यूपी में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में सरगर्मियां तेज हो गई हैं. समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ में गोपालपुर के बाद फूलपुर में बगावत का बिगुल बजा है. जिले के फूलपुर पवई विधानसभा सीट पर पूर्व सांसद रमाकांत यादव को प्रत्याशी बनाए जाने का भारी विरोध हो रहा है. शनिवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय में बड़ी संख्या में पदाधिकारी, कार्यकर्ता धमक पड़े. कार्यकर्ताओं ने सपा कार्यालय को घेर लिया.
पार्टी जिलाध्यक्ष को दिया
सामूहिक इस्तीफा
रमाकांत
यादव को प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में सेक्टर प्रभारी, बूथ प्रभारी अन्य कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी कार्यालय
पहुंच पार्टी के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव को सामूहिक इस्तीफा सौंपा. सभी ने
पूर्व समाजवादी पार्टी विधायक श्याम बहादुर यादव के समर्थन में इस्तीफा दिया है.
कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिला अध्यक्ष को इस्तीफा देने के बाद वह लोग राष्ट्रीय
अध्यक्ष को इस्तीफा भेजेंगे. इस दौरान उन्होंने फूलपुर पवई विधानसभा से प्रत्याशी
बदलने की मांग भी की. बता दें कि जिले की अभी समाजवादी पार्टी ने 10 में से 7 ही उम्मीदवार घोषित किए हैं. निजामाबाद, दीदारगंज में भी अंदरखाने सब कुछ
ठीक नहीं चल रहा है.
समाजवादी
पार्टी से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं श्याम बहादुर
आपको बता
दें कि सपा ने 2012 व 2017 में फूलपुर पवई विधानसभा से श्याम बहादुर यादव को चुनाव लड़वाया था. 2012 में श्याम बहादुर को जीत हासिल
हुई. हालांकि 2017 में रमाकांत यादव के पुत्र बीजेपी प्रत्याशी अरुण कांत यादव ने
श्यामबहादुर को हरा दिया था. अब रमाकांत यादव सपा में है. उनका टिकट भी यहां से
फाइनल हो गया है. इस तरह श्याम बहादुर यादव का पत्ता कट गया.
समाजवादी
पार्टी ने पदाधिकारियों के संघर्ष की अनदेखी
श्याम
बहादुर के समर्थन में आये लोगों ने कहा कि 2017 के चुनाव में रमाकांत यादव ने
बीजेपी का गांव-गांव प्रचार किया था और सपा कार्यकर्ताओं से काफी मारपीट भी हुई
थी. इसके बाद भी समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता मोर्चे पर डटे रहे. आज उन्हीं सपा
कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के संघर्ष की अनदेखी कर रमाकांत यादव को ही टिकट दे
दिया गया. बता दें कि फूलपुर पवई सीट से ही रमाकांत यादव के बेटे अरुणकांत यादव
भारतीय जनता पार्टी से विधायक हैं. उन्हें टिकट मिलने की चर्चा क्षेत्र में चल रही
है. ऐसे में फूलपुर पवई की लड़ाई दिलचस्प हो गई है.
आजमगढ़ में वोटिंग कब ?
आजमगढ़ जिले में 10 विधानसभाएं हैं, इन सभी सीटों पर एक ही दिन 7 मार्च को वोटिंग होगी. बता दें कि इस बार यूपी में 7 चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी, दूसरे चरण की 14 फरवरी, तीसरे चरण की 20 फरवरी, चौथे चरण की 23 फरवरी, पांचवे चरण की 27 फरवरी, छठे चरण की 3 मार्च और सातवें चरण की वोटिंग 7 मार्च को होगी. वहीं मतगणना 10 मार्च को होगी.
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