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Thursday, November 28, 2024

वाराणसी को टीबी मुक्त बनाने को स्वास्थ्य विभाग दृढ़ संकल्पित- सीएमओ

वाराणसी: प्रधानमंत्री द्वारा टीबी मुक्त पंचायत एवं फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य 2025 तक ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाना है। इस क्रम में मास्टर ट्रेनर के रूप में जनपद के सभी एचइओ और एसटीएस को पूर्व में प्रशिक्षित किया जा चुका है यह मास्टर ट्रेनर टीबी मुक्त पंचायत और फैमिली केयर गिवर कार्यक्रम के अंतर्गत 21 नवम्बर से अपने-अपने ब्लॉक पर सभी ग्राम प्रधान एवं सचिव को प्रशिक्षित कर रहे हैं| इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पंचायतीराज विभाग मिलकर कार्य करेंगे. उसके बाद ग्राम प्रधान अपनी-अपनी ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त होने का दावा प्रस्तुत करेंगे। 


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यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष में ग्राम पंचायत टीबी मुक्त होने पर उस ग्राम पंचायत को ब्रोंज रंग, दूसरे वर्ष लगातार ग्राम पंचायत टीबी मुक्त होने पर सिल्वर रंग तथा लगातार तीसरे वर्ष ग्राम पंचायत टीबी मुक्त होने पर गोल्ड रंग की महात्मा गांधी की प्रतिमा एवं प्रमाण पत्र जिला अधिकारी के द्वारा दिया जायेगा।

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जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि यह प्रशिक्षण पंचायतीराज विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से हरहुआ और पुवारीकला, काशीविद्यापीठ के अंतर्गत बीआरसी केसरीपुर, सीएचसी मिसिरपुर तथा बडागांव में हो चुका है| वर्ष 2023 में 46 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की जा चुकी हैं. टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने के लिए सबसे पहले पंचायत की शुरुआती बैठक करना है, टीबी मुक्त पंचायत करने की तैयारी, ग्राम पंचायत को अपना टीबी मुक्त पंचायत का दावा ब्लॉक पंचायत के माध्यम से जिला क्षय रोग अधिकारी के सामने करना होगा। 

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जिला टीम द्वारा दावों का सत्यापन टीबी मुक्त पंचायत की घोषणा और अंत में प्रमाण पत्र जारी करना होगा। टीबी मुक्त पंचायत हेतु  ग्राम पंचायत में एक हजार की आबादी पर कम से कम 30 संभावित टीबी के मरीजों की जांच होगी, ग्राम पंचायत में एक हजार की आबादी पर एक या एक से कम टीबी का मरीज होना चाहिये, मरीज की यूडीएसटी, निक्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी का भुगतान एवं मरीज निक्षय मित्र द्वारा गोद लेकर पोषण पोटली से आच्छादित होना चाहिए।

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Monday, November 25, 2024

पत्नी की लाश को ट्राली से लेकर घर पहुंचा पति


मऊ: घोसी कोतवाली क्षेत्र के दादनपुर निवासी अधेड़ महिला का बलिया जिले के नगरा में इलाज के दौरान मौत हो गई। उधर, गरीबी में पत्नी की मौत के बाद उसका पति ने मदद की उम्मीद को लेकर लोगों से अपील की, लेकिन कोई सहायता न मिलने पर वह अपनी पत्नी के शव को ठेले पर लादकर 50 किमी दूर अपने पैतृक गांव के करीब पहुंचा था। इस बीच, इसकी सूचना मिलने पर घोसी पुलिस ने शव को शववाहिका से भिजवाने के साथ अंतिम संस्कार कराने का पूरा खर्च उठाया। 


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बताया जा रहा है कि घोसी कोतवाली क्षेत्र के दादनपुर अहिरौली निवासी गुलाबचंद्र मजदूरी कर अपनी बीमार पत्नी चंद्रमी का उपचार करा रहे थे। बेहतर उपचार की आस में शनिवार को वह अपनी पत्नी के साथ बलिया जिले के नगरा में पहुंचा था,जहां वह डाॅक्टर के बजाए झांड़-फूक के चक्कर में पड़ गया, जहां देर शाम उसकी बीमार पत्नी की मौत हो गई।

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पत्नी की मौत के बाद उसने कोशिश की वह अपनी उसके शव को किसी वाहन से घोसी ले जा सके, लेकिन उसके पास रुपये न होने पर उसने पहले मदद की मांग की, लेकिन नाउम्मीद होने पर वह ठेले से शनिवार की रात 12 बजे अपनी पत्नी के शव को घोसी के लिए निकल गया।

