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Thursday, December 1, 2022

एचआईवी संक्रमितों को नई जिंदगी दे रहा एआरटी सेंटर

वाराणसी: प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने दिल्ली गये रामनगर निवासी शशांक, 23 वर्ष (परिवर्तित नाम ) की वहां एक युवती से शारीरिक रिश्ते बन गए। घर वापसी के कुछ महीनो बाद शशांक अक्सर बीमार रहने लगा। उसका शरीर कमजोर होता जा रहा था। बुखार पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। जांच में जब पता चला कि वह एचआईवी संक्रमित है तो शशांक के होश उड़ गये। लगा कि उसके सारे सपने टूट चुके हैं। उस वक्त एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर ने उसको एक नई जिंदगी दी। नतीजन एचआइवी पॉजीटिव होते हुए भी शशांक खुशहाल जिंदगी जी रहा है।

 


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यह कहानी सिर्फ शशांक की नहीं बल्कि पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय स्थित एआरटी सेंटर शशांक जैसे उन हजारों युवाओं को वर्षों से नई जिंदगी दे रहा है  जो एचआईवी संक्रमित होने के कारण जीवन से निराश हो चुके थे। एआरटी सेंटर की वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. प्रीति अग्रवाल बताती है कि इस सेंटर की स्थापना वर्ष 2011 में हुई। मकसद एचआईवी संक्रमितों को उचित उपचार देने के साथ उनके हौसले को बढ़ाना है । इसके अलावा एचआईवी व एड्स के खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी काम एआरटी सेंटर करता है। वह बताती है़ कि 10 वर्ष के भीतर इस केन्द्र में एचआईवी संक्रमित लगभग 4500  लोगों का पंजीकरण हुआ जिनका निःशुल्क उपचार किया जा रहा है।

क्या है एचआईवी वायरस - डॉ प्रीति अग्रवाल ने बताया कि एचआईवी का वायरस मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, जिसका समय से उपचार न करने पर उसे अनेक बीमारियां घेर लेती हैं। इस स्थिति को एड्स कहते हैं। उपचार से वायरस को पूरी तरह खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन रोककर रखा जा सकता है। अच्छे खानपान और उपचार से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। इसलिए मरीज रोग को छिपाए न, समय पर और नियमित उपचार करे तो वह अपनी सामान्य आयु पूरी कर सकता है। डा.  प्रीति बताती है कि एआरटी सेंटर में एचआईवी की निःशुल्क जांच होती है। एचआईवी पॉजीटिव होने पर मरीज का फौरन निःशुल्क उपचार शुरू किया जाता है। एआरटी सेंटर के अलावा जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों यहां तक कि सभी सीएचसी-पीएचसी में भी एचआईवी जांच की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है।

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 प्रमुख लक्षण - वजन का घटना, लगातार दस्त होना, लम्बे समय तक बुखार का होना, शरीर पर खाज, खुजली, त्वचा में संक्रमण होना, मुंह में छाले, जीभ पर फफूंदी का आना, गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का होना एचआईवी पॉजीटिव होने के लक्षण हो सकते है।

 इन्हें हो सकता है संक्रमण - एचआईवी संक्रमित के साथ यौन सम्पर्क, इंजेक्शन से नशीली दवा लेने वाला व्यक्ति को, माता-पिता के एचआईवी संक्रमण के बाद पैदा होने वाले बच्चे को, बिना जांच किया हुआ रक्त चढ़वाने वाले व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है।

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