहा हुए थे. जोधपुर की सीजेएम कोर्ट द्वारा सैफअली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे व दुष्यन्त को बरी करने के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में लीव टू अपील पेश की गई थी. जिस पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई विचाराधीन है।

यह भी पढ़ें: पूर्वांचल की सबसे बड़ी एक्साइड कस्टमर सुविधा केंद्र का हुकुलगंज में हुआ शुभारंभ

इसी दौरान सलमान खान की ओर से 5 साल की सजा को चुनौती देने वाली अपील को हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए एक याचिका पेश की गई थी। जिस पर हाईकोर्ट के आदेश से 21 मार्च 2022 को हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है. इसके साथ ही सलमान के खिलाफ भी सरकार की एक अपील जो कि ऑर्म्स एक्ट मामला लूणी थाने में 15 अक्टूबर 1998 को आर्म्स एक्ट में मुकदमा धारा 3/25 व 3/27 के तहत दर्ज था। उसमें सलमान खान को 18 जनवरी 2017 को सीजेएम ग्रामीण कोर्ट से बरी किया था. सरकार की ओर से जिला जोधपुर में अपील विचाराधीन थी, उसको भी हाईकोर्ट में 21 मार्च 2022 को एक आदेश से ट्रांसफर कर दिया गया था. राजस्थान हाईकोर्ट ने अब सभी अपीलों को एकसाथ जोड़कर आगामी 28 जुलाई को सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें: श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक : मुख्यमंत्री

Friday, May 16, 2025

कुम्हारों के लिए सुनहरा अवसर, निःशुल्क विद्युत चालित चाक के लिए 31 मई तक करें ऑनलाइन आवेदन...

वाराणसी: ग्रामीण कारीगरों और कुम्हारों के लिए सुनहरा अवसर! उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड की "माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम" के तहत वित्तीय वर्ष 2025 में वाराणसी जिले को 50 निःशुल्क विद्युत चालित चाक वितरण का लक्ष्य मिला है। यह योजना प्रजापति समाज के परंपरागत कारीगरों को प्रोत्साहित करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए शुरू की गई है।


यह भी पढ़ें: पूर्वांचल की सबसे बड़ी एक्साइड कस्टमर सुविधा केंद्र का हुकुलगंज में हुआ शुभारंभ

जिला ग्रामोद्योग अधिकारी यू.पी. सिंह ने बताया कि 18 से 55 वर्ष की आयु के इच्छुक कारीगर, जो माटी कला में रुचि रखते हैं, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। आवेदन के लिए वेबसाइट www.upmatikalaboard.in पर 31 मई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। 

यह भी पढ़ें: श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक : मुख्यमंत्री

आवेदन के साथ फोटो, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (तहसील द्वारा निर्गत), शिक्षा प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, बैंक पासबुक की प्रति, और अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य है। आवेदन की मूल प्रति और दस्तावेज 5 जून 2025 तक जिला ग्रामोद्योग कार्यालय, टकटकपुर, वाराणसी में जमा करने होंगे। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय या सीयूजी नंबर 9580503157, 9264916036 पर संपर्क करें।

यह भी पढ़ें: जासूसी के जाल में उलझा पाकिस्तान. भारतीय कार्रवाई से राजनयिक गलियारों में हड़कंप

श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक : मुख्यमंत्री

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में श्रम एवं सेवायोजन विभाग के कार्यों की समीक्षा की तथा सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक हैं, न कि प्रतिस्पर्धी। प्रदेश की औद्योगिक प्रगति तभी सम्भव है, जब श्रम कानूनों को प्रो-इण्डस्ट्री और प्रो-श्रमिक दोनों दृष्टियों से संतुलित बनाया जाए। श्रम कानूनों का सरलीकरण इस प्रकार किया जाए, जिससे उद्योगों को सुविधा मिले साथ ही, यह भी सुनिश्चित हो कि श्रमिकों के शोषण या उनके साथ अमानवीय व्यवहार की कोई सम्भावना न रहे।

