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Monday, May 12, 2025

यूपी में गंगा किनारे बनेगा नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, वाराणसी समेत प्रदेश के 4 जिलों और सैकड़ों गांव का विकास पकड़ेगा रफ्तार

वाराणसी: प्रयागराज के बीच बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए अब एक नया वैकल्पिक हाईवे बनाया जाएगा. मौजूदा छह लेन सड़क पर यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे यात्रियों को जाम का सामना करना पड़ता है. इस समस्या के समाधान के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना की तैयारी का निर्देश दिया है.


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160 किमी का होगा नया एक्सप्रेसवे

नई सड़क वाराणसी से मीरजापुर होते हुए प्रयागराज तक गंगा नदी के किनारे बनेगी और इसकी लंबाई करीब 160 किलोमीटर होगी. इस परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का काम शुरू हो चुका है. इसके तहत परियोजना की व्यवहार्यता, जोखिम, लागत और संभावित लाभों का आकलन किया जा रहा है. रिपोर्ट में यह भी तय किया जाएगा कि सड़क को दो लेन बनाया जाए या चार लेन.

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एक वर्ष में पूरा हो सकता है DPR

NHAI आधुनिक उपकरणों जैसे सिमुलेशन सॉफ्टवेयर, जीपीएस, जीआईएस और थियोडोलाइट का उपयोग कर सड़क की एलाइनमेंट तय कर रहा है. एक वर्ष में DPR को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. ट्रैफिक लोड, भूखंडों की प्रकृति, क्षेत्रफल और लोगों की आवाजाही की इच्छा जैसे बिंदुओं पर विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है.

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मल्टीमॉडल टर्मिनल से जोड़ने की भी योजना

NHAI के पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी एस.के. आर्या ने बताया कि मंत्रालय ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और काम तेजी से चल रहा है. इस परियोजना को रामनगर स्थित मल्टीमॉडल टर्मिनल से भी जोड़ा जा सकता है. इससे सड़क और जलमार्ग दोनों के संयोजन से परिवहन व्यवस्था Rऔर मजबूत होगी।

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Friday, April 25, 2025

सांसद बांसुरी स्वराज ने महिलाओं को संकल्प दिलाया कि "एक राष्ट्र एक चुनाव" की विचारधारा को खुद ध्वजवाहक बनकर गली-गली पहुंचाएंगे

वाराणसी: "एक राष्ट्र एक चुनाव" के संबंध में गुरुवार को आर्य महिला महाविद्यालय के ज्ञानानंद सभागार में महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। महिला सम्मेलन की मुख्य वक्ता सांसद बांसुरी स्वराज रहीं।


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सांसद बांसुरी स्वराज ने पहलगाम हमले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह नरेंद्र मोदी जी का नया भारत है जो ना झुकता है, ना रूकता है और ना थमता है। उन्होंने कहा कि यह मोदी का नया भारत है जो निर्भीक है निडर है। यह मोदी का नया भारत है कि किसी भी आतंकी के सामने घुटने नहीं टेकता। किसी भी चुनौती का ढृढ़ता के साथ सामना करता है मुंहतोड़ जवाब देता है राष्ट्रहित में फैसला लेता है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के पूर्व जो हम लोगों ने 2 मिनट का मौन रखा है, यह मौन मेरी बहनों ने मेरे साथ केवल श्रद्धांजलि के रूप में नहीं रखा है बल्कि यह मौन हमने प्रतिज्ञा के रूप में लिया है। प्रतिज्ञा यह है कि ना हम डरेंगे ना हम भूलेंगे और ना छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि आप सभी के बीच में आकर मैं अभीभूत हूं। काशी की बखान करते हुए उन्होंने कहा कि मोक्ष की महिमा वाली काशी जहां बाबा विश्वनाथ का वास है, मां गंगा की धारा धारा के श्रद्धा की सरिता, शंखनाद में सनातन विश्वास है। बनारसी साड़ी की गरिमा पायी पहचान है। हर घाट पर गौरव हर राह पर आत्म-सम्मान है। अब इस पुण्य नगरी को मिला है मोदी युग का नव विकास। 

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उन्होंने कहा कि मैं यहां ना तो सांसद धर्म निभाने आई हूं और ना राजनीति धर्म निभाने आई हूं, मैं तो बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर अपने बहनों से चर्चा करने आई हूं। उन्होंने अनुमति लेकर मंच से नीचे आकर महिलाओं के बीच "एक राष्ट्र एक चुनाव" की चर्चा की। एक राष्ट्र एक चुनाव नीति है - विचार है - समाधान है। देश को बार-बार के चुनाव प्रक्रिया से छुटकारा देकर हम एक ही बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाएंगे। उन्होंने देशी लहज़े में उदाहरण देते हुए महिलाओं के बीच जाकर समझाया कि एक परिवार के भाइयों की एक साथ शादी करने का उदाहरण देते हुए एक ही मंडप में, एक ही साथ करेंगे तो इसे खर्च बचेगा, लोंगो के तान सुनने से बचेंगे।

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"एक राष्ट्र - एक चुनाव" के लाभ को गिनाते हुए कहा कि बार-बार होने वाले चुनावों पर होने वाला भारी खर्च (जीडीपी का लगभग 1.5%) कम होगा, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा। प्रशासनिक दक्षता: लगातार चुनावों के कारण प्रशासन और सुरक्षा बलों पर पड़ने वाला बोझ कम होगा, जिससे वे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान दे सकेंगे। नीति स्थिरता, लंबे समय तक नीतिगत निर्णयों में निरंतरता बनी रहेगी, क्योंकि सरकारें बार-बार चुनावी मोड में नहीं होंगी। एक साथ चुनाव होने से मतदाताओं में भ्रम कम होगा और मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है। बार-बार चुनावों से होने वाली राजनीतिक अस्थिरता और क्षेत्रीय मुद्दों पर अत्यधिक ध्यान कम होगा, जिससे राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता मिलेगी। नेताओं और सरकार का समय चुनाव प्रचार के बजाय विकास कार्यों पर अधिक केंद्रित होगा। ये लाभ देश की लोकतांत्रिक और प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने में योगदान दे सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प विकसित भारत है जिसके लिए नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार नई-नई जनकल्याणकारी योजनाएं लेकर आ रही है। उन्होंने चुनाव के दौरान लगने वाली आचार संहिता को लेकर बताते हुए कहा कि यह विकास में स्पीड ब्रेकर का काम करती है। बार-बार चुनाव होने से विकास के कार्यों में बाधाएं आती है। उन्होंने महिलाओं को संकल्प दिलाया कि हम राष्ट्र के हित में हमेशा साथ खड़े होकर "एक राष्ट्र एक चुनाव" का समर्थन करेंगे। हम इस लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के लिए अपना योगदान केवल मतदान से नहीं बल्कि विचारों का आदान-प्रदान करके संवाद से इस लोकतंत्र को और ज्यादा गूढ़ और मजबूत करेंगे। तथा तीसरा संकल्प दिलाते हुए कहा कि हम एक राष्ट्र एक चुनाव की विचारधारा को खुद इसके ध्वजवाहक बनकर एक-एक घर एक-एक गली तथा एक-एक कूंचे तक पहुंचाएंगे।

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सादगी भरे कार्यक्रम के प्रारंभ में 2 मिनट का मौन रखते हुए श्रद्धांजलि दी गई तत्पश्चात नेहा कक्कड़, लक्ष्मी सिंह व श्वेता शर्मा ने वंदे मातरम गीत प्रस्तुत किया। अतिथि का परिचय कार्यक्रम संयोजक डॉ रचना अग्रवाल ने दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर कुसुम चंद्रा, संचालन आर्य महिला पीजी कॉलेज संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जया मिश्रा तथा धन्यवाद ज्ञापन भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष नम्रता चौरसिया ने दिया। इस दौरान मुख्य रूप से भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, पूर्व महापौर मृदुला जायसवाल, निर्मला सिंह पटेल, पूजा दीक्षित, जगदीश त्रिपाठी, चन्द्रशेखर उपाध्याय, वैभव कपूर, अपराजिता सोनकर, साधना वेदांती, डॉ गीता शास्त्री, कुसुम पटेल, विभव सिंह, विनीता सिंह, प्रज्ञा पांडेय, साधना सिंह, महिला उद्यमी ऋचा शाह, चार्टर्ड अकाउंटेंट का जमुना शुक्ला, डॉ रुबी शाह, शशिबाला शाह, महानगर मीडिया प्रभारी किशोर सेठ, प्रीति पुरोहित, आरती पाठक, नेहा कक्कड़, रिचा सिंह, अनीशा शाही, मंजू सिंह, किरन मिश्रा, सोनिया जैन संध्या सिंह सहित सैकड़ों महिलाएं व छात्राएं मौजूद रहे।

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Thursday, April 24, 2025

सर्जिकल स्‍ट्राइक के वक्‍त जो हुआ, ठीक वैसा ही हो रहा, CCS मीटिंग बहुत कुछ बता रही

पहलगाम: आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्‍योरिटी (CCS) की मीटिंग ले रहे हैं. इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएस अज‍ित डोभाल मौजूद हैं. यहीं तय होगा क‍ि आतंकी हमले का जवाब कैसे द‍िया जाए. लेकिन इस मीटिंग की सबसे खास बात ये है क‍ि सर्जिकल स्‍ट्राइक के वक्‍त जो कुछ भी हुआ, ठीक वैसा ही इस बार भी हो रहा है. उस वक्‍त भी सीसीएस की मीटिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर पर हुई थी और इस बार भी पीएम मोदी अपने घर पर ही मीटिंग कर रहे हैं. मतलब साफ है क‍ि भारत का जवाब भयानक होने वाला है.


