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Wednesday, January 12, 2022

28 साल से भाजपा को नहीं मिली जीत इन दो सीटों पर

मुरादाबाद जनपद की सियासत जाति और संप्रदाय में उलझने से बीजेपी की जीत की राह में कांटे ज्यादा रहे हैं। राम लहर में बीजेपी ने जो प्रदर्शन किया वह फिर कभी दोहरा नहीं सकी। बीजेपी ने 1993 और 96 में अच्छा प्रदर्शन किया। पिछली बार 2017 में बीजेपी प्रदेश में प्रचंड बहुमत से आई, लेकिन मुरादाबाद में छह विधानसभा सीटों में सिर्फ दो पर ही जीत सकी। पार्टी का अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन ठाकुरद्वारा में रहा। यहां कुंवर सर्वेश सिंह पांच बार बीजेपी के टिकट पर विजयी रहे। 

 


मुरादाबाद शहर सीट पर बीजेपी को कुल चार बार ही जीत मिली हैं। इस सीट पर तीन बार संदीप अग्रवाल तो एक बार रितेश गुप्ता कमल निशान से जीते। जब राम लहर आई तो भाजपा ने 1993 के चुनाव में कांठ और मुरादाबाद पश्चिम सीट छोड़ कर सभी सीटें जीत ली थीं। उस दौर में कुंदरकी और मुरादाबाद देहात जैसी विपरीत समीकरणों वाली सीट पर भी बीजेपी का परचम फहराया था। वर्ष 1996 में दोबारा चुनाव हुए तो कांठ और मुरादाबाद पश्चिम सीट भाजपा की झोली में आ गई पर देहात और कुंदरकी बीजेपी को गंवानी पड़ी।

 

बीजेपी ने ठाकुरद्वारा और मुरादाबाद शहर सीट पर जीत इस चुनाव में बरकरार रखी थी। कुंदरकी और मुरादाबाद देहात में तो अट्ठाइस साल से पार्टी जीत को तरस रही है। वर्ष 93 के बाद से यहां बीजेपी जीत की तलाश में है। नए परीसमन में 2007 में बिलारी नई सीट बनी और सपा तब से इस सीट पर काबिज है। बीजेपी इस सीट पर खाता खोलने को बेताब है। वर्तमान में मुरादाबाद शहर और कांठ छोड़ कर शेष चार सीटें मुरादाबाद देहात, ठाकुरद्वारा, कुंदरकी और बिलारी सपा के पास हैं। इस बार चुनौती और कड़ी है। 

 

ठाकुरद्वारा में पांच, शहर में चार और कांठ में तीन बार जीत

ठाकुरद्वारा में बीजेपी से सर्वेश सिंह 1991 से 2002 तक के चार चुनाव जीते। सर्वेश सिंह 2007 में बसपा के विजय यादव से हार गए पर 2012 में फिर विधायक चुने गए। मुरादाबाद शहर से संदीप अग्रवाल तीन बार बीजेपी के टिकट पर जीते। चौथी बार बीजेपी से रितेश गुप्ता 2017 में विजयी रहे। कांठ में 1991 में ठाकुरपाल ने जीत दिलाई। इसके बाद 1996 और 2017 में राजेश कुमार चुन्नू ने विजय पताका फहराई। 

 

मुरादाबाद देहात और कुंदरकी में 93 के बाद नहीं जीती बीजेपी

मुरादाबाद देहात सीट पर बीजेपी ने सुरेश प्रताप सिंह को उतारा तो राम लहर में वह जीत गए। इसी तरह कुंदरकी से चंद्र विजय सिंह प्रत्याशी बनाए गए तो वह भी सफल रहे। इसके बाद इन दोनों सीटों पर बीजेपी नहीं जीत सकी है।  

बीजेपी को 93 में मुरादाबाद (अमरोहा संभल समेत) ले मिली थीं आठ सीटें 

मुरादाबाद जनपद में संभल और अमरोहा मिला कर तब आठ सीटें 1993 में बीजेपी मिली थीं। बीजेपी के प्रत्याशी तुलाराम हसनपुर से, गंगेश्वरी से प्रीतम सिंह, संभल से सत्यप्रकाश, बहजोई से सत्येंद्र सिंह, कुंदरकी से चंद्र विजय सिंह, मुरादाबाद शहर से संदीप अग्रवाल, मुरादाबाद देहात से सुरेश प्रताप सिंह, ठाकुरद्वारा से सर्वेश सिंह विधायक चुने गए थे। 1996 के चुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा पर इस चुनाव में सीटें आठ से घट कर सात रह गईं। कांठ से राजेश कुमार चुन्नू, अमरोहा से मंगल सिंह सैनी, गंगेश्वरी से तोताराम, चंदौसी से गुलाब देवी, मुरादाबाद पश्चिम से मेजर जगतपाल सिंह, मुरादाबाद शहर से संदीप अग्रवाल और ठाकुरद्वारा से सर्वेश सिंह विजयी हुए थे।

 

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