यह भी पढ़ें: जासूसी के जाल में उलझा पाकिस्तान. भारतीय कार्रवाई से राजनयिक गलियारों में हड़कंप

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘हर हाथ को काम’ देने के लिए हमें उद्योगों को सशक्त करना होगा। उद्योगों का विस्तार अधिकाधिक रोजगार सृजन का माध्यम है। उद्योग बन्द कर किसी को रोजगार नहीं दिया जा सकता। दुर्घटना की स्थिति में श्रमिकों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उन्हें सम्मानजनक मानदेय और बीमा सुरक्षा कवच देना अनिवार्य है। श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करते हुए राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा श्रमिक-हितैषी और उद्योग समर्थ राज्य बनकर उभरे।

यह भी पढ़ें: खनन माफिया हरिशंकर उर्फ छोटे यादव के सहयोगी के द्वारा किया गया खनन इंस्पेक्टर के ऊपर जान लेवा हमला

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बाल श्रमिकों को आजीविका के साथ-साथ मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और स्पॉन्सर्ड स्कीम्स से जोड़ते हुए उनके पुनर्वासन की दिशा में तीव्र गति से कार्य किया जाए। यह न केवल सामाजिक दायित्व है, बल्कि भावी पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देने का दायित्व भी है। देश में अटल आवासीय विद्यालय मॉडल के रूप में उभरे हैं। निरन्तर मॉनीटरिंग के माध्यम से इन आवासीय विद्यालयों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।

यह भी पढ़ें: भारतीय फौज के लिए बागबान महिला संगठन ने उतारी महा आरती

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि श्रमिक अड्डों को मॉडल के रूप में विकसित करते हुए इनमें डोरमेट्री, शौचालय, पेयजल, कैंटीन और ट्रेनिंग आदि सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए। कैंटीन में श्रमिकों के लिए 5-10 रुपये में चाय, नाश्ता और भोजन आदि की सुविधा सुनिश्चित की जाए। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर न्यूनतम मानदेय की गारंटी व्यवस्था लागू की जाए। यह असंगठित कार्यबल को संगठित श्रम शक्ति में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल होगी।

यह भी पढ़ें: खनन माफिया हरिशंकर उर्फ छोटे यादव के सहयोगी के द्वारा किया गया खनन इंस्पेक्टर के ऊपर जान लेवा हमला

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विदेश में रोजगार हेतु जाने वाले निर्माण श्रमिकों को न केवल तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाए, बल्कि गन्तव्य देश की भाषा का भी प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए, यह उनकी कार्यक्षमता और सुरक्षा दोनों के लिए आवश्यक है। आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर निजी अस्पतालों को कर्मचारी राज्य बीमा (ई0एस0आई0) आदि योजनाओं से जोड़ा जाए, इससे संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

यह भी पढ़ें: शोपियां में हथियारों का जखीरा बरामद, सुरक्षाबलों ने कल ढेर किए थे लश्कर के तीन आतंकी

बैठक में मुख्यमंत्री योगी को अवगत कराया गया कि आजादी के बाद से 2016 तक प्रदेश में 13,809 कारखाने पंजीकृत थे, जबकि पिछले 09 वर्षों में 13,644 नए कारखानों का पंजीकरण हुआ है। यह 99 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। भारत सरकार के बी0आर0ए0पी0 रिकमेन्डेशन के क्रियान्वयन में श्रम विभाग को अचीवर स्टेट का दर्जा प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री जी ने इन उपलब्धियों की सराहना करते हुए इन्हें अभूतपूर्व बताया।

यह भी पढ़ें: देश विरोधी पोस्ट पर यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद, 25 गिरफ्तार


