विधानसभा चुनाव में सभी सियासी दलों ने जीत हासिल करने के लिए सियासी समीकरणों को साधने की गुणा-गणित शुरू कर दी है। भाजपा, कांग्रेस, सपा-रालोद, बसपा समेत सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने पर्चे भरने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में 74 साल के अम्बेडकरी हसनू राम 94वीं बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी तमन्ना है कि वह चुनाव लड़ने का शतक बनाएं। खास बात यह है कि वो जीतने के लिए नहीं हारने के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं। रामनगर रसूलपुर खेरागढ़ के रहने वाले हस्नू राम भी उन्ही सूरमाओं में से एक हैं, जो हारने की दुआ के साथ चुनावी मैदान में ताल ठोंकते हैं। उनकी हारने की इच्छा भी ऐसी कि अब तक 93 बार राष्ट्रपति से लेकर ग्राम प्रधान तक का चुनाव हार चुके हैं। बुधवार को उन्होंने आगरा ग्रामीण और खेरागढ़ दो सीटों से पर्चा भर दिया।
दीवानी न्यायालय में चल रहा मुकदमा
अभी भी वह बेंत के सहारे खुद ही चलते हैं। पेशे से मजदूर
हस्नू के पास कनद 5100 और बैंक खाते में मात्र छह सौ रुपये ही
हैं। खेरागढ़ थाने में 232, 324, 504 का मुकदमा भी दर्ज है।
एक मुकदमा दीवानी न्यायालय में विचाराधीन है। हस्नू ने बताया कि जीवन में एक ही
इच्छा है कि सौ बार चुनाव लड़ूं और हारूं। ये उनका 94वां
चुनाव होगा।
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