Latest News

Wednesday, May 21, 2025

एवरेस्ट फतह कर गीता समोटा ने रचा इतिहास, CISF की पहली महिला अधिकारी बनीं 'सागरमाथा' विजेता

जयपुर: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की महिला उपनिरीक्षक गीता समोटा ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,849 मीटर) पर सफल चढ़ाई कर इतिहास रच दिया है. वे यह उपलब्धि हासिल करने वाली CISF की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं. यह चढ़ाई उन्होंने सोमवार, 19 मई की सुबह पूरी की, जब वे 'दुनिया की छत' पर खड़ी थीं. यह क्षण केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि पूरे भारत और विशेष रूप से CISF बल के लिए गौरव का प्रतीक बन गया।


यह भी पढ़ें: पुणे में वरिष्ठ खगोलशास्त्री जयंत नार्लीकर का निधन, विज्ञान जगत में शोक की लहर

राजस्थान के सीकर जिले के चक गांव से ताल्लुक रखने वाली गीता समोटा चार बहनों वाले एक साधारण परिवार से आती हैं. पारंपरिक ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी गीता ने स्कूली और कॉलेज शिक्षा स्थानीय संस्थानों से प्राप्त की. वह बचपन से ही खेलों में रूचि रखने वाली गीता एक होनहार हॉकी खिलाड़ी थीं, लेकिन एक गंभीर चोट ने उनका खेल करियर बीच में रोक दिया. उसी मोड़ ने उन्हें एक नई राह पर ले जाने का रास्ता खोला, जो उन्हें सीआईएसएफ और फिर पर्वतारोहण की ऊंचाइयों तक ले गया. साल 2011 में CISF में शामिल होने के बाद गीता ने देखा कि बल में पर्वतारोहण की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ था. इस चुनौती को उन्होंने एक अवसर के रूप में लिया. साल 2015 में उन्हें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के औली स्थित संस्थान में पर्वतारोहण की बेसिक ट्रेनिंग के लिए चुना गया, जहां वे अपने बैच की एकमात्र महिला थीं. इसके बाद 2017 में उन्होंने उन्नत पर्वतारोहण प्रशिक्षण पूरा किया और यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली CISF कर्मी बनीं।


गीता समोटा की पर्वतारोहण यात्राएं यहीं नहीं रुकीं. साल 2019 में उन्होंने उत्तराखंड की माउंट सतोपंथ (7,075 मीटर) और नेपाल की माउंट लोबुचे (6,119 मीटर) पर चढ़ाई की और CISF की पहली महिला पर्वतारोही बनीं, जिसने यह उपलब्धि हासिल की. साल 2021 में एवरेस्ट के लिए CISF का एक अभियान रद्द हो गया, लेकिन गीता ने हार नहीं मानी और 'सेवन समिट्स' की चुनौती को अपना अगला लक्ष्य बना लिया।


गीता ने ऑस्ट्रेलिया की माउंट कोसियस्जको, रूस की माउंट एल्ब्रस, तंजानिया की माउंट किलिमंजारो और अर्जेंटीना की माउंट एकॉनकागुआ पर सफल चढ़ाई कर मात्र छह महीने और 27 दिनों में चार महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियों को फतह किया. यह उन्हें भारत की सबसे तेज 'सेवन समिट्स' पर्वतारोही महिलाओं में शामिल करता है. इसके अलावा लद्दाख में तीन दिन में पांच चोटियां फतह कर उन्होंने एक और अनूठा गीता समोटा को दिल्ली महिला आयोग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय सहित कई संस्थानों से सम्मानित किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें: पुंछ में 18 दहशतगर्दों और मददगारों के घर-ठिकानों पर छापा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त

गीता कहती हैं कि "पहाड़ सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं, वे स्त्री और पुरुष के आधार पर भेदभाव नहीं करते. केवल वही लोग इन ऊंचाइयों को छू सकते हैं, जिनके भीतर एक खास 'एक्स-फैक्टर' होता है. उनकी यह सोच आने वाली पीढ़ियों के लिए न केवल प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि लैंगिक समानता और आत्मबल का संदेश भी देती है. सीआईएसएफ ने भी उनके प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाई है. युवा लड़कियों के लिए उनका संदेश स्पष्ट और सशक्त है "बड़े सपने देखो, मेहनत करो और कभी हार मत मानो". उनकी यह सोच एक प्रेरणा है, जो असंभव को संभव में बदलने की शक्ति देती है. उनकी ऐतिहासिक सफलता से प्रेरित होकर सीआईएसएफ अब वर्ष 2026 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए एक पूर्णतः समर्पित सीआईएसएफ पर्वतारोहण दल भेजने की योजना बना रहा है. सीआईएसएफ के महानिदेशक सहित बल के सभी अधिकारियों ने महिला उपनिरीक्षक गीता समोटा को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी है.

यह भी पढ़ें: जिलाधिकारी व अपर पुलिस कमिश्नर ने जिला कारागार का किया औचक निरीक्षण

गौरतलब है कि गीता समोटा की सफलता से प्रेरित होकर CISF अब 2026 में एक पूर्ण रूप से समर्पित पर्वतारोहण दल को एवरेस्ट भेजने की योजना बना रहा है. यह अभियान न केवल संगठन की नई दिशा को रेखांकित करेगा, बल्कि यह दिखाएगा कि महिला अधिकारी किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हैं। CISF के महानिदेशक और बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने गीता को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है और इसे पूरे बल के लिए गौरव का क्षण बताया है।

यह भी पढ़ें: राजस्थान में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए आवेदन तिथि बढ़ी, अब 25 मई तक फॉर्म भरने का मौका

No comments:

Post a Comment