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Tuesday, June 10, 2025

मोदी सरकार के 11 साल कर्मचारियों के लिए रहा मिला-जुला

लखनऊ: केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी सत्ता के 11 साल पूरे कर लिए हैं। 26 मई 2014 को शुरू हुई यह यात्रा सेवा सुशासन और गरीब कल्याण के मंत्र पर आधारित थी। इन वर्षों में भारत ने आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक मंच पर उल्लेखनीय प्रगति किया है। भारत 2014 में 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। डिजिटल इंडिया जैसी पहल ने निवेश और नवाचार को बढ़ावा दिया है।


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 प्रत्यक्ष लाभ के जरिए लाभार्थियों तक सीधे आर्थिक लाभ पहुंचाया गया। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शौचालय का निर्माण किया गया जबकि जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण घरों को नल जल कनेक्शन प्रदान किया गया। इन 11 वर्षों में महिला सशक्तिकरण पर भी जोर रहा जिसमें 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिलाओं को दिए गए। आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी करोड़ों लोगों को मिला। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 50 करोड लोगों को स्वास्थ्य बीमा दिया गया, विदेश नीति में भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति और वैश्विक मंचों पर बढ़ती शाख ने देश को एक मजबूत वैश्विक शक्ति के रूप में विकसित किया। आर्थिक मोर्चे पर भी करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाले जाने का कार्य भी सरकार ने किया है। गरीब जनता के लिए 4 करोड़ मकान बनाने का दावा भी बताया जा रहा है।

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 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उनके तीसरी कार्यकाल का पहला साल जून 2024 जून 2025 भारत के लिए राजनीतिक, सामाजिक और वैश्विक क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां से भरा रहा। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से देश के सशस्त्र बलों ने अदम्य साहस एवं शौर्य का परिचय देकर पहलगाम में शहीद हुए पर्यटकों का बदला लिया और पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। हालांकि बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार की चुनौती अभी भी बरकरार है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर सरकार के हवाले से दी गई उपलब्धियां पर चर्चा करते हुए अवगत कराया कि सरकार की सभी उपलब्धियां में देश के सरकारी कर्मचारियों की भूमिका अग्रणी है। सरकार की सभी योजनाओं को कर्मचारियों ने ही धरातल पर उतारा है तथा मोदी के सपने को साकार किया है। 11 साल के कार्यकाल में भारत को कई क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छुआ है। इन 11 सालों में पांच सबसे बड़ी उपलब्धियां देश ने हासिल किया है। 

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आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 50 करोड़ों परिवारों को 5 लाख का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाना, स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत 11 करोड़ से अधिक शौचालय बनाकर ग्रामीण स्वच्छता और महिलाओं की गरिमा बढ़ाया जाना, डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत को वैश्विक डिजिटल भुगतान का नेतृत्वकर्ता बनाया जाना, मेक इन इंडिया के जरिए विनिर्माण और निवेश को बढ़ावा दिया जाना जिसके कारण भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी शक्ति बना और जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण घरों को नल जल कनेक्शन प्रदान किया जाना जिससे स्वच्छ जल की पहुंच घर घर तक बड़ी। जे एन तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल के कार्यकाल की सराहना करते हुए कर्मचारियों के सहयोग को भी याद किया। उनका कहना है कि कर्मचारियों के सहयोग के बिना किसी भी सरकारी योजना की सफलता संभव नहीं है.

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 इन 11 सालों में कर्मचारियों को सरकार से पुरानी पेंशन की बहाली , कोरोना काल में रोके गए 11 माह के महंगाई भत्ते का भुगतान कराए जाने, आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाकर न्यूनतम मानदेय निर्धारित किए जाने तथा सेवा संरक्षण प्रदान किए जाने, बेरोजगारी समाप्त किए जाने की दिशा में सरकारी नौकरियों का सृजन किए जाने, रिक्त पदो को भरे जाने, अच्छे खान-पान एवं बेहतर चिकित्सा सुविधा के दृष्टिगत प्रत्येक नागरिक की औसत आयु में वृद्धि को देखते हुए सरकारी कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति आयु 65 वर्ष किए जाने, आशा कार्यकर्ताओं की समाज में पहचान बनाए जाने के लिए उनका न्यूनतम मानदेय 18000 निर्धारित किए जाने, कार्यशील महिलाओं का सेवा स्थल पर शोषण रोके जाने, भारत सरकार के सहयोग से चलाई जा रही जेनरम बसों के माध्यम से नगरीय परिवहन सेवाओं को यथावत चलाया जाना तथा उनमें कार्यरत संविदा कर्मियों को सेवा में बनाए रखे जाने जैसे मुद्दों पर सरकार से निर्णय लिए जाने की मांग लगातार की जा रही है। परंतु 11 वर्षों में सरकार इन पर निर्णय नहीं ले सकी है। 

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संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी एवं महा मंत्री अरुणा शुक्ला ने प्रधानमंत्री जी को बधाई देते हुए यह आशा व्यक्त किया है कि आने वाले समय में कर्मचारियों की समस्याओं पर भी सरकार प्राथमिकता से ध्यान देगी। सरकारी कर्मचारियों ने ही कोरोना संकटकाल के दौरान अपने प्राणों की बाजी लगाकर रोगियों की देखभाल किया, फंसे हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाया तथा साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन ने कर्मचारियों की समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण किए जाने तथा आउटसोर्स प्रथा समाप्त किए जाने की जरूरत पर जोर दिया। संयुक्त परिषद के राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी, महामंत्री अरुणा शुक्ला, कार्यवाहक अध्यक्ष निरंजन कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण जी दुबे, उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ चौरसिया, रिंकू राय, प्रीति पांडे, डीके त्रिपाठी, महेंद्र सिंह, गोविंद कुमार, नितिन गोस्वामी, वीरेंद्र वीर यादव, आशीष मिश्रा, सहित संयुक्त परिषद के दर्जनों पदाधिकारियों ने मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री को बधाई दिया है.

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Friday, June 06, 2025

चेतगंज पुलिस ने दो वान्टेड अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

वाराणसी: पुलिस आयुक्त के निर्देशानुसार जनपद में चोरी, लूट, छिनैती, तस्करी और अन्य मुकदमों में वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर चलाये जा रहे अभियान के दौरान पुलिस उपायुक्त काशी गौरव वंशवाल,अपर पुलिस उपायुक्त काशी सरवणन टी. के निर्देशन में तथा सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को चेतगंज पुलिस द्वारा कई मुकदमों में वांछित दो अभियुक्तों को मुखबिर की सूचना पर 04जून को महामण्डल नगर और पिशाच मोचन क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। 


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दोनों अभियुक्तों की पहचान अमित पाठक निवासी हंकार टोला थाना चेतगंज मूल पता ग्राम बथावल थाना चन्दौली और दूसरे की पहचान आनन्द‌ पाण्डेय निवासी बड़ी पियरी थाना चौक बताया गया। अभियुक्तों को पेश करते हुए प्रभारी निरीक्षक थाना चेतगंज दिलीप मिश्रा द्वारा बताया गया कि दोनों अभियुक्त काफी दिन से खराब चल रहे थे किंतु बुधवार को मुखबिर की सूचना पर इनकी गिरफ्तारी पिशाच मोचन क्षेत्र से की गई दोनों व्यक्तियों पर धारा 384 (उगाही), 457(रात्रि में सेंधमारी), 392(लूट), 504(अपमान), 506(अपराधिक धमकी) और 354(महिला के साथ छेड़छाड़) समेत कई मुकदमे में वांछित अभियुक्त हैं। 

