वाराणसी: गंगा नदी ने चेतावनी स्तर को पार कर लिया है और शहर में हालात बेहद चिंताजनक हो चुके हैं। काशी के सभी 84 घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती अब छत पर हो रही है, वहीं मणिकर्णिका घाट पर शवों का अंतिम संस्कार भी छतों पर करना पड़ रहा है। साथ ही गंगा का जलस्तर 70.87 मीटर पहुंच चुका है, जो चेतावनी स्तर 70.262 मीटर से ऊपर है। डेंजर लेवल 71.262 मीटर है, और विशेषज्ञों का अनुमान है कि शाम तक जलस्तर 71.3 मीटर पार कर सकता है।
प्रभावित इलाके:
बाढ़ की वजह से अस्सी घाट का पानी अब सड़कों तक आ चुका है। दुकानदारों को दुकानें खाली करनी पड़ रही हैं। गंगा में नाव चलाने पर रोक लगा दी गई है। सावन के महीने में आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए अब सीढ़ियों पर संघर्ष करना पड़ रहा है।
यूपी के 12 जिलों में बाढ़ का प्रकोप, सीएम योगी ने दिए कड़े निर्देश
सीएम योगी ने बाढ़ प्रभावित जिले प्रयागराज, जालौन, औरैया, हमीरपुर, आगरा, मीरजापुर, वाराणसी, कानपुर देहात, बलिया, बांदा, इटावा, फतेहपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 को 24x7 फील्ड में रहने के आदेश दिए हैं। डीएम, एसपी, सीएमओ समेत सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राहत शिविरों में पेयजल, भोजन, दवा और महिलाओं-बच्चों के लिए विशेष इंतज़ाम सुनिश्चित किए जाएं।
मंत्री करेंगे मौके का दौरा – 24 घंटे में राहत राशि का वादा
मुख्यमंत्री योगी ने किसानों की फसल क्षति, भूमि कटाव और घरेलू नुकसान का आकलन कर 24 घंटे में राहत राशि देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही वाराणसी में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, प्रयागराज में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी, जालौन में स्वतंत्र देव सिंह, संजय गंगवार, औरैया में स्वतंत्र देव सिंह, प्रतिभा शुक्ला, हमीरपुर में राम केश निषाद, आगरा में जयवीर सिंह, मीरजापुर में नंद गोपाल नंदी, कानपुर देहात में संजय निषाद, बलिया में दयाशंकर मिश्र 'दयालु', बांदा में नंद गोपाल नंदी, इटावा में धर्मवीर प्रजापति और फतेहपुर में अजीत पाल को सीएम योगी के द्वारा चौबीस घंटे निगरानी करने और आम जनता को कोई नुकसान या परेशानी न हो इसके लिए लगाया गया है।
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