Latest News

Showing posts with label Health News. Show all posts
Showing posts with label Health News. Show all posts

Thursday, July 25, 2024

अगर निजी पैथालॉजी वाले डेंगू की जांच 600 रुपये से अधिक लेंगे तो होगी कार्यवाही- CMO

वाराणसी: डेंगू संक्रमण की जॉच के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कम से कम दरें निर्धारित कर दी हैं। इस संबंध में उत्तर प्रदेश समेत सभी प्रदेशों और संघ शासित प्रदेशों में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गए हैं। 


यह भी पढ़े: जनपद के सभी ब्लॉकों में जल्द शुरू होगा ‘फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर’ कार्यक्रम

पत्र का हवाला देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि निजी पैथालाजी सेंटर में डेंगू रोग की जॉच के लिए अधिकतम 600 रुपये की दर निर्धारित की गई है। यदि किसी लैब द्वारा मनमाने ढंग से ज्यादा शुल्क वसूली की जाती है, तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। 

यह भी पढ़े: आदेश का अनुपालन नहीं करने पर उपजिलाधिकारी और तहसीलदार के विरुद्ध की जाएगी कठोर कार्रवाई- CM य्योगी

उन्होंने कहा कि अक्सर निजी पैथालॉजी सेंटर स्वामी, मरीजों से डेंगू की जांच के लिए अधिक धनराशि वसूलते हैं, जिससे जनसामान्य में भय की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके दृष्टिगत प्राईवेट पैथालॉजी में डेंगू की जांच दर को न्यून्तम रखे जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

यह भी पढ़े: काशी के तीन और आयुष्मान आरोग्य मंदिर हुए ‘एनक्वास’ सर्टिफाइड

जनपद के सभी ब्लॉकों में जल्द शुरू होगा ‘फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर’ कार्यक्रम

वाराणसी: मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल में परिवार के सभी सदस्यों खासकर पुरुषों की सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही जनपद में ‘फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर यानि परिवार सहभागी देखभाल (एफ़पीसी) कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। इसको लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के धन्वंतरि सभागार में हुआ। प्रशिक्षण में हर ब्लॉक से एक एक ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (बीसीपीएम), सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) और एएनएम को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही इन्हें मास्टर ट्रेनर भी बनाया गया, जो ब्लॉक पर जाकर सभी स्टाफ नर्स, सीएचओ, एएनएम, संगिनी और आशाओं को प्रशिक्षित करेंगे। 



सीएमओ डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन व न्यूट्रीशियन इंटरनेशनल (एनआई) और न्यू कान्सैप्ट (एनसीआईएस) संस्था के संयुक्त तत्वावधान में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। डिप्टी सीएमओ (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य के नेतृत्व में प्रशिक्षक संजय वर्मा और प्रभा शर्मा ने समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को बताया कि मातृ व शिशु स्वास्थ्य की देखभाल में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। परिवार के सहयोग से गर्भवती और धात्री महिला साथ ही नवजात शिशु के पोषण में सहयोग दिया जा सकता है। इसमें परिवार के पुरुषों को भी शत-प्रतिशत सहयोग करना चाहिए। कहा कि गर्भवती महिला को कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच कराने और प्रसव पश्चात देखभाल में परिवार को पूरा सहयोग करना चाहिए। इस दौरान गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी), गृह आधारित बाल देखभाल (एचबीवाईसी), कंगारू मदर केयर (केएमसी) के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। परिवार की सहभागिता से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। इसके लिए गर्भवती व धात्री महिलाओं और नवजात शिशु के परिवार के सदस्यों को प्रशिक्षित करने की ज़िम्मेदारी स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई है।


प्रशिक्षण में बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ व संतुलित खानपान से पेट में पल रहे भ्रूण को बेहतर पोषण मिलता है। साथ ही दोनों की सेहत भी अच्छी बनी रहती है। प्रसव के समय को समस्या भी नहीं होती है। कई बार अपने खानपान पर ध्यान न देने से गर्भवती, उच्च झोखिम की श्रेणी में आ जाती हैं। उनमें हीमोग्लोबिन की कमी होने लगती है। प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव के कारण काफी समस्या उत्पन्न होती है। उसे कैसे रोकना है, इससे संबंधित जानकारियां, इसके साथ ही जन्म लेने के बाद बच्चों को ऑक्सीजन देने की आवश्यकता होती है तो ऑक्सीजन कैसे देना है, डॉक्यूमेंटेशन कैसे करना है, प्रसव पूर्व एवं पश्चात जांच कैसे करना है, प्रसव के दौरान शिशु की स्थिति को कैसे समझना है, आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बच्चे के जन्म देने के बाद बच्चे की मां द्वारा किस तरीके की सावधानियां बरतनी हैं और बच्चे की देखभाल कैसे करनी है, इससे संबंधित जानकारियां दी गई हैं। जन्म लिए शिशु को जानलेवा रोगों से बचाने के लिए कब-कब टीकाकरण कराना है।


