Tuesday, November 11, 2025
सीएमओ ने किया चिकित्सा प्रमाणन, अब पैरा ओलंपिक में दिखाएंगे प्रतिभा
Tuesday, October 07, 2025
अवैध रूप से संचालित चिकित्सा प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कार्रवाई अभियान जारी
वाराणसी: जिले में निजी क्षेत्र में संचालित चिकित्सा प्रतिष्ठानों के पंजीयन एवं पंजीयन नवीनीकरण हेतु प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कराते हुए 907 चिकित्सा प्रतिष्ठानों को पंजीकृत कर पंजीयन नवीनीकरण किया जा चुका है तथा पूर्व में रिजेक्ट किए गए 109 चिकित्सा प्रतिष्ठानों में से 52 चिकित्सा प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करा कर बंद करा दिया गया है। इन चिकित्सा प्रतिष्ठानों पर अग्रिम कार्यवाही यथा मानक अनुरूप न पाए जाने पर सील किया जाना तथा समय से नवीनीकरण न होने की दशा में चेतावनी देते हुए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करवाकर निरीक्षण उपरांत समस्त संसाधन मानकानुसार पाए जाने पर नवीनीकरण की प्रक्रिया की जा रही है। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।
यह भी पढ़ें: लालपुर पांडेयपुर थाना प्रभारी ने पांडेयपुर चौराहे पर चलाया सघन वाहन वाहन चेकिंग अभियान
सीएमओ ने बताया कि शेष रिजेक्ट किए गए आवेदन पत्रों तथा क्षेत्र में यदि कोई अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठान बिना पंजीयन नवीनीकरण चल रहा है तो उसके खिलाफ कार्यवाही संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के स्तर से की जा रही है। उन्होंने बताया कि शासन से प्राप्त निर्देश के क्रम में समस्त चिकित्सा इकाइयों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने चिकित्सा प्रतिष्ठान के बाहर आसानी से दृश्यमान जगह पर 5x3 फीट का एक पीला बोर्ड डिस्प्ले करेंगे जिस पर काले रंग से चिकित्सा इकाई का विवरण, उसमें दी जाने वाली सुविधाओं का विवरण तथा किसी प्रकार की असुविधा के लिए संपर्क करने हेतु दूरभाष संख्या अंकित होगी।
यह भी पढ़ें: राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केंद्रों तथा प्राथमिक विद्यालय में होमियोपैथी चिकित्सा को बढ़ावा देने पर जोर दिया
सीएमओ ने जन सामान्य से अपील की है कि वे पंजीकृत चिकित्सा इकाईयों से ही इलाज करवाएं तथा चिकित्सा इकाई के पंजीयन के संबंध में अद्यतन जानकारी प्राप्त करना उनका अधिकार है। यदि उनके संज्ञान में कोई ऐसा चिकित्सा प्रतिष्ठान आता है जो पंजीकृत नहीं है तो उसके संबंध में जानकारी कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी को अवश्य दें।
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करना अब आसान नहीं
Saturday, September 20, 2025
विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में लापरवाही क्षम्य नहीं- डीएम सत्येंद्र कुमार
वाराणसी: जनपद में एक अक्टूबर से पूरे माह विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलेगा। अभियान के सफल संचालन की तैयारियों को लेकर शनिवार को रायफल क्लब सभागार में जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी ने पिछले अभियान में पाई गई कमियों को दूर कर कार्य करने का निर्देश दिया।
यह भी पढ़ें: विवेचना तक किसी अधिवक्ता की नहीं होगी गिरफ्तारी, पुलिस की तरफ से माफी भी नहीं
जिलाधिकारी ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि नगर में चिन्हित समस्त हॉट स्पॉट क्षेत्रों के खाली प्लाटों में जल भराव की स्थिति का सर्वेक्षण कराया जाए और जल भराव की स्थिति का सौ फीसदी निराकरण किया जाए। लापरवाही बरतने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि जहां भी जल भराव व जमाव की स्थिति है, उनकी सूची जल कल विभाग को सूचित किया जाए, जिससे जल जमाव का निराकरण किया जा सके। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि एक टास्क फोर्स गठित की जाए, जिसमें नोडल अधिकारी नियमित रूप से जल भराव की स्थिति का सर्वेक्षण करें और इसकी सूचना विभाग को दें। डेंगू केस की मैपिंग की जाय।
यह भी पढ़ें: शिवपुर से 14 साल की किशोरी लापता, पुलिस जांच में जुटी; मुकदमा दर्ज
उन्होंने कहा कि जिन विभागों को जिम्मेदारियां दी गई हैं, उसका अनुपालन सौ फीसदी पूरा होना चाहिए। इसमें किसी भी शिथिलता और लापरवाही न की जाए। पूर्व से चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में सघन अभियान चलाते हुए फोगिंग, छिड़काव, स्क्रीनिंग कैंप आदि समेत जागरूकता गतिविधियां संचालित की जाएं। प्रत्येक गांव और वार्ड में नियमित फोगिंग की जाए। कहीं भी जल भराव की स्थिति पैदा न होने पाए। अभियान की शत प्रतिशत मॉनिटरिंग और समय से रिपोर्टिंग की जाए।
यह भी पढ़ें: सफाई कार्य में लापरवाही बरतने पर नगर आयुक्त सख्त, दो सेनेटरी सुपरवाइजरों को किया निलम्बित
