Latest News

Showing posts with label Health News. Show all posts
Showing posts with label Health News. Show all posts

Wednesday, September 4, 2024

एसएसपीजी हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में हुई पहली प्लेटलेट एफेरेसिस

वाराणसी: जनपद में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। मंगलवार को कबीर चौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में पहली प्लेटलेट एफेरिसिस की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। अब प्लेटलेट की कमी वाले मरीजों की मांग को पूरा किया जा सकेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि रोगियों के हितों को देखते हुए विधायक नीलकंठ तिवारी एवं विधान परिषद सदस्य अशोक धवन की विधायक निधि एवं जिला प्रशासन के सहयोग से एक प्लेटलेट एफेरिसिस मशीन खरीदी गई तथा एक अन्य मशीन शासन के स्तर से भी प्राप्त हुई है। दोनों मशीनों के प्राप्त होने पर लाइसेंसिंग प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात चिकित्सालय के ब्लड बैंक में पहली बार प्लेटलेट एफेरिसिस की प्रक्रिया संपन्न की गई है।


यह भी पढ़ें: वाराणसी जिला जेल में ई-प्रिजन व्यवस्था लागू, कैदियों से मिलने के लिए नही लगनी होगी लंबी लाइन

चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ एसपी सिंह ने बताया कि उक्त प्रक्रिया शुरू हो जाने से डेंगू के सीजन में प्लेटलेट की कमी वाले मरीजों को काफी सुविधा हो जाएगी और उन्हें सिंगल डोनर प्लेटलेट के लिए यहां वहां भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सरैंया निवासी खैरुन्निसा को प्लेटलेट की कमी के कारण सिंगल डोनर प्लेटलेट की जरूरत थी जिसको देखते हुए राकेश कुमार सेठ नमक रक्तदाता ने प्लेटलेट एफेरिसिस की प्रक्रिया के द्वारा एक पैक प्लेटलेट्स दान दिया, जो मरीज को चढ़ाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: महंगी शराब पीने की शौकीन पत्नी की चाहत पूरी करने के लिए दोनों बने बंटी-बबली

इस पूरी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर मुकुंद श्रीवास्तव (ब्लड बैंक इंचार्ज) जितेंद्र, नागेंद्र, अफसाना बेगम, सविता नंदन, नंदकिशोर विकास, अमित मिश्रा, डॉक्टर संजीव सिंह इत्यादि अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें: निष्पक्ष जांच के लिए बुजुर्ग महिला ने अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन से लगाई न्याय की गुहार, अधिकारी ने दिया निष्पक्ष जाँच और कार्यवाही का आश्वासन

वाराणसी और पूर्वांचल की खबरों के नवीनतम अपडेट्स के लिए पूर्वांचल खबर से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Purvanchal Khabar और पाएं हर पल की जानकारी. वाराणसी और पूर्वांचल सहित देश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

यह भी पढ़ें: विकास खण्ड चिरईगांव में खुलेआम हो रहा है CDO के आदेश का उलंघन, BDO क्यों है मौन?

अपर जिलाधिकारी ने पोषण वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को देंगे पोषण, स्वास्थ्य व शिक्षा का संदेश

वाराणसी: अपर जिलाधिकारी (नगर) व प्रभारी जिलाधिकारी आलोक वर्मा ने मंगलवार को सर्किट हाउस प्रांगण से पोषण प्रचार-प्रसार वाहन को हरी झंडी दिखाकर राष्ट्रीय पोषण माह का आगाज किया। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से मनाए जा रहे पोषण माह का उद्देश्य छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण के स्तर को कम करना है। साथ ही सामुदायिक गतिविधियों के जरिये बच्चों और महिलाओं में कुपोषण दूर करने एवं सभी के लिए स्वास्थ्य और पोषण सुनिश्चित करना और इसमें लोगों की भागीदारी को बढ़ाना है।


यह भी पढ़ें: काशी की पहल ‘लैब मित्रा’ को मिला ‘राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस’ का स्वर्ण पुरस्कार, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने डीएम, सीडीओ व सीएमओ को किया सम्मानित

जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत दो पोषण वाहन जनपद के शहरी क्षेत्रों खासकर बस्तियों, घनी आबादी और ग्रामीण में समस्त ग्राम पंचायतों में घूम-घूम कर पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी संदेश देंगे। मंगलवार को पिंडरा और हरहुआ क्षेत्र में लोगों को जागरूकता संदेश दिए। उन्होंने कहा कि पोषण माह के दौरान चार महत्‍वपूर्ण पहलुओं पर ज़ोर दिया जाएगा। पहला एनीमिया और कुपोषण को समाप्त करने के प्रयासों में मजबूती लाना। दूसरा - प्रसव पूर्व व पश्चात देखभाल, आहार और स्तनपान पर ध्यान केंद्रित करके गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोर लड़कियों के पोषण में सुधार लाना।

यह भी पढ़ें: वाराणसी जिला जेल में ई-प्रिजन व्यवस्था लागू, कैदियों से मिलने के लिए नही लगनी होगी लंबी लाइन

तीसरा - स्वच्छता और साफ-सफाई, एनीमिया की रोकथाम और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा। चौथा - स्वस्थ भारतके लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, छह साल से कम उम्र के बच्चों और किशोर लड़कियों पर विशेष ध्यान देने के साथ ही आउटरीच कार्यक्रम, स्‍वास्‍थ्‍य शिविरों आदि का आयोजन करना।