रविवार की सुबह वह 11 बजे जब घोसी कोतवाली क्षेत्र के रघौली के करीब पहुंचा था घोसी पुलिस को इसकी सूचना मिली। जिस पर पहुंची पुलिस ने जब वृद्ध गुलाबचंद्र से जानकारी ली तो उन्हें वाकया पता चला। जिसके बाद शव को ठेले से हटवाकर शव वाहिका से उसके पैतृक गांव भेजवाने के साथ अंतिम संस्कार के लिए मदद की।

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ऐसन दिन केहू न देख साहब लोगन

अपनी पत्नी को खो चुके गुलाबचंद्र ने बताया कि उनकी चार संतान है, लेकिन वह इस बुढ़ापे में हमसे अलग रहते हैं। वह ही मजदूरी करके अपना और अपनी पत्नी का भरण पोषण करते हुए बीमार पत्नी का उपचार करा रहा था। चिकित्सकों से इलाज कराने के दौरान उसे एक ने झाड़ फृूक से बीमार पत्नी के ठीक होने के बात सुनकर वह एक आस में नगरा पहुंचा था। लेकिन किस्मत ने उसके साथ धोखा दे दिया।

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Friday, November 22, 2024

मार्निंग वॉक करने वालों के इंतजार की घडिया ख़त्म, 1 दिसंबर से सिगरा स्टेडियम में कर सकेंगे जॉगिंग

वाराणसी: डॉ सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में मार्निंग वॉक करने वाले लोगों की इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही है। आगामी 1 दिसंबर से स्टेडियम में मार्निंग वॉकर्स की एंट्री शुरू हो जाएगी। RSO विमला सिंह ने बताया- स्टेडियम में मार्निग वॉक को लेकर हम प्रयासरत हैं। वॉकिंग ट्रैक बनकर तैयार है। जल्द ही इस पर काशीवासी जॉगिंग कर सकेंगे।


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सिगरा स्टेडियम में 2019 से बंद है मार्निंग वॉक

वाराणसी शहर के बीचों-बीच स्थित सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम के निर्माण कार्य के शुरू होने के बाद यहां आम लोगों की इंट्री पर बैन लग गया था। अब एक बार फिर प्रधानमंत्री के उद्घाटन के बाद स्टेडियम में चहल-पहल शुरू हो गई है। स्विमिंग, बॉक्सिंग और कुश्ती के बाद अब यहां आगामी 1 दिसंबर से मॉर्निंग वॉक की भी अनुमति मिल सकती है। खेल निदेशालय इसकी तैयारी में लगा हुआ है।

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मार्निंग वाकर्स के लिए 1 दिसंबर से खोलने का प्लान

आरएसओ डॉ विमला सिंह ने बताया- हमने मार्निंग वाकर्स के लिए एक दिसंबर से स्टेडियम खोलने की योजना बनाई है। स्टेडियम में बने ट्रैक पर उन्हें जॉगिंग की अनुमति मिलेगी। इसके अलावा ओपन जिम का वो इस्तेमाल कर पाएंगे साथ ही वहां ओपन योग एरिया में वो योग कर सकेंगे। हमने तैयारी पूरी कर ली है। धीरे-धीरे प्रक्रिया जारी है।

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300 रुपए प्रतिमाह में कोई भी बन सकता है सदस्य

RSO ने बताया- स्टेडियम में मार्निग वॉक करने के लिए कोई भी 300 रुपए प्रतिमा का रजिस्ट्रेशन करवाकर गेट पास प्राप्त कर सकता है। इसकी कोई लिमिट नहीं है कि बस 500 या हजार लोगों को अनुमति होगी। इसमें कोई भी आकर मार्निंग वॉक रजिस्ट्रेशन करवा कर कर सकता है।

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Monday, November 18, 2024

1500 औषधी आधारित पौधो एवं 1000 लोगो को आंवला एवं श्रीफल के मुरब्बे का बैरवन एवं मोहनसराय गांव में हुआ वितरण

वाराणसी: दिनांक 17 नवम्बर 2024 को सायं 4 बजे से प्रबोधिनी फाउण्डेशन के तत्वावधान में प्रबोधिनी फाउण्डेशन के महासचिव विनय शंकर राय "मुन्ना" के नेतृत्व में बैरवन डीह बाबा मंदिर मैदान, पंचायत भवन, हनुमान मंदिर, मोहनसराय तालाब सहित सैकड़ो लोगो के घरो खेतो में पौधे लगाये गये एवं वितरण किया गया।प्रबोधिनी फाउण्डेशन के उक्त पहल की सराहना करते हुये मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद उर्फ छेदी पटेल ने कहा कि धरती पर इससे पुनीत और उपयोगी अभियान दूसरा नही हो सकता। 