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि एक अक्टूबर से पूरे माह विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। इसी बीच दस्तक अभियान भी चलेगा, जिसमें स्वास्थ्यकर्मी घर घर जाकर बुखार, आई०एल०आई० (इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस), टीबी, कुष्ठ रोग, फाइलेरिया, कालाजार, कुपोषित बच्चों समेत डायबिटीज, हाइपरटेंशन, जैसी अन्य गैर संचारी रोगों से ग्रसित रोगियों की सूची तैयार करेंगे। रोगियों के उपचार, प्रबंधन और परामर्श पर भी जोर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन समस्त कार्यों हेतु क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशाओं को पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगी।
यह भी पढ़ें: स्वच्छता पखवाड़ा में महापौर ने नदेसर, जगतगंज, पिशाचमोचन वार्ड में लगाया झाड़ू
बैठक में अभियान के नोडल अधिकारी डॉ अमित सिंह, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला पंचायती राज अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, अधीक्षक, प्रभारी चिकित्साधिकारी, यूनीसेफ के डीएमसी समेत कृषि, जल कल, नगर विकास, पंचायती राज व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें: दम हो तो अकेले-अकेले मिलो! इंटरनेट मीडिया पर इंस्पेक्टर की चेतावनी, वकीलों ने भी भरी हुंकार
Friday, July 18, 2025
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक
वाराणसी: जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार 45 संविदा चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है जिनके द्वारा शहरी क्षेत्र के चिकित्सालयों में कार्य किया जाएगा। जिलाधिकारी ने इन संविदा चिकित्सकों को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से नियुक्ति पत्र वितरण कराने का निर्देश दिया।
यह भी पढ़ें: भारत में आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई: 200 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी
बैठक में जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चयनित ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक काशी विद्यापीठ को लंबे समय से अनुपस्थित रहने पर चेतावनी पत्र प्राप्त कराते हुए कार्यवाही कराने का निर्देश दिया। नियमित टीकाकरण के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को लेकर चिन्हित प्रतिरोधी परिवारों को प्रोत्साहित कर टीकाकरण कराया जाए इसके लिए नागरिक सुरक्षा ,प्रभावशाली व्यक्तियों जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय संस्थाओं का सहयोग लिया जाए। हरहुआ, काशी विद्यापीठ, बड़ागांव एवं शहरी क्षेत्र में टीकाकरण की उपलब्धि बढ़ाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई ) के अंतर्गत प्रसव केन्दों को बढ़ाने पर बल देते हुए समस्त लाभार्थियों एवं आशा कार्यकर्ताओं को शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।उन्होंने संचारी रोग नियंत्रण अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें तथा चिन्हित किए गए हॉटस्पॉट क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाए।
यह भी पढ़ें: सीडीओ ने किया विकास भवन का औचक निरीक्षण, कई कर्मचारी अनुपस्थित
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवसों का शत प्रतिशत पर्यवेक्षण किया जाय। आंगनवाडी केन्द्रों पर उपलब्ध वजन मशीन एवं अन्य उपकरणों की जानकारी प्राप्त करते हुए समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता शीघ्र सुनिश्चित कराये। इसके साथ ही बैठक में राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
यह भी पढ़ें: काशी सांसद टूरिस्ट गाइड प्रतियोगिता सकुशल संपन्न, एमएलसी ने प्रतिभागियों को वितरण किया प्रमाण पत्र
बैठक में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने पीपीटी के माध्यम से समस्त संचालित कार्यक्रमों की उपलब्धियां के संबंध में जानकारी दी।इस मौके पर समस्त राजकीय चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी समेत डब्ल्यूएचओ एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधि अन्य विभागीय अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें: वाराणसी के छितौना में दो पक्षों में खूनी संघर्ष, एक दूसरे पर लाठी-डंडे और तलवार से हमला
Thursday, May 22, 2025
जन्मजात दोष कटे होंठ और तालू का इलाज संभव - सीएमएस
वाराणसी: आशा कार्यकर्ती सुनीता पटेल ने नंदिनी पटेल को प्रसव कराने के लिए पं० दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, वाराणसी के 50 शैय्यायुक्त महिला चिकित्सालय में लेकर आई, जहाँ पर डा० अर्चना सिंह, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की टीम द्वारा सफल आपरेशन कर प्रसव कराया गया। नवजात शिशु जन्मजात दोष कटे होंठ और तालू (Congenital deformity cleft lip & cleft palate) से ग्रसित था। इसके इलाज के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित स्माइल ट्रेन (Smile Train) कार्यक्रम में निःशुल्क आपरेशन के लिए पंजीकरण जी०एस० मेमोरियल हास्पिटल, महमूरगंज, वाराणसी में कराया गया, इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बृजेश कुमार ने दी।
यह भी पढ़ें: एक लाख का इनामिया बदमाश ज्ञानचंद्र पासी मुठभेड़ में ढेर; गोंडा, बहराइच और बाराबंकी में था मोस्ट वांटेड
