Latest News

Monday, January 17, 2022

रावण पर Akhilesh का पलटवार, ''दिल्ली फोन पर बात और बड़ी साजिश'' की कही बात

आजाद समाज पार्टी प्रमुख रावण ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर बात नहीं बन पाने पर अखिलेश यादव को कठघरे में खड़ा किया था. रावण ने कहा था कि अखिलेश यादव से गठबंधन को लेकर करीब एक हफ्ते की बातचीत के बाद मुझे लगा कि समाजवादी पार्टी को दलितों की जरूरत नहीं है. सपा के साथ गठबंधन नहीं हो पाने को लेकर एक टीवी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में चंद्रशेखर आजाद भावुक भी हो गए थे.



चंद्रशेखर ने दिल्ली फोन किया फिर बात से पलट गए: ​अखिलेश यादव
अब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चंद्रशेखर आजाद 'रावण' के आरोपों पर पलटवार किया है. सोमवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ''यूपी चुनाव के लिए बड़े-बड़े षड्यंत्र और साजिशें की जा रही हैं. जिस तरह उन्होंने (चंद्रशेखर आजाद रावण) दो सीटें मांगी थी, मैंने स्वीकार कर लिया. उसके बाद रावण ने फोन पर दिल्ली में किसी से बात की या फिर कहां बात की, पता नहीं. फिर कहा कि हम दो सीट पर लड़ नहीं सकते. हमारे संगठन में आपस में सहमति नहीं है.''


अखिलेश यादव को लगता है चंद्रशेखर आजाद कर रहे हैं साजिश
अखिलेश यादव ने कहा, ''हमें तो यह उनकी कोई साजिश लगती है. इसमें समाजवादी पार्टी का क्या दोष? उन्हें 2 सीटें ऑफर की थी. यदि वह भाई बनकर मदद करना चाहते हैं तो करें.
सपा का पुराना इतिहास उठाकर देखें. बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर जी के साथ राममनोहर लोहिया जी मिलकर काम करना चाहते थे. पहली बार सदन में कांशीराम जी को हमारे गृह जनपद इटावा से भेजा गया थ. हमारी मंशा साफ है और हम सभी को साथ लेने के लिए तैयार हैं.''

विरासत से तय नहीं होंगे
सियासत के फैसले,,
ये तो उड़ान तय करेगी,,
आसमान किसका है। जय भीम।।

— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 17, 2022


चंद्रशेखर का जवाब- विरासत से तय नहीं होंगे सियासत के फैसले
अखिलेश के इस बयान पर चंद्रशेखर रावण ने ट्वीट के जरिए पलटवार किया. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, ''विरासत से तय नहीं होंगे सियासत के फैसले. ये तो उड़ान तय करेगी आसमान किसका है. जय भीम.'' इससे पहले चंद्रशेखर आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, ''अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुई हैं. अंत समय में मुझे लगा कि उन्हें दलितों की ज़रूरत नहीं है. वह अपने गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते, सिर्फ दलितों का वोट चाहते हैं.''


उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में मतदान
उत्तर प्रदेश में 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक 7 चरणों में मतदान होने हैं. चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित होंगे. यूपी में सात चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा. पहले चरण में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 सीटों पर, तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर, चौथे चरण 9 जिलों की 60 सीटों पर, पांचवे चरण 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठवें चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें चरण में 9 जिलों की 54 सीटों पर मतदान होगा.

 

इस आर्टिकल को शेयर करें

 

अपने शहर की खास खबरों को अपने फ़ोन पर पाने के लिए ज्वाइन करे हमारा Whatsapp Group मोबाइल नंबर 09355459755 / खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें। 

No comments:

Post a Comment