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कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्‍योरिटी की मीटिंग बुलाना प्रधानमंत्री का विशेषाध‍िकार है. आमतौर पर यह मीटिंग साउथ ब्लॉक में होती है, जहां प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) है. लेकिन उरी सर्जिकल स्‍ट्राइक के वक्‍त 29 सितंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीसीएस की मीटिंग अपने आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर की थी. इसी मीटिंग में पाक‍िस्‍तान को जवाब देने के ल‍िए सर्जिकल स्‍ट्राइक का प्‍लान बना था. इस बार भी पीएम मोदी ने अपने आवास पर मीटिंग बुलाई है. इससे माना जा रहा है क‍ि भारत कोई बड़ा फैसला ले सकता है.

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मीटिंग PMO में करने के मायने

हाई लेवल सिक्रेसी और सिक्‍योरिटी

पीएम का आवास एक हाई सिक्‍योरिटी जोन में होता है, जहां सीमित स्‍टाफ मौजूद रहता है. कड़ी निगरानी रखी जाती है, इसल‍िए कोई भी सूचना लीक नहीं हो सकती. जब सर्जिकल स्‍ट्राइक या क‍िसी बड़ी सैन्‍य कार्रवाई पर फैसला लेना हो तो यह जगह सबसे सुरक्ष‍ित मानी जाती है.

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सेंट्रलाइज डिसीजन मेकिंग

पीएम आवास में मीटिंग का मतलब है क‍ि सभी शीर्ष अध‍िकारी तुरंत उपलब्‍ध हैं. बिना क‍िसी देरी और औपचार‍िकता के फैसले ल‍िए जा सकते हैं, तुरंत उन्‍हें लागू क‍िया जा सकता है. ऐसा तब होता है जब सेकेंडों में निर्णय लेना हो. ड‍िफेंस एक्‍सपर्ट के मुताबिक, अभी वही वक्‍त है.

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मीडिया और पब्‍ल‍िक से दूरी

साउथ या नॉर्थ ब्लॉक में मीटिंग होने पर मीडिया की हलचल और कयासबाजी तेज हो जाती है. पीएम आवास पर मीटिंग ज्‍यादा निजी होती है. इससे क‍िसी भी जानकारी के बाहर जाने की संभावना लगभग शून्‍य हो जाती है.

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गंभीरता बताती है ये मीटिंग

जब CCS की मीटिंग पीएम आवास पर होती है, तो यह संकेत मिलता कि मामला सामान्य नहीं है. इससे यह संदेश जाता है क‍ि स्थिति बेहद गंभीर है और सरकार उससे सख्ती से निपटने का प्‍लान बना रही है.

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Tuesday, April 08, 2025

नशे की लत और नशे का व्यापार देश के युवाओं को बर्बादी के अंधेरे में धकेल रहा

लेखक अंकित तिवारी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता की कलम से

 पूरा भारतीय समाज इसके प्रकोप को झेल रहा है। प्रशासनिक लापरवाहियों भ्रष्टाचार के साये में लगातार यह धंधा बढ़ रहा है।  सामाजिक तानेबाने में बिखराव, बाजारवाद, छोटे  होते परिवार, पश्चिम जीवन के तौर तरीकों को अपनाने की वजह से एकाकी होता जीवन कुछ ऐसे मूलभूत कारण हैं जो नशीले धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं। इस पर काबू पाना अकेले सरकार के बस का नहीं परंतु सरकारी तंत्र आम जन को साथ लेकर चलने के लिए तैयार नहीं है। दिखावे के कुछ जागरूकता कार्यक्रम व अभियान चंद समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से कराने की खानापूर्ति आम जन के सहयोग का कतई प्रमाण नहीं, यह एक प्रकार से आंखों में धूल झोंकने जैसा है। हमें यह भी देखना चाहिए कि भारतभूमि, संयुक्त परिवार कुटुंब और संस्कार की भूमि रही है और संयुक्त परिवार में ऐसे संस्कार और प्रभाव होते हैं जो बच्चे को जिंदगी की यथार्थता व संस्कार से इस तरह परिचित करा सकते हैं कि वह अपराध व नशेड़ी  कुकर्मों से दूर बेहतर जिंदगी के काबिल बन सके। अफसोस की आज की शासन व्यवस्था और एक हद तक सामाजिक व्यवस्था भी पश्चिमी प्रभावों से आविष्ट है। 


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जिसमें सरकार ही सबकुछ है और हर स्तर पर उसका दखल है । किसी भी समाज के सहज मानवीय विकास में कहीं न कहीं यह एक बड़ी बाधा है, खासकर तब, जब प्रशासन भ्रष्ट है। इसका एक बड़ा कारण है कि प्रशासन मात्र कानून से हर गतिविधि हांकना चाहता है और मानव के लिए समझ और भावना भी बहुत मायने रखता है । सो देश को इस गंभीर कैंसर समान समस्या से मुक्त करने के लिए सर्वसम्मत रायबात रणनीति तय किये जाने की जरूरत है। यह समाधान तात्कालिक रूप से कारर्वाई मांग रहा क्योंकि न केवल युवा वर्ग नशे की चपेट में है इसका असर बच्चों पर भी पड़ रहा है इससे नशा न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक दुष्प्रभाव भी डाल रहा है।  नशे की पूर्ति के लिए अपराध में भी वह हिचक नहीं रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण कुछ इस तरीके की घटनाओं से समझा जा सकता है 

बीते दिनों, प्रयागराज के एक गांव की घटना है, जिसमे नाबालिग बेटे ने पैसे की मांग को लेकर पिता की हत्या कर दी , उस वक्त वह शराब के नशे में था और लोहे की राड से पिता को मार डाला ।दूसरे मामले में, अभी उत्तर प्रदेश के मेरठ का वह चर्चित कांड जिसमें पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने नशे की हालत में ही चाकू से कई वार कर के सौरभ राजपूत को मार डाला पुलिस के मुताबिक जेल में भी वह नशे की मांग को लेकर परेशान  हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश के महोबा जिले  में भी नशेड़ी बेटे ने पीट-पीट कर  अपने पिता को मार डाला था। ठीक इसी तरह बिजनौर जिले में भी नशा मुक्ति केंद्र में सीसीटीवी कैमरे में एक घटना कैद हुई थी जिसमें दो युवकों ने एक भर्ती युवक की गला घोंट कर हत्या कर दी थी। ऐसे मामले और भी है जैसे कि जम्मू कश्मीर में एक महिला ने कथित तौर पर नशा करके अपनी पति के ऊपर मारपीट का आरोप लगाया था। 

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सच तो यह है कि  इस तरह के मामले तो आए दिन देखने सुनने को मिल रहे हैं। केरल में एक छात्र नशे में परीक्षा देने पहुंचा था बैग में शराब की बोतल शिक्षक को मिली थी तब से केरल के स्कूलों में व्यापक पैमाने पर नशा विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। एक सर्वे के मुताबिक दिल्ली में  नशे की लत के कारण 12 प्रतिशत बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं। सर्वे में बताया गया 8 से 11 साल तक के छोटे बच्चे नशे की लत का शिकार बन रहे हैं। हालांकि की नई भाजपा सरकार से दिल्ली वासियों को काफी उम्मीदें रहेगी।

विशेषज्ञों की मानें तो नशे की लत लगने के कई कारण हो सकते हैं तनाव के चलते कई बार बच्चे मनोवैज्ञानिक कारण, पर्यावरणीय कारण, अवसाद, जेनेटिक्स और फैमिली हिस्ट्री स्कूल या किसी सामाजिक जगह पर दोस्तों की कमी होना, दर्दनाक घटनाओं का होना आदि की वजह से नशे के आदी हो जाते हैं। नशाखोरी का कारोबार न केवल युवाओं से लेकर आम लोगों की सेहत बिगड़ रहा है बल्कि नशे की हालत में बदमाश अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पूर्व में हुई लूट, स्नैचिंग, चोरी आदि घटनाओं में पकड़े गए बदमाशों से पूछताछ में जानकारी मिलती है कि उन्होंने नशे की हालत में वारदात की थी ।

