उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी को देखते हुए एक ओर तो टेक्निकल एजुकेशन (Technical Education) को लेकर प्रभावी कार्ययोजना बनाई जा रही है. वहीं स्टूडेंट्स (Students) को पॉलीटेक्निक (Polytechnic) में पढ़ाई के साथ-साथ परमानेंट नौकरी (Permanent Job) मिल सके इसके लिए कवायद शुरू हो गई है. यह पहल प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने की है. इस पहल पर स्वयं सेवी संस्थान मेधा (Medha) के साथ आगामी 5 सालों के लिए करार हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस करार के तहत अगले 5 सालों तक लखनऊ सहित प्रदेश की सभी 154 राजकीय व सहायता प्राप्त संस्थानों में बच्चों के कौशल विकास को निखारने का काम किया जाएगा.
नई सोच का निर्माण टेक्निकल एजुकेशन के प्रति
यह करार प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार और स्वयं सेवी
संस्थान के सह संस्थापक ब्योमकेश मिश्रा के बीच हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ
पॉलीटेक्निक कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह का कहना है कि संस्थान
स्टूडेंट्स में टेक्निकल एजुकेशन के प्रति एक नई सोच का निर्माण करता है.
पॉलीटेक्निक के प्रति छात्राओं का लगाव बढ़ाने पर
जोर
वहीं मेधा के प्रशिक्षक अशोक पांडेय के अनुसार संस्थान का
उद्देश्य है कि ग्रामीण और शहरी स्टूडेंट्स में एक ही तरीके से तकनीक का समावेश
हो. ताकि आगे चलकर कोई भी स्टूडेंट्स मार्केट डिमांड के मुताबिक अपने आपको
टेक्निकली रूप से तैयार रख सकें. उन्होंने कहा कि छात्राओं का लगाव पॉलीटेक्निक की
पढ़ाई के प्रति बढ़ाया जा सके इसके लिए भी काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि
कंपनियों से संपर्क कर विद्यार्थियों को वहां दौरा कराया जाएगा, जिससे बच्चों को वर्कशॉप का एक्सपिरियंस भी
मिल सके.
इस पहल से बढ़ेगी शिक्षा की गुणवत्ता
संस्थान की ओर से पॉलीटेक्निक के लास्ट ईयर के स्टूडेंट्स की
करियर काउंसिलिंग की जाएगी. ताकि उनके अंदर करियर के अनुरूप खुद को तैयार करने का
उत्साह बढ़ सके. तकनीकी शिक्षा संस्थानों में सुधार की इस पहल से शिक्षा की
गुणवत्ता बढ़ेगी. साथ ही स्टूडेंट्स में आत्मविश्वास और उत्साह बढ़ने से उनके
भविष्य पर बेहतर प्रभाव पड़ेगा.
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