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अभियान के संयोजक प्रबोधिनी फाउण्डेशन के महासचिव विनय शंकर राय "मुन्ना" ने कहा कि औषधी आधारित पौधे लगाने एवं आम जनमानस को जंक फूड एवं जहरीली रासायनिक मिठाइयो की जगह आयुर्वेदिक फलो एवं उनसे बने व्यंजनो के प्रयोग से ही स्वस्थ समाज और स्वस्थ भारत की कल्पना को साकार किया जा सकता है, उक्त अभियान बैकुंठ चतुर्दशी 2024 से प्रारंभ हुआ है जो  बैकुंठ चतुर्दशी 2025 तक चलेगा। बैरवन - मोहनसराय गांव में तुलसी, गिलोय, पारिजात, श्रीफल, आंवला, नीम, पीपल, सहजन, अर्जुन, जामुन, आम के 1500 औषधी आधारित पौधे लगाये गये एवं वितरित किये गये साथ 1000 डिब्बे आंवला एवं श्रीफल के मुरब्बे का वितरण किया गया। 

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विनय शंकर राय ने कहा कि विकास के नाम पर मोहनसराय से लहरतारा मार्ग के चौड़ीकरण में हजारों पेड़ जो सैकड़ो वर्ष पुराने पीपल, नीम, बरगद इत्यादि के पेड़ जो पर्यावरण को संतुलित कर रहे थे ऊन विशाल वृक्षो की कटाई हुई है , वैसे ही पुरे देश में बहुत बृहद स्तर पर पेड़ो की कटाई हुई है जिससे पर्यावरण असंतुलित हो रहा है जिसका एकमात्र उपाय पुनः वृहद स्तर पर पेड़ लगाना ही है। सैकड़ो किसानो को कृत्रिम मिठाइया एवं जंक फूड की जगह औषधी आधारित फलो के व्यंजनो के उपयोग का संकल्प दिलाया गया । स्वस्थ परिवार एवं स्वस्थ समाज के निर्माण की परिकल्पना को साकार करने के लिये आम जनता को औषधी आधारित फल आंवला का मुरब्बा, आचार , लड्डू, कैण्डी , चटनी इत्यादि जिस रूप में इच्छा हो प्रयोग करे, वैसे ही गिलोय, पारिजात, तुलसी अमरूद, मीठी नीम, एलोवेरा, नीबू, अश्वगंधा घर में या छत पर गमले में भी लगाये और उसका उपयोग करे तथा सार्वजनिक जगहो और लोगो के खाली जमीनो पर पीपल, अर्जुन, नीम, आम, सहजन, पाकड़, बरगद, जामुन इत्यादि पौधे अभियान चलाकर पौधो के संरक्षण के संकल्प के साथ लगाया जा रहा है।

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अभियान का संचालन विजय नारायण वर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रेम शाह ने किया

वितरण अभियान में प्रमुख रूप से उदय पटेल, प्रेम साव, मेवा पटेल, नीरज, अवधेश प्रताप, राहुल पटेल, विजय वर्मा, उमाशंकर पटेल, बालकरन, सत्येंद्र कुमार, रामराज पटेल, सुरेंद्र कुमार, सुरेश, लल्लूपटेल, छोटेलाल, राजेंद्र, दसरथ, भगवानदास, सोभनाथ, लाल बहादुर, अशोककुमार, जियाराम, राज नारायण पटेल, प्रेमराज,  राजा पटेल, विजय शंकर सिंह, जय प्रकाश सीता, मनोरमा, धर्मा देवी, गीतादेवी, कलावती देवी, देवपति देवी, आरती देवी, चमेला देवी, सुखदेवी देवी, उर्मिला देवी, संगीता देवी, प्रमिला देवी, लालमणि देवी,  शीला देवी, मनारा देवी, रानी देवी, निर्मला, लालमनी देवी, जय प्रकाश, बच्चालाल मौर्या,महाजन, रमेश पटेल, श्यामजीत पटेल, प्रमोद, कल्लू यादव, कल्लू पटेल,विजय गुप्ता, धीरू यादव, सहित इत्यादि लोग शामिल थे।

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Thursday, November 14, 2024

जल संरक्षण करने वालों के गुणों का वर्णन करना आसान नहीं है - ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य

वाराणसी: केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में सायं 5 बजे से परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती 1008 महाराज के पावन सान्निध्य में आई.सी.ए. हेल्थ एण्ड इनवीरोंमेंटल सोसाइटी द्वारा संकल्पित 108 जल सभाओं के क्रम में 91वें जल सभा का आयोजन किया गया।