सीएमएस ने बताया कि जन्मजात दोष कटे होंठ और तालू (Congenital deformity cleft lip and cleft palate) एक जन्मजात दोष है जिसमें बच्चों के होंठ या मुंह के तालु में एक दरार या छेद होता है जो बच्चों को खाने, बोलने और सुनने में भी समस्या पैदा कर सकता है। आनुवंशिक सिंड्रोम अथवा गर्भावस्था के दौरान कुछ दवाएं, वायरस या अन्य चीजों के कारण गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में होंठ और तालु बनाने वाले ऊतक एक साथ ठीक से नहीं जुड़ते हैं। उन्होंने ने बताया कि इसके लिए सर्जरी की जाती है, जिससे होंठ और तालु में दरार को ठीक किया जा सकता है। सर्जरी के अलावा, वाक थेरेपी और अन्य उपचार भी दिए जा सकते हैं।
यह भी पढ़ें: कोचिंग से लौट रही लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के बाद उसकी नृशंस हत्या करने के दोषी को मौत की सजा
नवजात शिशु के माता-पिता गरीब होने के कारण अपने बच्चे के जन्मजात बीमारी से काफी परेशान थे। नि: शुल्क इलाज की जानकारी पाकर काफी प्रसन्न दिखे। इसमें सहयोग एवं उल्लेखनीय कार्य के लिए सुनीता पटेल आशा कार्यकर्ती को सीएमएस ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
यह भी पढ़ें: डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभी से शुरू कर दें तैयारी - मुख्यमंत्री
Saturday, May 03, 2025
जिला अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक
Friday, May 02, 2025
उत्तर प्रदेश बना वीपीडी सर्विलांस शुरू करने वाला देश का पहला राज्य
Friday, April 25, 2025
जनपद वाराणसी के मलेरिया उन्मूलन की ओर बढ़ते कदम- सीएमओ
वाराणसी: देश को वर्ष 2030 तक मलेरिया से मुक्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मलेरिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम “Malaria ends with us: Reinvest, Reimagine,Reignite" है। जनपद में इस दिन हॉट स्पॉट क्षेत्रों में बुखार की जांच हेतु व्यापक कैंप आयोजित किए जाएंगे। विद्यालयों में बच्चों को विशेषकर प्रार्थना सभा में मलेरिया रोग से बचाव की जानकारी दी जाएगी। माह अप्रैल में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान भी चलाया जा रहा है। वेक्टर जनित रोग से बचाव हेतु अंतर्विभागीय गतिविधियां चल रही हैं। इसकी जानकारी *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी* ने दी।
यह भी पढ़ें: करणी सेना के सदस्यों पर प्राणघातक हमला करने के मामले में सपा नेता हरिश मिश्रा को मिली जमानत
सीएमओ ने बताया कि आशा के द्वारा इस दिन घर-घर भ्रमण कर घरों के अंदर मच्छर जनित परिस्थितियों की जांच एवं श्रोत विनस्टीकरण का कार्य किया जायेगा। आबादी के अनुसार मच्छरों का घनत्व जितना कम होगा लोग मलेरिया से उतने ही अधिक सुरक्षित होंगे। इसके चलते ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव व फागिंग भी कराई जा रही है। मलेरिया की पहचान कर मरीज को 14 दिन का उपचार दिया जायेगा। इस तरह जनपद वाराणसी मलेरिया उन्मूलन की तरफ अग्रसर हो रहा है।
यह भी पढ़ें: वाराणसी में गंगोत्री सेवा समिति द्वारा प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर विशेष शांति पाठ एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद्र पांडेय ने बताया कि जनपद वाराणसी में मलेरिया उन्मूलन हेतु चार स्तरों पर कार्य हो रहा है। एक्टिव एप्रोच के अंतर्गत आशा द्वारा घर-घर फीवर ट्रैकिंग की जा रही है। पैसिव एप्रोच के तहत ओपीडी में आने वाले समस्त मरीजों की बुखार की जांच की जाती है। मास कॉन्टैक्ट एप्रोच के तहत पॉजिटिव पाए गए मरीज के घर के आस-पास 50 घरों में फीवर ट्रैकिंग की जाती है। चौथा कैंप एप्रोच है जिसके तहत हॉट स्पॉट एरिया में साप्ताहिक कैंप लगाकर बुखार के मरीजों का मलेरिया टेस्ट किया जा रहा है। इन सबका परिणाम हुआ है की वर्ष 2022 में मलेरिया की जांच 1,16,536 थी और पॉजिटिव 69 लोग पाये गये थे वहीँ वर्ष 2023 में 1,67,000 टेस्ट में 23 मलेरिया रोगी पाए गये। वर्ष 2024 में 2,29,000 टेस्ट में मात्र 13 मलेरिया रोगी पाए गये। इस प्रकार एक तरफ जहाँ सर्विलेंस बढ़ाया गया वहीं मलेरिया संक्रमण का प्रतिशत कम होता जा रहा है।
यह भी पढ़ें: पहलगाम हमला में शामिल तीन आतंकियों के नाम के साथ स्केच जारी, जनता से सुराग देने की अपील
Sunday, April 13, 2025
गर्भावस्था में होने वाले मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं एवं समाधान
Tuesday, April 08, 2025
बुजुर्गों के 49,891 आयुष्मान कार्ड बनाकर वाराणसी प्रदेश में अव्वल
वाराणसी: 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत अनुबंधित सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से इलाज करा सकते हैं. सरकार प्रधानमंत्री वय वंदन योजना के अंतर्गत 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को आयुष्मान कार्ड जारी कराकर मुफ्त इलाज का लाभ दे रही है| यदि कार्ड नहीं बना है तो अस्पताल में इसकी जानकारी देते हुये आयुष्मान कार्ड तुरंत बनवा सकते हैं, बशर्ते लाभार्थी का मोबाइल नंबर आधार से लिंक हो| इस योजना में अनुबंधित चिकित्सालय बुजुर्गो से आयुष्मान कार्ड होने की जानकारी अवश्य प्राप्त करें तथा उनको इस योजना का लाभ उपलब्द्ध करायें| इसमें कोई अनुबंधित चिकित्सालय लापरवाही ना बरतें| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी.
