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Sunday, June 9, 2024

नीट यूजी परीक्षा में गड़बड़ी पर छात्रों का गुस्सा फूटा, BHU के बाहर धरना प्रदर्शन

वाराणसी: नीट की परीक्षा प्रणाली पर पूरे देश में सवाल खड़े किए जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की परीक्षा नीट का रिजल्ट आने के बाद विरोध की आंच पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी पहुंच गई। यहां शनिवार को हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मेन गेट पर पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्र-छात्राओं के हाथों में तख्तियां थीं। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने फिर से नीट की परीक्षा कराने की मांग की और दोषियों पर कार्रवाई की भी आवाज उठाई।


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क्या है पूरा मामला? 

इस दौरान छात्र-छात्राओं के साथ उनके शिक्षक और अभिभावक भी मौजूद थे। छात्र कृतिक राज ने कहा कि नीट यूजी परीक्षा 2024 में इस वर्ष करीब 24 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था जिनमें से करीब 13 लाख छात्र पास हुए, लेकिन इतिहास में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है जब एक साथ 67 छात्रों को रैंक 1 मिली है। वहीं एक ही सेंटर से 8 छात्रों को 720 में से 720 नंबर हासिल हुए।

नीट यूजी में 695 अंक पाने वाले कृतिक राज ने कहा कि नीट रिजल्ट में कई तरह की गड़बड़ियां देखने को मिली हैं। दो छात्रों को 718 और 719 अंक मिले हैं। इसको लेकर एनटीए ने दावा किया है कि उन्होंने टाइम लॉस के आधार पर ग्रेस मार्क्स दिए हैं। इसपर छात्र-छात्राओं ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या उन एग्जाम सेंटर्स पर एनटीए के ऑफिशियल्स और एनटीए की घड़ी नहीं थी। जो वो हर एग्जाम सेंटर्स पर देते हैं, तो फिर ये टाइम लॉस की बात कहां से आती है।

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एनटीए का पर छात्रों ने लगाया गड़बड़ी करने का आरोप 

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्र-छात्राओं ने नीट की परीक्षा कराने वाली एजेंसी एनटीए पर गड़बड़ी के आरोप लगाए। अभ्यर्थी कृतिक राज ने बताया कि नीट यूजी परीक्षा 2024 में 13 लाख छात्र पास हुए। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एक साथ 67 छात्रों को रैंक 1 हासिल हुई। वहीं, एक ही सेंटर से 8 छात्रों को 720 में से 720 नंबर हासिल हुए।

उन्होंने कहा कि एनटीए द्वारा आयोजित नीट परीक्षा के स्कोर के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिलता है। इसलिए छात्र इस परीक्षा में अव्वल होने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। तीन दिन पहले यानी कि 4 जून को नीट यूजी परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया। नतीजों के सामने आने के बाद से कई छात्र काफी नाराज दिख रहे हैं।

एक ही एग्जाम सेंटर के 8 स्टूडेंट टॉपर

छात्र-छात्राओं ने एनटीए द्वारा जारी नीट टॉपरों की मेरिट लिस्ट में 8 छात्रों के रोल नंबर एक ही सीरीज (62 से 69) में होने पर संदेह जताया है। इनमें से 6 छात्रों ने रैंक 1 प्राप्त की है और ये सभी हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित एक ही परीक्षा केंद्र के हैं। सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों और परीक्षा विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाते हुए नीट की पारदर्शिता पर संदेह जताया है। इन 8 में से 7 छात्रों के सरनेम लिस्ट में नहीं दिए गए हैं, जिससे संदेह और बढ़ गया है।

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इन छात्रों के नीट रोल नंबर, नाम, अंक और रैंक का स्नैपशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इन 8 में से 6 छात्रों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं, जबकि अन्य दो ने 719 और 718 अंक प्राप्त किए हैं। एनटीए ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि हरियाणा के परीक्षा केंद्र पर छात्रों का समय बर्बाद हुआ था, जिसके चलते उन्हें मुआवजे के तौर पर ग्रेस मार्क्स दिए गए थे।

छात्रों ने नीट परीक्षा में गड़बड़ी के दिए तर्क

सवाल ये भी उठ रहा है कि 718 और 719 मार्क्स आना असंभव है। स्टूडेंट्स का तर्क है कि नीट का पेपर 720 नंबर का होता है। हर सवाल चार नंबर का होता और गलत उत्तर पर एक अंक की नेगेटिव मार्किंग होती है। अगर कोई परिक्षार्थी सभी सवाल सही करता है तो उसके पूरे 720 में से 720 नंबर आएंगे और अगर एक सवाल छोड़ देता है तो उसके 716 अंक आएंगे। वहीं एक सवाल गलत करता है तो उसके 715 अंक रह जाएंगे। ऐसे में 718 व 719 अंक हासिल कर पाना असंभव हैं। 720 के बाद किसी के 715 और 716 अंक ही आ सकते हैं।

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एनटीए ने पेपर लीक के आरोपों को किया खारिज

मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के परिणामों में कथित गड़बड़ी और सीबीआई जांच की मांग के बीच, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एनटीए ने स्पष्ट किया कि छात्रों को दिए गए ग्रेस अंकों से परिणामों में कोई फर्क नहीं पड़ा है और पेपर लीक होने के आरोपों को भी खारिज किया।

एनटीए के डीजी सुबोध कुमार सिंह ने कहा, “यह मसला सिर्फ 1600 छात्रों का है, जबकि परीक्षा 23 लाख से ज्यादा छात्रों ने दी थी। 4750 केंद्रों में से केवल 6 केंद्रों का मामला है। छात्रों की ग्रेस मार्क्स और समय के नुकसान से जुड़ी आपत्तियों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई गई है। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर हम निर्णय लेंगे। समिति की सिफारिशें एक सप्ताह में आ जाएंगी। इस समिति में यूपीएससी के पूर्व सदस्य और कई वरिष्ठ शिक्षाविदों को शामिल किया गया है।

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