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में बलात्कार की घटनाओं में 95% मामले में आरोपी नशे की हालत में ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, अपने देश में पंजाब नशे के मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में शामिल है, वहां की सरकार हाल ही में युद्ध नशे के विरुद्ध का अभियान छेड़ा है अब देखना होगा कि इसका कितना असर होता है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में 20 लोगो में से एक की मौत का कारण, शराब ही बनता है । हाल ही में मिजोरम के आबकारी मंत्री के अनुसार तीन महिलाओं समेत 46 लोगों की मौत नशीली दवाओं के सेवन से हुई जो की बड़ी ही चिंता का विषय है। नशे के रूप में युवा, मादक द्रव्यों को इनहेलर, शालूसन, कफ सिरप, स्पिरिट, तंबाकू और गुटके आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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पिछले दिनों प्रयागराज में एंटीनार्कोटिक्स टास्क फोर्स ने नशीली दवाओं, इंजेक्शनों की सप्लाई करने वाले गैंग को पकड़ा था जो छात्रों को नशे की लत लगा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि नशे से युवा पीढ़ी को गंभीर खतरा है। सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि  युवाओं में बढ़ रही नशे की लत पर  उन्होंने देश की नशीली दवाओं  के अवैध कारोबार  युवाओं के ड्रग्स के सेवन  पर चिंता व्यक्त की और कहा कि ड्रग्स लेना बिल्कुल भी ठीक नहीं है, पीठ ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग को एक सारणी भर नहीं  माना जाना चाहिए लेकिन इस मुद्दे से निपटने के लिए एक खुली चर्चा की आवश्यकता है, भारत में नशे संबंधी मुद्दों पर लोग चुप रहते हैं और इसका फायदा आतंकवाद का समर्थन करने वाले और हिंसा को बढ़ावा देने वाले उठा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने माता-पिता को भी सलाह दी कि नशे के शिकार व्यक्ति के साथ-सहनशीलता और प्यार से पेश आने की जरूरत है बता दें कि एससी की तरफ से यह टिप्पणी तब आई जब पाकिस्तान से भारत में 500 किलो हीरोइन की तस्करी के मामले में आरोपी एक व्यक्ति की तरफ से दायर जमानत याचिका पर फैसला सुनाया जा रहा था। नशे जैसे मुद्दे पर समाज और सरकार को मिलकर लड़ने की जरूरत है । इसके लिए शिक्षित होना जरूरी है, मनोचिकित्सकों के अनुसार तनाव से निपटने के लिए स्वस्थ तरीके अपनाएं, परिवार के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध रखें, कांसलिंग कराएं और सबसे बड़ी बात , खुद कि इच्छा शक्ति खुद को मोटिवेट करें अच्छी संगत में रहें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, नशे को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। उन्होंने कहा कि नशा एक ऐसी लत होती है जिस पर काबू नहीं पाया गया तो उसे व्यक्ति का पूरा जीवन तबाह कर देती है इससे समाज का बहुत बड़ा नुकसान  होता है इसलिए हमारी सरकार ने एक राष्ट्रव्यापी नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की है । पीएम मोदी ने कहा कि जब परिवार कमजोर होता है तो मूल्य का क्षरण होने लगता है फिर उसका प्रभाव व्यापक तौर पर पड़ता है, श्री मोदी ने  परिवार की अवधारणा और उसके महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि जब परिजन कई दिन तक मेल मुलाकात नहीं करते तब  ऐसे खतरे पैदा होते हैं और नशाखोरी को बढ़ावा मिलता है, ऐसे में परिवारों को मजबूत होने और देश को नशा मुक्त बनाने की जरूरत है। सरकार के मुताबिक सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्रालय के नशा मुक्त भारत अभियान में देश भर के 500 से अधिक स्वैच्छिक संगठनों की भागीदारी से प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रीय कार्य योजना एनपीडीआर के तहत वित्तीय सहायता दी जाती है।

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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार नशा मुक्त भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है मादक पदार्थ तस्करों को दंडित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। जो पैसे के लालच में युवाओं को नशे की अंधेरी खाई में धकेल रहे हैं उनको सरकार किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक शाह के मार्गदर्शन में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एनसी 2047 तक नशा मुक्त भारत, के पीएम के सपने को साकार करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। देश के विभिन्न मामलों में अदालत ने 29 मादक तस्करों को दोषी भी ठहराया है. आपको बता दें कि कानून में नशा तस्करों के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास जैसी कठोरता सजा का भी प्रावधान है। उम्मीद है, एक दिन मेहनत रंग लाएगी।

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Monday, April 07, 2025

आग से जल गई फसल तो घबराएं नहीं, सरकार देगी मुआवजा; जानिए कहां और कैसे करें आवेदन

लखनऊ: गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. यूपी में खेतों में खड़ी फसलों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है. प्रदेश के अधिकांश जिलों में आग से गेहूं की कई एकड़ फसल जलकर राख हो गई. इससे किसानों को खासा नुकसान हो रहा है. आग लगने से फसल नुकसान होने पर सरकार मुआवजा भी देती है. ऐसे में आइये जानते हैं फसल जलने पर सरकार से मुआवजा कैसे पाएं?. 


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कैसे पाएं सरकार से मुआवजा? 

दरअसल, इन‍ दिनों पुरवा हवा बहना शुरू हो गई है. ऐसे में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं. साथ ही खेतों के ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन लाइन के तार टूटने से भी आग की घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में किसानों को आग से राहत देने के लिए सरकार की ओर से मुख्‍यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना चलाई शुरू की गई है. इसके तहत फसल नष्‍ट होने के एवज में किसानों को सरकार की ओर से उचित मुआवजा दिया जाता है. 

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15 दिन के अंदर पोर्टल पर दे जानकारी 

सरकार से फसल का मुआवजा पाने के लिए आग की घटना के 15 दिन के अंदर पोर्टल पर आवेदन करना होता है. वहीं, मंडी परिषद से संचालित खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत आवेदन करना होता है. इस योजना के तहत किसानों को एक लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. 

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सरकार की ओर से कितना म‍िलता है मुआवजा? 

यूपी की योगी सरकार द्वारा खलिहान अग्नि दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत 2.5 एकड़ से कम भूमि वाले किसान को 15 हजार, 2.5 से 5 एकड़ तक भूमि वाले किसान को 20 हजार, 5 एकड़ से अधिक जमीन वाले किसान को 30 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाने का प्रावधान है. मुआवजा किसान को उसकी फसल के नुकसान के आधार पर दिया जाता है. अधिक नुकसान होने पर किसान को एक लाख से अधिक का मुआवजा तक दिया जा सकता है. 

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कैसे और कहां करें शिकायत? 

इसके लिए खेत में आग लगने की घटना की सूचना ग्राम प्रधान या फिर सचिव के माध्‍यम से ब्‍लॉक में देनी होती है. इसके अलावा किसान इस बात की भी जानकारी ले सकते हैं कि उनका फसल बीमा ऐसी घटानाओं को कवर करता है या नहीं. फसल में आग लगने पर 15 दिन के अंदर संबंधित कृषि उत्पादन मंडी समिति कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र जमा करना होता है. इसी पत्र को आवेदन के तौर पर लिया जाता है. विभाग की योजना में गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, मूंग, मसूर, राई आदि अनाज वाली फसलें शामिल हैं. 

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Thursday, April 03, 2025

वक्फ अमेंडमेंट एक्ट पर राज्य मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण दानिश आजाद अंसारी का वक्तव्य

लखनऊ: वक्फ अमेंडमेंट एक्ट बदलते वक्त की जरूरत है। इससे मुस्लिम समाज के हितों की रक्षा करने के भावना को और बल मिलेगा।



मोदी सरकार का यह स्पष्ट कहना है कि वक्फ के माध्यम से मुस्लिम समाज के भलाई का काम होना चाहिए,वक्फ की संपत्तियों पर चैरिटेबल हॉस्पिटल स्कूल खुलना चाहिए जहां गरीब पसमांदा मुसलमान को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था मिल सके। वक्फ की जमीनों पर स्टेडियम आदि खुलना चाहिए जहां पर हमारे मुस्लिम समाज के खिलाड़ियों के प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिले। 


सपा कांग्रेस जानबूझकर मुस्लिम समाज के डेवलपमेंट के बीच में रोड़ा बना हुआ है। सपा कांग्रेस नहीं चाहती कि मुसलमान तरक्की और तालीम की तरफ आगे बढ़े, इन्होंने हमेशा हमें मुख्य धारा से दूर रखने का काम किया है लेकिन मोदी सरकार मुसलमान के हितों की पूरी ईमानदारी से रक्षा करना जानती है। 

चाहे मदरसा शिक्षा को आधुनिक शिक्षा से जोड़ना हो, मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक के दंश से मुक्त करना हो, अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों के इंफ्रा डेवलपमेंट की बात हो या अब वक्फ के संपत्तियों का मुस्लिम समाज के विकास के लिए इस्तेमाल करने की बात हो हर कसौटी पर मोदी सरकार खरी उतरी है, विपक्ष को अब भ्रम की राजनीति छोड़कर मुस्लिम समाज के सकारात्मक विकास के लिए सोचना चाहिए।

