जी हां आपको बता दें के प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे हर घर जल और जल जीवन मिशन सिर्फ कागजों में ही सफल है क्योंकि अगर जमीनी स्तर पर देखा जाए तो शायद ही कोई ऐसा गांव है जहां पर टाइम से पानी आता हूं जब इसकी तफ्तीश करने हमारी टीम रैपुरा, सिंहवार और नेवादा में पहुंची तो जल जीवन मिशन का जो हाल यहा के ग्रामीणों ने बताया कि पानी का कोई टाइम नहीं है और यहां जो ऑपरेटर है वह किसी की नहीं सुनता है और जब इसकी शिकायत ठेकेदार से की जाती है तो ठेकेदार भी सिर्फ आश्वासन देता है।
ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों से भी किया गया मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी किया गया और 1076 पर भी फोन करके किया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि यह जो यहां का ठेकेदार है वह मंत्री का बहुत ही करीबी है जिसकी वजह से अधिकारी भी कोई कार्रवाई करने से डरते हैं।
जब हमारी टीम ने ठेकेदार से इस संबंध में बात किया तो ठेकेदार ने हमारी टीम को भी अपनी बातों में लगाए रखा और कहा कि हम इस पर कार्रवाई करेंगे लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई उल्टा पानी की सप्लाई बंद हो गई कई जगह पर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त है इसके बारे में जब ऑपरेटर को ग्रामीणों द्वारा बताया जाता है तो वह कहता है कि यह मेरा काम नहीं है ठेकेदार का काम है।
जहां एक तरफ योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार है रफ्तार से काम हो रहा है यह कैसा रफ्तार है जहां पर पिछले 11 महीने से ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे हैं अगर ऐसी रफ्तार है तो ग्रामीणों का कहना है कि इस रफ्तार वाली सरकार हमें नहीं चाहिए अब देखना यह है कि क्या सीएम योगी इसका संज्ञान लेते हैं और अपने मंत्रियों से काम करवाने के लिए कहते हैं या नहीं।
क्योंकि हम आपको बता दें कि आगे 2024 का चुनाव भी है ऐसे में सरकार चाहेगी कि उनकी छवि धूमिल ना हो लेकिन सरकार में बैठे उनके जो मंत्री हैं मंत्री के चमचे हैं वह नहीं चाहते कि सरकार काम करें और उनकी छवि धूमिल ना हो अब देखना यह है क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चाबुक उनके ऊपर चलता है या फिर नहीं क्योंकि अगर नहीं चलता है तो इसका खामियाजा इनको 2024 के चुनाव में देखने को मिल सकता है।
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