यह भी पढ़ें: हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय में साइबर सुरक्षा विषयक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
सीएमओ ने बताया कि 49,891 बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाकर प्रदेश में लगातार प्रथम स्थान पर काबिज है| आयुष्मान कार्ड धारक इस योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की नि:शुल्क उपचार की सुविधा किसी भी पंजीकृत अस्पताल में भर्ती होकर ले सकते हैं। स्वास्थ्य सेवायें सभी वरिष्ठ नागरिकों तक पहुँचाने के लिए सरकार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में विशेष ध्यान दे रही है, इसी के तहत 70 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है, सभी को उत्तम स्वास्थ्य सेवायें मिलें, सरकार की यही मंशा है| उन्होंने बताया कि बुजुर्ग अपना आयुष्मान कार्ड आयुष्मान एप से स्व पंजीकरण के माध्यम से अथवा पंचायत सचिवालय में पंचायत सहायक, आयुष्मान मित्र, जनसेवा केंद्र या आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सीएचओ, कोटेदारों और आशा कार्यकर्ता के माध्यम से भी बनवा सकते हैं।
यह भी पढ़ें: नशे की लत और नशे का व्यापार देश के युवाओं को बर्बादी के अंधेरे में धकेल रहा
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल डॉ. एसएस कनौजिया ने बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को चिकित्सालय में भर्ती होने पर इलाज में लाभ दिया जाता हैं| 23 सितम्बर 2018 से अब तक 4,45,358 मरीजों का इलाज हो चुका है| जिसमें 1,28,552 मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों में तथा प्राइवेट अस्पतालों में 3,16,806 मरीजों का इलाज हो चुका है.
यह भी पढ़ें: सीएम योगी को 10 अप्रैल को जान से मारने की धमकी, रजिस्ट्री भेजकर एसपी को दी खुली चुनौती
Thursday, April 03, 2025
कुरहुआ पंचायत भवन के आस-पास के रिहायसी क्षेत्रों में किया गया ट्रायल
वाराणसी: संचारी रोगों की रोकथाम के मद्देनजर मच्छरों पर नियंत्रण हेतु मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल के निर्देशन में कोल्ड फागिंग तकनीक को समस्त ग्राम पंचायतों और वार्डों में प्रभावी बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने कोल्ड फागिंग का ट्रायल बुधवार को ब्लाक काशी विद्यापीठ के प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम कुरहुआ में सफलतापूर्वक किया। पंचायत भवन और इसके आस-पास के रिहायसी क्षेत्रों में एडीओ पंचायत एवं पंचायत सचिव की उपस्थिति में कोल्ड फागिंग का ट्रायल किया गया। विशेषकर डेंगू संचरण काल में जुलाई से नवंबर तक केस बेस्ड एक्टिविटी में भी रोगी के घर के आस-पास 45 घरों में इसका प्रयोग किया जाएगा। आने वाले समय में इस नव तकनीक को कुछ संवेदनशील ग्राम पंचायतों में भी प्रथम स्तर पर प्रयोग किया जाएगा। जिससे मच्छरजनित बीमारियों पर लगाम लगेगी| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।
यह भी पढ़ें: वाराणसी में तीन ठग गिरफ्तार:असली सोने के बदले नकली सोना देते थे, राजस्थान से आकर करते थे लूट; लाखों का माल बरामद
सीएमओ ने बताया कि इस तकनीक में जहाँ थर्मल फागिंग में डीजल का प्रयोग कीटनाशक के साथ धुआँ बनाने के लिए किया जाता है, वहीँ कोल्ड फागिंग में कीटनाशक का प्रयोग पानी के साथ किया जाता है। कोल्ड फागिंग में धुएँ की जगह मिस्ट बनते हैं। इस नवोन्मेष से मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण व बचाव किया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें: पुलिस आयुक्त ने किया पुलिस कार्यालय का निरीक्षण, लापरवाह कर्मचारियों पर गिरी गाज
जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि मच्छरों पर नियंत्रण और परंपरागत डीजल आधारित फॉगिंग के द्वारा वातावरणीय प्रदूषण के दृष्टिगत जल आधारित कोल्ड फॉगिंग की अवधारणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई है। इसके प्रयोग के लिए डेल्टामेथ्रिन 2 फीसदी EW (इमर्जन वाटर) का प्रयोग पानी में मिलाकर किया जाता है| आने वाले समय में इसका प्रयोग चिकित्सालयों में भी किया जायेगा। संक्रमण काल में हाट स्पाट क्षेत्रों में डेंगू, केस के सापेक्ष निरोधात्मक कार्यवाही में भी इसका प्रयोग किया जाएगा। कुछ संवेदनशील ग्राम पंचायतों और वार्डो में भी इसका प्रयोग किया जाएगा। धुआँ रहित होने से जहाँ प्रदूषण नहीं होगा, वहीँ फागिंग के मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।
यह भी पढ़ें: मंडलायुक्त द्वारा मेहंदीगंज स्थित प्रधानमंत्री के प्रस्तावित सभा स्थल का निरीक्षण किया गया
Wednesday, April 02, 2025
मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर होगी पोषण पोटली - सीडीओ
वाराणसी: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कम्पोजिट विद्यालय शिवपुर में स्टाम्प, न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र “दयालु” एवं भाजपा जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा सहित मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की उपस्थिति में मंगलवार को मरीजों को पोषण पोटली का वितरण किया गया| जन प्रतिनिधियों द्वारा जनता से निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों की मदद करने की अपील की गई.