Wednesday, April 02, 2025

मंडलायुक्त द्वारा मेहंदीगंज स्थित प्रधानमंत्री के प्रस्तावित सभा स्थल का निरीक्षण किया गया

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगामी वाराणसी दौरा प्रस्तावित है जिस दौरान प्रधानमंत्री द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण तथा शिलान्यास कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के बाद मेहंदीगंज में सभा की जायेगी। प्रस्तावित आगमन को देखते हुए प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, उक्त के संबंध में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा द्वारा मेहंदीगंज पहुँचकर रिंग रोड किनारे स्थित प्रस्तावित सभास्थल का निरीक्षण किया गया। 


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निरीक्षण के क्रम में मंडलायुक्त द्वारा सभा के लिये चिन्हित स्थल, स्टेज, हेलीपैड, वाहन पार्किंग, प्रवेश द्वार, जर्मन हैंगर, सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन आदि के संबंध में अधिकारियों से वार्ता करते हुए उक्त के संबंध में उचित दिशानिर्देश दिये गये। 

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उन्होंने मजबूत बैरिकेडिंग करने को भी निर्देशित किया। सभास्थल तथा आसपास साफ-सफाई की उचित व्यवस्था करने के साथ ही अंडरपास पर चिपके पोस्टरों को हटाने तथा पेंट आदि कराने को भी निर्देशित किया गया। निरीक्षण के दौरान एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, एसडीएम राजातालाब शिवानी सिंह समेत लोकनिर्माण विभाग, पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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Monday, March 31, 2025

वाराणसी की निधि तिवारी बनीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल सेक्रेटरी

वाराणसी: निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल सेक्रेटरी (PS) के रूप में नियुक्त किया गया है। भारतीय विदेश सेवा (IFS) 2014 बैच की अधिकारी निधि तिवारी इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में उप सचिव के रूप में कार्यरत थीं।


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DOPT (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, निधि तिवारी अब प्रधानमंत्री की निजी सचिव के रूप में अपनी नई भूमिका संभालेंगी।

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विदेश मंत्रालय से लेकर PMO तक सफर

निधि तिवारी को नवंबर 2022 में पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे विदेश मंत्रालय में निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के प्रभाग में अंडर सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थीं। निधि तिवारी की यह उपलब्धि वाराणसी के लिए गर्व की बात है।

Wednesday, March 26, 2025

जनपक्षधर पत्रकारिता और डिजिटल सेंसरशिप

प्रोफेसर राहुल सिंह अध्यक्ष  उत्तर प्रदेश वाणिज्य परिषद की कलम से

पत्रकारिता को दिन-ब-दिन मुश्किल बनाया जा रहा है। अख़बारों और टीवी चैनलों की धूर्तता अब किसी से छिपी नहीं है, लेकिन AI टूल्स, गूगल, फेसबुक, यूट्यूब और दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स भी आपकी आवाज़ को अपने तरीक़े से दबाने का काम कर रहे हैं। यह सेंसरशिप इतनी बारीक और पेचीदा होती है कि अक्सर हमें इसका एहसास तक नहीं होता। मैंने यूट्यूब पर काम कर रहे कुछ सफल और कुछ असफल लोगों के कंटेंट का जायज़ा लिया। इसमें मैंने पाया कि सोशल मीडिया आपको कुछ ख़ास मुद्दों पर और एक ख़ास ढंग से काम करने के लिए प्रेरित करता है। अगर आप इन संकेतों को नज़रअंदाज़ कर जनपक्षधर पत्रकारिता करने की कोशिश करते हैं, तो आपको अलग-अलग तरीक़ों से रोका जाता है।


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सबसे आसान तरीका यह है कि आपकी आवाज़ को उन्हीं लोगों तक सीमित कर दिया जाए, जो पहले से आपकी बातों से सहमत हैं। यह काम इतनी ख़ामोशी से किया जाता है कि आपको अंदाजा भी नहीं होता कि आपकी पहुँच पर रोक लगाई जा चुकी है। दूसरा तरीका आपके अकाउंट को अस्थायी या स्थायी रूप से बंद करना है। हालाँकि, अब यह तरीका कम अपनाया जाता है; इसकी जगह आपकी रीच को कम कर दिया जाता है, जिससे आपके वीडियो या लेख ज़्यादा लोगों तक नहीं पहुँचते। AI टूल्स और गूगल सर्च भी आपकी अभिव्यक्ति को अपने हिसाब से नियंत्रित करते हैं। कई बार जब आप किसी संवेदनशील मुद्दे पर सर्च करते हैं, तो आपको मुख्यधारा की मीडिया से हटकर जानकारी नहीं मिलती। मसलन, अगर आप गूगल पर “भारत में मुसलमान विरोधी सांप्रदायिक हिंसा” खोजते हैं, तो हो सकता है कि आपको वह रिपोर्ट न मिले जो निष्पक्ष दृष्टिकोण से तैयार की गई हो। इसके बजाय, सर्च रिज़ल्ट में मुसलमानों को ही दंगाई के रूप में पेश करने वाली खबरें ज़्यादा दिखाई दें, जबकि हिंदू अतिवादियों की हकीकत को बड़े ही सलीक़े से छिपा दिया जाए।

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इसी तरह, अगर आप OpenAI या अन्य AI चैटबॉट्स से इज़राइल-फ़िलिस्तीन के मुद्दे पर निष्पक्ष जानकारी माँगते हैं, तो आपको गोलमोल जवाब मिलेंगे। कभी-कभी ये टूल्स आपको पूरी तरह भटका देते हैं, और अगर आपकी सियासी समझ गहरी नहीं है, तो आप इस भटकाव के शिकार भी हो सकते हैं। आज की डिजिटल दुनिया में निष्पक्ष और जनपक्षधर पत्रकारिता के लिए जगह तेज़ी से सिकुड़ती जा रही है। मुख्यधारा की मीडिया कॉर्पोरेट और सत्ता प्रतिष्ठानों के दबाव में काम करती है, जबकि डिजिटल मीडिया भी अपने एल्गोरिदम के ज़रिए यह तय करता है कि कौन-सी जानकारी को ज़्यादा फैलाया जाए और कौन-सी दबा दी जाए। अब सूचना महज़ सूचना नहीं रही, बल्कि एक टूल, एक हथियार बन चुकी है। सूचना का सही इस्तेमाल सत्ता बना और बिगाड़ सकता है, तो इसके ज़रिए किसी समाज में अमन और शांति भी क़ायम की जा सकती है।

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डिजिटल मार्केटिंग आज पूरी तरह आपसे छीनी गई या चोरी की गई सूचनाओं पर निर्भर है। आपके मोबाइल में कम से कम दो दर्जन ऐप होंगे, जिनको आपने अपने कॉन्टैक्ट्स, मीडिया फाइल्स, माइक्रोफोन और कैमरे तक पहुँच की अनुमति दे रखी है। यानी यह छोटा-सा मोबाइल आपकी इतनी ख़ामोशी से जासूसी कर रहा है कि अगर यही काम इंसानों से करवाया जाए, तो एक शख़्स की निगरानी पर लाखों रुपये खर्च होंगे। सोचिए, आपकी उँगलियाँ जो इस वक़्त कीबोर्ड पर चल रही हैं, उनकी हर हरकत दुनिया के कई हिस्सों में रिकॉर्ड हो रही है। आपकी पसंद, नापसंद, विचारधारा और यहाँ तक कि आपकी सियासी सोच भी कहीं न कहीं दर्ज हो रही है। ये डेटा सिर्फ़ विज्ञापन कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि सरकारों और ख़ुफ़िया एजेंसियों के लिए भी बेहद क़ीमती होता है।

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अगर आप समझते हैं कि पत्रकारिता सिर्फ़ सच को सामने लाने का नाम है, तो आप ग़लत हैं। आज पत्रकारिता एक ख़तरनाक पेशा बन चुका है, ख़ासतौर पर अगर आप सत्ता और कॉर्पोरेट के ख़िलाफ़ लिखते हैं। ग़ाज़ा में 120 पत्रकारों को मौत के घाट उतार दिया गया, क्योंकि वे वह सच दिखा रहे थे जिसे कुछ ताक़तें छिपाना चाहती थीं। हमारे देश में भी पत्रकारों की हत्या अब आम बात हो गई है। सबसे आसान तरीका है कि पत्रकारों पर फ़र्ज़ी मुक़दमे कर दिए जाएँ। भले ही वे बाद में बरी हो जाएँ, लेकिन मुक़दमे की दौड़-धूप में उनकी सामाजिक, आर्थिक और मानसिक हालत इतनी ख़राब हो जाती है कि वह दोबारा उठ भी नहीं पाते। हाल ही में नागपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर मेरी एक वीडियो रिपोर्ट पर एक व्यक्ति ने धमकी दी कि अगर मैं इस तरह की रिपोर्टिंग जारी रखता हूँ, तो वह पुलिस में शिकायत करेगा। जबकि उस वीडियो में सिर्फ़ तथ्य पेश किए गए थे और उन्हीं का विश्लेषण किया गया था। सोचिए, ये कौन लोग हैं जो सच सामने लाने वालों को डराने की कोशिश कर रहे हैं?