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चेतगंज पुलिस द्वारा दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही कर रही है। दोनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर पुलिस उपायुक्त काशी जोन गौरव वंशवाल ने इस सराहनीय कार्य के लिए गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को बधाई दी है। यह गिरफ्तारी शहर में अपराध नियंत्रण और जनता की सुरक्षा के प्रति पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक थाना चेतगंज दिलीप मिश्रा, वरिष्ठ उप निरीक्षक रणजीत कुमार श्रीवास्तव हे0का0 नरेन्द्र तिवारी,

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Wednesday, June 04, 2025

'ऑपरेशन सिंदूर' पर बोले CDS चौहान: नुकसान महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि परिणाम मायने रखता है

पुणे: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि पेशेवर सेनाएं अस्थायी नुकसान से प्रभावित नहीं होतीं, क्योंकि समग्र परिणाम ऐसे नुकसान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होते हैं. शीर्ष सैन्य कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान भारत को हजारों जख्म देकर लहूलुहान करने की नीति पर चल रहा है, लेकिन नई दिल्ली ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए सीमापार आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह एक नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है.


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सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में जनरल चौहान ने यह बात स्वीकार करने के लिए हो रही अपनी आलोचना को खारिज किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रारंभिक चरण में भारत ने अनिर्दिष्ट संख्या में लड़ाकू जेट विमान खो दिए. उन्होंने कहा, "जब मुझसे हमारी ओर से हुई क्षति के बारे में पूछा गया तो मैंने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि परिणाम और आप कैसे कार्य करते हैं, यह महत्वपूर्ण है."चौहान ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि नुकसान और संख्या के बारे में बात करना सही नहीं होगा.

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सीडीएस ने कहा कि युद्ध में यदि नुकसान भी होता है, तो आपको अपना मनोबल बनाए रखना होता है. उन्होंने कहा कि नुकसान महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि परिणाम महत्वपूर्ण हैं. जनरल चौहान ने राजनीति और हिंसा सहित युद्ध के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भी युद्ध और राजनीति समानांतर रूप से हो रही थी. उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर द्वारा पहलगाम हमले से कुछ सप्ताह पहले भारत और हिंदुओं के खिलाफ ‘‘जहर उगले जाने’’ का भी उल्लेख किया, ताकि इस बात पर जोर दिया जा सके कि इस्लामाबाद का दृष्टिकोण ‘‘भारत को हजार जख्म देकर लहूलुहान करने का रहा है.

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जनरल चौहान ने कहा कि पहलगाम में जो कुछ हुआ, वह हद दर्जे की क्रूरता थी. उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पीछे सोच यह थी कि पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद पर नकेल कसी जाए और उस देश को भारत को आतंकवाद का बंधक बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. जनरल चौहान ने कहा कि भारत आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं है. भारत के सैन्य हमलों के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी ठिकानों पर बहुत सोच-समझकर सटीक हमले किए।

शत्रुता समाप्त करने पर सहमति की प्रक्रिया को समझाते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 48 घंटे तक जवाबी कार्रवाई करने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना आठ घंटे में ही धराशायी हो गई. उन्होंने भारतीय हमलों के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसके चलते पाकिस्तानी पक्ष ने बातचीत की इच्छा जताई. चौहान ने कहा कि 10 मई की रात करीब एक बजे पाकिस्तान ने 48 घंटे में भारत को शिकस्त देने का लक्ष्य बनाया और कई हमले किए.

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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लगा था कि उसका अभियान 48 घंटे तक चलेगा, लेकिन उसने आठ घंटे में ही हार मान ली और वह बातचीत की इच्छा जताने लगा. जनरल चौहान ने कहा कि, जब पाकिस्तान की ओर से बातचीत और तनाव कम करने का अनुरोध आया तो हमने उसे स्वीकार कर लिया. भारत के समग्र दृष्टिकोण के बारे में उन्होंने कहा, "हमने मानदंड बढ़ा दिए हैं; हमने आतंकवाद को पानी से जोड़ा है, हमने आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की नयी रेखा खींच दी है।

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इंडिया गठबंधन से अलग हुई AAP, सांसद संजय सिंह ने संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए लिखा पत्र

नई दिल्ली: ऑपेरशन सिंदूर के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन से अलग-थलग होकर आम आदमी पार्टी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. वहीं पार्टी ने खुद को इंडिया गठबंधन से अलग कर लिया है. मंगलवार को ही इंडिया गठबंधन की बैठक में इसी मुद्दे पर बैठक कर आगे की रणनीति तय की है. लेकिन, आम आदमी पार्टी इसमें शामिल नहीं हुई. 'आप' ने ऑपरेशन सिंदूर और केंद्र सरकार की ओर से अचानक सीजफायर करने फैसले पर विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है. उनके पत्र में प्रधानमंत्री की ओर से बार-बार देश से संबंधित महत्वपूर्ण चर्चाओं से अनुपस्थित रहने और भारत की संप्रभुता व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम निर्णयों में पारदर्शिता की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है.


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पत्र में संजय सिंह ने पीएम मोदी से कहा है, मैं एक चिंतित सांसद और भारत की जनता की आवाज के रूप में आपको यह पत्र लिख रहा हूं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्टता, नेतृत्व और पारदर्शिता चाहती है. पहलगाम की दुखद घटना के बाद भारतीय सेना ने त्वरित और सराहनीय कदम उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत सीमा पार आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया. यह राष्ट्रीय एकता और सैन्य दृढ़ता का क्षण था.

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बैठक में नहीं आए पीएम: उन्होंने कहा, इसके बाद कुछ गंभीर चिंताएं सामने आई हैं, उनपर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है. पहला, सर्वदलीय बैठक में बार-बार अनुपस्थितिः सरकार ने ऑपरेशन के बारे में राजनीतिक दलों को जानकारी देने के लिए दो सर्वदलीय बैठक कीं. अफसोस की बात है कि दोनों में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद नहीं थे. उनकी अनुपस्थिति को सभी दलों और इससे भी ज्यादा देश की जनता इस महत्वपूर्ण समय में अपने नेता से मजबूत और एकजुट उपस्थिति की उम्मीद करती थी. बैठक में पीएम के उपस्थित न रहने की वजह से सभी को निराशा हुई.

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दूसरा, विदेशी दबाव में अचानक सीजफायर का ऐलान, जब ऑपरेशन सिंदूर तेजी से आगे बढ़ रहा था और भारतीय सेना को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) वापस लेने की मजबूत स्थिति में देखा जा रहा था, तब अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक ट्वीट से सीजफायर की खबर आई. डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान दोनों को व्यापार न करने की धमकी दी, जिसके बाद सीजफायर हुआ. तीसरा प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई जवाब नहीं आया. अमेरिकी राष्ट्रपति के सीजफायर को लेकर आए कई सार्वजनिक बयानों और ट्वीट्स के बावजूद प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई खंडन या स्पष्टीकरण नहीं आया. इस चुप्पी ने कई सवाल खड़े किए हैं और भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जनता का भरोसा खत्म हुआ है.