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आयोजित 91वीं जल सभा को पंचायती निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर प्रखर जी महाराज को समर्पित किया गया। संस्था इन जल सभाओं के माध्यम से स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों एवं बस्तियों से लेकर जल श्रोतों के किनारे तक जल संरक्षण और इससे सम्बंधित तकनीकी के बारे में बताती है एवं प्राकृतिक जल श्रोतों विशेषकर गंगा के संरक्षण और इनको बचाने के लिए लोगों को आगे आने के लिए प्रेरित करती है।

जल सभा में परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज ने अपना आशीर्वचन देते हुए कहा कि ये कहा गया है कि साधुजनों का ये स्वभाव है की वो लोकताप से तप जाते हैं।अपने दुख से वो दुखी नही होते लेकिन दूसरे के दुख से द्रवित हो जाते है।जल के संरक्षण हेतु प्रयत्नशील लोगों के पुण्य का वर्णन आसान नही है। जीवनदायी जल के संरक्षण हेतु हर व्यक्ति को सचेत होना चाहिए।

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जल सभा को आशीर्वचन प्रदान करते हुए पंचायती निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर प्रखर जी महाराज ने कहा कि जल का संरक्षण जीवन का संरक्षण है।हम हानिकारक खाद्य पदार्थों का भक्षण करने लगे हैं। जल भी प्रदूषित हो गया है। इसलिए हमारे स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है। संस्था के सचिव अभय शंकर तिवारी ने कहा कि संस्था 91वीं जल सभा के बाद अपना अभियान और तेज करेगी और देश के अन्य राज्यों में भी जल सभाओ का आयोजन किया जाएगा।जल सभा केवल जागरूकता अभियान  ही नहीं है।अपितु यह एक तरह की जल साधना है और यह साधना पूर्ण होने के बाद अवश्य ही अपना प्रभाव दिखायेगा।

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जल सभा मे जल सभा के राष्ट्रीय समन्वयक अनिल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।संचालन सुनील कुमार शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से साध्वी पूर्णाम्बा दीदी, ब्रम्हचारी परमात्मानंद, सजंय पाण्डेय मीडिया प्रभारी, डॉ परमेश्वर दत्त शुक्ल, प्रभु नारायण पाण्डेय पूर्व बार एसोशिएसन अध्यक्ष, शैलेन्द्र योगी, कीर्ति हजारी शुक्ला, अनिल शुक्ला, अविनाश, किशन जायसवाल, आशीष गुप्ता, डॉ सतीश कसेरा, अमरेंद्र प्रताप सिंह इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

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Tuesday, November 12, 2024

कैचअप राउंड में 25 नवम्बर से 6 दिसम्बर तक लगाया जायेगा एमआर का टीका

वाराणसी: स्वास्थ्य विभाग ने वाराणसी को खसरा और रुबेला रोग मुक्त बनाने की योजना बना ली है। जनपद के सभी नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को खसरा और रुबेला से बचाव के लिए एमआर का टीका लगाया जा रहा है। कैचअप राउंड में पांच वर्ष तक के छूटे हुये बच्चे जिन्हें एमआर का पहला और दूसरा टीका नहीं लगा है, उन्हें लगाया जायेगा|   इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। इसके तहत 6 नवम्बर से 14 नवम्बर तक शहरी क्षेत्र के सभी ब्लाकों तथा ग्रामीण क्षेत्र के दो ब्लाकों क्रमशः काशी विद्यापीठ एवं पिंडरा में हेड काउंट सर्वे कराया जा रहा है| सर्वे के बाद आगामी 25 नवम्बर से 6 दिसम्बर तक एमआर का टीका लगाया जायेगा| यह  जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी.


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उन्होंने बताया कि खसरा एक बेहद संक्रामक वायरस है, इसके लक्षणों में तेज़ बुखार और त्वचा पर गंभीर चकत्ते हो जाते हैं। जब कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती दौर में रूबेला वायरस से संक्रमित होती है, तो उसके भ्रूण में वायरस फैलने का खतरा बना रहता है। इससे गर्भपात, मृत जन्म या गंभीर जन्म दोष हो सकते हैं जिन्हें जन्मजात रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) कहा जाता है। दिसम्बर तथा जनवरी महीने में खसरा बढ़ने की सम्भावना ज्यादा रहती है| इसकी रोकथाम वैक्सीन लगाकर की जा सकती है। अभिभावक अपने बच्चों का टीकाकरण कराकर, उन्हें इस बीमारी से सुरक्षित करें.