दो दिवसीय प्रशिक्षण में करीब 25 लोगों को प्रशिक्षित किया गया। इस मौके पर एनयूएचएम के सीसीपीएम कौशल चौबे, बीसीपीएम, सीएचओ, एएनएम एवं न्यूट्रीशन इंटरनेशनल से मंडलीय समन्वयक अपराजिता सिंह मौजूद रहीं।

Wednesday, July 24, 2024

काशी के तीन और आयुष्मान आरोग्य मंदिर हुए ‘एनक्वास’ सर्टिफाइड

वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सामुदायिक स्तर पर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। ‘आरोग्यं परमं धनम्’ को ध्याम में रखते हुए घर के नजदीक ही संचालित किए जा रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ रही है। हाल ही में भारत सरकार ने जनपद के तीन और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड (एनक्वास) सर्टिफाइड किया गया, जिसमें आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के ठठरा व अमीनी और काशी विद्यापीठ ब्लॉक का कोरौता आयुष्मान आरोग्य मंदिर शामिल है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी। 


यह भी पढ़े: सीएम योगी की बैठक में नहीं पहुंचे राजभर

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के ठठरा ने ‘एनक्वास’ के अंतिम मूल्यांकन (असेस्मेंट) में 90 प्रतिशत और अमीनी ने 91.4 प्रतिशत स्कोर हासिल किया है एवं काशी विद्यापीठ ब्लॉक के कोरौता ने 84.86 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। सीएमओ ने ठठरा, अमीनी और कोरौता की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम, आशा संगिनी, समस्त आशा कार्यकर्ताओं और ग्राम प्रधान को बधाई दी। एनक्वास के सभी असेस्मेंट (मूल्यांकन) कार्य में जिला कार्यक्रम प्रबन्धक (डीपीएम) संतोष कुमार सिंह, एमओआईसी (सेवापुरी) डॉ मनोज कुमार वर्मा, एमओआईसी (मिसिरपुर, काशी विद्यापीठ) डॉ रामबली सिंह, क्वालिटी एश्योरेंस के मंडलीय सलाहकार डॉ तनवीर सिद्दकी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक अनूप कुमार मिश्रा, जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता पूनम गुप्ता एवं अन्य संबन्धित स्टाफ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही न्यूट्रीशन इंटरनेशनल (एनआई) संस्था की अपराजिता सिंह ने भी अहम भूमिका निभाई।

यह भी पढ़े: ब्लॉक प्रमुख अभिषेक सिंह ने संचारी रोग और बाढ को लेकर किया खण्ड विकास अधिकारी, ए.डी.ओ. पंचायत और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक

सीएमओ ने कहा कि इससे पहले आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के खरगरामपुर और करधना प्रथम आयुष्मान आरोग्य मंदिर एनक्वास सर्टिफाइड हो चुके हैं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने ‘एनक्वास’ के लिए नामांकन किया है। इसके साथ ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भी कायाकल्प और एनक्वास को लेकर मूल्यांकन प्रक्रिया की जा रही है। धीरे-धीरे वाराणसी के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सीएचसी व पीएचसी को एनक्वास सर्टिफ़ाइड व कायाकल्प का दर्जा मिलेगा, जिससे समुदाय को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल सकेंगी।

इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका – ठठरा आयुष्मान आरोग्य केंद्र की सीएचओ प्रिया सिंह, एएनएम धर्मा देवी, संगिनी गुंजन देवी और ग्राम प्रधान सुनील कुमार बिन्द ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमीनी की सीएचओ रूपम भारती, एएनएम ममता व मीरा, संगिनी फूल कुमारी व ग्राम प्रधान अनिल कुमार एवं कोरौता की सीएचओ प्रिया मल्ल, एएनएम रजत कुमारी, ग्राम प्रधान दिनेश कुमार पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

यह भी पढ़े: यात्रीगण कृपया ध्यान दें; यार्ड रिमॉडलिंग के चलते ये ट्रेने रहेगीं निरस्त, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर       