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संजय सिंह ने कहा कि इन घटनाओं ने 144 करोड़ भारतीयों के मन में सीजफायर के फैसले और सरकार की विदेश नीति के रुख को लेकर सवाल खड़े किए. इस महत्वपूर्ण समय में पारदर्शिता और नेतृत्व की कमी ने हमारी संप्रभुता की छवि को नुकसान पहुंचाया है. इन्हीं सबके मद्देनजर, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर फैसले पर व्यापक जानकारी देने के लिए तुरंत विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि संवैधानिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बहाल हो सके. उन्होंने कहा मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस मौके पर सामने आएं और संसद के जरिए देश को संबोधित करें.

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इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था: उधर, इंडिया गठबंधन की बैठक पर मंगलवार को प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कहा कि इंडिया गठबंधन का गठन विशेष रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए किया गया था. गठबंधन की वजह से विपक्षी दलों को 240 सीटें मिलीं, जोकि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. देश की राजनीति में सबसे बड़ा धोखा वो है जो पर्दे के पीछे खेला जा रहा है. जनता के सामने बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे के विरोधी बनने का नाटक करते हैं, लेकिन असल में दोनों ने आपस में गुप्त गठबंधन कर रखा है.

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ये गठबंधन न वैचारिक है, न सैद्धांतिक: अनुराग ढांडा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी वही बोलते हैं, जो मोदी जी को राजनीतिक रूप से फायदा पहुंचाए. चाहे संसद में चर्चा हो या मीडिया की हेडलाइन, कांग्रेस का हर कदम बीजेपी को लाभ देने वाला होता है और बदले में बीजेपी सरकार गांधी परिवार और कांग्रेस के भ्रष्ट नेताओं को जेल जाने से बचाती है.

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इनकी राजनीति मुद्दे की नहीं: उन्होंने कहा कि यह गठजोड़ सिर्फ़ सत्ता में बने रहने का नहीं, बल्कि देश की जनता को बेवकूफ बनाने का गठबंधन है. ये दोनों दल जनता की बुनियादी ज़रूरतों, जैसे अच्छी शिक्षा, बेहतर अस्पताल, सस्ती बिजली, स्वच्छ पानी की बात नहीं करते, क्योंकि इनकी राजनीति इन मुद्दों से नहीं चलती. इनकी राजनीति झूठ, आरोप-प्रत्यारोप और नफरत पर टिकी हुई है।

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'क्या देश वन नेशन वन सिंदूर की ओर जा रहा ?' ये क्या बोल गए सीएम भगवंत मान

नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भारतीय जनता पार्टी पर ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने सेना के गौरव को राजनीति का विषय बना दिया है, इसलिए इसकी जितनी आलोचना की जाए, वह कम है.जब उनसे पूछा गया कि भाजपा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को घर-घर तक पहुंचाने के लिए सिंदूर बांटने जा रही है, इस पर सीएम ने कहा, "क्या आप उनके (नरेंद्र मोदी) नाम का सिंदूर लगाएंगी, क्या वन नेशन, वन हसबैंड की ओर हम जा रहे हैं ?" हालांकि, भाजपा ने इस तरह के किसी भी प्रचार अभियान की खबर को भ्रामक बताया है. पार्टी ने कहा कि ऐसा कोई भी अभियान नहीं चलाया जा रहा है और न ही इसकी कोई योजना है. पार्टी ने सीएम के दावे को शर्मनाक बताया है.


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आपको बता दें कि पंजाब के लुधियाना वेस्ट में विधानसभा उपचुनाव होना है. यहां से आप और भाजपा दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया है. इसको लेकर दोनों पार्टियों की ओर से बयानबाजी तेज हो गई है. इसी क्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर तंज कसा. भाजपा नेता ने कहा कि सीएम मान ने जिस तरह का बयान जारी किया है, वह भौंडापन है, जिसके लिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. पार्टी ने कहा कि सीएम ने बयान देकर न सिर्फ सैनिकों की विधवाओं का अपमान किया है, बल्कि हरेक शहीद की मां का भी अपमान किया है, उन्होंने देश की हरेक महिला को नीचा दिखाने की कोशिश की है. पार्टी ने कहा कि क्या दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भगवंत मान के बयान का समर्थन करते हैं, इसे स्पष्ट करना चाहिए.

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भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. इस अभियान के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. उसके बाद जब पाकिस्तान ने भारतीय इलाकों पर हमले की कोशिश की, सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तान के कई हवाई अड्डों को तबाह कर दिया. भारत के जवाब से शर्मसार होकर पाकिस्तान ने सीजफायर की अपील कर दी थी।

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Tuesday, June 03, 2025

मां की गोद से मासूम को छीनकर खा गया भेड़िया

बहराइच: 8 महीने बाद फिर से भेड़िए की एंट्री हो गई है। यहां भेड़िया 2 साल के मासूम को मां की गोद से छीनकर खा गया। सोमवार रात 12 बजे मां बच्चे को गोद में लेकर घर में चारपाई पर सो रही थी, तभी भेड़िया अंदर घुस गया।


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बच्चे की गर्दन जबड़ों में दबाकर भागने लगा। बच्चे की चीख सुनकर मां जाग गई। देखा तो भेड़िया बेटे को लेकर भाग रहा था। वह शोर मचाते हुए उसके पीछे दौड़ने लगीं, लेकिन भेड़िया भाग निकला। इसके बाद परिजन और ग्रामीण रातभर खेतों और जंगलों में बच्चे को खोजते रहे। सुबह 5 बजे गांव से दो किमी दूर गन्ने के खेत में बच्चे का शव मिला। उसके दोनों हाथ और एक पैर भेड़िया खा चुका था। लाश देखते ही मां बेहोश हो गई। घरवालों ने पानी के छींटे मारकर उन्हें होश में लाया। ग्रामीणों ने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। पूरा मामला महसी तहसील के गढ़ीपुरवा गांव का है।

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मां ने भेड़िए का पीछा किया, लेकिन अंधेरे की वजह से भाग गया

बच्चे आयुष की मां खुशबू की शादी फखरपुर थाना क्षेत्र के कोठवल कला गांव में हुई है। वह 15 दिन पहले बेटे के साथ मायके गढ़ीपुरवा आई थीं। गर्मी के कारण खुशबू घर के बरामदे में बेटे को गोद में लेकर चारपाई पर लेटी थीं। इसी बीच रात 12 बजे भेड़िया दबे पांव घर में घुस आया और खुशबू की गोद से बच्चे को खींच लिया। जैसे ही उसने बच्चे की गर्दन को जबड़ों में दबाया, मासूम चीख पड़ा। चीखने की आवाज सुनकर खुशबू की आंख खुल गई। देखा तो भेड़िया बेटे को लेकर भाग रहा था। उन्होंने चिल्लाते हुए उसका पीछा किया, लेकिन अंधेरा ज्यादा होने की वजह से भेड़िया खेतों की ओर भाग गया। तब तक घर के बाकी लोग भी बाहर आ गए।

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Monday, June 02, 2025

बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टर और कैंटीन स्टाफ के बीच विवाद, गाली-गलौज का आरोप, जांच के आदेश