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जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मौर्या ने बताया कि रूटीन में बुधवार और शनिवार को चलने वाला टीकाकरण   पूर्ववत चलता रहेगा| कैचअप राउंड के लिए अलग से प्लान बनाकर टीकाकरण किया जायेगा. नौ माह से 12 माह तक के बच्चों को पहला टीका तथा 16 माह से 24 माह तक के बच्चों को दूसरा टीका लगाया जायेगा. अक्टूबर माह तक 5253 बच्चों को एमआर का पहला टीका तथा 49036 बच्चों को एमआर का दूसरा टीका लगाया जा चुका है.

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उन्होंने  बताया कि रुबेला एक संक्रामक रोग है जो वायरस से फैलता है। इसके लक्षण खसरा रोग जैसे ही होते हैं। यह लड़का और लड़की दोनों को संक्रमित करता सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित होती है तो कंजेनाइटल रुबेला सिंड्रोम हो सकता है। जो कि उसके नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। इसलिए खसरा-रूबैला का टीका अभिभावक जरुर लगवायें और अपने बच्चों को इन घातक बीमारियों से बचायें।

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Friday, November 8, 2024

डॉक्टर की गलती से गई वृद्ध महिला की जान, परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

वाराणसी: सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही का एक मामला सामने आया है जहां एक तरफ राज्य सरकार मरीजों की सुविधा और बेहतर इलाज को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है तो वही जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं ताजा मामला बीते दिन मंगलवार का है. पांडेपुर में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में चाँद खान अपनी मां का इलाज कराने पहुंचा था। आरोप हैं कि उस वक्त उसकी मां की हालत सामान्य थी परंतु डॉक्टरों द्वारा एक इंजेक्शन लिखा गया जोकि अस्पताल में उपलब्ध नहीं था बाहर की मेडिकल से वह इंजेक्शन खरीदा और डॉक्टर को लाकर दिया. इसके बाद इंजेक्शन लगाते ही चांद खान की मां की हालत अचानक बिगड़ गई.


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जब परिजनों ने डॉक्टर से पूछा तब डॉक्टर कोई भी स्पष्ट जवाब देने के बजाय परिजनों को धमकाने लगा और कहा कि यहां से लेकर जाओ नहीं तो तुम्हारे खिलाफ एफआईआर करवा देंगे वृद्ध महिला को परिजन लेकर दूसरे अस्पताल जाने लगे तभी महिला की मौत हो गई। इसके बाद वृद्ध महिला के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. उल्टा डॉक्टर द्वारा कहा गया जो करना है कर लो यह सब मेरे लिए आम बात है. वही मरीज के परिजनों का कहना है कि डॉ द्वारा जो बाहर का इंजेक्शन लिखा गया था उसे लगाते ही मरीज की जान चली गई।


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आपको बतादें कि मरीज खजुरी निवासी बताया जा रहा है मृत मरीज के बेटे चांद का कहना है कि सरकार द्वारा सरकारी अस्पताल में बाहर का दवा नहीं लिखा जाता है लेकिन दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में बराबर डॉक्टर चंद पैसो के लालच के कारण बाहर का दवा लिखते हैं यह इंजेक्शन हमने 12000 में बाहर से खरीदा था. जिसे डॉक्टर परवेज आलम द्वारा लगाया गया और इंजेक्शन लगाते ही मेरी माताजी का तबियत बिगड़ेने लगी और डॉ परवेज आलम से जब मैंने पूछा तो वह अब कुछ भी बताये वापस ले जाने के लिए कहने लगे‌। जब हम माँ को लेकर जाने लगे तबतक मेरी मां की मृत्यु हो गई। चांद खान का यह भी कहना है कि क्या डॉक्टर इसी तरह बाहर की दवाइयां लिखते रहेंगे और मरीज को मारते रहेंगे‌। क्या इसपर कोई भी अधिकारी संजान में नहीं लेगे। डॉ की लापरवाही से मेरी मां की जान गई।


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जब पत्रकार द्वारा चांद से पूछा गया कि मरीज को क्या हुआ था तो चांद ने कहा कि मेरी मां को हल्का सा चक्कर आया था और वह यहां पर चलकर आई थी मेरा घर खजुरी में है मे मां टोटो पर बैठकर यहां तक आई थी डॉ परवेज आलम मरीज को देखकर एडमिट किये हम लोग आए तो डॉक्टर ने बाहर का इंजेक्शन लिखा। वह इंजेक्शन 12,000 रुपए का मुझे बाहर से मिला और जब मैं लेकर आया तो इंजेक्शन लगाते ही मेरी मां की तबियत बिगड़ी और मृत्यु हो गई ‌।


