यूपी में चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद सपा का दामन थाम लिया है। बताया जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य काफी समय से असंतुष्ट चल रहे थे। अब चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पाला बदलते हुए एक लेटर जारी किया और इस्तीफे की वजहों का जिक्र किया है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में
दलितों के बीच अच्छी पकड़ रखने वाले मौर्य कभी मायावती के बेहद करीबी थे। मौर्य ने
एक बार फिर अपना ठिकाना बदलते हुए ट्विटर पर लिखा कि दलितों,
पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार
नौजवानों और छोटे-लघु व मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर अपेक्षा की वजह से
उन्होंने इस्तीफा दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य
योगी सरकार में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री थे।
विपरीत विचारधारा में किया काम: मौर्य
स्वामी प्रसाद ने लेटर में इस्तीफे की वजह बताते हुए यह भी कहा कि
वह विपरीत परिस्थिति और विचारधारा में काम कर रहे थे। स्वामी प्रसाद ने लिखा,
''विपरीत परिस्थितितियों और विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग
के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया। लेकिन दलितों, पिछड़ों,
किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे-लघु एवं
मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के
मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।''
मायावती को भी चुनाव से ठीक
पहले दिया था झटका
स्वामी प्रसाद ने 2017 विधानसभा चुनाव से
ठीक पहले मायावती को झटका देते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था। अगस्त 2016 में भाजपा की सदस्यता लेते हुए उन्होंने बसपा सुप्रीमो पर टिकट बेचने के
आरोप लगाए थे।
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