यह हैं निर्धारित सात मानक – आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भारत सरकार की ओर से निर्धारित सात मानकों यथा केयर इन प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड बर्थ, निओनेटल एंड इंफेंट हेल्थ सर्विसेज़, चाइल्डहूड एंड एडोलसेंट हेल्थ सर्विसेज़, फैमिली प्लानिंग, मैनेजमेंट ऑफ कम्यूनिकेबल डीजीज़, मैनेजमेंट ऑफ सिम्पल इलनेस इनक्लूडिंग माइनर एलीमेंट्स एवं मैनेजमेंट ऑफ नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ पर बेहतर स्कोर प्राप्त हुए हैं। 

प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी - किशोरी के परामर्श से लेकर गर्भावस्था, प्रसव पूर्व जांच व देखभाल, प्रसव पश्चात देखभाल, नवजात शिशु देखभाल, सम्पूर्ण टीकाकारण, परिवार नियोजन की स्थायी व अस्थायी सेवाएँ, संचारी व गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, जांच, परामर्श आदि के साथ ही जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके लिए सभी सीएचओ, एएनएम, संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं को बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वह सभी मानकों को पूरा कर सकें तथा मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकें।

यह भी पढ़े: सीएम योगी ने समीक्षा बैठक सभी विभागों को दिया बड़ा आदेश, कहा- श्रद्धालुओं को किसी भी दशा में परेशानी का सामना न करना पड़े

Monday, July 22, 2024

महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को किया सम्मानित

वाराणसी: बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत पिछले वर्ष जून व सितंबर 2023 में संचालित किए गए ‘संभव’ अभियान में वाराणसी ने प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त किया है। इस क्रम में सोमवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री बेनी रानी मौर्य ने वाराणसी के आईसीडीएस विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अभियान में वाराणसी ने अति कुपोषित (सैम) बच्चों के लक्ष्य के सापेक्ष लगभग 46 फीसदी बच्चों को स्वस्थ किया है। शेष बच्चों को आगामी माह में स्वस्थ किया गया। 


यह भी पढ़े: शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस’ सत्र पर मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

आईसीडीएस उत्तर प्रदेश की निदेशक सरणीत कौर ब्रोका की ओर से जारी किए गए सम्मान पत्र में कहा गया कि “जनपद वाराणसी को संभव अभियान 2023 में उत्कृष्ट कार्य हेतु राज्य स्तर पर तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। मैं, जिला कार्यक्रम अधिकारी के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा करते हुए, प्रदेश के सभी बच्चों और माताओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए निरंतर प्रयासरत रहने हेतु अपनी शुभकामनाएँ देती हूँ।”

जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा चिन्हित जा रहे कुपोषित (मैम) व अति कुपोषित (सैम) बच्चों की सूची तैयार कर उनका उपचार किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) व मिनी एनआरसी भेजा जा रहा है। वर्तमान में संभव अभियान के अंतर्गत समस्त आठ विकास खंडों व नगरीय विकास परियोजना में जनपद के 3914 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस अभियान की मुख्य थीम कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन, संदर्भन, उपचार, प्रबंधन व फॉलो-अप है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में संभव अभियान एक नवाचार के रूप में प्रारंभ किया गया था, जिसमें विशेष रूप से अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन, उपचार व सामुदायिक स्तर पर उनके प्रबंधन के साथ कुपोषण की रोकथाम के लिए व्यवहार परिवर्तन पर जोर दिया गया था। अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के साथ पहली तिमाही की गर्भवती का वजन व ऊंचाई माप रही हैं। कुपोषित बच्चों व गर्भवती को चिन्हित कर उनकी चिकित्सकीय प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।

यह भी पढ़े: गुरुपूर्णिमा महोत्सव में भक्तों ने किया शंकराचार्य महाराज के चरण पादुका का पूजन

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि संभव अभियान 2023 के अंतर्गत पोषण ट्रैकर पर 5579 बच्चों का वजन व लंबाई के आधार पर चिन्हित किया गया। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से वीएचएसएनडी/ई-कवच पर चिन्हित 5579 बच्चों की सूची तैयार की गई। इसके अलावा 7694 बच्चों का फॉलो अप किया गया। इसमें से 3242 बच्चों को अति कुपोषित (सैम) श्रेणी में रखा गया। इन सभी बच्चों का उपचार ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) व स्वास्थ्य उपकेंद्र पर किया गया, जिसमें से 1488 (46 फीसदी) बच्चे स्वस्थ हुए। शेष बच्चों को आगामी दिवसों में स्वस्थ किया गया।

यह भी पढ़े: सावन के पहले सोमवार को काशी आएंगे सीएम योगी, लेंगे बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद, जानेंगे विकास की हकीकत...