वाराणसी: बीएचयू ट्रॉमा सेंटर एक बार फिर विवादों में है। 26 मई को जनरल सर्जरी विभाग में तैनात डॉ. शशि प्रकाश मिश्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे अस्पताल के पीछे बने पेशेंट किचन के बाहर रखी कुर्सी को लात मारते दिखाई दे रहे हैं। इस घटना के बाद कैंटीन मैनेजर और कर्मचारियों से उनका विवाद हो गया, जिसके चलते जातिसूचक शब्दों के प्रयोग और धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।


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घटना ट्रॉमा सेंटर के पीछे की है, जहां से डॉक्टर ओपीडी के लिए शॉर्टकट रास्ते से कैंटीन के पास बने चबूतरे से होकर जाते हैं। आरोप है कि 26 मई की सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच डॉक्टर मिश्रा जब ओपीडी जा रहे थे, तो उन्होंने कुर्सियों को लात मारी। कैंटीन मैनेजर उदय नारायण ने जब उनसे इसका कारण पूछा, तो डॉक्टर ने कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए जातिसूचक गालियां दीं और मारने की धमकी दी।

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उदय नारायण ने कहा कि वे डॉक्टर से विनम्रता से बोले कि यदि रास्ता रोक रही कुर्सी से दिक्कत थी, तो कह देने पर वह हटा देते, लेकिन इस पर डॉक्टर ने जवाब दिया, “Who are you?” और धमकी दी कि “ज्यादा बोलोगे तो तुम्हें भी मार दूंगा।” पीड़ित कैंटीन स्टाफ ने आरोप लगाया कि डॉ. मिश्रा ने कर्मचारियों को लेकर आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया।

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वकील अनुपम द्विवेदी ने बताया कि डॉक्टर की मानसिकता शुरू से ही भेदभावपूर्ण रही है, और अब जब मामला सामने आया है, तो वह हड़ताल की धमकी देकर मामले को भटकाना चाहते हैं। यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि ट्रॉमा सेंटर एक आपातकालीन सेवा स्थल है, जहां किसी भी प्रकार की हड़ताल को अदालत भी अवैध मानती है। इस घटना से जुड़ा सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें डॉक्टर मिश्रा द्वारा कुर्सी को लात मारने की घटना कैद है। लंका थाना पुलिस को दोनों पक्षों से तहरीर प्राप्त हो चुकी है। थाना प्रभारी शिवकांत मिश्रा ने कहा कि यह मामला बीएचयू से जुड़ा है और संवेदनशील है, इसलिए IMS के डायरेक्टर ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की है जो पूरे मामले की जांच कर रही है।

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पेशेंट किचन, जो जनवरी में शुरू हुआ था, ट्रॉमा सेंटर में भर्ती मरीजों को पांच समय नाश्ता, जूस और भोजन उपलब्ध कराता है। कैंटीन मैनेजर और कर्मचारी ट्रॉमा सेंटर की इस सेवा को निःस्वार्थ रूप से संचालित करते हैं। अब पूरा मामला जांच के अधीन है। पुलिस व प्रशासन दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर सीसीटीवी फुटेज और गवाहों की मदद से जांच कर रहे हैं। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि वास्तव में दोषी कौन है, लेकिन इस घटना ने बीएचयू ट्रॉमा सेंटर की आंतरिक व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ हीं समाजवादी पार्टी ने इस वायरल ऑडियो को लेकर यूपी सरकार पर हमला बोल रही है. फिलहाल वायरल ऑडियो की पुष्टि हम नहीं करतें है।

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वहीं, समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर हमला बोला है. पार्टी एक्स पोस्ट कर लिखा है कि "सिंह" दरोगा जी ने अपने मुखबिर से कहा कि 315 यानी देसी कट्टे का जुगाड़ करो "पंडित" जी को बुक करना यानी जेल भेजना है. कोई सबूत चाहिए यूपी में व्याप्त एक जाति विशेष के जातिवाद, आतंकवाद, उग्रवाद, गुंडाराज और सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार के बारे में? मुसलमानों, दलितों, पिछड़ों के साथ साथ ब्राह्मणों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है. यूपी मेंअगर अभी भी भाजपा समर्थक ब्राह्मणों को ये लगता है कि ये योगी सरकार उनकी समर्थक और संरक्षक है तो भारी गलतफहमी में हैं. ये सरकार या भाजपा किसी के सगे नहीं हैं.जिले के एडिशनल एसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच का आदेश दे दिए गए है. जांच के बाद मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।


कट्टे की व्यवस्था करो, पंडित जी को जेल भेजना है, अमेठी दरोगा का ऑडियो वायरल

अमेठी: जिले में एक दरोगा का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस ऑडियो में जिले के मुसाफिरखाना थाने के तैनात एक दरोगा का ऑडियो है. कथित वायरल ऑडियो दरोगा हेम नारायण सिंह और मुखबिर हिमांशु का बताया जा रहा है. इसमें दरोगा एक देसी कट्टा मंगवा कर एक पंडित को जेल भेजने की बात कर रहे हैं. 


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वायरल ऑडियो से साफ प्रतीत होता है कि थाने में बैठे किसी व्यक्ति को पुलिस फर्जी तरीके से जेल भेजना चाह रही है. जानकारी के अनुसार, ऑडियो 7 मई की है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस वायरल ऑडियो को लेकर यूपी सरकार पर हमला बोल रही है. फिलहाल वायरल ऑडियो की पुष्टि हम नहीं करतें है।

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वहीं, समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर हमला बोला है. पार्टी एक्स पोस्ट कर लिखा है कि "सिंह" दरोगा जी ने अपने मुखबिर से कहा कि 315 यानी देसी कट्टे का जुगाड़ करो "पंडित" जी को बुक करना यानी जेल भेजना है. कोई सबूत चाहिए यूपी में व्याप्त एक जाति विशेष के जातिवाद, आतंकवाद, उग्रवाद, गुंडाराज और सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार के बारे में? मुसलमानों, दलितों, पिछड़ों के साथ साथ ब्राह्मणों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है. 

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यूपी मेंअगर अभी भी भाजपा समर्थक ब्राह्मणों को ये लगता है कि ये योगी सरकार उनकी समर्थक और संरक्षक है तो भारी गलतफहमी में हैं. ये सरकार या भाजपा किसी के सगे नहीं हैं.जिले के एडिशनल एसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच का आदेश दे दिए गए है. जांच के बाद मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।

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एटा में 6 महीने की गर्भवती पत्नी की हत्या करके पति फरार; मायकेवालों का आरोप तीसरी शादी के लिए बेटी का गला घोंटकर मार डाला

एटा: जिले में 6 महीने की गर्भवती महिला की लाश संदिग्ध में मिली है. महिला के मायकेवालों ने पति पर ही गला घोंटकर हत्या का आरोप लगाया है. घटना के बाद से ही आरोपी पति फरार है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड के साथ सबूत इकट्ठा किए हैं. मायकेवालों की तहरीर के आधार पर पति के लिए केस दर्ज कर लिया गया है. महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. घटना एटा जिले जैथरा थाना क्षेत्र में नगला डांडे गांव की है.


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जानकारी के मुताबिक, महिला काजल (23) की शादी 2020 में उपेंद्र के साथ हुई थी. उपेंद्र की यह दूसरी शादी थी. पहली शादी काजल की बड़ी बहन पूजा से हुई थी, जिसकी करंट लगने से मौत हो गई. मृतका के मायकेवालों का कहना है कि अब आरोपी की नजर उनकी तीसरी बेटी पर है. इसी वजह से उसने काजल की हत्या कर दी और फरार हो गया. आरोप है कि शादी के बाद से आरोपी पति महिला को मारताा था. तंग आकर वह मायके मोहल्ला चौहट्टा थाना शमसाबाद जनपद फर्रुखाबाद चली गई थी. बीते सोमवार को आरोपी पति ससुराल पहुंचा और ससुरालवालों को समझा-बुझाकर अपनी पत्नी काजल साथ ले आया था.