यह भी पढ़ें: वाराणसी विकास प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई, अवैध प्लाटिंग ध्वस्त
पोषण पोटली मुख्य विकास अधिकारी के प्रयास से उपलब्ध हुई थी। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि फीडिंग इंडिया संस्था द्वारा कुल 1000 पोषण पोटली उपलब्द्ध करायी गई है| यह पोटली जनपद वाराणसी के विभिन्न टीबी यूनिट में इलाज रत मरीजों को दी जा रही है| यह मरीज 100 दिवसीय सक्रिय क्षय रोग खोजी अभियान के तहत चिन्हित किए गये थे उनमें से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को पोटली दी जा रही है| पोटली मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर होगी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है, यदि सही समय पर इसका उपचार करवाया जाये और समय से दवाइयों का सेवन किया जाये तथा पोषण का विशेष ध्यान रखा तो क्षय रोगी आसानी से स्वस्थ हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें: महापौर ने किया सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास और सुगम शौचालय कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि वर्त्तमान में ट्यूबरक्लोसिस की स्क्रीनिंग कराये जाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है और कहा कि इसमें समुदाय की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है और इसके आधार पर ही हम एक निश्चित सीमा के अंदर जनपद से ट्यूबरक्लोसिस के मरीजों की संख्या कम कर पायेंगे और जनपद को टीबी मुक्त कर सकेंगे| फीडिंग इंडिया के सहयोग से प्राप्त एक पोटली का वजन लगभग 37.50 किलोग्राम है, जिसमें आटा, चावल, दाल, दलिया, गुड़, मिल्क पाउडर, राजमा, सरसों का तेल, मूंगफली एवं घी मौजूद है, जो मरीजों की कई दिन की आवश्यकता को पूरा करने हेतु पर्याप्त है।
यह भी पढ़ें: स्कूल चलो अभियान के तहत नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक वितरण एवं सम्मान समारोह
कार्यक्रम में फीडिंग इंडिया के नेशनल टीम लीडर एवं स्टेट टीम लीडर, जिला मलेरिया अधिकारी एससी पाण्डेय, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अरविन्द पाठक तथा स्कूल के शिक्षकों सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे.
यह भी पढ़ें: दालमंडी सड़क चौड़ीकरण के लिए 25 करोड़ बजट जारी, जल्द शुरू होगा काम...
Sunday, March 30, 2025
अप्रैल से संचारी रोग नियंत्रण और 10 अप्रैल से शुरू होगा दस्तक अभियान, घर-घर जाएंगे स्वास्थ्यकर्मी
वाराणसी: जनपद में संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया आदि मच्छर जनित बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण और कार्रवाई के लिए एक से 30 अप्रैल तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 10 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा। अभियान के सफलता पूर्वक संचालन के लिए शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की दूसरी बैठक आयोजित की गई। सीएमओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग व विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से डेंगू, मलेरिया, टीबी,कुष्ठ, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए यह अभियान पूरे अप्रैल माह संचालित किया जाएगा। समस्त विभागों के सामंजस्य से ही इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: बिजली महापंचायत में उमड़ी कर्मचारियों एवं आमजनमानस की भारी भीड़
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एसएस कनौजिया ने कहा कि डेंगू की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सहित समस्त सहयोगी विभागों को ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने पंचायती राज एवं ग्राम्य विकास विभाग को निर्देशित किया कि आपसी समन्वय से साफ-सफाई का कार्य, लार्वी साइडल स्प्रे, फॉगिंग, खराब इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्प की मरम्मत एवं उथले हैण्डपम्पों के चिन्हीकरण, नालियों एवं तालाबों की साफ-सफाई एवं मार्गों के खरपतवार/झाड़ियों की कटाई-छंटाई का कार्य कराया जाए। हाई रिस्क वाले गांव व क्षेत्र की विशेष निगरानी की जाए जिससे वेक्टर घनत्व नियंत्रित किया जा सके।
यह भी पढ़ें: पूरे नवरात्र में नगर निगम सीमा क्षेत्र में मीट, मछली, मुर्गे की दुकाने रहेंगी बन्द
बैठक के दौरान सरकारी स्कूलों के साथ ही प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को संवेदित किया गया| गर्मी के मौसम में संबंधित रोगों (हीट रिलेटेड इलनेसेज) के विषय में अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जनमानस हेतु शीतल एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, गर्मी से बचाव हेतु शेलटर्स की व्यवस्था, व्यस्त स्थानों पर मौसम के पूर्वानुमान तथा तापमान का डिस्प्ले, हीट वेव से बचाव हेतु जनमानस में व्यापक प्रचार-प्रसार तथा विद्यालयों में हीट वेव से बचाव हेतु उपायों का विद्यार्थियों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये. नगर स्वास्थ्य अधिकारी व नगर निगम को निर्देशित किया कि संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार का कार्य कराया जाए। नगरीय क्षेत्रों में झुग्गी झोंपड़ी व स्लम एरिया क्षेत्रों में विशेष रूप से सफाई अभियान चलाया जाए। साफ-सफाई कीटनाशक रसायनों का छिड़काव, फॉगिंग, जलजमाव निकासी, मच्छरों के प्रजनन स्थानों का विनष्टीकरण, ब्रीडिंग न होने देना सोर्स रिडेक्शन का कार्य कराया जाए।
यह भी पढ़ें: जनपक्षधर पत्रकारिता और डिजिटल सेंसरशिप