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कैंट विधायक ने लोगों को स्वयं से आयुष्मान कार्ड बनाने को किया प्रेरित, बुजुर्गों बढ़ा हौसला

  • शिविर में 102 बुजुर्गों का बना आयुष्मान कार्ड
  • पूरे जनपद में बने 1436 कार्ड 

वाराणसी: जनपद के 70 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड बनाने के विशेष शिविर में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद स्मारक राजकीय चिकित्सालय, भेलूपुर में कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किया| इस अवसर बोलते हुये उन्होंने कहा कि लाभार्थी इस योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की नि:शुल्क उपचार की सुविधा किसी भी पंजीकृत अस्पताल में भर्ती होकर ले सकेंगे। इस दौरान उन्होंने समुदाय के उपस्थित लोंगो को स्वयं से आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए प्रेरित किया और अपील किया कि लाभार्थी मोबाइल से अपना आयुष्मान कार्ड स्वयं बनायें| उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए एकमात्र पात्रता मानदंड व्यक्ति की आयु 70 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। इसका निर्धारण आधार में दर्ज आयु के आधार पर किया गया है। नामांकन के लिए आधार ही एकमात्र दस्तावेज होगा।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि आगामी दिनों में भी इस तरह के शिविर का संचालन होता रहेगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा बुजुर्गों को लाभ मिल सके| उन्होंने बताया कि एंड्राएड मोबाइल यूजर इस एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकेंगे और आईफोन यूजर इसे एचएसटीपी साइट से खोल सकेंगे|  इसके अलावा ऐसे बुजुर्ग अब अपना आयुष्मान कार्ड आयुष्मान एप से स्व पंजीकरण के माध्यम से अथवा आयुष्मान मित्र अथवा जनसेवा केंद्र, पंचायत सचिवालय में पंचायत सहायक से या आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सीएचओ, कोटेदारों और आशा कार्यकर्ता के माध्यम से आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं।

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अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल डॉ. एस एस कनौजिया ने बताया कि आज शिविर में 102   बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं| तथा पूरे जनपद में 1436 कार्ड बनाये गये हैं|  उन्होंने कहा कि मौजूदा और नए दोनों परिवारों के पात्र वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान कार्ड के नामांकन जारी करने के लिए आधार-आधारित ई-केवाईसी अनिवार्य होगा। एबी पीएम-जेएवाई के तहत पहले से ही कवर किए गए परिवारों में 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रति वर्ष 5 लाख तक का अतिरिक्त साझा टॉप-अप कवर प्रदान किया जायेगा।

यह स्पेशल कार्ड कैसे बनेगा-

आयुष्मान भारत योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmjay.gov.in या https://beneficiary.nha.gov.in पर जाना होगा, जहां पर विजिट करना होगा। आधार कार्ड में जन्मतिथि के आधार पर आवेदन हो सकेगा। इस पोर्टल पर स्पेशल कार्ड के लिए अलग से विंडो होगी। इसके साथ ही गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान ऐप डाउनलोड करके उसके जरिए भी आवेदन कर सकते हैं। इस ऐप में अलग से फीचर होगा, जिसके जरिए आवेदन किया जा सकेगा। ई-केवाईसी विकल्प के बाद नया कार्ड जनरेट हो जाएगा। आयुष्मान भारत योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmjay.gov.in या https://beneficiary.nha.gov.in के जरिये भी आवेदन कर सकेंगे। इस अवसर पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. क्षितिज तिवारीडीआइएसएम नावेंदु सिंह, फार्मासिस्ट जय प्रकाश, अस्पताल कर्मचारी और जन समुदाय के लोग उपस्थित रहे.

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बाल-बाल बचे राहुल, कटी गर्दन का सफल ऑपरेशन

  • पतंग के मंझे से कटी राहुल की गर्दन
  • डॉ की तत्परता से राहुल को मिला जीवनदान

वाराणसी: पतंग की डोर (मंझा) भी इतना खतरनाक हो सकता है, कि किसी व्यक्ति की जान ले सकती है| मिर्ज़ापुर अहरौरा निवासी 25 वर्षीय राहुल मौर्या अपनी पत्नी और 5 वर्षीय बच्चे के साथ मोटर साइकिल से अपनी बहन के घर रामनगर आ रहे थे. गुरुवार को देर शाम मंझे से राहुल के गर्दन की नस कट गई और घायल राहुल को स्थानीय लोगों ने एलबीएस अस्पताल रामनगर पहुंचाया. जहां पर आकस्मिक कक्ष में कार्य कर रहे सर्जन डॉ प्रेषक द्विवेदी ने राहुल को देखने के बाद तुरंत इमरजेंसी में आपरेशन करने का निर्णय लिया. उन्होंने इमरजेंसी ओटी में आपरेशन कर गर्दन की कटी नस को जोड़ दिया।