डीएमओ ने कहा - इस अभियान के दौरान पोषण 500 के रूप में एक नवीन गतिविधि आयोजित किया जाना है, जिसमें गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म के प्रथम छह माह (500 दिन) शिशु के पोषण एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यदि कोई गर्भवती व धात्री महिला कुपोषण से ग्रसित है तो बच्चे में भी कुपोषण की सम्भावना बनी रहती है। शिशु कुपोषण मुक्त रहे, इसके लिए शुरूआती पहचान जरूरी होती है। वर्तमान में जनपद वाराणसी में मात्र 779 बच्चे सैम श्रेणी में बचे हुए है, जिन्हें तीन माह में सामान्य श्रेणी में लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

यह भी पढ़े: परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को देना होगा संपत्ति का ब्योरा

शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस’ सत्र पर मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

वाराणसी: सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं को लगातार सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। इसके लिए नगरीय क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हर बुधवार व शनिवार को शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएसएनडी) सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इन सत्रों पर गर्भवती व बच्चों के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, परिवार नियोजन परामर्श, पोषण व स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां, माताओं संग बैठकें आदि स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।  



मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की पहल पर शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्र, नगर के 756 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजित किए जा रहे हैं। इन केन्द्रो पर ही बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात जांच सुविधाएं, परिवार नियोजन परामर्श आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि यूएचएसएनडी सत्र, पोषण सहित मातृ एवं शिशु देखभाल के प्रावधान के लिए एक पहुंच (आउटरीच) गतिविधि है जिसमें प्रशिक्षित एएनएम के द्वारा गर्भवती व बच्चों का टीकाकरण, एएनसी के शीघ्र पंजीकरण, नियमित एएनसी, पोषण संबंधी सेवाएं जैसे बच्चों का वजन, लंबाई और गर्भावस्था के दौरान देखभाल, रेफरल आदि के लिए नियमित सूचना, शिक्षा व संचार (आईईसी) व व्यवहार परिवर्तन संचार (बीसीसी) गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। गर्भवती को पोषण आहार, देखभाल, गर्भावस्था के खतरे के संकेत, लाभप्रद स्वास्थ्य योजनाओं और संस्थागत प्रसव के बारे में परामर्श व शिक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।

सीएमओ ने बताया कि यूएचएसएनडी सत्र, जहां प्रशिक्षित एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के सहयोग से पोषण व स्वास्थय संबंधी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। यू-विन एप पर रियल टाइम डाटा फीडिंग के साथ ही ई-कवच और आरसीएच पोर्टल पर नियमित फीडिंग की जा रही है। समय-समय पर विभागीय समीक्षा व मॉनिटरिंग भी की जा रही है।


मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड है बेहद खास – मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड 40 पेज की एक पुस्तिका है। इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। एमसीपी कार्ड सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के पंजीकरण के समय दिया जाता है। इसमें गर्भावस्था से संबंधित सभी आवश्यक सलाह व सूचनाओं का विवरण दर्ज रहता है। इसमें गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर किए जाने वाले सभी चेक-अप से लेकर प्रसव में बरती जाने वाली सावधानियां दर्ज होती हैं। प्रसव के बाद बच्चे का उम्र के हिसाब से ध्यान रखने के महत्वपूर्ण जानकारियां भी उपलब्ध हैं। इसमें शिशु के टीकाकरण की भी संपूर्ण जानकारी होती है। इसके साथ ही पोषण व परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी होती है।

Saturday, July 13, 2024

EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विस 108 तथा 102 एंबुलेंस मरीज को तुरंत दे रही सेवा

वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ई एम आर आई ग्रीन हेल्थ सर्विस 108 तथा 102 एंबुलेंस के द्वारा मरीज को तुरंत सेवा दे रही है। 


यह भी पढ़े: बरियासनपुर इण्टर कालेज में बच्चोँ का पठन पाठन रोक हुआ चन्दौली सांसद का स्वागत

जिसमें मरीज की देखभाल करते हुए इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ( ई .एम. टी.) मरीजों की देखभाल करते हुए अस्पताल पहुंचा रहे हैं जिससे प्रदेश के जनमानस को अत्यधिक लाभ पहुंच रहा है।

Thursday, July 11, 2024

स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने लापरवाही और लंबे समय से ड्यूटी से नदारद रहने गंभीर आरोप में 17 चिकित्सा अधिकारियों को किया बर्खास्त

लखनऊ: यूपी के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने गुरुवार को लापरवाह चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया. उन्होंने 17 चिकित्सा अधिकारियों की बर्खास्तगी का आदेश दिया है. इन पर काम में लापरवाही और लंबे समय से ड्यूटी से नदारद रहने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात लापरवाह चिकित्साधिकारियों पर इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. 


