गोरखपुर: अपराधी चाहे कितना ही शातिर क्यों ना हो वह पुलिस की पकड़ से बच नहीं सकता है, गोरखपुर के एसएसपी राज करन नैय्यर की सूझबूझ एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी चौरी चौरा अनुराग कुमार की निष्पक्ष जांच में सामने आया कि 65 वर्षीय मृतक राजेंद्र यादव की हत्या उसके अपने ही पुत्र धर्मेंद्र यादव ने की थी। पुलिस ने इस संबंध में धर्मेंद्र यादव की तहरीर पर 10 नामजद समेत चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन कर रही थी।
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घटना के सीन रीक्रिएशन और साइंटिफिक तरीके की जांच में पुलिस ने पाया कि मृतक राजेंद्र यादव की हत्या उसके किसी करीबी नहीं की थी, इसी एंगल पर पुलिस मामले की जांच कर रही थी आखिरकार पुलिस मृतक राजेंद्र यादव के पुत्र धर्मेंद्र यादव को पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ किया तो उसने घटना कबूल की पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब रहती थी वह काफी दिन से घर पर ही रह रहा था उसके पिता द्वारा बाहर जाकर पैसे कमाने हेतु डाटा फटकार जा रहा था जिस बात से नाराज होकर उसने कुल्हाड़ी से मार कर अपने पिता की हत्या कर दी और खुद वादी बनाकर गांव के ही अन्य लोगों के विरुद्ध हत्या करने का आरोप लगाते हुए स्थानीय थाने चौरी चौरा पर प्रार्थना पत्र देखकर मुकदमा दर्ज कराया था।
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घटना का खुलासा पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान एसएसपी राज करन नैय्यर ने किया। उन्होंने बताया कि पुलिस की निष्पक्ष जांच की वजह से घटना का सही खुलासा हुआ है और 10 निर्दोष लोगों को बचाने में पुलिस ने सफलता हासिल किया है। घटना का खुलासा करने वाले में चौरीचौरा थाना प्रभारी वेद प्रकाश शर्मा ,उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार सिंह ,उपनिरीक्षक अनिश सिंह ,उप निरीक्षक रजनीश मिश्रा, उपनिरीक्षक अभिषेक यादव ,कांस्टेबल आजाद अली, विकास सिंह, हेमंत, महिला कांस्टेबल शाहीन परवीन शामिल रही।
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