यह भी पढ़ें: महंगी शराब पीने की शौकीन पत्नी की चाहत पूरी करने के लिए दोनों बने बंटी-बबली

इसके साथ ही जल संरक्षण के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वर्षा जल संचयन को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत शपथ के साथ-साथ एक पेड़ माँ के नामपौधारोपण किया जाएगा। स्वस्थ जीवन शैली के लिए योग शिविर आयोजित किए जाएंगे। डायरिया (दस्त) प्रबंधन एवं हाथ धोने के संदेश पर ज़ोर दिया जाएगा। इस मौके पर बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी मौजूद रहीं।

यह भी पढ़ें: निष्पक्ष जांच के लिए बुजुर्ग महिला ने अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन से लगाई न्याय की गुहार, अधिकारी ने दिया निष्पक्ष जाँच और कार्यवाही का आश्वासन

वाराणसी और पूर्वांचल की खबरों के नवीनतम अपडेट्स के लिए पूर्वांचल खबर से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Purvanchal Khabar और पाएं हर पल की जानकारी. वाराणसी और पूर्वांचल सहित देश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पासक्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Monday, September 2, 2024

राष्ट्रीय पोषण माह का हुआ शुभारंभ, सुपोषित होंगे बच्चे किशोर गर्भवती व धात्री महिलाएं

वाराणसी: जनपद के बच्चों, किशोर-किशोरियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को सुपोषित करने के लिए सोमवार से राष्ट्रीय पोषण माह अभियान की शुरुआत की गई है। 30 सितंबर तक चलने वाले अभियान के अंतर्गत पोषण, स्वास्थ्य व शिक्षा संबंधी गतिविधियों के माध्यम से जन आन्दोलन और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल के निर्देशन में समस्त कन्वर्जेन्स विभागों व विकासशील संस्थाओं के साथ पोषण व स्वास्थ्य सम्बन्धी गतिविधियां वृहद स्तर पर आयोजित की जाएंगी।



जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि वर्ष 2018 से हर साल सितम्बर को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। यह सातवाँ पोषण माह अभियान है, जिसकी प्रमुख थीम ‘समग्र पोषण यानि पोषण से जुड़े सभी आवश्यक तत्व’ रखी गई है। अभियान में पोषण, स्वास्त्थ्य, शिक्षा, जन आंदोलन, पर्यावरण संरक्षण आदि से जुड़ी जन जागरुक गतिविधियां आयोजित की जाएगी। इससे सम्बन्धित समस्त कन्वर्जेन्स विभागों के समन्वय एवं समेकित प्रयासों से पोषण आधारित जीवन चक्र के महत्वपूर्ण चरण क्रमशः गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन व किशोरावस्था में पोषण के सम्बन्ध में जनजागरूकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार तथा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभियान की विभिन्न थीम क्रमशः एनीमिया यानि खून की कमी के लिए ‘टेस्ट, ट्रेक व ट्रीटमेंट’, स्तनपान व पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, वृद्धि निगरानी, पर्यावरण संरक्षण एवं जन संवेदीकरण गतिविधियों पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। इसके अंतर्गत विभिन्न पोषण, स्वास्थ्य व शिक्षा संबंधी गतिविधियाँ आयोजित की जाएगी। 


डीपीओ ने बताया कि पोषण माह के दौरान विभिन्न पोषण सम्बन्धी गतिविधियां यथा वजन दिवस, पोषण रैली, गृह भ्रमण, पोषण मेला, हाट बाजार, एनीमिया शिविर, समुदाय आधारित गतिविधि, टीकाकरण शिविर, प्रसव पूर्व जांच, प्रभात फेरी, साईकिल रैली, पौधारोपण, पोषण वाटिका, योगा सत्र, महिला स्वयं सहायता समूह आदि गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। मोटा अनाज (श्री अन्न) के उपयोग से रेसिपी प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाएगा। पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियाँ की जाएगी। इन सभी गतिविधियों के जरिये छह वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती, स्तनपान कराने वाली धात्री माताओं तथा किशोर-किशोरी के पोषण स्तर में सुधार लाया जाएगा। पोषण से सम्बन्धित कन्वर्जेन्स विभागों यथा बाल विकास सेवा एव पुष्टाहार, स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायतीराज, खाद्य एवं रसद, ग्राम्य विकास, कृषि, युवा एवं खेल, आयुष, आवास एवं शहरी नियोजन, स्किल डेवलेपमेन्ट, सूचना, जन शक्ति, समाज कल्याण, जनजाति कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण विभागों द्वारा संयुक्त रुप से उत्साह पूर्वक पोषण माह में प्रतिभाग किया जायेगा। समस्त कार्यक्रमों व गतिविधियों के फोटोग्राफ तथा वीडियो एवं उसका संक्षिप्त विवरण सहित नियमित रूप से जन आन्दोलन डैशबोर्ड ‘पोषण अभियान’ पर अपलोड किया जाएगा। ‘पोषण ट्रैकर’ एप्लीकेशन पर भी नियमित डाटा फीडिंग पर ज़ोर दिया जाएगा।


वाराणसी और पूर्वांचल की खबरों के नवीनतम अपडेट्स के लिए पूर्वांचल खबर से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Purvanchal Khabar और पाएं हर पल की जानकारी. वाराणसी और पूर्वांचल सहित देश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पासक्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड! 

