Latest News

Thursday, February 10, 2022

लता जी वाराणसी के रिजवान को मानती थी बेटा, त्योहार पर भेजती थी उपहार

वाराणसी:  सुर साम्रागी लता मंगेशकर भले ही एक बार बनारस आयी थीं मगर उनका यंहा के साड़ी निर्माता व व्यवसायी सगे भाइयों अरमान व रिजवान से गहरा पारिवारिक रिश्ता बन गया था, उन्हें अपना बेटा मानती थीं, उनकें यंहा की बनी साड़ियां पहनती थीं, पूरा परिवार उन्हें माँ कहता था, फोन पर सबसे बातचीत होती, तीज त्योहारों पर सबको कपड़े उपहार भेजती! रविवार को उनके निधन से पूरा परिवार व्यथित रहा, कहा हमनें अपना सरपरस्त खो दिया! 



स्वास्थ्य कामना से अरमान ने कराया था बाबा का अभिषेक

उनके स्वास्थ्य के लिए अरमान ने 20 जनवरी को श्री काशी विश्वनाथ धाम में उनके नाम से बाबा का अभिषेक कराया था, सुर साम्रागी के निजी सहायक महेश राठौर ने उन्हें इसके लिए उनका वास्तविक नाम ह्रदया मंगेशकर व गोत्र कश्यप लिखकर भेजा था! 

2015 में हुई मुलाकात  म्ई 2015 में सुर साम्रागी के पीए महेश राठौर भाई ह्रदय मंगेशकर व अन्य परिवारजन काशी आए थे, वे लोग लता दी के लिए साड़ी खरीदने अरमान के गौरीगंज स्थित दुकान पर पहुंचे! लता जी पंसद के लिए जब अरमान से मोबाईल पर बात कराई तो उन्होंने साड़ी लेकर मुंबई आने को कहा, एक महीने बाद अरमान मुंबई स्थित उनके घर प्रभुकुंज पहुंचे, बातचीत में उन्हें उनमें माँ का स्नेह और सरलता दिखी! भाव विभोर माँ बोल दिया, फिर तो माँ बेटे का रिश्ता स्थाई हो गया! दोनों परिवार इन रिश्तों में बंध गया, फोन पर बात साल में तीन चार बार मुलाकात का क्रम चल निकला, ईद, बकरीद हो या होली, दीवाली या अरमान व रिजवान के बेटे हमजा, या बेटी बुशरा का जन्मदिन लता दी अपने पोते पोतियों के लिए उपहार भेजतीं! 





इस आर्टिकल को शेयर करें

 

हमारे Whatsapp Group से जुड़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें 

https://chat.whatsapp.com/KdKAvSxlcnKJIGutmfkh6x

 

अपने शहर की खास खबरों को अपने फ़ोन पर पाने के लिए ज्वाइन करे हमारा Whatsapp Group मोबाइल नंबर 09355459755 / खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें। 


No comments:

Post a Comment