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ऐसे हालात में स्वतंत्र पत्रकारों और वैकल्पिक मीडिया संस्थानों के लिए चुनौतियाँ और भी बढ़ जाती हैं। सोशल मीडिया पर बने रहना मुश्किल होता जा रहा है, क्योंकि जिन मुद्दों को मुख्यधारा की मीडिया नज़रअंदाज़ करती है, उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म भी दबाने की कोशिश करते हैं। सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया का अपना महत्व है, लेकिन इन पर पूरी तरह निर्भर रहना बेहद जोखिम भरा हो सकता है। अगर हम निष्पक्ष और जनपक्षधर पत्रकारिता को ज़िंदा रखना चाहते हैं, तो हमें नए विकल्पों की तलाश करनी होगी। स्वतंत्र वेबसाइटें, वैकल्पिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और प्रत्यक्ष संवाद के ज़रिए लोगों तक सही जानकारी पहुँचाने की कोशिश करनी होगी। पत्रकारिता को सिर्फ़ बाज़ार और सत्ता के चश्मे से देखने के बजाय, इसे समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज़ बनाना ही असली चुनौती है। आने वाले वक़्त में हमें डिजिटल निगरानी और सेंसरशिप से निपटने के नए तरीक़े विकसित करने होंगे। अगर हम अपनी निजता और अभिव्यक्ति की आज़ादी को बचाना चाहते हैं, तो हमें इस लड़ाई को सिर्फ़ सोशल मीडिया तक सीमित रखने के बजाय ज़मीन पर भी लड़ना होगा। पत्रकारिता को बचाने के लिए ज़रूरी है कि हम सच के साथ खड़े हों, चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों।

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“जो लिखेंगे सच, वो सताए जाएँगे, जो बोलेंगे हक़, वो दबाए जाएँगे

लेकिन मिटेगा नहीं हौसला सच का, हर दौर में, दीए जलाए जाएँगे।”

Sunday, March 23, 2025

यूपी के सहारनपुर में बीजेपी नेता ने पत्नी और तीन बच्चों को मारी गोली, खुद पुलिस को दी जानकारी

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह कस्बे में एक दर्दनाक हत्याकांड सामने आया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष योगेश रोहिला ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों को गोली मार दी। इस वारदात में 11 साल की बेटी श्रद्धा, 6 साल का बेटा देवांश और 4 साल का बेटा शिवांश की मौत हो गई, जबकि पत्नी नेहा (31) गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। इस खौफनाक घटना के बाद, आरोपी योगेश रोहिला ने खुद पुलिस को फोन कर बताया, "मैंने अपनी पत्नी और बच्चों को गोली मार दी है।" इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।


जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर 2 से 3 बजे के बीच, योगेश रोहिला ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से अपनी पत्नी और बच्चों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। गोलियों की आवाज सुनकर पड़ोसी दौड़कर मौके पर पहुंचे, जहां पत्नी और तीनों बच्चे खून से लथपथ पड़े थे। योगेश रोहिला मौके पर ही मौजूद था और भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन गुस्साई भीड़ ने उसे पकड़कर उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद ग्रामीणों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि योगेश रोहिला को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था। इसी शक के चलते उसने यह खौफनाक कदम उठाया। पुलिस ने आरोपी योगेश रोहिला को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही हत्या में इस्तेमाल की गई लाइसेंसी पिस्टल जब्त कर ली गई है। तो वही पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस इस हत्याकांड के पीछे के असली कारणों की गहराई से जांच कर रही है।

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इस हत्याकांड से गंगोह कस्बे के लोग सदमे में हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, योगेश रोहिला को एक सुलझे हुए व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, लेकिन उसने ऐसा जघन्य अपराध क्यों किया, यह किसी को समझ नहीं आ रहा।

Friday, March 07, 2025

महाकुंभ-2025: कुंभ का आर्थिक और राजनीतिक शास्त्र

प्रो. राहुल सिंह की कलम से

महाकुंभ मेले का 45 दिन बाद महाशिवरात्रि स्नान के बाद समापन हो गया। सरकार की तरफ से आंकड़े दिए जा रहे हैं कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 66 करोड़ 30 लाख से आधिक लोगों ने स्नान किया। एक तरफ तो पूंजीपतियों के नुमाइंदे यह बोल रहे हैं कि देश की तरक्की के लिए सप्ताह में ‘70 घंटे और 90 घंटे’ काम करने की जरूरत है, दूसरी तरफ देश की करीब आधी जनसंख्या के पास इतना समय है कि वह कुंभ मेले में स्नान के लिए जाती है। यह भारत के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।


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हम देख रहे हैं कि कई युवा-युवतियां जो कि आईआईटी किये हुए है, वो भी साधु बनने आ रहे हैं और साधु लोग सांसद, विधायक, मंत्री बन रहे हैं। आईआईटी छात्र को उनके घर वाले और कई साधु संत भी विक्षिप्त बता रहे हैं। अगर इस देश का युवा वर्ग पढ़-लिख कर विक्षिप्त की हालत में जी रहा है, तो उस देश का भविष्य क्या होगा! प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नााथ यह कहते हुए कि ‘‘जो दुर्भावना से जायेंगे उसकी दुर्गति तय है,’’ भक्तों पर ही सवाल खड़े कर देते हैं। प्रशासन भीड़ को सम्हालने के लिए स्टेशन बंद कर देती है, कई किलोमीटर दूर गाड़ियों की आवाजाही रोक दी जाती है। उससे परेशान श्रद्धालुओं के नियति पर ही प्रदेश के मुख्यमंत्री सवाल खड़े करते हैं।

मुख्यमंत्री के अनुसर भगदड़ में मरे या घायल लोगों के लिए वह स्वयं के दोषी हैं, क्योंकि उनकी भावना अच्छी नहीं थी,  जिसके कारण वे भगदड़ में दब गये। भगदड़ में मरने वालों की संख्या बताने में प्रशासन को घंटों लग गये, जबकि करोड़ों की भीड़ को कुछ ही घंटे में प्रशासन बता देती है। योगी की बातों को आगे बढ़ाया जाए तो दिल्ली के प्लेटफार्म पर मरने वाले लोगों की नीयत और खराब होगी, जो कि संगम तक नहीं पहुंच सके। उस छात्र को क्या कहा जाए जो परीक्षा देने के लिए बंगलौर जा रहा था और दिल्ली के भगदड़ में उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके नीयत में खोट है या उस सरकार की नियत खोटी है, जो भगदड़ का वीडियो और फोटो सोशल साईट से हटवा रही है? उस सरकार-प्रशासन को किया कहा जाये, जो महाकुंभ में अमृत स्नान की घोषणा कर देती है और पर्याप्त व्यवस्था नहीं कर पाती है और ट्रेनें कई घंटे देर से चलाई जाती है।  

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17 फरवरी को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को रिपोर्ट सौंप कर बताया कि पानी में फेकल कोलीफॉर्म (मल-मूत्र से उपजी गंदगी) की मात्रा 13 गुना ज्यादा है, जिससे महाकुंभ का पानी नहाने योग्य और आचमन करने लायक नहीं है। मुख्यमंत्री योगी ने रिपोर्ट को खंडन करते हुए संगम के पानी को पीने योग्य बताया। योगी के इस बयान पर सिंगर और संगीतकार विशाल ददलानी ने इंस्टाग्राम पर योगी जी को चुनौती देते हुए लिखा कि आप कैमरे के सामने एक घूंट पानी पीकर दिखा दें। 29 जनवरी की रात विपक्षी दलों ने भगदड़ में मरने वालों की संख्या को भी छुपाने का आरोप सरकार पर लगाया। इसके जवाब में विधान सभा में बोलते हुए योगी ने कहा कि ‘‘समाजवादी और वामपंथियों की सनतान की सुंदरता कैसे नजर आएगी।’’

कुंभ में भगदड़ और प्रशासन

बीबीसी संवाददाता विकास पांडे ने बताया कि ‘‘मैं मेले के मुख्य एंट्री गेट पर हूँ, जहां से अब भी लाखों लोगों का कुंभ मेले में जाना जारी है। इसी दौरान कुंभ क्षेत्र से एम्बुलेंस का जाना जारी है। प्रशासन ने घायलों और मृतकों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है।’’ सुमेधा पाल से बातचीत में एक पीड़ित महिला ने बताया कि भगदड़ में वो गिर गई थीं और उनके नीचे तीन लोग दबे थे, जिनकी मौत हुई है। एक श्रद्धालु ने विकास पांडे से बात की, जिन्होंने बताया कि सुबह आठ बजे से वो चले जा रहे हैं और उनको पुलिसकर्मी सही पता नहीं बता रहे हैं। स्टेशन से लेकर अब तक ग़लत रास्ते बताए जा रहे हैं। बीबीसी से आएशा मिश्रा नामक एक श्रद्धालु ने बुधवार तड़के गंगा घाट का हाल बताते हुए कहा कि ’एक ही रास्ते से लोग आ और जा रहे हैं, इस दौरान धक्का-मुक्की की वजह से लोग गिर जा रहे हैं। पुलिस या तो घाट पर है या द्वार पर है, बीच में कहीं पुलिस नहीं है।

