उत्तर प्रदेश चुनाव को देखते हुए उम्मीद थी कि केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश के बड़े वोटबैंक पर फोकस किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश के कृषि सेक्टर और उससे जुड़े किसान जिनका यूपी चुनाव में बहुत महत्व है उन पर इस बजट में फोकस करके वित्त मंत्री ने काफी हद तक इस उम्मीद को पूरा किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं कीं. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, किसानों को हाईटेक बनाने के लिए PPP मॉडल शुरू करने, किसानों के खातों में 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी सीधे ट्रांसफर करने, कृषि-वानिकी को अपनाने के इच्छुक किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने, रबी सीजन 2021-22 में गेहूं की खरीद और खरीफ सीजन 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद से 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान का कवर देने जैसे फैसले यूपी और पंजाब के किसान वोट बैंक को लुभाने की दिशा में उनक बड़ा कदम कहा जा सकता है. दोनों चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश और पंजाब में किसान बेहद प्रभावशाली मतदाता हैं और उसका ध्यान रखना बेहद जरूरी था.
मोदी सरकार के इस बजट पर शुभासपा के प्रदेश
प्रवक्ता शाशिप्रताप सिंह ने बीमार बजट की संज्ञा देते हुए कहा कि मोदी सरकार के इस बजट
में किसान, गांव गरीब, मजदूर, छात्रवृति और शिक्षा पर लोक लुभावन और चुनाव से
प्रेरित बजट रहा है। छलने वाला बजट रहा है गरीब को भोजन रोजगार के लिये कुछ नही
रहा. नए यूनिर्वसिटी नई फैक्टरी के लिये कुछ नही है। अगर इस बजट को बीमार बजट कहे
तो अच्छा होगा।
इस आर्टिकल को शेयर करें
हमारे Whatsapp
Group से जुड़ने के लिए दिए गए
लिंक पर क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/KdKAvSxlcnKJIGutmfkh6x
अपने शहर की खास खबरों को
अपने फ़ोन पर पाने के लिए ज्वाइन करे हमारा Whatsapp
Group मोबाइल नंबर 09355459755
/ खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क
करें।
No comments:
Post a Comment