उन्होंने बताया कि इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास, पंचायतीराज, पशुपालन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन कल्याण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग सहित अन्य विभाग समन्वय बनाकर कार्य करेंगे। स्वास्थ्य विभाग अभियान का नोडल विभाग रहेगा। माइक्रो प्लान के अनुसार अभियान में घर-घर भ्रमण के दौरान आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संक्रमण से बचने व बुखार होने पर “क्या करें, क्या न करें” का प्रत्येक प्रमुख स्थान पर प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगी। इस बैठक में एसीएमओ जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मौर्या, बायोलाजिस्ट डॉ. अमित कुमार सिंह, डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि, यूनिसेफ से डॉ शाहिद व पाथ संस्था से डॉ ओजस्विनी तथा अन्य सहयोगी विभागों के प्रतिनिधि जुड़े रहे।
यह भी पढ़ें: जनपक्षधर पत्रकारिता और डिजिटल सेंसरशिप
Wednesday, March 26, 2025
टीबी हारेगा, देश जीतेगा- आओ मिलकर टीबी मुक्त भारत बनायें – सीएमओ
वाराणसी: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम हैI माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवाहन पर 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा गया है| इस क्रम में बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में पीडियाट्रिक टीबी की पहचान हेतु जनपद स्तरीय टीओटी का आयोजन किया गया| कार्यक्रम का उद्देश्य, बच्चों में टीबी की समय पर पहचान, जांच, निदान एवं उपचार को मजबूत करना है जिससे अधिक से अधिक बच्चों को क्षय रोग से बचाया जा सके| राज्य स्तर से आये ट्रेनर शैलेंद्र उपाध्याय द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया| इस प्रशिक्षण का आयोजन राज्य स्तर से नामित वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर संस्था द्वारा किया गया| हम सब मिलकर टीबी मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।
यह भी पढ़ें: सफलता की कहानी, जयश्री प्रसाद की जुबानी
सीएमओ ने बताया कि पिछले 6 महीने में 630 बच्चे खोजे गये, जिसमें 147 बच्चे उपचार के उपरांत स्वस्थ हो गये हैं, वह अपना जीवन सामान्य रूप से व्यतीत कर रहे हैं उनका परिवार भी खुश है| इसके अलावा 483 बच्चों का इलाज चल रहा है| उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों में टीबी का समय से पता लगाना अभी भी एक बड़ी चुनौती है। बच्चों में टीबी रोकने तथा समय से पहचान कर इलाज शुरू करने हेतु जिले में एक दिवसीय ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स का आयोजन किया गयाI किया। उन्होंने बताया कि टीबी का इलाज संभव है, सही समय पर इसका उपचार करवाया जाये और समय से दवाइयों का सेवन किया जाये तो क्षय रोगी आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें: प्रगति के परिजन ने की फांसी की सजा की मांग.. दोनों की रजामंदी से हुई थी शादी
जिला क्षय रोग अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि प्रशिक्षण में बच्चों में टीबी की पहचान, जांच, निदान एवं उपचार पर विस्तार से जानकारी दी गई| उन्होंने बताया कि अभी कुछ बच्चे टीबी जांच और उपचार से वंचित रह जाते हैं इसका प्रमुख कारण समसामयिक रेफरल की कमी, जागरूकता का अभाव एवं प्रारंभिक लक्षणों की अनदेखी है। उन्होंने यह भी बताया कि समय पर रेफरल प्रणाली को मजबूत करने से इन बच्चों को उचित उपचार मिल सकता है। जिसके लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और जनपद स्तरीय चिकित्सालय में यह कार्क्रम आयोजित किया जा चुका है।
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना, जरूरतमंद बच्चों के लिए सहायता
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डीपीसी अनीता सिंह द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉक्टर संजय राय, ब्लॉक स्तरीय राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के मेडिकल ऑफिसर, एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग से सीडीपीओ, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डॉ संतोष कुमार सिंह तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी व मैनेजर उपस्थित रहेI।
यह भी पढ़ें: ओपी राजभर के बेटे का ऐलान संभल में नहीं लगने देंगे गाजी मियां का मेला
सफलता की कहानी, जयश्री प्रसाद की जुबानी
वाराणसी: आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के तहत, कई गरीब और कमजोर परिवारों को मुफ्त और कैशलेस इलाज मिल रहा है, जिससे उनकी जान बच रही है और वे बेहतर जीवन जी पा रहे हैं। आयुष्मान भारत कार्ड योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग बुजुर्गों की बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।
यह भी पढ़ें: प्रगति के परिजन ने की फांसी की सजा की मांग.. दोनों की रजामंदी से हुई थी शादी
सीएमओ ने बताया कि पहाडपुर, वाराणसी निवासी 73 वर्षीय जयश्री प्रसाद ने सूर्योदय अस्पताल में उन्नत उपचार के लिए ओपीडी में दिखाया, जहाँ उन्हें आयुष्मान भारत योजना के रूप में बहुत सहायता मिली। इस योजना के तहत एक पात्र लाभार्थी होने के नाते, उन्होंने वहाँ अपना इलाज करवाया। जयश्री अब पूरी तरह से ठीक हो गये हैं और अपने परिवार में आ गये हैं। योजना का लाभ उनके लिए एक बड़ा वरदान साबित हुआ, जिसके माध्यम से वह खुद को और अपने बच्चों के भविष्य को बचाने में सक्षम हुये। आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज पाकर जयश्री प्रसाद स्वस्थ हुये और परिवार भी खुश हुआ।