Wednesday, May 14, 2025

जासूसी के जाल में उलझा पाकिस्तान. भारतीय कार्रवाई से राजनयिक गलियारों में हड़कंप

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर पहले से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है, और इस बीच दिल्ली के राजनयिक गलियारों से एक सनसनीखेज खबर सामने आई। भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक अधिकारी को कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के आरोप में निष्कासित कर दिया। विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह अधिकारी भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के अनुरूप नहीं, बल्कि संदिग्ध गतिविधियों में शामिल था, और उसे 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया। भारत की इस कड़ी कार्रवाई के कुछ ही घंटों बाद, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भी इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को जासूसी के आरोपों में "अवांछित व्यक्ति" घोषित कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव और बढ़ गया।


यह भी पढ़ें: भारतीय फौज के लिए बागबान महिला संगठन ने उतारी महा आरती

भारत का त्वरित और निर्णायक कदम

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की। मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पाकिस्तानी अधिकारी के निष्कासन की पुष्टि की और बताया कि उसे भारत में अपने आधिकारिक स्थिति के विपरीत गतिविधियों में शामिल पाया गया था। मंत्रालय ने इस संबंध में नई दिल्ली में पाकिस्तानी कार्यवाहक उच्चायुक्त को एक डिमार्श भी जारी किया, जिसमें भारत की कड़ी आपत्ति और चिंता व्यक्त की गई। हालांकि, MEA ने पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ विशिष्ट आरोपों का खुलासा नहीं किया, लेकिन यह ज्ञात हुआ है कि ये आरोप पंजाब पुलिस द्वारा जांचे जा रहे जासूसी के एक मामले से संबंधित हैं।

यह भी पढ़ें: शोपियां में हथियारों का जखीरा बरामद, सुरक्षाबलों ने कल ढेर किए थे लश्कर के तीन आतंकी

पंजाब पुलिस की जांच और खुफिया जानकारी

पंजाब पुलिस ने रविवार को दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें एक महिला भी शामिल है, जो नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी से जुड़े जासूसी गतिविधियों में कथित रूप से शामिल थे। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर, एक संदिग्ध को भारतीय सेना के आंदोलनों के संबंध में पाकिस्तान स्थित एक हैंडलर को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह घटनाक्रम अमृतसर ग्रामीण पुलिस द्वारा दो व्यक्तियों - फलकशेर मसीह और सूरज मसीह - की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद सामने आया है, जिन पर कथित तौर पर सेना के छावनी क्षेत्रों और हवाई अड्डों की संवेदनशील जानकारी और तस्वीरें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को लीक करने का आरोप है। यादव ने यह भी बताया कि आरोपियों को वर्गीकृत जानकारी साझा करने के बदले में ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से भुगतान प्राप्त हो रहा था।

यह भी पढ़ें: देश विरोधी पोस्ट पर यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद, 25 गिरफ्तार

पाकिस्तान का जवाबी कदम

भारत की कार्रवाई के कुछ ही घंटों के भीतर, पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाते हुए इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को "अवांछित व्यक्ति" घोषित कर दिया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने आरोप लगाया कि भारतीय कर्मचारी जासूसी में लिप्त था और उसे अपने परिवार के सदस्यों के साथ 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने के लिए कहा गया है। पाकिस्तान का यह जवाबी कदम दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और अधिक जटिल बना सकता है। यह स्पष्ट है कि दोनों देश एक-दूसरे की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

यह भी पढ़ें: खनन माफिया हरिशंकर उर्फ छोटे यादव के सहयोगी के द्वारा किया गया खनन इंस्पेक्टर के ऊपर जान लेवा हमला

