पूर्वांचल में बड़ी जीत हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी ने बड़ा दांव खेला है। छोटे-छोटे 10 दलों को जोड़ कर चल रही सुभासपा से गठबंधन कर पूर्वांचल में ताकत बढ़ाने का समीकरण तैयार किया है। इससे बनारस समेत आसपास के कई जिलों में सीटों पर दावेदारी का समीकरण भी बदल गया है।
अगर हम बनारस
की बात करें तो यहां की आठ विस सीटों पर समाजवादी पार्टी की दावेदारी छह पर ही रह
जाएगी, जैसी
संभावना जताई जा रही है। यह दो सीटें सुभासपा की झोली में जा सकती है। इसके संकेत
अब से ही मिलने लगे हैं। इसमें अजगरा विस क्षेत्र पहले से ही सुभासपा के पास है जो
अब भी उसी के पास रह सकती है। इसके अलावा राजभरों की अधिक संख्या वाले विस क्षेत्र
शिवपुर पर भी उसकी दावेदारी मजबूत हुई है। गठबंधन के बाद समाजवादी पार्टी दोनों
सीटों पर जीत पक्की मानकर चल रही है। ऐसे ही गाजीपुर, बलिया व मऊ जिले में भी सीटों के
बंटवारे का समीकरण प्रभावित हो सकता है।
27 अक्टूबर को मऊ में होगी तस्वीर साफ
भले ही समाजवादी
पार्टी व सुभासपा के गठबंधन की बात उजागर हो गई है लेकिन अधिकृत तौर पर घोषणा होनी
शेष है। इसकी तारीख 27 अक्टूबर
तय की गई है। मऊ के हलधरपुर मैदान में एक बड़ी रैली होने जा रही है। इसका आयोजन संयुक्त
भागीदारी मोर्चा कर रहा है। मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश
यादव रहेंगे। सभा में गठबंधन को लेकर अधिकृत तौर पर घोषणा की जाएगी।
इस बदलते समीकरण में मायूसी भी
सुहेलदेव
भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन के बाद बदले समीकरण में सपा के अंदर मायूसी भी देखने
को मिल रही है। अजगरा विस सीट पर तो कम लेकिन शिवपुर विस सीट पर समाजवादी पार्टी के
अंदर की कई मजबूत दावेदारी हो रही है। इसमें कई ऐसे सपाजन हैं जिन्होंने पांच साल
से मेहनत की है। ऐसे में पार्टी के अंदर भीतरघात की आशंका भी बनी हुई है। हालांकि, पार्टी के थिंक टैंक मानते हैं कि
भितरघात का फैक्टर उतना प्रभावी नहीं होगा क्योंकि ऐसे बागी मतों को उस फीसद तक
प्रभावित नहीं कर सकेंगे जितना गठबंधन से समाजवादी पार्टी का जनाधार बढ़ रहा है।
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