जैसा की अक्टूबर महीने में 4,695 क्विंटल चावल और 311 क्विंटल गेहूं के घोटाले में सीबीआई द्वारा जाँच किया गया और इस मामले में डिपो प्रबंधक महेश्वरी तिवारी ने गोदाम संचालक शमीम जहां, आजाद खान ऊर्फ शेरू खां, प्रबंधक शांति प्रकाश श्रीवास्तव, डिपो प्रभारी अजय कुमार विश्वकर्मा, तकनीकी सहायक अनुज कुमार श्रीवास्तव एवं काटा प्रभारी अनिल कुमार सरोज के खिलाफ भदोही कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। यह कार्रवाई शासन के निर्देश पर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों की गठित टीम की जांच रिपोर्ट पर की गई थी।
लेकिन जब इस मामले में हमारी पूर्वांचल खबर की टीम द्वारा
छान बिन किया गया तो कुछ और तथ्य सामने आया है| उसमे यह सामने आया है कि FCI वाराणसी के मंडल प्रभारी और आजाद खान के बिच यह सौदा हुआ था कि
आजाद खान के ऊपर जो भी आरोप है वो आरोप FCI
के
अधिकारीयों और कर्मचारियों के ऊपर डालकर उनको बचा लिया जायेगा| जो हमें अपने जाँच
में पता चला उसके मुताबिक यह सौदा 5 लाख में तय हुआ था|
मिर्ज़ापुर के डिपो प्रभारी के साथ भी हुई थी डील
जैसे
जैसे हम लोगो से पूछताछ करते गए वैसे वैसे नए खुलासे भी होते गए हमारी टीम को यह
भी पता चला की ऐसी ही डील मिर्ज़ापुर के डिपो प्रभारी के साथ भी हुई थी लेकिन इसकी
रकम ज्यादा थी इसमें यह डील हुई थी कि वो अपने अधिकारीयों और कर्मचारियों को इस
प्रकरण में फसा कर उनको बचा लेंगे इसके बदले उनको 20 लाख रुपयें दिये जायेंगे|
इस प्रकरण में मुख्या भूमिका मंडल प्रबंधक वाराणसी और प्रबंधक
मिर्ज़ापुर डिपो थे| उन्होंने अधिकारीयों व कर्मचारियों के साथ मिलकर यह तय किया था
कि अपने ही विभाग के अधिकारीयों और कर्मचारियों को फसा के आजाद खान को बचायेंगे|
इसी प्रकरण में माननीय खाद्य मंत्री अश्विनी चौबे के नाम पर खाद्य विभाग के अधिकारीयों
और कर्मचारियों से करीब 7.5 लाख की वसूली भी की गयी है|
जैसा की भदोही के गोदाम के मालिक से प्रायः डिवीज़न मैनेजर से
बात होती है कि 20 हजार बोरी के गबन के लिए हम आपको रूपये देते रहेंगे और
कर्मचारियों और अधिकारीयों पर गाज गिराकर हम आपको बचायेंगे|
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