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वैभव कृष्ण (डीआईजी, महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र) ने बुधवार शाम को पत्रकारों को बताया कि संगम नोज घाट पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से 25 की शिनाख्त कर ली गई है। उन्होंने बताया कि 60 लोग घायल हुए हैं, जिनका अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है। बीबीसी ने लिखा है कि चश्मदीदों की मानें तो और दो जगहों पर ऐसे हालात बने. इसमें लोगों की जान भी गई। प्रशासन का कहना है कि 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज़ के अलावा जिन दूसरी जगहों पर हादसे और मौतें होने के दावे किये जा रहे हैं, उनकी पुष्टि और जाँच की जा रही है। अर्पित महाराज बताते हैं, “लोग प्यास के मारे तड़प रहे थे। पानी पिला दो, एक घूँट पानी दे दो। चारों तरफ़ से लोग आ गए। इधर झूँसी से रास्ता उतर रहा है, वहाँ से लोग आ गए। उधर शास्त्री पुल से उतर कर लोग आ गए, इधर पीछे से यहाँ लोग आ गए, एकदम कसाकसी हो गई“। दास धर्म शिविर को जब बेहाल भीड़ के लिए खोला गया तो कुछ मिनट में ही कई हज़ार लोग इसमें घुस गए।

अर्पित महाराज कहते हैं, “एक महिला ने अपना बच्चा फेंकते हुए कहा- गुरुजी, मेरे बच्चे को बचा लीजिए। उन मुश्किल हालात में हमने सैकड़ों लोगों की मदद की“। दास शिविर में सेवा कर रहे अशोक त्यागी कहते हैं, “खुले आसमान के नीचे साँस न ले पाएँ, यह पहली बार देखा। लोगों ने जूते, चप्पल, बैग, जिसका जो सामान था, छोड़ गए। जान बचाना मुश्किल हो रहा था, लोग पानी के लिए तड़प रहे थे।“ सेक्टर-21 का कचरा ट्रांसफ़र स्टेशन है, यहां अभी कचरे में आए जूते-चप्पलों, कपड़ों से भरा-पड़ा है। शिवनाथ कचरा ले जाने वाला ट्रक चलाते हैं। 29 जनवरी की सुबह का मंज़र याद करते हुए शिवनाथ बताते हैं, “हालात बहुत ख़राब थे, ऐसा लगा था कि जो लेटे हुए थे, वे पूरी तरह से ख़त्म हो गए हैं। जो परिवार यहाँ थे, वह बिलख-बिलख कर रो रहे थे। कोई कह रहा था, यहाँ मेरा चाचा था, यहाँ मेरे माँ-बाप थे, यहाँ मेरी औरत थी। यहाँ मेरा भाई था, कोई नहीं मिला सर’’। कचरा गाड़ी चलाने वाले चंद्रभान ने कचरे में एक शव ख़ुद देखने का दावा करते हुए बीबीसी हिंदी से कहा, “बॉडी… मैं इस चौराहे (उल्टा किला चौक) पर देखा, बारह बजे, वहाँ पर एक बहुत बुज़ुर्ग का शव देखा  था“।

चंद्रभान बताते हैं कि वे अगले तीन दिनों तक सिर्फ़ भीड़ में लोगों का छूट गया सामान ही कचरे में ढोते रहे। आशुतोष अपनी ताई का शव उठाने अपने दोस्तों के साथ वहाँ पहुँचे थे। उन्होंने बताया, “वहाँ कोई सरकारी मदद नहीं पहुँची। न कोई एंबुलेंस न और कुछ।’’ उनका सवाल है कि अगर मेडिकल की इतनी सुविधा थी, तो वह पहुँची क्यों नहीं? गणेश मिश्र दावा करते हैं कि एक महिला पुलिसकर्मी बार-बार उच्च अधिकारियों और कंट्रोल रूम को फ़ोन करके बता रही थी कि यहाँ स्थिति विकट हो रही है। उधर से न कोई जवाब आया और न कोई मदद। 15 फरवरी की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई। इनमें से कई लोगों का रात में ही पोस्टमार्टम करा दिया गया और अस्पतालों में जाना मीडियाकर्मी को वर्जित कर दिया गया। गिरधारी का कहना है, “हम दोनों पटना से पहले आनंद विहार ट्रेन से आए फिर पानीपत जाने के लिए नई दिल्ली से ट्रेन पकड़ रहे थे, लेकिन प्लेटफ़ॉर्म 14 पर भगदड़ मचने से मामी की मौत हो गई।“

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गिरधारी ने बताया, “प्लेटफॉर्म में जाने के लिए जैसे ही स्टेशन में आए त़ो वहाँ भारी भीड़ देखी। सीढ़ी में धक्का-मुक्की की वजह से हम अलग हो गए। मैं थोड़ी देर बाद उनको देखने गया तो उधर दो, तीन लोगों के बचाओ-बचाओ की आवाज आ रही थी। मैंने चादर से मामी को पहचाना, जैसे ही चादर हटाई तो हल्की सांस चल रही थी।“ उमेश अपनी आंखों-देखी बताते हैं, “मेरे सामने पहले से कई लोगों की बॉडी गिरी हुई थी. उसके बाद वो लोग टकराए हैं, उनके ऊपर से लोग जाने लगे हैं।“ उन्होंने बताया, “उस समय लोगों (बॉडी) को जीने के सामने ही लगा रखा था. उस समय वहां पर न कोई मीडिया थी और न कोई प्रशासन था।“ मदद को लेकर उमेश कहते हैं, “मदद तो कुछ नहीं मिली. बाद में बहुत देर हो गई थी। मैंने कई पुलिस वाले, आरपीएफ़ वालों को कहा लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था।“ मैं साल 1981 से कुली का काम कर रहा हूं, मैंने इतनी भीड़ कभी नहीं देखी।“ दूसरे कुली का कहना है कि “हमने 14 और 15 नंबर प्लेटफॉर्म से खुद लाशों को उठा-उठाकर एंबुलेंस में भरा, उन्हें अस्पताल लेकर गए। बच्चे, महिलाएं आदमी, सब भीड़ में दब गए, घायल हो गए. सांस लेने की जगह नहीं मिली।“

एक अन्य कुली ने हादसे के बारे में बताया कि “हम लोग स्टेशन के बाहर काम कर रहे थे, स्टेशन के भीतर से तेज़ आवाज़ें आने लगीं।“ “हम लोग भागकर भीतर गए तो देखा कि लोग इधर-उधर भाग रहे थे। हमने कई बच्चों को देखा जो दबे हुए थे. हमने बच्चों को उठा-उठाकर बाहर निकाला. कई लोग बेहोश हो गए थे।’’ “हमारे पास हाथ गाड़ी होती है, उसी में लोगों को लाद-लादकर हम बाहर लेकर आ रहे थे और एंबुलेंस तक पहुंचा रहे थे।“ रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (टिवट्र) को पत्र लिखा है. इस पत्र में रेल मंत्रालय ने एक्स से 15 फरवरी को दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से जुड़े सभी वीडियो और फोटो को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए कहा है। इसके पीछे मंत्रालय ने “एथिकल नॉर्म्स“ का हवाला दिया है!