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पति पर लगा हत्या का आरोप: महिला के मायकेवालों का आरोप है कि पति ने मारा-पीटा और गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया. आरोपी की पहली शादी 2009 में पूजा के साथ हुई थी. पहली पत्नी की मौत के बाद घर-परिवार और बच्चों की परवरिश के लिए पूजा की छोटी बहन काजल से शादी कर दी. आरोप है, कि शादी के बाद से ही पति मारता और प्रताड़ित करता रहता था.

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आरोपी की पहली पत्नी के दो बच्चे: आरोपी के दो बच्चे हैं. एक सात वर्ष की और दूसरी बच्ची पांच वर्ष की है. मृतका की छोटी बहन रानी की शादी आरोपी के छोटे भाई से हुई है. रानी ने बताया कि मेरी बहन की हत्या उसके पति उपेंद्र ने की है. पहली पत्नी की भी इसने हत्या कर दी थी. अब मेरी 10 वर्ष की छोटी बहन नैना है, उससे शादी करना चाहता है. आए दिन मारता-पीटता था और प्रताड़ित करता था. शनिवार को शाम को हमारे गांव में दावत थी. तब काजल ने अपनी आपबीती बताई थी. वह भूखी थी, तो मैंने उससे दावत खाने चलने के लिए कहा. उसने मना कर दिया और जब मैं वापस लौटी तो वह बेड पर मृत पड़ी हुई मिली. पति ने मारा और भाग गया. शरीर पर चोट के निशान हैं.

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पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार: मृतका के भाई गौरव ने बताया कि मेरी बहन को भी आरोपी पहले भी मार चुका है. तब लोगों के समझाने बुझाने पर हम लोगों ने अपनी छोटी बहन की शादी कर दी थी. आज उसने हत्या कर दी. थाना प्रभारी शंभूनाथ ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है. मृतका का शव बेड पर मिला है. मौके पर डॉग स्क्वाड और फील्ड यूनिट को बुलाया गया. पीएम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु का कारण स्पष्ट हो पाएगा. पहली पत्नी की भी करेंट लगने से मौत हो चुकी है।

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Sunday, June 01, 2025

डीएम ने की एमओयू क्रियान्वयन और औद्योगिक विकास की समीक्षा, बोले, स्वीकृतियों के निस्तारण में देरी बर्दाश्त नहीं

वाराणसी: जिले में निवेश को गति देने और औद्योगिक विकास की राह को सुगम बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद स्तरीय एमओयू क्रियान्वयन इकाई और जिला स्तरीय उद्योग समिति की बैठक संपन्न हुई। जिलाधिकारी ने निवेशकों के एमओयू से संबंधित एनओसी, अनापत्ति प्रमाण पत्र, राजस्व प्रकरण, स्वीकृतियां आदि का निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर तत्परता से करने के निर्देश दिए, ताकि परियोजनाएं समय पर स्थापित हो सकें। 


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बैठक में जीबीसी रेडी श्रेणी की 46 प्रक्रियाधीन परियोजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की गई, जिनमें 5,683.43 करोड़ रुपये का निवेश और 11,992 रोजगार सृजन की संभावना है। मेसर्स रूद्रा रियल एस्टेट प्रा. लि., मेसर्स अरविन्द लि., मेसर्स इथोरिका प्रा. लि., मेसर्स काशी आनंदम स्पिरिचुअल वेलनेस वैदिक विलेज एलएलपी, मेसर्स एन.आई.पी. हाउसिंग प्रा. लि., मेसर्स बनारस होटल लिमिटेड, मेसर्स अपोलो सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, मेसर्स ओ.डब्लू.एम. लॉजिस्टिक्स पार्क वाराणसी एलएलपी, रोमा बिल्डर्स आदि परियोजनाओं के लिए भूमि विनिमय, मानचित्र, विद्युत कनेक्शन और विभिन्न विभागों की अनापत्तियों/एनओसी की गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को इनका त्वरित निस्तारण करने और 15 कार्यदिवसों के भीतर पुनः समीक्षा करने के निर्देश दिए।

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निवेश और औद्योगिक विकास के निर्देश

जिलाधिकारी ने बड़े निवेश से संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे परियोजनाओं को सूचीबद्ध कर निवेश सारथी पोर्टल पर इंटेंट दाखिल करें और एमओयू निर्गत कराएं, ताकि सक्षम स्तर से समीक्षा हो सके। उद्योग बंधु की बैठक में औद्योगिक आस्थान, चांदपुर में साफ-सफाई और कूड़ा उठान के लिए नगर निगम को तार्किक दरों पर विचार करने का निर्देश दिया गया। अवैध ईंट भट्ठों को बंद करने के लिए उप जिलाधिकारी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को शासन के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।

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उद्यमियों की समस्याओं का समाधान

उद्यमियों द्वारा उठाए गए नए मुद्दों जैसे कृषि उत्पादन मंडी समिति की पोर्टल कार्यप्रणाली में सुधार, औद्योगिक आस्थान के दो पार्कों का रखरखाव द स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को सौंपने, विद्युत कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या, और ट्रकों की अवैध पार्किंग का तत्काल समाधान करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। निवेश मित्र पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की समीक्षा कर क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा, सीनियर हाइड्रो जियोलॉजिस्ट भू-गर्भ जल विभाग, और ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को निस्तारण के लिए कहा गया। औद्योगिक आस्थान, चांदपुर और महेशपुर में नियमित पुलिस पेट्रोलिंग और अवैध गुमटियों को हटाने के लिए उप जिलाधिकारी, सदर को निर्देश दिए गए।

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बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, उप जिलाधिकारी सदर/राजातालाब रंजन सिंह, अपर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय मोहन कुमार शर्मा, उपायुक्त उद्योग, राजेश भाटिया (आईआईए), राजेश सिंह (लघु उद्योग भारती) और अन्य निवेशक/उद्यमी उपस्थित रहे।



Saturday, May 24, 2025

लखनऊ CBI कार्यालय में हमला: ASI वीरेंद्र सिंह पर धनुष-बाण से वार, आरोपी हिरासत में

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कार्यालय में आज सुबह एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब गार्ड ड्यूटी पर तैनात एएसआई वीरेंद्र सिंह पर एक व्यक्ति ने धनुष-बाण से हमला कर दिया। घटना करीब 11:15 बजे की है।



सूचना मिलते ही थाना हजरतगंज पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल घायल एएसआई को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।


पुलिस ने इस मामले में तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस द्वारा अन्य आवश्यक कानूनी कार्यवाहियां भी तेजी से की जा रही हैं।


यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है, खासतौर पर ऐसे समय में जब हाई-सिक्योरिटी जोन में इस तरह का हमला होना चिंता का विषय है।

Thursday, May 22, 2025

एक लाख का इनामिया बदमाश ज्ञानचंद्र पासी मुठभेड़ में ढेर; गोंडा, बहराइच और बाराबंकी में था मोस्ट वांटेड

बाराबंकी: बुधवार को यूपी के बाराबंकी में एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान गोंडा जिले के रहने वाले शातिर अपराधी ज्ञानचंद्र पासी को मार गिराया. ज्ञान चंद पासी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था. इसके ऊपर विभिन्न धाराओं में गोंडा, बहराइच और बाराबंकी जिले में विभिन्न धाराओं के 70 मुकदमे दर्ज हैं.


