वाराणसी: नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने स्मार्ट सिटी के सभागार में उपासना स्थलों पर लगने वाले सम्पत्ति करों के सम्बन्ध में एक प्रेस वार्ता की गयी। नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि नगर निगम, वाराणसी द्वारा उपासना स्थलों को गृहकर से मुक्त किया गया है तथा सीवरकर व जलकर में पचास प्रतिशत छूट दिया जायेगा।
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नगर आयुक्त द्वारा बताया गया पूर्व में भवनों पर पृथक-पृथक गृहकर बिल एवं जलकल विभाग के द्वारा अलग से सीवरकर व जलकर के बिल जारी किये जाते थे। उ0प्र0 शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक-09.05.2025 के अनुसार नगर निगमों में एकीकृत बिल जिसमें गृहकर, जलकर, सीवरकर एकीकृत बिल जारी किये जाने के निर्देश दिये गये थे।
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शासन के उक्त निर्देश पर पहली बार वित्तीय वर्ष 2025-26 में एकीकृत बिल जिसमें गृहकर, जलकर, सीवरकर (सम्पत्ति कर के रूप में) संयुक्त बिल जारी किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में शेष बचे लगभग 4 माह में लक्ष्य के सापेक्ष वसूली करने हेतु रु0 20 हजार से अधिक के सम्पत्ति कर बकाये सभी भवनों पर डिमाण्ड आफ नोटिस जारी किया गया। नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा-175 एवं 177 में वर्णित है कि उपासना स्थलों पर गृहकर से मुक्त है, किन्तु जलकर, सीवरकर को अवमुक्त नही किया गया है।
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यदि कोई उपासना स्थल 80 जी की परिधि में आते हैं तो उन्हे सीवरकर व जलकर में पचास प्रतिशत की छूट दी जायेगी। नगर आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि नगर निगम द्वारा किसी भी उपासना स्थल पर कोई कार्यवाही नही करने जा रहा है। नगर निगम द्वारा सभी उपासना स्थलों को चिन्हित भी करने की कार्यवाही की जा रही है, जिसे उन्हे करमुक्त किया जा सके, कोतवाली जोन में अभी तक 40 मन्दिरों, 6 मस्जिदों तथा 1 गुरूद्वारा को चिन्हित कर लिया गया है।
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