Wednesday, August 7, 2024

पेट के कीड़ों से छुटकारा दिलाने के लिए 10 अगस्त को मनेगा ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस’

वाराणसी: एक से 19 वर्ष तक के बच्चों, किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़ों यानि कृमि से छुटकारा दिलाने के लिए जनपद में 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिले में एक से 19 साल के 19 लाख से अधिक बच्चों को कृमि से मुक्ति के लिए पेट के कीड़े निकालने की दवा ‘एल्बेंडाजोल’ खिलाई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी।  


यह भी पढ़ें: शहरी सीएचसी शिवपुर में हिस्टेरेक्टोमी का हुआ सफल ऑपरेशन

सीएमओ ने कहा कि जनपद में 10 अगस्त को 19 लाख से अधिक बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे हर हाल में पूरा करने की कोशिश की जायेगी। इसमें एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों के साथ ही 6 से 19 साल तक के स्कूल जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं को उनके विद्यालय में दवा खिलायी जायेगी। इसके लिए जनपद के निजी, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, मदरसों, संस्कृत विद्यालयों एवं केंद्रीय विद्यालयों से सहयोग लिया जायेगा। अभियान में उन बच्चों को भी दवा खिलायी जायेगी जो स्कूल नहीं जाते है। साथ ही ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों के बच्चों को भी आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाई जाएगी। यह अभियान साल में दो बार चलाया जाता है। अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य व आंगनबाड़ी केंद्र या आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क करें।   

यह भी पढ़ें: शिवपुर पुलिस ने S.O.G. टीम की मदद से तीन शातिर लूटेरों को किया गिरफ्तार

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस दस अगस्त को दवा खाने से छूट गए बच्चों के लिए 14 अगस्त को मॉप अप राउंड आयोजित होगा। दिवस में छूटे हुए बच्चों को भी दवा से आच्छादित कर लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं। उनमें खून की कमी हो जाती है, जिसके कारण बच्चे कमजोर होने लगते हैं। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को इस परेशानी से बचाने के लिए कीड़े निकालने की दवा उन्हें जरूर खिलाएं। 

यह भी पढ़ें: चोलापुर पुलिस ने लूट की घटना का किया सफल अनावरण, तीन शातिर अभियुक्त गिरफ्तार, कब्जे से एक चैन और तीन मोबाईल के साथ साथ 16550/- रूपये नगद व मोटरसाइकिल बरामद

दवा खाने का तरीका- 

  • एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली अच्छी तरह से पीस कर पानी में मिलाकर खिलाएं।
  • दो से तीन साल के बच्चों को एक पूरी गोली पीस कर पानी के साथ खिलाएं।
  • तीन से 19 साल के बालक-बालिकाओं को एक पूरी गोली चबाकर खानी होगी।

कृमि मुक्ति के फायदे- 

  • स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
  • एनीमिया नियंत्रण
  • सीखने की क्षमता में सुधार

कृमि संक्रमण के लक्षण- 

  • दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना कृमि संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं ।
  • बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होंगे।
  • हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं।

Tuesday, August 6, 2024

शिवपुर पुलिस ने S.O.G. टीम की मदद से तीन शातिर लूटेरों को किया गिरफ्तार

वाराणसी: पुलिस आयुक्त के अपराधों की रोकथाम, चोरी/लूट/हत्या की घटनाओं के सफल अनावरण एवं वांछित/फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियान के क्रम में पुलिस उपायुक्त वरुणा ज़ोन के निर्देशन मे, अपर पुलिस उपायुक्त वरुणा ज़ोन के पर्यवेक्षण मे एवं श्रीमान सहायक पुलिस आयुक्त कैण्ट के नेतृत्व में थाना शिवपुर पुलिस टीम द्वारा चेकिंग के दौरान एस0ओ0जी0 टीम की सहायता से मु0अ0सं0 310/2024 धारा 309(6) बी0एन0एस0व बढोत्तरी धारा 61/310/317/109 बी0एन0एस0 व 3/25 आर्म्स एक्ट थाना शिवपुर कमि0 वाराणसी से संबंधित वांछित अभियुक्तों शिवा सोनकर पुत्र दशरथ सोनकर निवासी सोनकर बस्ती थाना शिवपुर जनपद वाराणसी, दिनेश उर्फ दीनू पुत्र स्व0 मटरू निवासी सोनकर बस्ती थाना शिवपुर जनपद वाराणसी और समीर पुत्र सुनील कुमार निवासी शिवपुर थाना शिवपुर जनपद वाराणसी को पुलिस मुठभेड़ के दौरान दिनांक-06.08.2024 को समय करीब 02.12 बजे चौकी चांदमारी से फंटैसिया वाटर पार्क वाले रास्ते से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों के कब्जे से 01 अदद नाजायज तमंचा 12 बोर, 02 अदद जिन्दा कारतूस 12 बोर व 02 अदद खोखा कारतूस 12 बोर,01 अदद आसमानी रंग का पिठ्ठू बैग, 01 अदद बायोमैट्रिक मशीन, 01 अदद रजिस्टर, 01 अदद बिना नं0 प्लेट की मोटरसईकिल व 35350/- रूपये नगद बरामद हुआ । उक्त गिरफ्तारी/बरामदगी के सम्बन्ध में थाना शिवपुर पुलिस द्वारा अग्रेतर विधिक कार्यवाही की जा रही है।