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना, जरूरतमंद बच्चों के लिए सहायता
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ एस एस कनौजिया ने बताया कि जयश्री प्रसाद पिछले कुछ वर्षों से हृदय रोग से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें स्वस्थ रहने के लिए उनके हृदय की जाँच की तुरंत आवश्यकता थी। 73 वर्षीय जयश्री प्रसाद 29 नवम्बर 2024 को सूर्योदय हॉस्पिटल, भोजूवीर में डाक्टर को ओपीडी में दिखाया था, डाक्टर ने जयश्री प्रसाद को देखने के बाद आईसीयू में भर्ती करने का निर्णय लिया और उपचार शुरू किया। मरीज को एक सप्ताह से बुखार आ रहा था, खांसी के साथ-साथ बलगम, हाई ग्रेड पैरेक्सिया और पेशाब करने में दिक्कत होती थी, बीपी बढ़ जाता था, साँस लेने में दिक्कत होती थी, दिल कि धड़कन बढ़ जाती थी, इलाज शुरू करने के एक हप्ते के बाद मरीज में काफी सुधार आया। यह मरीज 8 दिसम्बर को डिस्चार्ज हो गया| जयश्री प्रसाद का इलाज आयुष्मान कार्ड से 96000 में किया गया।
यह भी पढ़ें: ओपी राजभर के बेटे का ऐलान संभल में नहीं लगने देंगे गाजी मियां का मेला
“जयश्री प्रसाद ने बताया कि मेरे दिल की बीमारी के कारण इस दर्द और पीड़ा के साथ, हर दिन मुझे एक साल जैसा लगता था। मैं अपने बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतित था और सोच रहा था कि अगर मैं जीवित नहीं रहा तो उनका क्या होगा। सरकार की यह योजना हमारे जैसे लोगों के लिए एक बड़ा सहारा है और मैं बस यही चाहता हूँ कि अधिक से अधिक लोग अपने परिवार के स्वास्थ्य और धन को बचाने के लिए इस योजना का लाभ उठायें।"
यह भी पढ़ें: मायावती ने चला बड़ा दांव, ओबीसी को जोड़ेगी, भाईचारा कमेटी का ऐलान
Thursday, March 20, 2025
यूपी में वाराणसी ने एन्क्वास सर्टीफिकेशन में किया टॉप- सीएमओ
वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में सामुदायिक स्तर पर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। आरोग्यं परमं धनम् को ध्याम में रखते हुए घर के नजदीक ही संचालित किए जा रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाई जा रही है। हाल ही में भारत सरकार ने यूपी में एक साथ जनपद के चार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड (एनक्वास) सर्टीफाइड किया है, इसके अलावा जनपद के चार और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एचडब्ल्यूसी) को भी एनक्वास सर्टीफाइड किया है, जिसमें शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मडुआडीह, पांडेयपुर, टाउन हाल और दुर्गाकुंड तथा ब्लाक चिरईगांव से आयुष्मान आरोग्य मंदिर बराई, ब्लाक चोलापुर से सिंहपुर और अजगरा प्रथम तथा ब्लाक सेवापुरी से लालपुर शामिल हैं| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी.
यह भी पढ़ें: जिलाधिकारी सहित जिले के आला अधिकारियों ने देखा भीड़ प्रबन्धन करने की रूप रेखा
सीएमओ ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी ने प्रथम स्थान प्राप्त कर यूपी में टॉप किया है| जिसमें भारत सरकार ने यूपी में जनपद के एक साथ चार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों मडुआडीह, पांडेयपुर, टाउन हाल और दुर्गाकुंड को एनक्वास सर्टीफाइड किया है, जहाँ मडुआडीह और पांडेयपुर को 87 फीसदी, टाउन हाल को 85 फीसदी तथा दुर्गाकुंड को 82 फीसदी अंक प्राप्त हुये हैं| इसके अलावा चार और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भी एन्क्वास सर्टीफिकेशन प्राप्त हुआ है, जिसमें बरई ने 93 फीसदी, सिंघपुर और अजगरा प्रथम ने 92 फीसदी तथा लालपुर ने 84 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं| इन्हें लेकर अब कुल 29 केन्द्रों को एन्क्वास प्रमाणपत्र मिल चुका है| उन्होंने इन केन्द्रों पर कार्यरत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, एएनएम, आशा संगिनी, समस्त आशा कार्यकताओं और ग्राम प्रधानों को बधाई दी।
यह भी पढ़ें: कैबिनेट मंत्री की शिकायत पर अवैध खनन की जांच करने पहुचे लखनऊ सचिवालय के भूवैज्ञानिक अरविन्द कुमार
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ वाईबी पाठक ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भारत सरकार की ओर से निर्धारित सात मानकों जैसे केयर इन प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड बर्थ, नियोनेटल एंड इंफेंट हेल्थ सर्विसेज़, चाइल्डहुड एंड एडोलसेंट हेल्थ सर्विसेज़, फैमिली प्लानिंग, मैनेजमेंट ऑफ कम्यूनिकेबल डिजीज, मैनेजमेंट ऑफ सिम्पल इलनेस इनक्लूडिंग माइनर एलीमेंट्स एवं मैनेजमेंट ऑफ नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ पर बेहतर कार्य करने के लिए एनक्वास प्रमाणपत्र दिया जाता है।
यह भी पढ़ें: सीएमओ ने हेल्थकेयर कॉन्क्लेव लखनऊ में किया प्रतिभाग, बतायीं उपलब्धियां
मंडलीय क्वालिटी एस्योरेंस कंसल्टेंट डॉ तनवीर सिद्दीकी ने बताया कि वर्तमान में 65 आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एन्क्वास के लिए सर्टीफिकेशन तैयार कर सक्षम पोर्टल पर डाटा और डिटेल अपलोड कर स्टेट लेवल तथा स्टेट लेवल से नेशनल लेवल पर भेज दिया गया है| इस क्रम में जनपद में अब 29 फैसिलिटी सर्टीफाइड हो चुकी हैं| 5 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 36 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का असेसमेंट हो चुका है| जिसका रेजल्ट आना बाकी है.
