वाराणसी: विकास खण्ड चिरईगांव के ग्रामपंचायत अईली में ग्रामप्रधान रामफेर को प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने उ०प्र० पंचायतीराज (प्रधानों और सदस्यों को हटाया जाना) जांच नियमावली 1997 के नियम 5 में निहित प्रावधानों के तहत इनके वित्तीय एवं प्रशासनिक शक्तियों पर रोक लगा दी है।
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इसके साथ ही जिलाविकास अधिकारी वाराणसी और सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग शेखर सुमन को जांच अधिकारी नामित किया है। ग्रामपंचायत के कार्यों के संचालन हेतु त्रिस्तरीय समिति को नामित किया है।
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उल्लेखनीय है कि ग्रामप्रधान अईली की जांच जिला बचत अधिकारी वाराणसी द्वारा किया गया था। जांच रिपोर्ट में दुरुपयोग गबन पाया गया।इस बाबत उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। ग्रामप्रधान द्वारा दिये गये स्पष्टीकरण और जांच रिपोर्ट के परीक्षणोपरांत ग्रामप्रधान अईली प्रथम दृष्टया दोषी प्रतीत हो रहे हैं।
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ग्रामप्रधान अईली रामफेर के अधिकार पर जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है और ग्रामपंचायत सदस्य आकाश कुमार यादव, वंदना देवी और सुनीता कुमारी की त्रिस्तरीय समिति नामित कर विकास कार्य कराने का आदेश जारी किया है। इस बाबत सहायक विकास अधिकारी पंचायत चिरईगांव को अनुपालन हेतु आवश्यक दिशानिर्देश हेतु जिलाधिकारी कार्यालय से निर्गत 20-11-2024 का आदेश आया है।
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