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पैसा का धंधा

आज तक न्यूज चैनल की भाषा में कहा जाए तो ‘‘एक तरफ करोड़ों लोग अपने पाप धोने और प्रायश्चित करने के लिए कुंभ में पहुंचे और तो दूसरी तरफ कुंभ में ही कुछ लोग अपने पाप की दुकान चला रहे थे। ये लोग कुंभ में स्नान करने पहुंची हर उम्र की महिलाओं और लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो बना रहे थे। डुबकी लगाने आने वाली औरतों, लड़कियों और बच्चियों की डुबकी लगाते वक्त उनके भींगे और गीले कपड़ों के साथ चोरी छुपे उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाये गये। वीडियो और तस्वीरें उतारने वाले तो खैर गिनती के होंगे, लेकिन अफसोस की बात ये है कि इनके खरीददार हजारों-लाखों में हैं। इस वीडियो को देखने के लिए 90 रुपए से लेकर 1,800 रूपये तक खर्च कर रहे हैं।’’ महाकुंभ में महिला स्नानार्थियों के कथित आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया खातों के खिलाफ 17 एफआईआर दर्ज की गई हैं। तीन लोगों – चंद्र प्रकाश, प्रज्वल तेली और प्रजा पाटिल को गिरफ्तार किया गया है।

महाकुंभ शुरू होने से पहले प्रयागराज और श्रावस्ती में नकली नोटों के गिरोह पकड़े गए थे। इन नकली नोटों को महाकुंभ में खपाने की तैयारी थी। कोलकाता से नकली रुद्राक्ष लाए गए, तो मुंबई के मार्केट से नामी कंपनियों के बैग, पर्स लाकर बेचे गए। मेले में मिठाई की 7,000 से ज्यादा दुकानें सजीं, इसमें नकली खोया (मावा) सप्लाई हुआ। होली पर जांच करने निकलने वाली टीमें महाकुंभ के बाजार में नजर नहीं आईं। महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के बाद भंडारे और प्रसाद के लिए शुद्ध घी और दूध सामग्री खरीदते हैं, लेकिन यहां नकली दूध का धंधा बड़े स्तर पर चला। एक दुकानदार से बातचीत में पता चला कि ब्रांडेड देसी घी के नाम पर नकली पैकेट बेचे जा रहे हैं। इनमें वनस्पति घी या सस्ता तेल मिलाकर पैकिंग की जाती है।

संगम में पूजा-पाठ के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में रुद्राक्ष और चंदन खरीदते हैं। इसमें भी नकली माल बिका। हमने खुद 500 रुपए में एक दुकानदार से ’प्रामाणिक’ रुद्राक्ष खरीदा। जब इसे एक्सपर्ट को दिखाया तो पता चला कि यह प्लास्टिक का बना था, ऊपर से हल्की-सी पॉलिश कर दी गई थी। इसी तरह चंदन की लकड़ी के नाम पर पीले रंग से रंगी हुई आम की लकड़ी बिकी। एक स्थानीय दुकानदार ने कबूल किया कि असली चंदन की खुशबू लाने के लिए कई बार नकली एसेंस का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह महाकुंभ में आने वाले 10 में से 9 व्यक्ति फ्लाइट के लिए महंगे टिकट लिए, जिसके लिए 300 प्रतिशत तक अधिक कीमत चुकानी पड़ी। प्रयागराज जाने के लिए लोगों ने 50 हजार तक में टिकट खरीदें हैं। होटल और नाव किराये में तीन से चार गुना अधिक पैसा चुकाना पड़ा। प्रयागराज में सामान्य दिनों में होटल के जो रूम 2,500 से 3,000 रुपये तक मिल जाते हैं, वह 29 जनवरी को 22 हजार रुपये में मिला। लक्जरी कॉटेज में तीन रात रूकने और खाने की पैकेज 2.40 लाख रुपये था। यूपी टूरिज्म द्वारा निर्मित डोम सिटी में एक रात रूकने का किराया 91 हजार रुपये था इसके अलावा खाने-पीने का खर्च है।

कुंभ मेले का एक राजनीतिक दांव-पेंच भी है। यही कारण है कि 29 जनवरी के भगदड़ के बाद वीआईपी मुवमेंट पर रोक लगाने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने 5 फरवरी को संगम में जाकर स्नान किया। कानून के रखवाले खुद ही राजनीतिक लाभ लेने के लिए कानून को तोड़ते रहते हैं। इस राजनीतिक शास्त्र को आरएसएस अच्छा से समझता है और उसको अच्छी तरह से इस्तेमाल करता है। जब जनता महंगाई, बेरोजगारी से त्रस्त है तो उसके आस्था के साथ खिलवाड़ करके, उसको उस संगम में डुबकी लगवाई गई, जिसका पानी नहाने योग्य नहीं है। इसके  बावजूद श्रद्धालुओं को गन्दे और हानिकारक पानी में लोगों को स्नान करवाने के लिए झूठ बोला गया। जिस देश में युवाओं को रोजगार चाहिए वो वहां पर महिलाओं के अश्लील फोटोग्राफी कर पैसा कमाने के रास्ते तलाश रहे हैं। जहां भारत की संस्कृति में माना जाता है कि तीर्थ धाम की अवस्था वृद्धावस्था होती है, वहीं पर देखा गया कि इस महाकुंभ में युवाओं और युवतियों की संख्या काफी रहीं।

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महाकुंभ खत्म होते ही 2027 में महाराष्ट्र के नासिक में लगने वाले कुंभ की प्रचार और तैयारी होने लगी। 26 फरवरी, 2025 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों की बैठके हुई। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में इस संबंध में विधेयक लाया जाएगा। महाजन ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणावीस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कुंभ के आयोजन के लिए पैसे की कोई कमी नहीं रहेगी। अच्छा कुंभ नासिक की धरती पर होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा है कि कुंभ के लिए बेहतर इंतजाम हो। जिस तरह कुंभ की व्यवस्था के लिए सरकार तत्पर है, अगर उसी तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानों के लिए तत्त्पर होती तो महाराष्ट्र में किसानों को आत्महत्या नहीं करने पड़ते। युवाओं को बरगलाने के लिए इस तरह के  आयोजनों को प्रमुखता दी जा रही है, ताकि वह रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य की बात नहीं करें।

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Thursday, March 06, 2025

अनाधिकृत लाउडस्पीकर व डीजे के विरुद्ध पुलिस की सख्त कार्रवाई जारी

वाराणसी: पुलिस प्रशासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण रोकने और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई का अभियान लगातार जारी है। तीसरे दिन भी पुलिस ने 29 लाउडस्पीकर और 07 डीजे के खिलाफ कार्रवाई की।


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पुलिस की अब तक की कार्रवाई में कुल 108 लाउडस्पीकर जब्त  किये गए और 19 डीजे के विरुद्ध कार्यवाही की गयी साथ ही संबंधित व्यक्तियों को चेतावनी भी जारी की गयी. 

यदि आपके क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से लाउडस्पीकर या डीजे बजाया जा रहा है, तो आप इसकी शिकायत निम्नलिखित नंबरों पुलिस कंट्रोल रूम: 9454401645, डायल-112 और नजदीकी थाने पर कर सकते हैं. साथ ही आपकी पहचान भी गोपनीय रखी जाएगी।

पुलिस प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे ध्वनि प्रदूषण से संबंधित नियमों का पालन करें और उल्लंघन की स्थिति में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।

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Tuesday, March 04, 2025

सदन में CM योगी का बड़ा खुलासा: कुंभ में नाविक परिवार ने 45 दिन में कमाए 30 करोड़ रुपये

लखनऊ: प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुम्भ को लेकर सपा के द्वारा लगाये जा रहे आरोपों के जबाब में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बड़ा खुलासा किया कि कुंभ मेले के दौरान एक नाविक परिवार ने 45 दिनों में लगभग 30 करोड़ रुपये की कमाई की।


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मुख्यमंत्री योगी ने सदन में दी जानकारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रयागराज कुंभ 2025 न सिर्फ धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इसने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नया आयाम दिया। उन्होंने बताया कि इस नाविक परिवार के पास कुल 130 नौकाये थी. महाकुम्भ के दौरान इस परिवार की 45 दिनों में लगभग 23 लाख रुपये की कमी हुई अगर हम प्रतिदिन की कमाई को देखे तो करीब 50,000-52,000 रुपये है और अगर हम कुल आय देखे तो वो लगभग 30 करोड़ रुपये होते है

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स्थानीय लोगों को आर्थिक मजबूती

CM योगी ने कहा कि कुंभ मेले ने नाविकों सहित स्थानीय व्यापारियों, होटल व्यवसायियों, हस्तशिल्पियों और परिवहन सेवाओं से जुड़े लोगों को बड़ा आर्थिक लाभ दिया। उन्होंने कहा कि "कुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार भी है। नाविक परिवारों की यह सफलता दर्शाती है कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए अवसरों का सही उपयोग कर लोग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।"

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साथ ही CM योगी ने कहा कि इतना ही नही कुंभ का आर्थिक प्रभाव औरश्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति की वजह हजारों नाविकों को रोजगार मिला, स्थानीय पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिला, गंगा स्नान और संगम यात्रा की मांग बढ़ी इसके साथ साथ होटल, दुकानें और परिवहन सेवाओं को भारी मुनाफा भी हुआ है। योगी सरकार अब इस सफलता को अन्य धार्मिक पर्यटन स्थलों पर भी लागू करने पर विचार कर रही है, जिससे स्थानीय रोजगार और व्यापार को और बढ़ावा मिले।

Friday, February 28, 2025

यूपी में कांग्रेस महाअभियान के सहारे मतदाताओं को पार्टी से जोड़ेगी

 वाराणसी: मतदाताओं से जुड़ने के लिए कांग्रेस ने नई रणनीति अपनाई है। इसके लिए पार्टी हर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता जोड़ो महा अभियान चलाएगी। विधानसभा क्षेत्रों में 100 दिन में करीब 600 सभाएं आयोजित कर एक लाख लोगों से संकल्प पत्र भरवाए जाएंगे। इसकी शुरुआत आजमगढ़ के निजामाबाद विधानसभा क्षेत्र से 28 फरवरी से हो रही है।