दिनांक 23/07/2024 को योगेश कुमार यादव पुत्र लक्ष्मी नारायण यादव निवासी ग्राम उपरौठ थाना औऱाई जनपद सन्त रविदास नगर (भदोही) द्वारा भारत फाईनेंशियल जो कि इण्डसइण्ड बैंक का कलेक्शन का पैसा 1,01,500/- रु0, एक सैमसंग टेबलेट एवं एक बायोमैट्रिक मशीन एक बैग में रखकर जा रहे थे कि कानूडीह के पास खड़े 3 लोगों द्वारा योगेश कुमार यादव की गाड़ी रोककर उनके पैर में गोली मारकर तथा बैग छीनकर भाग गये थे, जिसके सम्बन्ध में थाना शिवपुर में मुकदमा उपरोक्त पंजीकृत हुआ, जिसकी विवेचना उ0नि0 अजीत कुमार मिश्रा द्वारा सम्पादित की जा रही है।

यह भी पढ़ें: जिलाधिकारी एस.राजलिगम ने जनता दर्शन में फरियादियों की सुनी समस्याएं

बरामदशुदा पैसों के बारे में पूछताछ करने पर तीनों अभियुक्तों ने बताया कि हम लोगों ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर कुछ दिन पहले कानूडीह के एक आदमी जिसका नाम योगेश है, जो कलैक्शन एजेन्ट है उसको गोली मारकर लूट लिये थे। हम लोगों ने अपने अन्य साथी आदर्श गिरि, ईश्वर प्रकाश, गुलशन बिहारी, शनि के साथ मिलकर ये योजना बनाई थी, जिसमें दिनेश ने योगेश यादव के रुपये कलैक्ट करने व ले जा कर जमा करने की जानकारी दी थी, उस दिन योगेश के रुपये कलैक्शन करने की जगह पर ईश्वर प्रकाश मौजूद था और उसने ही हम लोगों को योगेश के रुपये लेकर निकलने की सूचना दी थी और हमने उसे आगे रोककर गोली मारकर रुपये छीन लिये थे और हम सभी लोग आदर्श गिरि के कमरे पर जाकर लूटे गये रुपयों को आपस में बांट लिये । लूट के पैसे से हम लोगों ने खूब खाया-पिया और शान शौकत में खर्च कर दिए है बस यही पैसे बचे हुए हैं वो आप लोगों ने बरामद कर लिए है। पकड़े जाने के डर से हम लोग लूट करने व लूट का सामान ले जाने में इसी बिना नं0 प्लेट की मोटरसाईकिल का प्रयोग करते हैं।

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में रिटेन टेस्ट के साथ फिजिकल की कर लें तैयारी, जानें हाइट-चेस्ट के साथ कितनी रनिंग जरूरी

गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में थाना शिवपुर से प्रभारी निरीक्षक उदयवीर सिंह, उ0नि0प्र0 नितिन सिंह, उ0नि0 अजीत मिश्रा, उ0नि0 विपिन कुमार पाण्डेय ,उ0नि0 गौरव सिंह, हे0का0 रामबाबू, का0 ज्ञानेन्द्र यादव का0 बालमुकुन्द मौर्य, हे0का0 शिवगोविन्द, क0 सतीश चौरसिया फैंटम 59 कर्मचारीगण हे0का0 अजय कुमार सिंह का0 अजीत कुमार गोंड के साथ एस0ओ0जी0 टीम कमि0 वाराणसी से एस0ओ0जी0 प्रभारी मनीष कुमार मिश्रा, उ0नि0 कुमार गौरव सिंह ,हे0का0 प्रमोद सिंह, का0 मनीष बघेल, का0 प्रेमशंकर पटेल, का0 दिनेश कुमार और फील्ड यूनिट टीम कमि0 वाराणसी प्रभारी हे0का0 देवेन्द्र प्रताप यादव, का0 विकास मिश्रा व का0 संदीप यादव शामिल थे।

यह भी पढ़ें: मुस्लिम पक्ष का काशी धाम में नया गेट लगाने को लेकर हंगामा, इस नई व्यवस्था को बताया साजिश

Friday, August 2, 2024

डा0 अजय प्रताप सिंह कि जगह डा0 संतोष पाल, होंगे नगर निगम के नये पशु चिकित्सा अधिकारी

वाराणसी: नगर निगम में बहुत दिनों से खाली चल रहे पशु चिकित्सा अधिकारी के पद पर शासन ने नगर निगम में डा0 संतोष पाल को नया पशु चिकित्सा अधिकारी तैनात किया है। 


यह भी पढ़ें: हरदोई में वकील कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या करने वाले शूटर का एनकाउंटर, दाएं पैर में लगी गोली

आपको बता दें कि डा0 संतोष पाल इसके पूर्व फिरोजाबाद, नगर निगम में इसी पद पर तैनात थे। नगर निगम में पूर्व पशु चिकित्सा अधिकारी डा0 अजय प्रताप सिंह के स्थानान्तरण हो जाने के पश्चात यह पद रिक्त चला आ रहा था। 

यह भी पढ़ें: मनबढ़ युवकों ने किया पुलिस के दीवान और होमगार्ड पर जानलेवा हमला

डा0 संतोष पाल ने आज नगर निगम में उपस्थित होकर कार्यभार ग्रहण किया गया। उक्त के अतिरिक्त एक सहायक अभियन्ता सतीश रावत एवं आशीष श्रीवास्तव, सफाई निरीक्षक भी लखनऊ नगर निगम से स्थानान्तरित होकर आज वाराणसी नगर निगम, में कार्यभार ग्रहण किया।

यह भी पढ़ें: VDA ने पांडेयपुर में बन रहे अवैध मकान को किया सील

Thursday, July 25, 2024

अगर निजी पैथालॉजी वाले डेंगू की जांच 600 रुपये से अधिक लेंगे तो होगी कार्यवाही- CMO