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गोंडा जिले के नए पुरवा मौजा राजापुर निवासी ज्ञानचन्द्र पासी बहुत ही शातिर था. वह गोंडा जिले के थाना उमरी बेगमगंज में इसी साल हुई एक हत्या के मामले में वांछित चल रहा था. बुधवार को रामनगर थाना क्षेत्र के चौकाघाट के नजदीक एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में ज्ञानचन्द्र पासी बुरी तरह जख्मी हो गया.

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उसे जिला अस्पताल लाया गया. वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एसटीएफ को उसके कब्जे से एक अवैध पिस्टल 32 बोर, एक राइफल, 315 बोर और एक 12 बोर की बंदूक एवं भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुई. इसी वर्ष 24/25 अप्रैल की रात एक घर मे डकैती के दौरान उसने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसी मामले में यह फरार चल रहा था और पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था.

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रामनगर थानाध्यक्ष अनिल पांडे ने बताया कि एसटीएफ और बदमाश ज्ञानचन्द्र पासी के बीच रामनगर थाने के लहडरा मोड़ लोहटी जई के जंगल के पास मुठभेड़ हुई. इसमें बदमाश बुरी तरह घायल हो गया. उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया. वहां उसकी मौत हो गई।

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कोचिंग से लौट रही लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के बाद उसकी नृशंस हत्या करने के दोषी को मौत की सजा

फतेहपुरः एक दिल दहला देने वाले मामले में जिला कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. 19 साल की युवती से दुष्कर्म के बाद उसकी नृशंस हत्या के मामले में मुख्य आरोपी अजय उर्फ शीलू दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. जबकि उसके दो सहयोगियों को सात-सात साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है. वारदात के करीब 3 साल बाद जज अशोक कुमार ने फैसला सुनाया है.


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जंगल में मिला था शवः पीड़ित पक्ष के वकील महेंद्र सिंह के मुताबिक, 30 मई 2022 टीईटी छात्रा कोचिंग से लौट रही थी. इसी दौरान 2 युवकों ने उसका किडनैप कर लिया. फिर खैराबाद के जंगल में ले जाकर उसके साथ दरिंदगी की. विरोध करने पर पहले उसे बेरहमी से पीटा और फिर गला दबाकर हत्या कर दी और भाग गए. छात्रा का शव जहानाबाद थाना क्षेत्र के खैराबाद गांव के जंगल से बरामद हुआ था.

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युवती के शरीर में मिले थे 24 जगह गंभीर चोटः पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में युवती के शरीर पर 24 गंभीर चोटों के निशान पाए गए थे. छात्रा कानपुर नगर की रहने वाली थी और जहानाबाद में कोचिंग पढ़ने आती थी. अजय उर्फ शीलू ने अपने दोस्त कानपुर के बौहारा निवासी छोटू उर्फ अवनीश सोनकर के साथ मिलकर उसका रेप कर हत्या की थी. घटनास्थल के पास युवती का बैग मिला था. जिसमें कॉपी-किताबें थीं. वहीं, उसकी साइकिल पुलिस को घटनास्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर मिली थी.

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छात्रा के ही गांव का मुख्य दोषी अजयः अजय, छात्रा के ही गांव का रहने वाला था. वह उसे पहले से जानता था. छात्रा का गांव फतेहपुर जिले से सटा हुआ है. अजय ने जहां वारदात की, वह जगह छात्रा के घर से 1 किलोमीटर दूर है. रेप और हत्या के बाद अजय, जहानाबाद थाना क्षेत्र के द्वारिकापुर गांव में अपने रिश्तेदार के घर पहुंचा था. वहां माया देवी पत्नी चंद्रशेखर ने उसके खून से सने कपड़े और अन्य सबूत नष्ट करने में मदद की.

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दो दोषियों को 7-7 साल की सजाः मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट एडीजे एफटीसी-1 की अदालत में हुई. सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर जज अशोक कुमार ने अपना फैसला सुनाया. मुख्य दोषी अजय को फांसी के साथ 81000 रुपये की सजा दी गई. वहीं, अवनीश और माया देवी को 7-7 साल की सजा के साथ 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जज अशोक कुमार ने सजा सुनाते हुए कहा कि ऐसे अपराध के लिए सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. जिससे समाज में मैसेज जाए कि इस तरह की घटना में फांसी से कम कुछ नहीं है.

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3 साल में पीड़ित परिवार मिला न्यायः छात्रा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी की हत्या के मामले में आज बुधवार को को कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई. इस फैसले से वह बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा इस फैसले से उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिली है. घटना के बाद से वह लगातार हर तारीख पर कोर्ट में हाजिर होते रहे, ताकि बेटी को इंसाफ मिल सके. कोर्ट के इस फैसले से पूरा परिवार संतुष्ट है. पीड़ित पक्ष के वकील महेंद्र सिंह ने कहा कि न्यायालय के फैसले से परिजन सन्तुष्ट हैं।

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डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभी से शुरू कर दें तैयारी - मुख्यमंत्री

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-19 के नवीनतम उपवेरिएंट JN.1 से संबंधित वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए प्रदेश में कोविड-19 की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण को लेकर चिंता जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।


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मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर कोई नई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। फिर भी थाईलैंड, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में JN.1 उपवेरिएंट के चलते संक्रमितों की संख्या में हुई वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में भी सतत निगरानी आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और स्वास्थ्य इकाइयां अलर्ट मोड में रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की पिछली लहरों के दौरान जिला अस्पतालों में बनाए गए 10-10 बेड के आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन प्लांट जैसी अधोसंरचनाओं को स्थायी रूप से क्रियाशील रखा जाए। इन सुविधाओं की नियमित टेस्टिंग और आवश्यकतानुसार रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली से जुड़े अन्य कार्यों में भी प्रशिक्षित कर प्रभावी रूप से उपयोग में लाया जाए, क्योंकि कोविड-19 के दौरान इनकी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है।

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मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों की रोकथाम के संबंध में भी संबंधित विभागों को अलर्ट करते हुए कहा कि डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे मौसमी रोगों से निपटने के लिए अभी से तैयारियां प्रारंभ कर दी जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन को समन्वित ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंत में स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार कोविड समेत सभी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार एवं प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा राज्य का स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह सजग और सक्षम है।

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यूपी पुलिस में तैनात पति-पत्नी को एक ही जिले में मिलेगी पोस्टिंग, डीजीपी ने जारी किया आदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में कार्यरत पति-पत्नी अब एक ही जिले में साथ में सेवा दे सकेंगे. पुलिस महानिदेशक (DGP) की ओर से जारी आदेश के अनुसार, ऐसे पुलिसकर्मी जो पति-पत्नी हैं और वर्तमान में अलग-अलग जिलों में तैनात हैं, उन्हें अब एक ही जिले में तैनाती दी जाएगी. यह व्यवस्था अनुकंपा और निजी खर्च के आधार पर लागू की गई है.