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2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तत्परता से मैदान में जुटी है। पार्टी यह चुनाव सपा अथवा अन्य दलों से मिलकर लड़ेगी या नहीं, यह तय होना बाकी है, लेकिन पार्टी मतदाताओं को खुद से जोड़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। इसी रणनीति के तहत यह मुहिम शुरू की जा रही है।

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नमस्ते निजामाबाद के नाम से शुरू होने वाले इस महा अभियान की जिम्मेदारी पार्टी के निवर्तमान प्रदेश संगठन महासचिव अनिल यादव को सौंपी गई है। महाअभियान में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक न्याय, जातीय जनगणना और संविधान सुरक्षा के मुद्दे पर हर ग्राम पंचायत में तीन सभाएं होंगी।

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इस तरह पूरे विधानसभा क्षेत्र में 500 से 600 सभाएं होंगी। इस दौरान एक लाख से अधिक लोगों से संकल्प पत्र भरवाया जाएगा। 51 सदस्यों की निजामाबाद एक्शन कमेटी भी बनाई जाएगी।

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IMF ने भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पर जताया भरोसा

नईदिल्ली: पहले जर्मनी, फिर वर्ल्ड बैंक और अब इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने भारत की आर्थिक विकास दर पर भरोसा जताया है। IMF के मुताबिक, दुनिया की टॉप 20 अर्थव्यवस्थाओं में भारत की ग्रोथ सबसे तेज है।


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भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था

  • IMF की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है

  • इससे पहले वर्ल्ड बैंक और जर्मनी ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया था।

  • भारत की तेजी से बढ़ती GDP और सुधरती कारोबारी परिस्थितियां इसकी मजबूती को दर्शाती हैं।

IMF की यह रिपोर्ट भारत के आर्थिक सुधारों और नीतियों की सफलता को प्रमाणित करती है। इससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।

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Tuesday, February 25, 2025

मक्का और महाकुंभ में क्या अंतर? सीएम योगी ने विधानसभा में दिया जोरदार जवाब

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष को करारा जवाब दिया। उन्होंने मक्का-मदीना और महाकुंभ के बीच के अंतर को आंकड़ों के जरिए स्पष्ट किया और कहा कि प्रदेश में कट्टरपंथी शिक्षा नीति की कोई जगह नहीं होगी।


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महाकुंभ बनाम मक्का-मदीना: आंकड़ों की जुबानी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि धार्मिक पर्यटन के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि महाकुंभ का वैश्विक महत्व कितना बड़ा है। उन्होंने कहा कि मक्का में 24 दिनों में करीब 1.4 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे, ईसाइयों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल वेटिकन सिटी में 80 लाख लोग जाते हैं जबकि अकेले अयोध्या में 52 दिनों में 16 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे इतना ही नही महाकुंभ में 45 दिनों में 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। सीएम योगी ने इन आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अब धार्मिक पर्यटन का एक वैश्विक केंद्र बन रहा है और यह प्रदेश की बढ़ती आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है।

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महाकुंभ के दौरान हुआ अभूतपूर्व विकास

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज समेत अन्य तीर्थस्थलों पर बड़े पैमाने पर विकास कार्य किए गए जिसमे 200 से अधिक नई सड़कों का निर्माण किया गया, सिंगल लेन को डबल लेन, डबल लेन को चार लेन में बदला गया, 14 नए फ्लाईओवर बनाए गए साथ ही डिजिटल कुंभ की मदद से 28,000 लापता श्रद्धालुओं को उनके परिवार से मिलाया गया।

विपक्ष पर तीखा हमला

सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर महाकुंभ का उपहास उड़ाने और झूठे दावे करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "सपा सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करती रही कि बस्ती और गोरखपुर मंडल के 35 लोग लापता हो गए, लेकिन बाद में वे सभी सुरक्षित अपने घर पहुंच गए।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रयागराज में अक्षयवट कॉरिडोर को विपक्षी दल अकबर का किला बताते हैं, जबकि अक्षयवट का वर्णन वेदों में भी मिलता है। योगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि सनातन संस्कृति की महत्ता वामपंथी और समाजवादी नहीं समझ सकते।

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कट्टरपंथी शिक्षा नीति पर दो टूक जवाब

सीएम योगी ने साफ कहा कि उत्तर प्रदेश में कठमुल्लापन की कोई जगह नहीं होगी। "हम बच्चों को मुल्ला-मौलवी नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और आधुनिक शिक्षा देना चाहते हैं। हमारी सरकार में कट्टरपंथी शिक्षा नीति को बढ़ावा नहीं मिलेगा।"

2025 का महाकुंभ तोड़ेगा सभी रिकॉर्ड

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि 2025 में होने वाला महाकुंभ अब तक के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त करेगा। उन्होंने कहा, "महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसे वही मिला। कुछ लोगों को वहां सनातन संस्कृति की महिमा नहीं दिखी, लेकिन पर्यटन के आंकड़े जरूर नजर आ गए।" उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की महानता को समझने के बजाय विपक्ष सिर्फ राजनीति करने में जुटा रहता है।

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सीएम योगी के इस बयान ने धार्मिक आयोजनों के महत्व और धार्मिक पर्यटन के बढ़ते प्रभाव को उजागर किया है। उनकी सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को आध्यात्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। महाकुंभ के सफल आयोजन और भविष्य में इसे और भव्य बनाने की प्रतिबद्धता को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यूपी सरकार धार्मिक आयोजनों को विकास और पर्यटन का एक महत्वपूर्ण आधार बना रही है।

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Monday, February 24, 2025

दिल्ली एयरपोर्ट पर वन्यजीव तस्करी का पर्दाफाश, तीन यात्री गिरफ्तार

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर कस्टम अधिकारियों ने वन्यजीव तस्करी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। बैंकॉक से दिल्ली आने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-303 से आए तीन भारतीय यात्रियों को जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया। इनके पास से दुर्लभ और विदेशी वन्यजीव बरामद किए गए, जिनका इस्तेमाल नशे और अन्य अवैध उद्देश्यों के लिए किया जाता है।



22 सांप, 23 छिपकली और 14 कीड़े बरामदजब कस्टम अधिकारियों ने इन यात्रियों के चेक-इन बैग की जांच की, तो वे चौंक गए। बैग के अंदर 22 अलग-अलग प्रजातियों के सांप, 23 दुर्लभ छिपकलियां और 14 जहरीले कीड़े मिले। इसके अलावा, मकड़ियों और अन्य दुर्लभ प्रजातियों के जीव भी बरामद किए गए। अधिकारियों ने तुरंत इन तीनों यात्रियों को हिरासत में ले लिया और मामले की सूचना वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को दी।


गिरफ्तार यात्रियों से पूछताछ जारी
अधिकारियों के अनुसार, इन तस्करों का उद्देश्य इन जीवों को भारत में अवैध रूप से बेचकर भारी मुनाफा कमाना था। कुछ जीवों का इस्तेमाल पारंपरिक औषधियों और नशे के लिए किया जाता है, जबकि अन्य दुर्लभ जीवों की काले बाजार में ऊंची कीमत मिलती है। फिलहाल, तीनों आरोपियों को जांच एजेंसियों के हवाले कर दिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।


वन्यजीव तस्करी पर सख्ती जरूरीभारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत इस तरह की तस्करी एक गंभीर अपराध है। दोषी पाए जाने पर आरोपियों को लंबी सजा और भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। कस्टम विभाग और सुरक्षा एजेंसियां अब इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन तस्करों के पीछे कौन सा बड़ा गिरोह काम कर रहा है।


अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हो सकता है हाथ
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की तस्करी में अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का हाथ हो सकता है, जो एशियाई और अफ्रीकी देशों से दुर्लभ जीवों की तस्करी कर उन्हें विभिन्न बाजारों में बेचते हैं। कस्टम अधिकारियों ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें इस तरह की किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिले, तो तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें।

Saturday, February 22, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार दौरे पर, किसानों को देंगे बड़ी सौगात

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बिहार का दौरा करेंगे, जहां वह भागलपुर से देशभर के पात्र किसानों को 'पीएम किसान सम्मान निधि' की 19वीं किस्त जारी करेंगे। इस योजना के तहत 9.80 करोड़ किसानों के खातों में लगभग 22 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए जाएंगे।


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कई योजनाओं की शुरुआत
इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मीडिया को जानकारी दी कि पीएम मोदी की यात्रा के एक दिन पहले वह बिहार पहुंचकर मखाना उत्पादक किसानों से चर्चा करेंगे।

नई परियोजनाओं की सौगात
बिहार दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी दुग्ध उत्पाद संयंत्र, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, रेल लाइन एवं रेलवे ओवरब्रिज जैसी कई विकास योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। 2019 में शुरू हुई इस योजना के तहत 18वीं किस्त में 20,665 करोड़ रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक किसान को प्रतिवर्ष छह हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं। अब तक कुल 3.46 लाख करोड़ रुपये किसानों को प्रदान किए जा चुके हैं।