वाराणसी: डेंगू संक्रमण की जॉच के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कम से कम दरें निर्धारित कर दी हैं। इस संबंध में उत्तर प्रदेश समेत सभी प्रदेशों और संघ शासित प्रदेशों में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गए हैं। 


यह भी पढ़े: जनपद के सभी ब्लॉकों में जल्द शुरू होगा ‘फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर’ कार्यक्रम

पत्र का हवाला देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि निजी पैथालाजी सेंटर में डेंगू रोग की जॉच के लिए अधिकतम 600 रुपये की दर निर्धारित की गई है। यदि किसी लैब द्वारा मनमाने ढंग से ज्यादा शुल्क वसूली की जाती है, तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। 

यह भी पढ़े: आदेश का अनुपालन नहीं करने पर उपजिलाधिकारी और तहसीलदार के विरुद्ध की जाएगी कठोर कार्रवाई- CM य्योगी

उन्होंने कहा कि अक्सर निजी पैथालॉजी सेंटर स्वामी, मरीजों से डेंगू की जांच के लिए अधिक धनराशि वसूलते हैं, जिससे जनसामान्य में भय की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके दृष्टिगत प्राईवेट पैथालॉजी में डेंगू की जांच दर को न्यून्तम रखे जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

यह भी पढ़े: काशी के तीन और आयुष्मान आरोग्य मंदिर हुए ‘एनक्वास’ सर्टिफाइड

जनपद के सभी ब्लॉकों में जल्द शुरू होगा ‘फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर’ कार्यक्रम

वाराणसी: मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल में परिवार के सभी सदस्यों खासकर पुरुषों की सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही जनपद में ‘फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर यानि परिवार सहभागी देखभाल (एफ़पीसी) कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। इसको लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के धन्वंतरि सभागार में हुआ। प्रशिक्षण में हर ब्लॉक से एक एक ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (बीसीपीएम), सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) और एएनएम को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही इन्हें मास्टर ट्रेनर भी बनाया गया, जो ब्लॉक पर जाकर सभी स्टाफ नर्स, सीएचओ, एएनएम, संगिनी और आशाओं को प्रशिक्षित करेंगे। 



सीएमओ डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन व न्यूट्रीशियन इंटरनेशनल (एनआई) और न्यू कान्सैप्ट (एनसीआईएस) संस्था के संयुक्त तत्वावधान में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। डिप्टी सीएमओ (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य के नेतृत्व में प्रशिक्षक संजय वर्मा और प्रभा शर्मा ने समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को बताया कि मातृ व शिशु स्वास्थ्य की देखभाल में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। परिवार के सहयोग से गर्भवती और धात्री महिला साथ ही नवजात शिशु के पोषण में सहयोग दिया जा सकता है। इसमें परिवार के पुरुषों को भी शत-प्रतिशत सहयोग करना चाहिए। कहा कि गर्भवती महिला को कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच कराने और प्रसव पश्चात देखभाल में परिवार को पूरा सहयोग करना चाहिए। इस दौरान गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी), गृह आधारित बाल देखभाल (एचबीवाईसी), कंगारू मदर केयर (केएमसी) के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। परिवार की सहभागिता से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। इसके लिए गर्भवती व धात्री महिलाओं और नवजात शिशु के परिवार के सदस्यों को प्रशिक्षित करने की ज़िम्मेदारी स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई है।


प्रशिक्षण में बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ व संतुलित खानपान से पेट में पल रहे भ्रूण को बेहतर पोषण मिलता है। साथ ही दोनों की सेहत भी अच्छी बनी रहती है। प्रसव के समय को समस्या भी नहीं होती है। कई बार अपने खानपान पर ध्यान न देने से गर्भवती, उच्च झोखिम की श्रेणी में आ जाती हैं। उनमें हीमोग्लोबिन की कमी होने लगती है। प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव के कारण काफी समस्या उत्पन्न होती है। उसे कैसे रोकना है, इससे संबंधित जानकारियां, इसके साथ ही जन्म लेने के बाद बच्चों को ऑक्सीजन देने की आवश्यकता होती है तो ऑक्सीजन कैसे देना है, डॉक्यूमेंटेशन कैसे करना है, प्रसव पूर्व एवं पश्चात जांच कैसे करना है, प्रसव के दौरान शिशु की स्थिति को कैसे समझना है, आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बच्चे के जन्म देने के बाद बच्चे की मां द्वारा किस तरीके की सावधानियां बरतनी हैं और बच्चे की देखभाल कैसे करनी है, इससे संबंधित जानकारियां दी गई हैं। जन्म लिए शिशु को जानलेवा रोगों से बचाने के लिए कब-कब टीकाकरण कराना है।


दो दिवसीय प्रशिक्षण में करीब 25 लोगों को प्रशिक्षित किया गया। इस मौके पर एनयूएचएम के सीसीपीएम कौशल चौबे, बीसीपीएम, सीएचओ, एएनएम एवं न्यूट्रीशन इंटरनेशनल से मंडलीय समन्वयक अपराजिता सिंह मौजूद रहीं।

Wednesday, July 24, 2024

काशी के तीन और आयुष्मान आरोग्य मंदिर हुए ‘एनक्वास’ सर्टिफाइड

वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सामुदायिक स्तर पर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। ‘आरोग्यं परमं धनम्’ को ध्याम में रखते हुए घर के नजदीक ही संचालित किए जा रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ रही है। हाल ही में भारत सरकार ने जनपद के तीन और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड (एनक्वास) सर्टिफाइड किया गया, जिसमें आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के ठठरा व अमीनी और काशी विद्यापीठ ब्लॉक का कोरौता आयुष्मान आरोग्य मंदिर शामिल है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी। 


