वाराणसी: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को वरुणा के शास्त्री घाट पर धरना दिया। इस दौरान एसीपी कैंट को राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
सभा
की अध्यक्षता कर रहे आंगनबाड़ी कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के प्रांतीय संरक्षक एवं
जिला अध्यक्ष बाबूलाल मौर्य ने कहा कि आंगनबाड़ी महिलाओं का मानदेय सरकार द्वारा तय
न्यूनतम मजदूरी से भी कम है। जिससे वे सामाजिक,
मानसिक
एवं आर्थिक रूप से पीड़ित एवं शोषित हैं। बिना सेवा नियमावली बनाए मनमाने ढंग से
विभागीय कार्यो के अतिरिक्त अन्य विभाग का भी कार्य लिया जाता है विरोध पर सेवा
समाप्ति की धमकी दी जाती है। जिसका संघ घोर विरोध व निन्दा करता है। उन्होंने कहा
कि 2017 के विस चुनाव में भाजपा ने वादा किया
था कि प्रदेश में आंगनबाड़ी सहायिकाओं,
मिनी
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय में वृद्धि व सेवा
शर्तों में सुधार अति आवश्यक है। सरकार में आने के बाद एक समिति का गठन करके 120 दिनों में उसकी रिपोर्ट के आधार पर मानदेय में न्यायोचित वृद्धि की
जाएगी लेकिन अब तक नहीं हो पाया। इस दौरान अंजनी मौर्या, लीला सिंह, संयोगिता कुमारी, विजय कुमार पाण्डेय, रामचन्द्र गुप्ता सहित अन्य
मौजूद थे।
ये है मांगें
-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को
शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।
-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की
सेवा नियमावली बने।
-जब तक शासकीय कर्मचारी का दर्जा न
मिले तब तक अन्य किसी विभाग का कार्य न कराया जाए।
-शासकीय कर्मचारियों को मिलने वाले सभी
लाभ आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भी मिले।
- जब तक शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं
किया जाता है तब तक आंगनबाड़ी कार्यकत्री को न्यूनतम मजदूरी 18000 और आंगनबाड़ी सहायिका को 9000
रुपये
प्रतिमाह दिया जाए।
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