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इन्हें मिलेगा लाभ

इस आदेश के तहत सिपाही, सब-इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को लाभ मिलेगा. आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर पति-पत्नी दोनों उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत हैं और अलग-अलग स्थानों पर ड्यूटी कर रहे हैं, तो उनके अनुरोध पर उन्हें एक ही जिले में समायोजित किया जाएगा, ताकि वे पारिवारिक जीवन संतुलित रूप से जी सकें.

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लंबे समय से थी मांग

पुलिस मुख्यालय से जारी पत्र में कहा गया है कि कई दंपति पुलिसकर्मियों ने लंबे समय से एक ही जिले में पोस्टिंग की मांग की थी, जिसे अब मंजूरी दी गई है. यह फैसला विभागीय कार्यक्षमता बनाए रखते हुए पुलिसकर्मियों के मानसिक तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है. डीजीपी कार्यालय ने सभी जोनों और रेंज स्तर के अधिकारियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं.

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Wednesday, May 21, 2025

गोंडा में एनकाउंटर; 1 लाख का इनामी सोनू पासी मुठभेड़ में मारा गया, हत्या-डकैती समेत 53 मुकदमे थे दर्ज

गोंडा:  यूपी के गोंडा जिले में पुलिस ने लंबे समय से फरार शातिर अपराधी सोनू पासी उर्फ भूरे को मुठभेड़ में मार गिराया. उसके ऊपर 1 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. पुलिस को उसके पास से बिना नंबर प्लेट की बाइक, एक अवैध 32 बोर पिस्टल, एक तमंचा, 315 बोर और कुछ कारतूस भी मिले हैं. उमरीबेगमगंज थाना, खोड़ारे पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम को बड़ी कामयाबी मिली है।


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19 मई की रात पुलिस को सूचना मिली कि बदमाश सोनू पासी बाइक से सलोनी मोहम्मदपुर बंधा की तरफ आ रहा है. पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन सोनू ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया और इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई. मुठभेड़ में एक गोली थाना प्रभारी के बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी, जिससे वह बाल-बाल बच गए।

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वहीं, पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि 24/25 अप्रैल की रात चोरी के दौरान बदमाश युवक के घर में घुसे थे. जगने पर युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में शामिल सोनू पासी की पुलिस तलाश कर रही थी. बता दें कि उमरीबेगमगंज क्षेत्र के पूरे तिलक धन्नीपुरवा डिक्सिर गांव में चोरी के प्रयास के दौरान बदमाशों ने एक ग्रामीण को गोली मार दी थी. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर घटना के अनावरण के लिए पुलिस की 3 टीमें गठित की गई थीं. 8/9 मई की रात तीन बदमाशों को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया गया, जबकि सोनू पासी तब से फरार था।

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 सोनू पासी उर्फ भूरे का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा है. उस पर हत्या, डकैती, गैंगस्टर, एनडीपीएस, आर्म्स एक्ट समेत कुल 53 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं. जनपद गोंडा के अलावा बहराइच व बस्ती जिले में भी सक्रिय रहा है. उसके खिलाफ गोंडा पुलिस पहले ही गैंगस्टर की कार्रवाई कर चुकी थी। अपराधियों पर सख्ती के लिए चलाए जा रहे अभियान में पुलिस की यह बड़ी सफलता मानी जा रही है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल के निर्देश और अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी के पर्यवेक्षण में हुई इस कार्रवाई की सराहना की गई। अवैध सामानों की बरामदगी में एक एचएफ डीलक्स मोटरसाइकिल (बिना नंबर प्लेट), एक 32 बोर पिस्टल मय खोखा कारतूस, एक तमंचा 315 बोर मय खोखा कारतूस पुलिस के द्वारा बरामद किया गया।

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एवरेस्ट फतह कर गीता समोटा ने रचा इतिहास, CISF की पहली महिला अधिकारी बनीं 'सागरमाथा' विजेता

जयपुर: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की महिला उपनिरीक्षक गीता समोटा ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,849 मीटर) पर सफल चढ़ाई कर इतिहास रच दिया है. वे यह उपलब्धि हासिल करने वाली CISF की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं. यह चढ़ाई उन्होंने सोमवार, 19 मई की सुबह पूरी की, जब वे 'दुनिया की छत' पर खड़ी थीं. यह क्षण केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि पूरे भारत और विशेष रूप से CISF बल के लिए गौरव का प्रतीक बन गया।


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राजस्थान के सीकर जिले के चक गांव से ताल्लुक रखने वाली गीता समोटा चार बहनों वाले एक साधारण परिवार से आती हैं. पारंपरिक ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी गीता ने स्कूली और कॉलेज शिक्षा स्थानीय संस्थानों से प्राप्त की. वह बचपन से ही खेलों में रूचि रखने वाली गीता एक होनहार हॉकी खिलाड़ी थीं, लेकिन एक गंभीर चोट ने उनका खेल करियर बीच में रोक दिया. उसी मोड़ ने उन्हें एक नई राह पर ले जाने का रास्ता खोला, जो उन्हें सीआईएसएफ और फिर पर्वतारोहण की ऊंचाइयों तक ले गया. साल 2011 में CISF में शामिल होने के बाद गीता ने देखा कि बल में पर्वतारोहण की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ था. इस चुनौती को उन्होंने एक अवसर के रूप में लिया. साल 2015 में उन्हें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के औली स्थित संस्थान में पर्वतारोहण की बेसिक ट्रेनिंग के लिए चुना गया, जहां वे अपने बैच की एकमात्र महिला थीं. इसके बाद 2017 में उन्होंने उन्नत पर्वतारोहण प्रशिक्षण पूरा किया और यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली CISF कर्मी बनीं।


गीता समोटा की पर्वतारोहण यात्राएं यहीं नहीं रुकीं. साल 2019 में उन्होंने उत्तराखंड की माउंट सतोपंथ (7,075 मीटर) और नेपाल की माउंट लोबुचे (6,119 मीटर) पर चढ़ाई की और CISF की पहली महिला पर्वतारोही बनीं, जिसने यह उपलब्धि हासिल की. साल 2021 में एवरेस्ट के लिए CISF का एक अभियान रद्द हो गया, लेकिन गीता ने हार नहीं मानी और 'सेवन समिट्स' की चुनौती को अपना अगला लक्ष्य बना लिया।


गीता ने ऑस्ट्रेलिया की माउंट कोसियस्जको, रूस की माउंट एल्ब्रस, तंजानिया की माउंट किलिमंजारो और अर्जेंटीना की माउंट एकॉनकागुआ पर सफल चढ़ाई कर मात्र छह महीने और 27 दिनों में चार महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियों को फतह किया. यह उन्हें भारत की सबसे तेज 'सेवन समिट्स' पर्वतारोही महिलाओं में शामिल करता है. इसके अलावा लद्दाख में तीन दिन में पांच चोटियां फतह कर उन्होंने एक और अनूठा गीता समोटा को दिल्ली महिला आयोग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय सहित कई संस्थानों से सम्मानित किया जा चुका है।

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गीता कहती हैं कि "पहाड़ सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं, वे स्त्री और पुरुष के आधार पर भेदभाव नहीं करते. केवल वही लोग इन ऊंचाइयों को छू सकते हैं, जिनके भीतर एक खास 'एक्स-फैक्टर' होता है. उनकी यह सोच आने वाली पीढ़ियों के लिए न केवल प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि लैंगिक समानता और आत्मबल का संदेश भी देती है. सीआईएसएफ ने भी उनके प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाई है. युवा लड़कियों के लिए उनका संदेश स्पष्ट और सशक्त है "बड़े सपने देखो, मेहनत करो और कभी हार मत मानो". उनकी यह सोच एक प्रेरणा है, जो असंभव को संभव में बदलने की शक्ति देती है. उनकी ऐतिहासिक सफलता से प्रेरित होकर सीआईएसएफ अब वर्ष 2026 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए एक पूर्णतः समर्पित सीआईएसएफ पर्वतारोहण दल भेजने की योजना बना रहा है. सीआईएसएफ के महानिदेशक सहित बल के सभी अधिकारियों ने महिला उपनिरीक्षक गीता समोटा को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी है.

