वाराणसी: एक तरफ जहां जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए आदेशों के पालन को लेकर खनन विभाग पूरी मुस्तैदी साथ अवैध खनन को लेकर तमाम तरह कोशिशें कर कर है। वैसे में अवैध खनन माफिया हरिशंकर उर्फ छोटे यादव निवासी ग्राम मिश्रापुरा (बारी) ने खनन विभाग के नाक में दम कर रखा है। खनन अधिकारी ने कई बार इस खनन माफिया को पकड़ने की कोशिश की लेकिन इस खनन माफिया ने पुलिस के मिली भगत से हमेशा खनन विभाग की चकमा देता रहा। इसके पूर्व खनन विभाग के खनन अधिकारी प्रशांत शर्मा के द्वारा चौबेपुर पुलिस स्टेशन में इसके और इसके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया था.
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लेकिन करीब एक वर्ष का समय होने को आया और पुलिस के द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि जब भी इसके द्वारा गंगा नदी के किनारे खनन कि सूचना चौबेपुर पुलिस को दी जाती है तो महज 5 से 10 मिनट के अन्दर ये अपनी जेसीबी मशीन और ट्रेक्टरों के साथ मौके से भाग जाता है। आस पास के लोगो और सूत्रों कि माने तो इस खनन माफिया का सीधा कहना होता है कि पुलिस को पैसे देता हूँ और खनन अधिकारी के पास भी जाता है मेरा कोई कुछ नही कर सकता है.
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लेकिन कही न कही इस खनन माफिया की बातों में सच्चाई नजर आती है. जब भी किसी के द्वारा पुलिस या खनन विभाग को इसकी खबर दी जाती है तो वो आये न आये खनन बंद हो जाता है. आज भी लोगो और मीडिया के दबाव बनाने के बाद जब खनन इंस्पेक्टर दिनेश मोदी मौके पर पहुचे तो इस खनन माफिया के सहयोगी ने उनके ऊपर ट्रेक्टर चढाने का प्रयास किया लेकिन ट्रेक्टर कि ट्राली पलट जाने कि वजह से उनकी जान बाच गयी.
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इसके बारे में जानकारी लेने के लिए जब खनन अधिकारी प्रशांत शर्मा को फ़ोन के द्वारा संपर्क करने कि कोशिश की गयी तो उन्होंने फ़ोन नही उठाया तो वही ADM वित्त और राजस्व से बात करने पर उन्होंने मामले को तूल न देने और किसी ऐसी घटना के घटित होने से इंकार किया. जबकि चौबेपुर थानाध्यक्ष ने एक मीडिया ग्रुप में खनन इंस्पेक्टर के हुए हमले का जिक्र किया है। साथ ही उन्होंने इस प्रकरण में FIR होने के बाबत जानकारी दी है। अब इसमें यह तय करना मुश्किल है कि कौन सच बोल रहा है कौन झूठ।
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