यूपी विधानसभ चुनाव 2022 को लेकर चुनाव आयोग ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत प्रदेश में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के एग्जिट पोल पर रोक लगा दी गई है. यह प्रतिबंध 10 फरवरी सुबह 7 बजे से 7 मार्च शाम 6:30 बजे तक लगाया गया है. चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करने पर 2 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. चुनाव आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी यूपी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.
यूपी के
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक
विधानसभा चुनाव 2022 के अंतर्गत 10 फरवरी 2022 से 7 मार्च किसी भी प्रकार के एग्जिट
पोल का आयोजन करना तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन
या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसका प्रचार प्रसार करना प्रतिबंधित होगा.
मुख्य
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 का में यह स्पष्ट है कि कोई भी
व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के
परिणाम का ऐसी अवधि के दौरान जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित की
जाए, प्रिंट या
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार यह किसी भी प्रकार की अन्य
रीति से प्रसार नहीं करेगा.
उन्होंने
बताया कि ऐसा कोई व्यक्ति जो इस धारा के बंधुओं का उल्लंघन करेगा, उसे 2 वर्ष तक का कारावास या जुर्माने
से दोनों से दंडित किया जा सकेगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके
अतिरिक्त यह भी निर्देश दिए गए हैं कि मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त
होने वाले 48 घंटों की
अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी प्रकार ओपिनियन पोल या
अन्य किसी मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी
मामलों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा.
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