नई दिल्ली: ऑपेरशन सिंदूर के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन से अलग-थलग होकर आम आदमी पार्टी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. वहीं पार्टी ने खुद को इंडिया गठबंधन से अलग कर लिया है. मंगलवार को ही इंडिया गठबंधन की बैठक में इसी मुद्दे पर बैठक कर आगे की रणनीति तय की है. लेकिन, आम आदमी पार्टी इसमें शामिल नहीं हुई. 'आप' ने ऑपरेशन सिंदूर और केंद्र सरकार की ओर से अचानक सीजफायर करने फैसले पर विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है. उनके पत्र में प्रधानमंत्री की ओर से बार-बार देश से संबंधित महत्वपूर्ण चर्चाओं से अनुपस्थित रहने और भारत की संप्रभुता व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम निर्णयों में पारदर्शिता की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है.
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पत्र में संजय सिंह ने पीएम मोदी से कहा है, मैं एक चिंतित सांसद और भारत की जनता की आवाज के रूप में आपको यह पत्र लिख रहा हूं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्टता, नेतृत्व और पारदर्शिता चाहती है. पहलगाम की दुखद घटना के बाद भारतीय सेना ने त्वरित और सराहनीय कदम उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत सीमा पार आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया. यह राष्ट्रीय एकता और सैन्य दृढ़ता का क्षण था.
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बैठक में नहीं आए पीएम: उन्होंने कहा, इसके बाद कुछ गंभीर चिंताएं सामने आई हैं, उनपर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है. पहला, सर्वदलीय बैठक में बार-बार अनुपस्थितिः सरकार ने ऑपरेशन के बारे में राजनीतिक दलों को जानकारी देने के लिए दो सर्वदलीय बैठक कीं. अफसोस की बात है कि दोनों में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद नहीं थे. उनकी अनुपस्थिति को सभी दलों और इससे भी ज्यादा देश की जनता इस महत्वपूर्ण समय में अपने नेता से मजबूत और एकजुट उपस्थिति की उम्मीद करती थी. बैठक में पीएम के उपस्थित न रहने की वजह से सभी को निराशा हुई.
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दूसरा, विदेशी दबाव में अचानक सीजफायर का ऐलान, जब ऑपरेशन सिंदूर तेजी से आगे बढ़ रहा था और भारतीय सेना को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) वापस लेने की मजबूत स्थिति में देखा जा रहा था, तब अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक ट्वीट से सीजफायर की खबर आई. डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान दोनों को व्यापार न करने की धमकी दी, जिसके बाद सीजफायर हुआ. तीसरा प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई जवाब नहीं आया. अमेरिकी राष्ट्रपति के सीजफायर को लेकर आए कई सार्वजनिक बयानों और ट्वीट्स के बावजूद प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई खंडन या स्पष्टीकरण नहीं आया. इस चुप्पी ने कई सवाल खड़े किए हैं और भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जनता का भरोसा खत्म हुआ है.
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संजय सिंह ने कहा कि इन घटनाओं ने 144 करोड़ भारतीयों के मन में सीजफायर के फैसले और सरकार की विदेश नीति के रुख को लेकर सवाल खड़े किए. इस महत्वपूर्ण समय में पारदर्शिता और नेतृत्व की कमी ने हमारी संप्रभुता की छवि को नुकसान पहुंचाया है. इन्हीं सबके मद्देनजर, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर फैसले पर व्यापक जानकारी देने के लिए तुरंत विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि संवैधानिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बहाल हो सके. उन्होंने कहा मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस मौके पर सामने आएं और संसद के जरिए देश को संबोधित करें.
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इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था: उधर, इंडिया गठबंधन की बैठक पर मंगलवार को प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कहा कि इंडिया गठबंधन का गठन विशेष रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए किया गया था. गठबंधन की वजह से विपक्षी दलों को 240 सीटें मिलीं, जोकि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. देश की राजनीति में सबसे बड़ा धोखा वो है जो पर्दे के पीछे खेला जा रहा है. जनता के सामने बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे के विरोधी बनने का नाटक करते हैं, लेकिन असल में दोनों ने आपस में गुप्त गठबंधन कर रखा है.
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ये गठबंधन न वैचारिक है, न सैद्धांतिक: अनुराग ढांडा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी वही बोलते हैं, जो मोदी जी को राजनीतिक रूप से फायदा पहुंचाए. चाहे संसद में चर्चा हो या मीडिया की हेडलाइन, कांग्रेस का हर कदम बीजेपी को लाभ देने वाला होता है और बदले में बीजेपी सरकार गांधी परिवार और कांग्रेस के भ्रष्ट नेताओं को जेल जाने से बचाती है.
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इनकी राजनीति मुद्दे की नहीं: उन्होंने कहा कि यह गठजोड़ सिर्फ़ सत्ता में बने रहने का नहीं, बल्कि देश की जनता को बेवकूफ बनाने का गठबंधन है. ये दोनों दल जनता की बुनियादी ज़रूरतों, जैसे अच्छी शिक्षा, बेहतर अस्पताल, सस्ती बिजली, स्वच्छ पानी की बात नहीं करते, क्योंकि इनकी राजनीति इन मुद्दों से नहीं चलती. इनकी राजनीति झूठ, आरोप-प्रत्यारोप और नफरत पर टिकी हुई है।
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