आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आए दिन नेता कोई न कोई बड़ा बयान देकर सुर्खियां बटोर लेते हैं. इससे सियासत भी गरमाई हुई है. हाल ही में भाजपा सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा का दामन थाम लिया. इसके बाद से यह बात भी उठने लगी कि क्या उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य भी बीजेपी से इस्तीफा देंगी? अपर्णा यादव का नाम लेकर अपने 'बहू-बेटी' वाले बयान से क्या वह भाजपा पर ही वार कर रही हैं? इन सभी कयासों पर बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य ने विराम लगा दिया है.
संघमित्रा मौर्य का कहना है कि मेरे पिताजी समाजवादी पार्टी में शामिल हो
गए, इसका मतलब यह नहीं कि वह भी चली जाएंगी.
संघमित्रा का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी होने के नाते वह उनके साथ
हमेशा खड़ी हैं. लेकिन, राजनीति की बात है तो वह अपनी पार्टी यानी भाजपा
के साथ खड़ी रहेंगी. यह कहकर संघमित्रा मौर्य ने कंफर्म कर दिया है कि वह भाजपा नहीं
छोड़ेंगी.
भाजपा पर साधा था निशाना
देखा जा सकता है कि अपर्णा यादव का भाजपा में शामिल होने
संघमित्रा को खासा पसंद नहीं आया है. एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए भी संघमित्रा
ने मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव के भाजपा में आने को लेकर पार्टी पर तंज
कसा था. अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भी संघमित्रा मौर्य ने सीएम योगी
आदित्यनाथ को अपर्णा यादव के चचेरा भाई बताया था. वहीं, मौर्य ने अगले-पिछड़े को लेकर भी सवाल उठाए थे.
'प्रधानमंत्री मोदी
बेटी की तरह मानते हैं'
स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी में शामिल होने केबाद
राजनीतिक सलाहकारों का मानना था कि उनकी बेटी भी भाजपा छोड़ सकती हैं. उनपर हमला
करते हुए संघमित्रा मौर्य ने कहा था कि अगर पिता पार्टी छोड़े तो बेटी पर सवाल
खड़े होने लगते हैं, लेकिन बहू आए तो उसका सम्मान किया जाता है.
अगर ऐसा है तो बेटी और बहू को समान नजर से देखना चाहिए. भाजपा में बेटी और बहू में
कोई अंतर नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी मुझे बेटी की तरह मानते हैं. पार्टी में बेटी
और बहू में भेदभाव नहीं होता. यह वह लोग करते हैं जिनके पास काम नहीं है.
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