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इस सम्बन्ध में अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीसी द्विवेदी ने बताया कि अब मरीज की स्थिति नियंत्रण में है जिसका उपचार चिकित्सालय में चल रहा है। तो वही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद के सभी चिकित्सालयों में कार्यरत विशेषज्ञ चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि यदि आकस्मिक कक्ष में कोई ऐसा मरीज आता है, जिसे विशेषज्ञ चिकित्सक की आवश्यकता है तो आकस्मिक कक्ष से कॉल जाने पर उस विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा मरीज का उपचार तत्काल किया जाये| इस कार्य हेतु एलबीएस की पूरी टीम को सीएमओ ने बधाई दी.

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Monday, October 28, 2024

मिठाई के साथ डिब्बा तौलने पर देना पड़ेगा पांच हजार जुर्माना, टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं ग्राहक

लखनऊ: यूपी सरकार अब घटतौली पर अंकुश लगाने के प्रयास में है। मिठाई के साथ डिब्बा तौलने पर अब दुकानदार को पांच हजार रुपया तक जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर दुकानदार आपको गत्ते के डिब्बे के साथ मिठाई तौलकर देता है तो तत्काल आप इसकी शिकायत करें, संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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सामानों की घटतौली की शिकायत को लेकर सरकार काफी गंभीर है। घटतौली करने वालों के खिलाफ सरकार के निर्देश पर बाट माप विभाग ने कार्रवाई की रणनीति बनाई है। बाजार में सामान खासकर मिठाई लेते समय काफी दुकानों पर देखा जाता है कि जितनी महंगी मिठाई होती है, उतना ही डिब्बे का मूल्य लगता है। यह खेल काफी समय से चल रहा है। खासकर

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त्योहारों के समय तो मिठाई की मांग बढ़ने पर मिठाई के साथ डिब्बे का वजन तौलने की संभावना बढ़ जाती है। जैसे डिब्बे का वजन अगर 50 से 100 ग्राम है तो ग्राहक को इतनी मिठाई लगभग दो या तीन पीस मिठाई कम मिलती है सरकार द्वारा अभियान चलाकर घटतौली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया है। दुकानदार गत्ते के डिब्बे में या कम

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सामान देता है तो ग्राहक टोल फी नंबर अथवा कार्यालय में सीधे शिकायत कर सकते हैं घरेलू गैस की आपूर्ति से संबंधित शिकायत उपभोक्ता खाद्य एवं रसद विभाग के टोल फ्री नंबर 18001800150 और उपभोक्ता संरक्षण बाट-माप विभाग के टोल फ्री नंबर 18001805512 पर दर्ज करा सकते हैं। पहचान गोपनीय रखते हुए कार्रवाई की जाएगी।

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Sunday, October 27, 2024

लड़कियों से ज्यादा लड़के हो रहे है इस रोग का शिकार, जानें- क्या है लक्षण और कारण

वाराणसी: अवसाद और आनुवांशिक कारणों से होने वाली समस्या ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर बच्चों को तेजी से अपना शिकार बना रही है। खास बात ये कि इसके सबसे ज्यादा शिकार लड़कियों से ज्यादा लड़के हो रहे हैं। मंडलीय अस्पताल में आने वाले ऑटिज्म के 60 मामलों में औसतन लड़कों की संख्या 50 तो लड़कियों की संख्या 10 होती है। मंडलीय अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता ने बताया कि इस समय लड़कों को ऑटिज्म से ज्यादा खतरा है। आटिज्म के शिकार बच्चों की औसत उम्र तीन से पांच साल होती है। वहीं, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की मनोवैज्ञानिक डॉ. शैफाली ठकराल ने बताया कि एक स्टडी में सामने आया है कि लड़कियों से चार गुना ज्यादा लड़के ऑटिज्म के शिकार पाए गए हैं।  


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ज्यादा अवसाद भी ऑटिज्म का कारण

बीएचयू के मनोचिकित्सक डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि गर्भधारण के समय महिलाएं बच्चों पर ज्यादा ध्यान देती हैं। इसे लेकर वो कई बार अवसाद में आ जाती हैं और इसका इसका खामियाजा आगे जाकर ऑटिज्म के रूप में बच्चे को और उसके साथ-साथ मां पिता को उठाना पड़ता है।