यह भी पढ़े: सीएम योगी की बैठक में नहीं पहुंचे राजभर

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के ठठरा ने ‘एनक्वास’ के अंतिम मूल्यांकन (असेस्मेंट) में 90 प्रतिशत और अमीनी ने 91.4 प्रतिशत स्कोर हासिल किया है एवं काशी विद्यापीठ ब्लॉक के कोरौता ने 84.86 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। सीएमओ ने ठठरा, अमीनी और कोरौता की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम, आशा संगिनी, समस्त आशा कार्यकर्ताओं और ग्राम प्रधान को बधाई दी। एनक्वास के सभी असेस्मेंट (मूल्यांकन) कार्य में जिला कार्यक्रम प्रबन्धक (डीपीएम) संतोष कुमार सिंह, एमओआईसी (सेवापुरी) डॉ मनोज कुमार वर्मा, एमओआईसी (मिसिरपुर, काशी विद्यापीठ) डॉ रामबली सिंह, क्वालिटी एश्योरेंस के मंडलीय सलाहकार डॉ तनवीर सिद्दकी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक अनूप कुमार मिश्रा, जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता पूनम गुप्ता एवं अन्य संबन्धित स्टाफ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही न्यूट्रीशन इंटरनेशनल (एनआई) संस्था की अपराजिता सिंह ने भी अहम भूमिका निभाई।

यह भी पढ़े: ब्लॉक प्रमुख अभिषेक सिंह ने संचारी रोग और बाढ को लेकर किया खण्ड विकास अधिकारी, ए.डी.ओ. पंचायत और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक

सीएमओ ने कहा कि इससे पहले आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के खरगरामपुर और करधना प्रथम आयुष्मान आरोग्य मंदिर एनक्वास सर्टिफाइड हो चुके हैं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने ‘एनक्वास’ के लिए नामांकन किया है। इसके साथ ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भी कायाकल्प और एनक्वास को लेकर मूल्यांकन प्रक्रिया की जा रही है। धीरे-धीरे वाराणसी के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सीएचसी व पीएचसी को एनक्वास सर्टिफ़ाइड व कायाकल्प का दर्जा मिलेगा, जिससे समुदाय को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल सकेंगी।

इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका – ठठरा आयुष्मान आरोग्य केंद्र की सीएचओ प्रिया सिंह, एएनएम धर्मा देवी, संगिनी गुंजन देवी और ग्राम प्रधान सुनील कुमार बिन्द ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमीनी की सीएचओ रूपम भारती, एएनएम ममता व मीरा, संगिनी फूल कुमारी व ग्राम प्रधान अनिल कुमार एवं कोरौता की सीएचओ प्रिया मल्ल, एएनएम रजत कुमारी, ग्राम प्रधान दिनेश कुमार पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

यह भी पढ़े: यात्रीगण कृपया ध्यान दें; यार्ड रिमॉडलिंग के चलते ये ट्रेने रहेगीं निरस्त, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर       

यह हैं निर्धारित सात मानक – आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भारत सरकार की ओर से निर्धारित सात मानकों यथा केयर इन प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड बर्थ, निओनेटल एंड इंफेंट हेल्थ सर्विसेज़, चाइल्डहूड एंड एडोलसेंट हेल्थ सर्विसेज़, फैमिली प्लानिंग, मैनेजमेंट ऑफ कम्यूनिकेबल डीजीज़, मैनेजमेंट ऑफ सिम्पल इलनेस इनक्लूडिंग माइनर एलीमेंट्स एवं मैनेजमेंट ऑफ नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ पर बेहतर स्कोर प्राप्त हुए हैं। 

प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी - किशोरी के परामर्श से लेकर गर्भावस्था, प्रसव पूर्व जांच व देखभाल, प्रसव पश्चात देखभाल, नवजात शिशु देखभाल, सम्पूर्ण टीकाकारण, परिवार नियोजन की स्थायी व अस्थायी सेवाएँ, संचारी व गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, जांच, परामर्श आदि के साथ ही जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके लिए सभी सीएचओ, एएनएम, संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं को बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वह सभी मानकों को पूरा कर सकें तथा मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकें।

यह भी पढ़े: सीएम योगी ने समीक्षा बैठक सभी विभागों को दिया बड़ा आदेश, कहा- श्रद्धालुओं को किसी भी दशा में परेशानी का सामना न करना पड़े

Monday, July 22, 2024

महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को किया सम्मानित

वाराणसी: बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत पिछले वर्ष जून व सितंबर 2023 में संचालित किए गए ‘संभव’ अभियान में वाराणसी ने प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त किया है। इस क्रम में सोमवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री बेनी रानी मौर्य ने वाराणसी के आईसीडीएस विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अभियान में वाराणसी ने अति कुपोषित (सैम) बच्चों के लक्ष्य के सापेक्ष लगभग 46 फीसदी बच्चों को स्वस्थ किया है। शेष बच्चों को आगामी माह में स्वस्थ किया गया। 


यह भी पढ़े: शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस’ सत्र पर मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

आईसीडीएस उत्तर प्रदेश की निदेशक सरणीत कौर ब्रोका की ओर से जारी किए गए सम्मान पत्र में कहा गया कि “जनपद वाराणसी को संभव अभियान 2023 में उत्कृष्ट कार्य हेतु राज्य स्तर पर तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। मैं, जिला कार्यक्रम अधिकारी के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा करते हुए, प्रदेश के सभी बच्चों और माताओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए निरंतर प्रयासरत रहने हेतु अपनी शुभकामनाएँ देती हूँ।”

जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा चिन्हित जा रहे कुपोषित (मैम) व अति कुपोषित (सैम) बच्चों की सूची तैयार कर उनका उपचार किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) व मिनी एनआरसी भेजा जा रहा है। वर्तमान में संभव अभियान के अंतर्गत समस्त आठ विकास खंडों व नगरीय विकास परियोजना में जनपद के 3914 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस अभियान की मुख्य थीम कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन, संदर्भन, उपचार, प्रबंधन व फॉलो-अप है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में संभव अभियान एक नवाचार के रूप में प्रारंभ किया गया था, जिसमें विशेष रूप से अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन, उपचार व सामुदायिक स्तर पर उनके प्रबंधन के साथ कुपोषण की रोकथाम के लिए व्यवहार परिवर्तन पर जोर दिया गया था। अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के साथ पहली तिमाही की गर्भवती का वजन व ऊंचाई माप रही हैं। कुपोषित बच्चों व गर्भवती को चिन्हित कर उनकी चिकित्सकीय प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।

यह भी पढ़े: गुरुपूर्णिमा महोत्सव में भक्तों ने किया शंकराचार्य महाराज के चरण पादुका का पूजन

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि संभव अभियान 2023 के अंतर्गत पोषण ट्रैकर पर 5579 बच्चों का वजन व लंबाई के आधार पर चिन्हित किया गया। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से वीएचएसएनडी/ई-कवच पर चिन्हित 5579 बच्चों की सूची तैयार की गई। इसके अलावा 7694 बच्चों का फॉलो अप किया गया। इसमें से 3242 बच्चों को अति कुपोषित (सैम) श्रेणी में रखा गया। इन सभी बच्चों का उपचार ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) व स्वास्थ्य उपकेंद्र पर किया गया, जिसमें से 1488 (46 फीसदी) बच्चे स्वस्थ हुए। शेष बच्चों को आगामी दिवसों में स्वस्थ किया गया।

यह भी पढ़े: सावन के पहले सोमवार को काशी आएंगे सीएम योगी, लेंगे बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद, जानेंगे विकास की हकीकत...

डीएमओ ने कहा - इस अभियान के दौरान पोषण 500 के रूप में एक नवीन गतिविधि आयोजित किया जाना है, जिसमें गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म के प्रथम छह माह (500 दिन) शिशु के पोषण एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यदि कोई गर्भवती व धात्री महिला कुपोषण से ग्रसित है तो बच्चे में भी कुपोषण की सम्भावना बनी रहती है। शिशु कुपोषण मुक्त रहे, इसके लिए शुरूआती पहचान जरूरी होती है। वर्तमान में जनपद वाराणसी में मात्र 779 बच्चे सैम श्रेणी में बचे हुए है, जिन्हें तीन माह में सामान्य श्रेणी में लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

यह भी पढ़े: परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को देना होगा संपत्ति का ब्योरा

शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस’ सत्र पर मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

वाराणसी: सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं को लगातार सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। इसके लिए नगरीय क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हर बुधवार व शनिवार को शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएसएनडी) सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इन सत्रों पर गर्भवती व बच्चों के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, परिवार नियोजन परामर्श, पोषण व स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां, माताओं संग बैठकें आदि स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।  



मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की पहल पर शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्र, नगर के 756 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजित किए जा रहे हैं। इन केन्द्रो पर ही बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात जांच सुविधाएं, परिवार नियोजन परामर्श आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि यूएचएसएनडी सत्र, पोषण सहित मातृ एवं शिशु देखभाल के प्रावधान के लिए एक पहुंच (आउटरीच) गतिविधि है जिसमें प्रशिक्षित एएनएम के द्वारा गर्भवती व बच्चों का टीकाकरण, एएनसी के शीघ्र पंजीकरण, नियमित एएनसी, पोषण संबंधी सेवाएं जैसे बच्चों का वजन, लंबाई और गर्भावस्था के दौरान देखभाल, रेफरल आदि के लिए नियमित सूचना, शिक्षा व संचार (आईईसी) व व्यवहार परिवर्तन संचार (बीसीसी) गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। गर्भवती को पोषण आहार, देखभाल, गर्भावस्था के खतरे के संकेत, लाभप्रद स्वास्थ्य योजनाओं और संस्थागत प्रसव के बारे में परामर्श व शिक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।

सीएमओ ने बताया कि यूएचएसएनडी सत्र, जहां प्रशिक्षित एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के सहयोग से पोषण व स्वास्थय संबंधी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। यू-विन एप पर रियल टाइम डाटा फीडिंग के साथ ही ई-कवच और आरसीएच पोर्टल पर नियमित फीडिंग की जा रही है। समय-समय पर विभागीय समीक्षा व मॉनिटरिंग भी की जा रही है।


मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड है बेहद खास – मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड 40 पेज की एक पुस्तिका है। इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। एमसीपी कार्ड सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के पंजीकरण के समय दिया जाता है। इसमें गर्भावस्था से संबंधित सभी आवश्यक सलाह व सूचनाओं का विवरण दर्ज रहता है। इसमें गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर किए जाने वाले सभी चेक-अप से लेकर प्रसव में बरती जाने वाली सावधानियां दर्ज होती हैं। प्रसव के बाद बच्चे का उम्र के हिसाब से ध्यान रखने के महत्वपूर्ण जानकारियां भी उपलब्ध हैं। इसमें शिशु के टीकाकरण की भी संपूर्ण जानकारी होती है। इसके साथ ही पोषण व परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी होती है।