यह भी पढ़ें: गाजीपुर जेल में चलता था PCO, जेलर और डिप्टी जेलर निलंबित
Tuesday, March 18, 2025
सीएमओ ने हेल्थकेयर कॉन्क्लेव लखनऊ में किया प्रतिभाग, बतायीं उपलब्धियां
वाराणसी: लखनऊ में आयोजित यूपी हेल्थकेयर कॉन्क्लेव 2025 में विशेषज्ञों द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की गई| हेल्थ कॉन्क्लेव का आयोजन द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा लखनऊ स्थित ताज महल में किया गया। इस कार्यक्रम का उदघाटन उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया| इस कार्यक्रम का मुख्य विषय हेल्थ केयर ट्रांसफारमेशन को बढ़ावा देना इनोवेशन, एक्सेसिबिलिटी और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण देखभाल था| कॉन्क्लेव में कॉन्क्लेव नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, उद्योग जगत के नेताओं, नवोन्मेषकों और विचारकों को एक मंच प्रदान किया गया, जहाँ वे एक साथ आकर ज्ञान साझा किये और एक स्वस्थ एवं अधिक समतापूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए समाधानों पर चर्चा की। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी.
यह भी पढ़ें: गाजीपुर जेल में चलता था PCO, जेलर और डिप्टी जेलर निलंबित
मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश ब्रजेश पाठक ने प्रदेश की स्वास्थ्य उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार के प्रयासों से संस्थागत प्रसव बढ़े हैं और मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर में कमी आई है। उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने में उत्तर प्रदेश ने देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि विगत वर्षों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक सुधार करते हुए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्घ कराने में उप्र ने सफलता पाई है। उन्होंने विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि वेक्टर जनित रोगों के प्रसार में व्यापक कमी आई है कॉन्क्लेव के अन्य सत्र में प्रतिभाग करते हुए मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश, डॉ. पिंकी जोवल ने प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनाए जा रहे नवाचारों एवं विभाग की उपलब्धियों पर चर्चा की।
यह भी पढ़ें: वाराणसी में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने उठाया कदम, वाराणसी एशिया का इकलौता शहर होगा
कॉन्क्लेव में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने यूपी में अग्रणी स्वास्थ्य सेवा समाधान विषय के अंतर्गत वाराणसी में संचालित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए वाराणसी मॉडल पर विशेष जानकारी दी| उन्होंने बताया कि जिले में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हुआ है जहाँ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर वर्ष 2022-23 में 5074 प्रसव हुये थे वहीँ सेवाओं में सुधार के फलस्वरूप वर्ष 2024-25 में 7905 प्रसव हुये हैं| आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (स्वास्थ्य उपकेन्द्र) में भी वर्ष 2022-23 में 6913 प्रसव हुये थे वहीँ वर्ष 2024-25 में 8876 प्रसव हुये हैं| मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लगातार सुदृढ़ करने हेतु नवाचार के रूप में नवजात शिशु मृत्यु-दर को इकाई की संख्या में लाने के लिए मिशन संकल्प कार्यक्रम चलाया जा रहा है, इसके साथ ही मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई (एमएनसीयू) भी संचालित किए जा रहे हैं| जिले में ह्रदयाघात परियोजना भी आईसीएमआर के सहयोग से संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत 100 से अधिक ह्रदय रोगियों की जान बचाई जा चुकी है|.
यह भी पढ़ें: मलदहिया में नगर निगम के दो दुकानों पर बकाया होने पर दुकान किया सील
Wednesday, March 12, 2025
होली के त्यौहार को लेकर सीएमओ कार्यालय से जारी हुई हेल्थ एड्वाइजरी
Monday, March 10, 2025
होली तक चिकित्सकों और कर्मचारियों के अवकाश निरस्त - सीएम योगी
Saturday, March 08, 2025
चिकित्साधिकारियों, कर्मचारियों एवं एनजीओ के द्वारा 33 यूनिट ब्लड का किया डोनेशन
वाराणसी: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ ब्रिजेश कुमार ने बताया कि इस अवसर पर 35 महिलाओं के हीमोग्लोबिन की जाँच की गई है साथ ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर चिकित्सालय में आने वाली 55 महिलाओं के बीपी एवं शुगर की भी जांच की गई.
यह भी पढ़ें: बीएचयू के सहयोग से टीकाकरण को मिलेगी गति, अहम बैठक सम्पन्न
इसके अलावा चिकित्सालय के सेमिनार हाल में सीपीआर कैसे दिया जाये? किसको एवं कब दिया जाये? इस विषय पर विस्तृत रूप से सभी नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एएनएम एवं जीएनएम के प्रशिक्षु अभ्यर्थियों को राजकीय चिकित्साधिकारी डॉ शिवशक्ति द्विवेदी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया, जिससे नर्सिंग संवर्ग की समस्त महिलाएं लाभान्वित हुई। इस कार्यक्रम में लगभग 105 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
यह भी पढ़ें: कैम्प में लगभग 10,000 महिलाओं के हीमोग्लोबिन की हुई जाँच
उक्त अवसर पर चिकित्साधिकारियों, कर्मचारियों एवं एनजीओ के द्वारा 33 यूनिट ब्लड का भी डोनेशन रक्त केंद्र में किया गया। इस अवसर पर चिकित्सालय के चिकित्साधिकारियों, कर्मचारियों सहित भारी संख्या में एनजीओ के लोग उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें: जनता की सुविधा हेतु 1 घंटे बढ़ाया गया निबंधन कार्यालयों का समय-स्टांप मंत्री



