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गौरतलब है कि गीता समोटा की सफलता से प्रेरित होकर CISF अब 2026 में एक पूर्ण रूप से समर्पित पर्वतारोहण दल को एवरेस्ट भेजने की योजना बना रहा है. यह अभियान न केवल संगठन की नई दिशा को रेखांकित करेगा, बल्कि यह दिखाएगा कि महिला अधिकारी किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हैं। CISF के महानिदेशक और बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने गीता को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है और इसे पूरे बल के लिए गौरव का क्षण बताया है।

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पुणे में वरिष्ठ खगोलशास्त्री जयंत नार्लीकर का निधन, विज्ञान जगत में शोक की लहर

पुणे: प्रख्यात खगोलशास्त्री और विज्ञान लेखक प्रोफेसर जयंत विष्णु नार्लीकर का आज पुणे स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वे 86 वर्ष के थे. उनके निधन से पूरे वैज्ञानिक समुदाय और साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. प्रोफेसर नार्लीकर न केवल एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक थे, बल्कि एक लोकप्रिय विज्ञान लेखक और शिक्षाविद भी थे। 2021 में नासिक में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष रहे नार्लीकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से भारत लौटने के बाद उन्होंने पुणे में प्रतिष्ठित 'आयुका' (आर्यभट्टक प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान संस्थान) की स्थापना की, जो खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है।



जयंत नार्लीकर का जन्म एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था. उनके पिता, रैंगलर विष्णु वासुदेव नार्लीकर, एक प्रसिद्ध गणितज्ञ थे और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के गणित विभाग के प्रमुख थे. उनकी मां, सुमति विष्णु नार्लीकर, संस्कृत की विदुषी थीं. नार्लीकर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी में प्राप्त की और बाद में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की. अपने पिता की तरह, उन्होंने प्रतिष्ठित रैंगलर की उपाधि भी हासिल की और खगोल विज्ञान में टायसन पदक जीता.


उन्होंने मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के खगोल विज्ञान विभाग के प्रमुख और पुणे में 'आयुका' के निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। नार्लीकर ने विज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने मराठी में कई विज्ञान कथाएं लिखीं, जिन्होंने बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा की. उनकी पुस्तकें न केवल मनोरंजक थीं, बल्कि विज्ञान की जटिल अवधारणाओं को सरल भाषा में समझाने में भी सफल रहीं।


खगोलशास्त्री लीना आयुस्का ने डॉ. जयंत नार्लीकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों और इस क्षेत्र में करियर बनाने वालों के लिए एक आदर्श थे. उन्होंने कहा, "डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही और खगोल विज्ञान में करियर बनाने वालों के लिए एक आदर्श थे. हमने उनके बारे में दो पीढ़ियों से सुना है. हमने उनकी किताबें पढ़ी हैं. डॉ. नार्लीकर भारत की पहली पीढ़ी के खगोलशास्त्री थे. उन्होंने एक लेखक के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. वह पुणे विद्यापति के कुलपति थे. 


एक शिक्षाविद् और लेखक के रूप में उनका मेरे बेटे पर बहुत अच्छा प्रभाव था. मैं उनसे बिना अपॉइंटमेंट लिए आयुका में मिल सकता था. हम एलियंस और अन्य विज्ञान विषयों पर चर्चा करते थे. उन्होंने मुझे प्रेरित किया. मैं एक खगोलशास्त्री बन गया. उनका स्वभाव बहुत शांत था, चेहरा हमेशा मुस्कुराता रहता था. वे एक संतुष्ट व्यक्ति थे."
सम्मान और पुरस्कार: पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित जयंत नार्लीकर का निधन भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनके वैज्ञानिक योगदान, शिक्षा के प्रति समर्पण और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा। प्रोफेसर नार्लीकर अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती रहेगी. उनका निधन भारतीय विज्ञान जगत के लिए एक गहरा आघात है, जिसकी भरपाई करना मुश्किल होगा।

Tuesday, May 20, 2025

दुनिया के सबसे बड़े बुलडोजर अभियान का दूसरा चरण अहमदबाद में शुरू

अहमदाबाद: दुनिया के सबसे बड़े बुलडोजर अभियान का दूसरा चरण अहमदाबाद में शुरू हो चुका है। इस अभियान में अवैध रूप से बसे बांग्लादेशियों की बस्ती को किया जाएगा ध्वस्त। इस अभियान में 60 से अधिक जेसीबी और 40 क्रेन लगाये गये है। साथ ही 3,000 से पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद हैं। इसमें करीब 2.5 लाख वर्ग मीटर से अधिक अमीन पर बसे घुसपेठियो के क्षेत्र को समतल किया जा रहा है।



इससे पहले 29 और 30 अप्रैल को इस अभियान का पहला चरण शुरू हुआ था। इस दौरान लगभग 3 हजार अवैध मकानों को गिराया गया था। 


इन 3000 घरों में ज्यादातर अवैध बांग्लादेशी नागरिक रह रहे थे. अब दूसरे चरण में लगभग ढाई हजार घरों को गिराने का टारगेट है।


संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) शरद सिंघल ने कहा, 'आज से दूसरा चरण प्रारंभ हुआ है। मौके पर मौजूद सभी वरिष्ठ अधिकारीयों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जनता भी हमें सहयोग देगी।

पुंछ में 18 दहशतगर्दों और मददगारों के घर-ठिकानों पर छापा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त

जम्मू-कश्मीर: पुलिस व सेना ने पुंछ जिले में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए रविवार को बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। पुलिस की कई टीमों ने सेना व एसओजी की मदद से जिले में 18 आतंकी आकाओं व आतंकी मददगारों के घरों पर छापे मारे। इस कार्रवाई में कई घरों की तलाशी लेने के दाैरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।


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पुलिस के अनुसार, ये स्थानीय आतंकी हैंडलर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बैठकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। जिले में नियंत्रण रेखा से सटी मंडी तहसील के सावजियां सेक्टर व छंबर किनारी क्षेत्र में एएसपी मोहन शर्मा की अगुवाई में पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और सेना ने तलाशी अभियान चलाया। क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के उस पार बैठे स्थानीय आतंकियों और मददगारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके घरों व ठिकानों को खंगाला गया।

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हालांकि, इस ऑपरेशन के दौरान किसी को गिरफ्तार करने की सूचना नहीं है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई सरकार की आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ शुरू की गई जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। हालांकि, जिन आतंकवादियों और आतंकी मददगारों के घरों को खंगाला गया है, उनके सुरक्षा एजेंसियों ने नाम उजागर नहीं किए हैं।