Saturday, July 13, 2024

EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विस 108 तथा 102 एंबुलेंस मरीज को तुरंत दे रही सेवा

वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ई एम आर आई ग्रीन हेल्थ सर्विस 108 तथा 102 एंबुलेंस के द्वारा मरीज को तुरंत सेवा दे रही है। 


यह भी पढ़े: बरियासनपुर इण्टर कालेज में बच्चोँ का पठन पाठन रोक हुआ चन्दौली सांसद का स्वागत

जिसमें मरीज की देखभाल करते हुए इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ( ई .एम. टी.) मरीजों की देखभाल करते हुए अस्पताल पहुंचा रहे हैं जिससे प्रदेश के जनमानस को अत्यधिक लाभ पहुंच रहा है।

Thursday, July 11, 2024

स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने लापरवाही और लंबे समय से ड्यूटी से नदारद रहने गंभीर आरोप में 17 चिकित्सा अधिकारियों को किया बर्खास्त

लखनऊ: यूपी के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने गुरुवार को लापरवाह चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया. उन्होंने 17 चिकित्सा अधिकारियों की बर्खास्तगी का आदेश दिया है. इन पर काम में लापरवाही और लंबे समय से ड्यूटी से नदारद रहने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात लापरवाह चिकित्साधिकारियों पर इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. 


यह भी पढ़े: जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने नदेसर हुए हमले में लगाया विधायक अभय सिंह-विनीत सिंह पर आरोप

पाठक ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले इन 17 चिकित्साधिकारियों की बर्खास्तगी के निर्देश जारी किए हैं. प्रमुख सचिव चिकित्सा एंव स्वास्थ्य को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं. ये 17 चिकित्साधिकारी लंबे समय से बिना सूचना अनुपस्थित चल रहे थे. डिप्टी सीएम ने इस कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा, चिकित्सकीय सेवाओं में लापरवाही बरतने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. तीन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के भी निर्देश जारी किए गए हैं. तैनाती से संबंधित मण्डलीय अपर निदेशकों को जांच अधिकारी बनाया गया है. 

यह भी पढ़े: वाराणसी में सहायक अभियोजन अधिकारी से मांगी गयी रंगदारी, झूठे केस में फंसाने और करियर खराब करने की मिली धमकी

इनकी बर्खास्तगी के आदेश

  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव मथुरा के चिकित्साधिकारी डॉ. आनंद गोयल
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सब सेंटर मोहनकोला, सिद्धार्थनगर की चिकित्साधिकारी डॉ. नेहा सिंह
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जगदीशपुर बस्ती की चिकित्साधिकारी डॉ. निक्की
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमीन फरेंदा, आजमगढ़ की चिकित्साधिकारी डॉ. ईशा सिंह
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेसरहा सिद्धार्थनगर की चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल वर्मा
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होलीपुरा बाह की चिकित्साधिकारी डॉ. कृतिका
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आहरण आगरा की चिकित्साधिकारी डॉ. सुनाक्षी सेठ
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सब सेंटर बेतिया, सिद्धार्थनगर के चिकित्साधिकारी डॉ. रजनीश चौधरी
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरली छपरा, बलिया के चिकित्साधिकारी डॉ. राहुल कुमार
  • अधीन मुख्य चिकित्साधिकारी बलिया डॉ. जैन
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी जालौनी के चिकित्साधिकारी डॉ. सत्येंद्र पुरवार
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बमटापुर (बरनाहाल), मैनपुरी की चिकित्साधिकारी डॉ. अंजली वर्मा
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, औछा मैनपुरी की चिकित्साधिकारी डॉ. स्वाति कुशवाहा
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़िहान मिर्जापुर के चिकित्साधिकारी डॉ. अखलाक अहमद
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भोजीपुरा, बरेली की चिकित्साधिकारी डॉ. रूबी जायसवाल
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसराना फिरोजाबाद की चिकित्साधिकारी डॉ. सरिता पांडे्य
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हथौली, जयसिंहपुर, फिरोजाबाद के चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष मगन 

इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई
तीन चिकित्सकों पर अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश भी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए हैं एवं उक्त चिकित्सकों की तैनाती से संबंधित मंडलीय अपर निदेशकों को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। 

  • जिला चिकित्सालय झांसी के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकुल मिश्रा
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर बाराबंकी में तैनान नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. माधवी सिंह
  • मुख्य चिकित्साधिकारी बरेली के अधीन डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा शामिल 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में ऐसे कई चिकित्सा अधिकारी हैं, जिन्हें सरकार मोटी सैलरी पर नियुक्त करती है, लेकिन वो दूरदराज के क्षेत्रों में बने जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी में ड्यूटी करने नहीं जाते हैं या फिर अक्सर नदारद रहते हैं. कई बार बड़ी सड़क दुर्घटनाओं के वक्त स्वास्थ्य अधिकारियों की गैर मौजूदगी की वजह से घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. डॉक्टर ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में बने आवास में रहते हैं, जबकि उन्हें आवासीय सुविधा भी मुहैया कराई जाती है. फिर भी वो दायित्वों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. ऐसे में यह बड़ी कार्रवाई सरकार को करनी पड़ी है. 

यह भी पढ़े:  टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत अराजीलाइन के असवारी गांव में लगा स्वास्थ्य शिविर