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ये है ऑटिज्म

ऑटिज्म के शिकार बच्चे अन्य बच्चों की तरह व्यवहार नहीं कर पाते। आसानी से कोई चीज सीख और समझ भी नहीं पाते। किसी बात पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाते हैं। बोलने और सुनने में भी परेशानी होती है। मां की बात भी वह ठीक से समझ नहीं पाते।

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जल्द कराएं इलाज

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर एक ऐसी समस्या है, जिससे बच्चे मिलने-जुलने और आंख मिलाने से भी कतराते हैं। ज्यादातर ये मामले आनुवांशिक होते हैं। गर्भधारण के समय अत्यधिक अवसाद से भी बच्चों में ऑटिज्म के लक्षण दिखने लगते हैं। ऑटिज्म होने पर जल्द से जल्द बच्चे की बिहेवियर थेरेपी कराई जानी चाहिए।

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वाराणसी में खाद्य विभाग की छापेमारी में 40 बोरी रंगीन हल्दी जब्त, टमाटर सॉस और सोनपपड़ी का लिया गया नमूना

वाराणसी: खाद्य विभाग की टीम द्वारा कई इलाकों में छापेमारी की गई। इस दौरान टीम को 40 बोरी कलर वाली हल्दी प्राप्त हुई है। इसके बाद से व्यापारियों में खलबली मची हुई है। टीम के अधिकारियों का कहना है कि त्योहार से पहले हम लोगों द्वारा रूटिंग चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान सारनाथ स्थित किराना स्टोर में छापेमारी की गई। जहां पर रंगा हुआ हल्दी मिला। टीम ने टोमैटो सॉस और सोनपापड़ी का भी सैंपल लिया।


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छापेमारी में 40 बोरी पकड़ी गई कलर वाली हल्दी

खाद्य विभाग के सहायक आयुक्त कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि-एक जगह से 20 कुंतल रंगीन हल्दी बरामद हुई है। उन्होंने बताया कि पूरी बोरी को सील करके इसका नमूना जांच के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक दुकान पर जांच के दौरान अनब्रांडेड सॉस मिला है, जो 2 कुंतल के करीब था। इसको भी सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम रंगीन कचरी पर भी निगाह रखे हुए हैं, उसे भी एक बोरा बरामद कर लिया है। उसका भी हमने नमूना संग्रहित कर लिया है।

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14 दिन बाद आएगा रिपोर्ट

खाद्य विभाग के सहायक आयुक्त कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि दीपावली के मौसम में मिलावटी सामान काफी ज्यादा बिकने लगते हैं। इसको लेकर लगातार खाद्य विभाग की टीम द्वारा छापेमारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि जो भी नमूना भेजा गया है, 14 दिन के भीतर उसका रिपोर्ट आ जाएगा। उसी आधार पर हम कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि जिले में 5 से अधिक टीमें लगाई गई हैं। जो हर जगह पर पहुंचकर चेकिंग कर रहीं हैं।

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Thursday, October 24, 2024

उमरहा में धड़ल्ले से चल रहा अवैध पैथोलॉजी बिना किसी रजिस्ट्रेशन के, मरीजों के जिंदगी से खिलवाड़ का दोषी कौन?

वाराणसी: एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग लोगों को स्वास्थ संबंधित सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए लगातार प्रयासरत है। तो वहीं दूसरी तरफ बिना किसी डिग्री और रजिस्ट्रेशन के पैथोलॉजी का व्यापार भी तेजी से पाव पसार रहा है।


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राज्य सरकार और केंद्र सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दवा, खून की जांच, X-Ray और अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाएं भी फ्री में उपलब्ध करवा रही है। लेकिन कुछ डॉक्टरों और दलालों को कमीशन की लालच देकर ये फर्जी पैथोलॉजी का धंधा भी जोरों से चल रहा है।


ऐसे ही एक पैथोलॉजी मुरली उमरहा में है जिसके डॉक्टर के पास न ही कोई रजिस्ट्रेशन है और न की किसी पैथोलिस्ट की डिग्री है। जब हमने उनसे बात किया और रजिस्ट्रेशन के बारे में जानने की कोशिश किया तो डॉक्टर साहब ने बताया कि हमने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर दिया है लेकिन जब हमने उनसे आवेदन की कॉपी मांगा तो जनाब ने बदले में कुछ लोगों के द्वारा फोन करवाना शुरू कर दिया।


इससे साफ जाहिर होता है कि इनके पास कोई डिग्री या रजिस्ट्रेशन नहीं है ये सिर्फ लोगों को बेवकूफ बना रहे है और मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है। अब देखना यह है कि क्या स्वास्थ्य विभाग इनके ऊपर कार्यवाही करता है या फिर ये ऐसे ही मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते रहते है।