यह भी पढ़े: जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने नदेसर हुए हमले में लगाया विधायक अभय सिंह-विनीत सिंह पर आरोप

पाठक ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले इन 17 चिकित्साधिकारियों की बर्खास्तगी के निर्देश जारी किए हैं. प्रमुख सचिव चिकित्सा एंव स्वास्थ्य को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं. ये 17 चिकित्साधिकारी लंबे समय से बिना सूचना अनुपस्थित चल रहे थे. डिप्टी सीएम ने इस कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा, चिकित्सकीय सेवाओं में लापरवाही बरतने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. तीन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के भी निर्देश जारी किए गए हैं. तैनाती से संबंधित मण्डलीय अपर निदेशकों को जांच अधिकारी बनाया गया है. 

यह भी पढ़े: वाराणसी में सहायक अभियोजन अधिकारी से मांगी गयी रंगदारी, झूठे केस में फंसाने और करियर खराब करने की मिली धमकी

इनकी बर्खास्तगी के आदेश

  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव मथुरा के चिकित्साधिकारी डॉ. आनंद गोयल
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सब सेंटर मोहनकोला, सिद्धार्थनगर की चिकित्साधिकारी डॉ. नेहा सिंह
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जगदीशपुर बस्ती की चिकित्साधिकारी डॉ. निक्की
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमीन फरेंदा, आजमगढ़ की चिकित्साधिकारी डॉ. ईशा सिंह
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेसरहा सिद्धार्थनगर की चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल वर्मा
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होलीपुरा बाह की चिकित्साधिकारी डॉ. कृतिका
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आहरण आगरा की चिकित्साधिकारी डॉ. सुनाक्षी सेठ
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सब सेंटर बेतिया, सिद्धार्थनगर के चिकित्साधिकारी डॉ. रजनीश चौधरी
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरली छपरा, बलिया के चिकित्साधिकारी डॉ. राहुल कुमार
  • अधीन मुख्य चिकित्साधिकारी बलिया डॉ. जैन
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी जालौनी के चिकित्साधिकारी डॉ. सत्येंद्र पुरवार
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बमटापुर (बरनाहाल), मैनपुरी की चिकित्साधिकारी डॉ. अंजली वर्मा
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, औछा मैनपुरी की चिकित्साधिकारी डॉ. स्वाति कुशवाहा
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़िहान मिर्जापुर के चिकित्साधिकारी डॉ. अखलाक अहमद
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भोजीपुरा, बरेली की चिकित्साधिकारी डॉ. रूबी जायसवाल
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसराना फिरोजाबाद की चिकित्साधिकारी डॉ. सरिता पांडे्य
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हथौली, जयसिंहपुर, फिरोजाबाद के चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष मगन 

इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई
तीन चिकित्सकों पर अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश भी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए हैं एवं उक्त चिकित्सकों की तैनाती से संबंधित मंडलीय अपर निदेशकों को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। 

  • जिला चिकित्सालय झांसी के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकुल मिश्रा
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर बाराबंकी में तैनान नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. माधवी सिंह
  • मुख्य चिकित्साधिकारी बरेली के अधीन डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा शामिल 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में ऐसे कई चिकित्सा अधिकारी हैं, जिन्हें सरकार मोटी सैलरी पर नियुक्त करती है, लेकिन वो दूरदराज के क्षेत्रों में बने जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी में ड्यूटी करने नहीं जाते हैं या फिर अक्सर नदारद रहते हैं. कई बार बड़ी सड़क दुर्घटनाओं के वक्त स्वास्थ्य अधिकारियों की गैर मौजूदगी की वजह से घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. डॉक्टर ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में बने आवास में रहते हैं, जबकि उन्हें आवासीय सुविधा भी मुहैया कराई जाती है. फिर भी वो दायित्वों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. ऐसे में यह बड़ी कार्रवाई सरकार को करनी पड़ी है. 

यह भी पढ़े:  टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत अराजीलाइन के असवारी गांव में लगा स्वास्थ्य शिविर