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बिना नंबर प्लेट के कई ट्रैक्टर और व्यवसायिक वाहनों का हुआ चालान
रात होते ही यमराज बन 4 से 5 टन मल लादे ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ बेखौफ चलते है। जिससे आए दिन दुर्घटना की खबरे आती रहती है, सबसे बड़ी बात यह है नंबर न होने की वजह से इनको खोज पाना भी पुलिस के लिए मुश्किल होता है। इसी क्रम में सड़कों पर दौड़ रही बिना नंबर के ट्रैक्टरों पर भी कार्यवाही की गई। इनमें से कई का चलन हुआ तो कई को सीज किया गया। कई व्यवसायिक वाहनों जैसे ट्रक, लोडर की जांच में दस्तावेज में मिली कमी पर चालान करते हुए कमी को पूरा करने का निर्देश दिया गया।
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बता दें कि बीते दिनों सारनाथ थानांतर्गत चंद्रा चौराहे के पास सुबह सुबह एक बच्चे की स्कूल जाते समय नो एंट्री में बालू लदे ट्रक की चपेट में आने से एक 15 वर्षिय छात्र भावेश की दर्दनाक मौत हो गई।
मौके पर पहुंचे एसीपी सारनाथ डॉक्टर अतुल आज्ञा त्रिपाठी से स्थानीय लोगों ने बताया कि नो एंट्री के समय में भी ट्रैकों का आना-जाना बदस्तूर जारी रहता है और आशापुर से पुराना पुल और संडास ट्रैक्टरों पर बालू और हिट लकड़ मंडी लगती है जो कि धरने से पूरे दिन आते जाते हैं जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है साथ ही साथ ट्रैक्टरों के ड्राइवर भी ज्यादातर मजदूरी होते हैं जो कि अक्सर दुर्घटना का सबक बढ़ाते हैं।
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