Latest News

Monday, November 28, 2022

आशाएं स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी, लोगों के स्वास्थ्य का रखती हैं पूरा ब्योरा – सीएमओ

वाराणसी: ‘आशा’ शब्द कान में पड़ते ही दिमाग में खास तरह की ऊर्जा व सकारात्मकता का एहसास होता है। स्वास्थ्य विभाग के पास ऐसे एक-दो नहीं बल्कि इनकी पूरी फौज है जो खुद के नाम को चरितार्थ करते हुए दिन-रात एक कर्मयोगी की तरह अपने कर्मपथ पर अडिग हैं। तो आइए इन्हीं में से जानते हैं आशा कार्यकर्ता प्रतिभा और राजकुमारी के प्रयासों की कहानी... 


कार्यकर्ताओं ने मोदी के मन की बात का 95 वां एपिसोड सुना

राजघाट निवासी प्रतिभा वर्ष 2016 में आशा बनी। तब से लेकर अब तक आशा प्रतिभा पूरी लग्न, ईमानदारी, निःस्वार्थ और पूरे जोश के साथ कार्य कर रही हैं। राजघाट के करीब तीन हजार घरों के साथ उनके बच्चों के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखी रही हैं। बताती हैं कि नवजात स्वास्थ्य की गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) को लेकर वह सबसे पहले अच्छी तरह से हाथ-पैर धोकर और सुखाकर घर के अंदर जाती हैं। इसके बाद वह बच्चे का वजन, शरीर का तापमान आदि की जांच करती हैं। इस दौरान वह मां को छह माह तक नियमित स्तनपान कराने के साथ ही निमोनिया, पीलिया, हाइपोथर्मिया (ठंडा बुखार), डायरिया आदि के बचाव के बारे में विस्तार से बतातीहैं। वह बताती हैं कि वर्तमान में उनके क्षेत्र में 5 से 6 नवजात शिशु हैं जिन्हें वह नियमित टीकाकरण भी करा रही हैं। वर्तमान में सभी बच्चे स्वस्थ हैं।

संस्थान बरेका द्वारा आयोजित संविधान दिवस संवाद कार्यक्रम संपन्न

कुछ दिन पहले ज्योति विश्वकर्मा का दो माह का बच्चा दूध पीना छोड़ दिया था, इस वजह से वह ऊपर का दूध पिलाने लगी। इसके बाद जब वह ज्योति से मिली और उन्हें स्तनपान के तकनीक और फायदे के बारे में बताया। समझने के बाद उनका बच्चा अब नियमित स्तनपान कर रहा है। वह कहती हैं कि शुरुआत में समुदाय के लोग उनकी बातें नहीं सुनते थे लेकिन अब सभी उनकी सुनते भी हैं और उस पर अमल भी करते हैं। वह खुश हैं कि वह लोगों की स्वास्थ्य का ख्याल रखती हैं। किसी भी तरह स्वास्थ्य समस्या होने पर वह परिजनों को 102 नम्बर पर एम्बुलेंस बुलाकर नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र जाने और डॉक्टर से उचित सलाह लेने के बारे में परामर्श देती हैं।

संस्थान बरेका द्वारा आयोजित संविधान दिवस संवाद कार्यक्रम संपन्न

पाण्डेयपुर निवासी राजकुमारी भी वर्ष 2016 में नियुक्ति हुई थी । वह बताती हैं कि उनके क्षेत्र में 2000 परिवार आते हैं ज़्यादातर परिवार अन्य जिलों या राज्य से किराएदार के रूप में आते जाते रहते हैं । ऐसे में यह उनके लिए चुनौती भरा कार्य है कि वह सभी परिवारों की स्वास्थ्य कुंडली अपने पास रखें और नियमित स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाती रहें । वह बताती हैं कि वर्तमान में उनके क्षेत्र में चार नवजात शिशु हैं जो एक से डेढ़ माह का है । एचबीएनसी के तहत वह पहले, तीसरे, सातवें, 14वें, 21वें, 28वें और 42वेंदिन तक छह से सात बार गृह भ्रमण कर रही हैं । सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और नियमित टीकाकरण भी करवा रही हैं । बच्चों के वजन, जांच, देखभाल में वह सभी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से ख्याल रखती हैं । स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली एचबीएनसी किट (बैग) में जरूरत की सभी सामान्य चिकित्सीय सामग्री और परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों, शगुन किट अपने पास रखती हैं । वह कहती हैं कि समुदाय में सभी लोग स्वस्थ और खुशहाल रहें, इस बात का पूरी तरह से ध्यान रखती हैं । 

संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के बैनर तले युवाओं ने शुरू किया रोजगार आंदोलन

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि आशा, स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी हैं और वहसमुदाय के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में निरंतर जुटी रहती हैं । इन्हीं के बल पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैयां हो पा रही हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर क्रियान्वित करने में इन आशाओं की महती भूमिका है। चाहे बात टीकाकरण, परिवार नियोजन, संचारी व गैर संचारी रोग नियंत्रण या फिर गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) की हो । हर आशा के पास अपने क्षेत्र के सभी मरीजों का पूरा ब्योरा विस्तार से होता है। वर्तमान में जनपद में 2,562 आशा कार्यकर्ताएं हैं जिसमें नगर में 534 और ग्रामीण में 2028 हैं ।

PS4 ने कुम्हारों पर हो रहे अत्याचार उत्पीड़न बलात्कार को लेकर शुरू किया सत्याग्रह

इस आर्टिकल को शेयर करें

हमारे Whatsapp Group से जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें 

अपने शहर की खास खबरों को अपने फ़ोन पर पाने के लिए ज्वाइन करे हमारा Whatsapp Group मोबाइल नंबर 09355459755 / खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें।

No comments:

Post a Comment