बढ़ते तनाव के बीच राजनयिक टकराव

भारत और पाकिस्तान के बीच यह राजनयिक टकराव ऐसे समय में हो रहा है जब दोनों देशों के बीच चार दिवसीय सैन्य झड़प के बाद पहले से ही तनाव काफी बढ़ गया है। सीमा पर लगातार जारी तनाव और अब जासूसी के आरोपों के कारण दोनों देशों के संबंध और भी नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। राजनयिकों का निष्कासन एक गंभीर कदम है जो सामान्य तौर पर देशों के बीच संबंधों को और खराब करता है। विश्लेषकों का मानना है कि इस घटनाक्रम से दोनों देशों के बीच बातचीत और संबंधों की बहाली की प्रक्रिया और जटिल हो सकती है। यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में दोनों देश इस स्थिति को किस प्रकार संभालते हैं और क्या कोई डी-एस्केलेशन की संभावना बनती है।

यह भी पढ़ें: खनन माफिया हरिशंकर उर्फ छोटे यादव के सहयोगी के द्वारा किया गया खनन इंस्पेक्टर के ऊपर जान लेवा हमला

भारतीय फौज के लिए बागबान महिला संगठन ने उतारी महा आरती

वाराणसी: ऑपरेशन सिन्दूर की सफ़लता के बाद सीमा पर भारतीय फौज कुशलता एवं, सफ़लता की कामना के साथ बाबा भोलेनाथ भगवान को सिन्दूर दान व महाआरती का आयोजन "बागबान" महिला संगठन द्वारा अयोजित हुआ। साथ ही इस अवसर पर शरबत - प्रसाद वितरण भी किया गया।


यह भी पढ़ें: शोपियां में हथियारों का जखीरा बरामद, सुरक्षाबलों ने कल ढेर किए थे लश्कर के तीन आतंकी

वाराणसी सिंधी महिला संगठन "बागबान" संस्था के बैनर तले ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सीमा पर लगातार तनाव भरे माहौल में भारतीय फौज सीमा पर डटी हुई है और भारतीय लोगों की सुरक्षा कर रही हैं। इस लिए बागबान संस्था की महिलाएं मिल कर बाबा भोलेनाथ को सिंदूर अर्पण करते हुए उन बहनों के सिंदूर (सुहाग )की रक्षा करने की कामना के साथ जो भारतीय फौज के रूप डट कर पाकिस्तान की आतंकी सेना का मजबूती से सामना कर रहे हैं सात ही मुतोड़ जवाब दे रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: देश विरोधी पोस्ट पर यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद, 25 गिरफ्तार

दीर्घायु के लिए महादेव की आरती उतार कर सफलता की कामना भी किया। इस अवसर संस्था द्वारा शरबत - प्रसाद भी वितरण किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व अध्यक्ष पूजा लखमानी ने किया संचालन सचिव वर्षा बढ़ानी, व कोषाध्यक्ष अमीषा रुपानी ने किया। कार्यक्रम की संयोजक मधु डोडवानी, पायल राजवानी रही इस अवसर पर वर्षा लालवान.

यह भी पढ़ें: खनन माफिया हरिशंकर उर्फ छोटे यादव के सहयोगी के द्वारा किया गया खनन इंस्पेक्टर के ऊपर जान लेवा हमला

शोपियां में हथियारों का जखीरा बरामद, सुरक्षाबलों ने कल ढेर किए थे लश्कर के तीन आतंकी

जम्मू कश्मीर: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के केलर के शुकरू वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। 13 मई को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के केलर के शुकरू वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई की थी। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन आतंकवादी मारे गए थे। ऑपरेशन में आज भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं।


यह भी पढ़ें: देश विरोधी पोस्ट पर यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद, 25 गिरफ्तार

शोपियां में मुठभेड़, लश्कर के शीर्ष कमांडर शाहिद कुट्टे सहित तीन आतंकी ढेर

सीमा पर गोलाबारी थमते ही सुरक्षाबलों ने घर में छिपे बैठे आतंकियों का सफाया शुरू कर दिया है। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार सुबह आठ बजे आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें लश्कर-ए-ताइबा के शीर्ष कमांडर शाहिद कुट्टे और अदनान शफी समेत तीन आतंकी मारे गए। 

यह भी पढ़ें: खनन माफिया हरिशंकर उर्फ छोटे यादव के सहयोगी के द्वारा किया गया खनन इंस्पेक्टर के ऊपर जान लेवा हमला

तीसरे आतंकी की शिनाख्त अहसान-उल हक शेक निवासी मुरन (पुलवामा) के रूप में हुई है। आतंकवादियों के कब्जे से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ है। इसमें एके 47 राइफलें, मैगजीन, ग्रेनेड और अन्य सामान शामिल है।

यह भी पढ़ें: बांग्लादेशी मुस्लिम महिला ने थामा सनातन धर्म का दामन

देश विरोधी पोस्ट पर यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद, 25 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश: पुलिस ने अफवाह फैलाने और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद करवा दिया है। डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देश पर साइबर क्राइम सेल ने यह सख्त कार्रवाई की है। इस अभियान के तहत अब तक 25 व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया गया है।


यह भी पढ़ें: खनन माफिया हरिशंकर उर्फ छोटे यादव के सहयोगी के द्वारा किया गया खनन इंस्पेक्टर के ऊपर जान लेवा हमला

हालांकि, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव के नाम से चल रहे फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को हाल ही में सोशल मीडिया पर उठाते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला था।

यह भी पढ़ें: बांग्लादेशी मुस्लिम महिला ने थामा सनातन धर्म का दामन

किन-किन अकाउंट्स पर हुई कार्रवाई?

यूपी पुलिस के मुताबिक, जिन सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद किया गया है, उनमें शामिल हैं:

  • Instagram: लव_यू_जिंदगी_002, सादिक999डी, कृष यादव, कुरैशी शाब, अली.बाबा_295, रहीश अहमद, मोहम्मद जैद
  • Facebook: रोजन अली, साजिद अली, परविन्दा, बदायूं सांसद के नाम से फेक आईडी, गुड्डू बेग, जमात अली, सरताज मलिक, मोहम्मद रियाज, विकी खान, सज्जाद मो., अफसार अली, शादाब खान, साजिद खान, हबीबुल्ला अंसारी
  • YouTube: आमिर खान 2693
  • अन्य: राइटर अभी_47, यूपी_83_एपीएस, अनीश खान, शानू खान, जीशान कुरैशी, छोटा इमरान खान, पुष्पेन्द्र चौधरी, आदि।

यह भी पढ़ें: योगी सरकार ने यूपी से आतंकवाद का किया सफाया, 142 स्लीपिंग माड्यूल अरेस्ट, 1 को किया ढेर

डीजीपी की चेतावनी: "भ्रामक पोस्ट से बचें

डीजीपी प्रशांत कुमार ने आम जनता से अपील की है कि वे बिना पुष्टि के कोई भी भ्रामक या संवेदनशील जानकारी सोशल मीडिया पर साझा न करें। ऐसी पोस्ट न केवल अफवाह फैलाती हैं, बल्कि देश की सुरक्षा और सेना की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करती हैं। डीजीपी ने यह भी बताया कि किसी भी वायरल वीडियो, खबर या सूचना की सत्यता की पुष्टि यूपी पुलिस के फैक्ट चेक अकाउंट @UPPViralCheck से की जा सकती है।

यह भी पढ़ें: वाराणसी पहुंचे सीएम योगी, बुद्ध पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम में होंगे शामिल, बाबा विश्वनाथ का लेंगे आशीर्वाद

सरकार की सख्ती और सोशल मीडिया पर नजर

वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए यूपी पुलिस लगातार सोशल मीडिया निगरानी बढ़ा रही है। डीजीपी ने यह स्पष्ट किया है कि देश विरोधी तत्वों, अफवाह फैलाने वालों और फर्जी आईडी चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

यह भी पढ़ें: अधिकारियों से बोले मुख्यमंत्री, हर पीड़ित की समस्या का समाधान सरकार की प्राथमिकता