Latest News

Tuesday, January 24, 2023

फाइलेरिया नेटवर्क के 15 मरीजों को प्रदान की गई ‘एमएमडीपी’ किट

वाराणसी: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिंडरा के अंतर्गत ओदार पंचायत भवन पर मंगलवार को फाइलेरिया (हाथी पांव) ग्रस्त 15 मरीजों को एमएमडीपी किट और आवश्यक दवा दी गई । साथ ही रोगियों को घाव की नियमित सफाई के तरीके बताए गए।


आठ शहरी पीएचसी के डाटा फीडिंग और असेस्मेंट की हुई गहन समीक्षा

स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था ने सहयोग किया। पिंडरा पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल सिंह और सीफार के जिला समन्वयक अम्ब्रीश राय ने फाइलेरिया नेटवर्क के सभी रोगियों को प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त अंगों मुख्यतः पैर की साफ-सफाई रखने से इंफेक्शन का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने पर अंग खराब होने लगते हैं। इससे समस्या बढ़ जाती है। इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकने के लिए दवा भी दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है । इस किट में एक-एक टब, मग, बाल्टी तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं । इस दौरान ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विवेक पाठक ने कहा कि फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्य समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही बीमारी से जुड़े मिथक को भी दूर कर रहे हैं। सभी को समझाया जा रहा है कि फाइलेरिया से बचने के लिए हर साल चलने वाले एमडीए राउंड के दौरान दवा का सेवन अवश्य करें। इस दवा का सेवन दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। लगातार पांच वर्षों तक साल में एक बार दवा खा लेने से इस बीमारी के होने से रोकने या नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

नेटवर्क की सदस्य कलावती देवी (75) ने बताया कि उन्हें करीब 35 साल से हाथीपाँव बीमारी है, पहले उपचार के बारे पता नहीं था लेकिन अब नेटवर्क से जुड़कर डॉक्टर से हाथी पाँव के देखभाल के लिये सम्पूर्ण जानकारी मिली और साथ ही एमएमडीपी किट भी दी गई। सविता देवी (65) ने बताया कि वह 18 साल से फाइलेरिया हाथीपांव से ग्रसित हैं अब किट के जरिये हम अपने सूजे हुये पैरों की साफ-सफाई और देखभाल करते हैं साथ में दवा भी खा रहे हैं जिससे आराम मिल रहा है। इस मौके पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक संजय मिश्रा, पंचायत सहायक साक्षी यादव, रोजगार सेवक विकास सिंह, डब्ल्यूएचओ के मॉनिटर तरुण पाण्डेय तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment